|
वित्तीय परिणाम
|
प्रभाव
|
|
आईटीआर फाइलिंग
|
आप आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल या वेरिफाई नहीं कर सकते।
|
|
रिफंड/प्रोसेसिंग
|
आयकर रिफंड रोक दिए जाएंगे और लंबित रिटर्न प्रोसेस्ड नहीं किए जाएंगे।
|
|
टीडीएस/टीसीएस
|
टीडीएस/टीसीएस की कटौती/कलेक्शन उच्च दरों पर हो सकता है (हाई रेट्स पर कटौती)।
|
|
वित्तीय गतिविधियाँ
|
नए निवेश, शेयर लेनदेन, सैलरी क्रेडिट (वेतन), एसआईपी (SIP) और केवाईसी अपडेट जैसी वित्तीय गतिविधियाँ रुक सकती हैं।
|
|
सुरक्षा
|
यदि बैंक अकाउंट या निवेश पहले से सक्रिय हैं, तो तत्काल पैसा सुरक्षित रहता है, लेकिन कोई भी नया लेन-देन नहीं हो पाएगा।
|
ज़रूरी सूचना:
Khabreelal.com पर पढ़े ताज़ा खेल समाचार (Latest News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के साथ ही Google पर भरोसेमंद सर्च नतीजों के लिए खबरीलाल को अपना प्रिफर्ड सोर्स' बनाएं। अपने whatsapp पर ताजा खबरें पाएं।
बॉलीवुड और भारतीय टेलीविजन जगत के महान और बहुमुखी कलाकार सतीश शाह (Satish Shah) का आज (शनिवार, 25 अक्टूबर 2025) दुखद निधन हो गया है। अपनी लाजवाब कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को हंसाने वाले सतीश शाह ने 74 वर्ष की उम्र में मुंबई में अपनी आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, और किडनी फेलियर को उनकी मौत का कारण बताया जा रहा है। उनके निधन की पुष्टि प्रोड्यूसर और IFTDA के अध्यक्ष अशोक पंडित ने की है। चरित्र अभिनेता और कॉमेडियन का सफर सतीश शाह का अभिनय करियर पाँच दशकों से अधिक लंबा रहा, जिसमें उन्होंने 400 से ज्यादा फिल्मों और कई सफल टीवी सीरियल्स में काम किया। उनका जन्म 1951 में हुआ था और उन्होंने पुणे के FTII (Film and Television Institute of India) से प्रशिक्षण लिया था। टीवी जगत का आइकॉन: उन्हें सबसे ज्यादा पहचान हिट कॉमेडी सीरियल 'साराभाई वर्सेज साराभाई' में इंद्रावदन साराभाई (Indravadan Sarabhai) के किरदार से मिली। इस शो में उनके डायलॉग और एक्सप्रेशन आज भी कल्ट क्लासिक माने जाते हैं। 'ये जो है जिंदगी' (1984) में 55 अलग-अलग किरदार निभाकर उन्होंने घर-घर में अपनी पहचान बनाई थी। फिल्मी करियर की शुरुआत: उन्होंने 1983 की डार्क कॉमेडी फिल्म 'जाने भी दो यारों' में एक 'लाश' (Dead Body) का आइकॉनिक किरदार निभाया था, जिसने उन्हें रातोंरात पहचान दिलाई थी। प्रमुख फिल्में: उनकी कुछ यादगार बॉलीवुड फिल्मों में 'हम आपके हैं कौन', 'मुझसे शादी करोगी', 'कल हो ना हो' और शाहरुख खान अभिनीत 'मैं हूँ ना' शामिल हैं, जहाँ उन्होंने अपनी कॉमिक टाइमिंग से जान डाल दी। Read Also : थामा, और 'स्त्री 2' के म्यूजिक कंपोजर सचिन सांघवी गिरफ्तार, शादी और गाना देने का झांसा देकर 20 साल की युवती से यौन उत्पीड़न का आरोप किडनी फेलियर और निधन की पुष्टि मिली जानकारी के मुताबिक, अभिनेता सतीश शाह पिछले कुछ समय से किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्होंने आज दोपहर करीब 2:30 बजे अंतिम सांस ली। आधिकारिक रूप से किडनी फेलियर को उनकी मृत्यु का कारण बताया गया है। शाह के निधन की खबर सामने आने के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। इंडस्ट्री में शोक की लहर मशहूर निर्माता अशोक पंडित ने सतीश शाह के निधन की पुष्टि करते हुए कहा, "जी हाँ, सतीश शाह नहीं रहे। वो मेरे अच्छे मित्र थे। किडनी फेलियर के चलते उनका निधन हो गया है। इंडस्ट्री के लिए यह एक बड़ी क्षति है।" Public Reaction or Social Media: श्रद्धांजलि सतीश शाह के निधन की खबर से उनके फैंस स्तब्ध हैं। सोशल मीडिया पर उनके फैंस और फिल्मी सितारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है और उनके सबसे यादगार किरदारों को याद कर रहे हैं। 'साराभाई वर्सेज साराभाई' की कास्ट और क्रू ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। सिनेमा में हास्य की क्षति सतीश शाह का निधन हिंदी सिनेमा में चरित्र अभिनय और हास्य की एक पीढ़ी का अंत है। उनकी अभिनय शैली और हास्य टाइमिंग हमेशा दर्शकों के दिलों में ज़िंदा रहेगी।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर मेरठ के लिए परिवहन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर के साथ ही मेरठ को अपनी पहली 'मेरठ मेट्रो' मिलने जा रही है। यह न केवल शहर के अंदर कनेक्टिविटी को सुधारेगी, बल्कि दिल्ली और गाजियाबाद जैसे शहरों से भी मेरठ के सफर को आसान और तेज बना देगी। आइए, मेरठ मेट्रो से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी पर एक विस्तृत नजर डालते हैं: Meerut Metro की कब होगी शुरुआत? (Kab Shuru Hogi) मेरठ मेट्रो का संचालन, दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (जिसे 'नमो भारत' ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है) के साथ ही शुरू होना प्रस्तावित है। हालिया अपडेट: खबरों के अनुसार, 30 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नमो भारत ट्रेन के आखिरी चरण (मेरठ साउथ से मोदीपुरम) और मेरठ मेट्रो का उद्घाटन किया जा सकता है। लक्ष्य: पूरी परियोजना (RRTS के साथ) को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। प्राथमिकता खंड (साहिबाबाद से दुहाई) का परिचालन अक्टूबर 2023 में पहले ही शुरू हो चुका है। खासियत: यह देश का पहला ऐसा ट्रैक होगा जिस पर एक ही ट्रैक पर हाई-स्पीड नमो भारत ट्रेन और तीन कोच वाली मेरठ मेट्रो ट्रेन, दोनों एक साथ चलेंगी। रूट मैप (Route Map) और स्टेशन मेरठ मेट्रो कॉरिडोर दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर का ही हिस्सा है। यह मुख्यतः मेरठ के शहरी क्षेत्र में सेवा प्रदान करेगी। कॉरिडोर का नाम: मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम (Meerut South to Modipuram) कुल लंबाई: लगभग 23 किमी स्टेशनों की संख्या: इस कॉरिडोर में कुल 13 स्टेशन हैं। केवल मेट्रो स्टेशन: इनमें से 10 स्टेशन केवल मेरठ मेट्रो के लिए होंगे। RRTS और मेट्रो दोनों के लिए स्टेशन (Integrated Stations): मेरठ साउथ, बेगमपुल, और मोदीपुरम स्टेशन RRTS और मेरठ मेट्रो, दोनों की सेवाओं के लिए इंटीग्रेटेड (एकीकृत) होंगे। प्रमुख स्टेशन (संभावित): मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौर्ली, मेरठ नॉर्थ, और मोदीपुरम। किराया (Kiraya) मेरठ मेट्रो का किराया दूरी के आधार पर तय किया जाएगा। यह किराया नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NCRTC) द्वारा जारी किया जाएगा। नमो भारत (RRTS) का किराया (दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के लिए): मानक (Standard) कोच: ₹20 से शुरू होकर अधिकतम ₹150 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। प्रीमियम (Premium) कोच: ₹30 से शुरू होकर अधिकतम ₹225 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। मेरठ मेट्रो का अनुमानित किराया: चूंकि मेरठ मेट्रो की यात्रा दूरी RRTS की तुलना में कम होगी (शहर के भीतर), इसका किराया ₹20 से ₹50 के बीच होने की संभावना है, जो यात्रियों द्वारा तय की गई दूरी पर निर्भर करेगा। मेरठ मेट्रो की आगे की योजना (Aage Ka Plan) मेरठ मेट्रो का पहला चरण (मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम) पूरा होने के बाद, आगे की योजनाओं में शहर के विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ाना शामिल है: दूसरा कॉरिडोर प्रस्तावित: मेरठ मेट्रो के लिए दूसरा कॉरिडोर भी प्रस्तावित है, जिसका रूट श्रद्धापुरी एक्सटेंशन से जाग्रति विहार तक हो सकता है। इस पर अभी विस्तृत काम शुरू होना बाकी है। टाउनशिप और TOD: मेरठ में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) मॉडल पर आधारित नई टाउनशिप का विकास किया जा रहा है। ये टाउनशिप RRTS/मेट्रो स्टेशनों के आस-पास होंगी, जिससे लोग अपने कार्यस्थल (Walk to Work) और जरूरी सुविधाओं तक आसानी से पहुँच सकेंगे। इससे 2029 तक 20,000 से अधिक रोजगार उत्पन्न होने का अनुमान है। फीडर सेवाएं: स्टेशनों से अंतिम-मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों के लिए फीडर सेवाओं को मजबूत करने की योजना है। मेरठ मेट्रो न केवल शहर के ट्रैफिक को कम करेगी बल्कि दिल्ली-एनसीआर से मेरठ की कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगी, जिससे यहां के निवासियों के लिए समय और पैसे दोनों की बचत होगी। यह परियोजना मेरठ को देश के सबसे आधुनिक परिवहन नेटवर्क वाले शहरों की श्रेणी में खड़ा कर देगी।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर, जिसे अब 'नमो भारत' (NaMo Bharat) ट्रेन के नाम से जाना जाता है, अब अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही पूरी तरह से यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा।Read also:-Delhi–Meerut RRTS Opening Date 2025: नमो भारत रैपिड रेल से दिल्ली से मेरठ सफर सिर्फ 55 मिनट में वो दिन अब दूर नहीं, जब मेरठ का निवासी दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में शॉपिंग करने और गाजियाबाद का व्यापारी मेरठ में अपने बिजनेस को विस्तार देने का सपना सिर्फ 60 मिनट में पूरा कर सकेगा। देश के सबसे महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS), अब हकीकत बनने की दहलीज पर है। 82 किलोमीटर का यह हाई-स्पीड कॉरिडोर लगभग तैयार है और रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2025 की शुरुआत में प्रधानमंत्री द्वारा इसका उद्घाटन किया जा सकता है। संभावित उद्घाटन की तारीखें: मीडिया रिपोर्ट्स और निर्माण कार्य की प्रगति के अनुसार, पूरे कॉरिडोर (सराय काले खां से मोदीपुरम तक) का उद्घाटन अक्टूबर 2025 में होने की प्रबल संभावना है। ऐसी खबरें हैं कि अक्टूबर 2025 की शुरुआत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का शुभारंभ कर सकते हैं। पूरा कॉरिडोर: यह 82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां को मेरठ के मोदीपुरम डिपो से जोड़ेगा, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय एक घंटे से भी कम हो जाएगा। वर्तमान में परिचालन: 20 अक्टूबर 2023 से प्राथमिकता कॉरिडोर (साहिबाबाद से दुहाई डिपो) और हाल ही में न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक का खंड पहले से ही चालू है, जिसने लाखों यात्रियों को बड़ी राहत दी है। मेरठ मेट्रो: एक ही पटरी पर रैपिड और मेट्रो का तालमेल मेरठ शहर के भीतर यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए मेरठ मेट्रो भी 'नमो भारत' ट्रेन के साथ ही उसी ट्रैक पर चलेगी। शुरुआत: मेरठ मेट्रो का उद्घाटन भी अक्टूबर 2025 में रैपिड रेल के साथ ही होने की उम्मीद है। रूट: यह मेट्रो सेवा मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो के बीच 23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर चलेगी, जिसमें 13 स्टेशन होंगे। विशेषता: यह भारत की पहली ऐसी परियोजना है जहाँ क्षेत्रीय रैपिड रेल और स्थानीय मेट्रो ट्रेनें एक ही ट्रैक को साझा करेंगी, लेकिन इनके परिचालन के समय अलग-अलग होंगे। स्टेशन लिस्ट: कहाँ-कहाँ रुकेगी आपकी 'नमो भारत'? दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर पर कुल 16 स्टेशन होंगे। दिल्ली (3) गाजियाबाद (6) मेरठ (7) सराय काले खां साहिबाबाद मेरठ साउथ (कॉमन) न्यू अशोक नगर गाजियाबाद शताब्दी नगर (कॉमन) आनंद विहार गुलधर बेगमपुल (कॉमन) दुहाई मोदीपुरम (कॉमन) दुहाई डिपो परतापुर (सिर्फ मेट्रो) मुरादनगर रिठानी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर दक्षिण ब्रहमपुरी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर उत्तर मेरठ सेंट्रल (सिर्फ मेट्रो) भैंसाली (सिर्फ मेट्रो) एमईएस कॉलोनी (सिर्फ मेट्रो) डोरली (सिर्फ मेट्रो) मेरठ नॉर्थ (सिर्फ मेट्रो) मोदीपुरम डिपो (सिर्फ मेट्रो) (कॉमन स्टेशन वे हैं जहाँ 'नमो भारत' रैपिड रेल और मेरठ मेट्रो दोनों रुकेंगी।) किराया विवरण: कितना होगा आपकी यात्रा का खर्च? 'नमो भारत' ट्रेन में दो तरह के कोच हैं: स्टैंडर्ड कोच और प्रीमियम कोच। यात्रियों को अपनी सुविधा अनुसार टिकट खरीदने का विकल्प मिलेगा। किराया सीमा: किराया ₹20 से शुरू होता है और अधिकतम ₹225 तक जा सकता है। एक प्रमुख रूट का किराया (उदाहरण): न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक: स्टैंडर्ड कोच में ₹150 और प्रीमियम कोच में ₹225। आनंद विहार से मेरठ साउथ तक का सफर लगभग 35 मिनट में पूरा होगा, जिसका किराया इसी सीमा में होगा। भुगतान विकल्प: यात्री QR कोड-आधारित पेपर टिकट और NCMC (नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड) का उपयोग करके यात्रा कर सकेंगे। निर्माण प्रगति और तकनीकी विशेषताएँ आरआरटीएस परियोजना का लगभग 75% से अधिक सिविल कार्य पूरा हो चुका है। स्पीड और रोलिंग स्टॉक: 'नमो भारत' ट्रेन की डिज़ाइन गति 180 किमी/घंटा है, जबकि परिचालन गति 160 किमी/घंटा होगी। ट्रेनों में महिलाओं के लिए एक आरक्षित कोच, प्रीमियम कोच, और सभी के लिए आधुनिक सुविधाएं (Wi-Fi, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग पोर्ट) उपलब्ध हैं। हरित ऊर्जा पहल: NCRTC ने अपने स्टेशनों और डिपो पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं, जो परियोजना को स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। फाइनल अप्रूवल: दिल्ली से मेरठ तक पूरे कॉरिडोर के वाणिज्यिक परिचालन के लिए अंतिम चरण की सुरक्षा मंजूरी मिलना बाकी है, जिसके बाद इसे तुरंत खोल दिया जाएगा। यह कॉरिडोर एनसीआर के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो न केवल यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि रोजगार, व्यापार और रियल एस्टेट को भी नई ऊंचाइयां देगा।
मेरठ, 19 सितंबर 2025 मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए 30 सितंबर का दिन एक नए युग की शुरुआत करने जा रहा है। इस ऐतिहासिक तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की पहली रैपिड रेल 'नमो भारत' के संपूर्ण कॉरिडोर और मेरठ मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री इस उद्घाटन को यादगार बनाते हुए दिल्ली से 'नमो भारत' ट्रेन में सवार होकर मेरठ के मोदीपुरम तक का सफर तय करेंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।READ ALSO:-सितंबर में 'प्रलयंकारी' मानसून: हिमाचल-उत्तराखंड में बादल फटने और लैंडस्लाइड से तबाही जारी, 424 की मौत दिल्ली से मेरठ तक ट्रेन में PM, फिर विशाल जनसभा योजना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से रैपिड ट्रेन के जरिए मेरठ पहुंचेंगे। यह यात्रा अपने आप में एक संदेश होगी कि दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी अब मिनटों में सिमट गई है। मोदीपुरम स्टेशन पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री का काफिला शताब्दीनगर के लिए रवाना होगा, जहाँ वे एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस रैली में मेरठ समेत आसपास के सभी जिलों से लाखों लोगों के जुटने की उम्मीद है, जिसके लिए तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। शहर में हाई अलर्ट, घर-घर किरायेदारों की जांच प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर पूरा प्रशासनिक और पुलिस अमला हाई अलर्ट पर है। गुरुवार को एडीजी भानु भास्कर ने एक उच्च-स्तरीय बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और कड़े इंतजामों के निर्देश दिए। सुरक्षा एजेंसियां कोई भी ढिलाई नहीं बरतना चाहतीं। पुलिस और एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) की टीमों ने गुरुवार देर रात शताब्दी नगर, रिझानी और रिठानी जैसे इलाकों में घर-घर जाकर सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान किरायेदारों और बाहर से आकर रह रहे लोगों के नाम, पते और मोबाइल नंबर दर्ज किए गए। देर रात बिजली गुल होने के बावजूद यह अभियान टॉर्च की रोशनी में जारी रहा, जो सुरक्षा की गंभीरता को दर्शाता है। यह सुरक्षा इसलिए भी कड़ी की गई है क्योंकि प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी 20 से 22 सितंबर तक मेरठ में रहेंगी और दो विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में हिस्सा लेंगी। मेरठ की नई लाइफलाइन: जानिए मेट्रो और नमो भारत का नेटवर्क यह प्रोजेक्ट मेरठ की कनेक्टिविटी को पूरी तरह से बदल देगा। नमो भारत (रैपिड रेल): दिल्ली से मेरठ तक का पूरा 82 किलोमीटर का ट्रैक अब पूरी तरह से चालू हो जाएगा। मेरठ मेट्रो: कुल लंबाई: 23 किलोमीटर (18 किमी एलिवेटेड, 5 किमी भूमिगत) कुल स्टेशन: 13 (मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, डौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो)। भूमिगत स्टेशन: मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपul। एक ही टिकट पर दोनों में सफर: यात्रियों की सुविधा के लिए चार स्टेशनों- मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम को कॉमन स्टेशन बनाया गया है, जहाँ यात्री नमो भारत और मेट्रो के बीच आसानी से स्विच कर सकेंगे।
इस वर्ष दीपावली की सही तिथि को लेकर पंचांगों में भिन्नता के कारण आम लोगों में बना कन्फ्यूजन अब दूर हो गया है। कुछ पंचांगों में 20 अक्टूबर तो कुछ में 21 अक्टूबर को दिवाली बताई जा रही थी। इस भ्रम की स्थिति को समाप्त करते हुए देश की सर्वोच्च धार्मिक संस्थाओं में से एक, श्री काशी विद्वत परिषद, ने स्पष्ट कर दिया है कि संपूर्ण देश में दीपावली का महापर्व सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को ही मनाया जाएगा।READ ALSO:-यूपी में कुदरत का डबल अटैक: पूर्वांचल में 'जल प्रलय' ने तोड़ा 136 साल का रिकॉर्ड, अब पश्चिमी यूपी के 23 जिलों में भारी बारिश-ओलों का अलर्ट! क्यों 20 अक्टूबर है सही तिथि? काशी विद्वत परिषद के ज्योतिष प्रकोष्ठ के मंत्री और बीएचयू के प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय के अनुसार, सनातन धर्म में पर्वों का निर्धारण तिथियों की गणितीय गणना और शास्त्रों के आधार पर होता है। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को प्रदोष काल में मनाई जाती है। प्रदोष काल का अर्थ है सूर्यास्त के बाद का समय। इस वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगी और यह 21 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। 20 अक्टूबर को, जब सूर्यास्त होगा, तब अमावस्या तिथि विद्यमान रहेगी और पूरे प्रदोष काल को कवर करेगी। लक्ष्मी पूजन और दीपदान के लिए यह शास्त्र सम्मत और शुभ मुहूर्त है। 21 अक्टूबर को, अमावस्या तिथि शाम 4 बजकर 26 मिनट पर ही समाप्त हो जाएगी, जबकि सूर्यास्त लगभग 5 बजकर 40 मिनट पर होगा। इसका अर्थ है कि सूर्यास्त और प्रदोष काल के समय अमावस्या तिथि नहीं रहेगी, बल्कि प्रतिपदा तिथि लग चुकी होगी। ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने भी स्पष्ट किया कि ब्रह्म पुराण के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की रात्रि में ही देवी लक्ष्मी और कुबेर भ्रमण करते हैं। यह रात्रि व्यापिनी और प्रदोष व्यापिनी अमावस्या 20 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रही है। अतः इसी दिन लक्ष्मी-कुबेर पूजन और दीपोत्सव मनाना श्रेष्ठ है। 21 अक्टूबर को होगी स्नान-दान की अमावस्या विद्वानों ने यह भी स्पष्ट किया कि 21 अक्टूबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि होने के कारण इस दिन स्नान, दान और पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करना उत्तम रहेगा। इसलिए, 21 अक्टूबर की तिथि धार्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन दीपावली का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। इस स्पष्टीकरण के बाद अब लोगों को अपने त्योहार की तैयारियों को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में रहने की आवश्यकता नहीं है।
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election) समेत देशभर में होने वाले चुनावों के लिए भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण अपडेट जारी किया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी मतदाता के पास वोटर आईडी कार्ड (EPIC) नहीं है या वह खो गया है, तो उसे चिंतित होने की जरूरत नहीं है। मतदाता अब 12 वैकल्पिक फोटो पहचान पत्रों में से कोई भी एक दस्तावेज दिखाकर अपना मतदान कर सकता है। आयोग की ओर से 7 अक्टूबर 2025 को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।READ ALSO:-आधार कार्ड रखने का झंझट खत्म! UIDAI ने लॉन्च किया 'फेस स्कैन' वाला नया ऐप, अब चेहरा ही बनेगा आपकी पहचान, सिक्योरिटी हुई टाइट रिकॉर्ड वोटिंग और पहचान की चुनौती बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 121 सीटों पर 6 नवंबर को मतदान पूरे हो चुके हैं, जबकि दूसरे चरण की 122 सीटों पर 11 नवंबर को वोटिंग होनी है। पहले चरण में हुई रिकॉर्ड वोटिंग ने मतदाताओं की भागीदारी के उत्साह को दर्शाया है। ऐसे में, वोटर आईडी कार्ड न होने या खो जाने पर भी मतदाताओं को पहचान संबंधी कोई परेशानी न हो, इसके लिए आयोग ने यह कदम उठाया है। उद्देश्य: आयोग का यह कदम खासतौर पर ग्रामीण इलाकों, नए मतदाताओं और उन लोगों के लिए आया है, जिनका वोटर आईडी कार्ड या तो बना नहीं है या उनके पास मौजूद नहीं है। महिलाओं के लिए सुविधा: घूंघट या बुर्का डालने वाली महिलाओं की सुविधा और गोपनीयता बनाए रखने के लिए महिला मतदान अधिकारियों की विशेष तैनाती की जा रही है। मतदान के लिए 12 वैध दस्तावेज चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि वोट डालने के लिए पहचान साबित करने वाला दस्तावेज होना अनिवार्य है। वोटर आईडी कार्ड (EPIC) सबसे मान्य पहचान पत्र है, लेकिन इसके अभाव में मतदाता निम्न में से कोई भी वैध पहचान पत्र दिखाकर अपना वोट डाल सकते हैं: क्रम संख्या मान्य पहचान पत्र 1 पासपोर्ट 2 ड्राइविंग लाइसेंस 3 सरकारी कर्मचारियों को जारी फोटो सहित सर्विस आईडी 4 बैंक या पोस्ट ऑफिस की फोटो वाली पासबुक 5 पैन कार्ड (PAN Card) 6 एनपीआर (NPR) के तहत जारी स्मार्ट कार्ड 7 मनरेगा जॉब कार्ड (फोटो सहित) 8 श्रम मंत्रालय की योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा कार्ड 9 पेंशन दस्तावेज (फोटो सहित) 10 सांसद (MP), विधायक (MLA) या विधान परिषद सदस्य (MLC) का सरकारी पहचान पत्र 11 आधार कार्ड 12 वोटर आईडी कार्ड (EPIC) फोटो स्लिप अकेले मान्य नहीं चुनाव आयोग ने यह साफ किया है कि अकेले फोटो वोटर स्लिप को पहचान के आधार पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। स्पष्टता: इसका अर्थ है कि फोटो स्लिप अकेले मतदान करने का अधिकार नहीं देती। इसे साथ रखना सहायक है, लेकिन असली पहचान पत्र साथ होना आवश्यक है। पारदर्शिता और सुरक्षा: इस बार चुनाव आयोग मतदान को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने पर जोर दे रहा है। इसके लिए बूथों पर तकनीकी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी और डिजिटल मॉनिटरिंग पर जोर रहेगा। बिहार चुनाव और आगे की राह बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, जिनमें से 40 सीटें अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित हैं। नई विधानसभा का गठन 22 नवंबर 2025 से पहले होना जरूरी है। मतदान प्रक्रिया: आयोग का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग घरों से बाहर निकलकर मतदान करें। इसीलिए, पहचान पत्रों के विकल्प बढ़ाए गए हैं ताकि पहचान संबंधी छोटी-मोटी समस्याओं के कारण कोई भी मतदाता अपने लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित न रहे।
भारत में डिजिटल भुगतान के करोड़ों यूजर्स के लिए यह वाकई में एक बड़ी खुशखबरी है। अब यदि आपके फोन में इंटरनेट के सिग्नल नहीं हैं, डेटा खत्म हो गया है, या नेटवर्क नेटवर्क समस्या आ रही है, तो भी आप यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का उपयोग करके ऑफ़लाइन भुगतान कर सकते हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की यह सर्विस यूजर्स के लिए लेनदेन करना तब आसान कर देती है जब बैंक सर्वर डाउन हो या नेटवर्क की समस्या हो। यह सुविधा विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।READ ALSO:-योगी सरकार का बड़ा कदम: UP में 'एग्रीगेटर पॉलिसी' को जल्द मिलेगी हरी झंडी, EV खरीदने पर कंपनियों को ₹20 लाख तक की सब्सिडी USSD सेवा की मदद से UPI Payment Without Internet UPI Payment Without Internet in India की यह सुविधा भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की *99# डायल करके USSD (Unstructured Supplementary Service Data) सेवा के माध्यम से उपलब्ध है। USSD एक GSM संचार प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग मोबाइल नेटवर्क और एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर के बीच टेक्स्ट-आधारित जानकारी भेजने के लिए किया जाता है। कब उपयोगी: यह सेवा तब सबसे ज्यादा उपयोगी होती है जब आप ऐसे स्थानों पर हों जहाँ इंटरनेट कनेक्टिविटी कमजोर हो या बिल्कुल न हो। आवश्यकता: ऑफ़लाइन UPI भुगतान करने से पहले, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपका मोबाइल नंबर आपके बैंक अकाउंट से लिंक हो और आपका UPI पिन सेट हो। यह प्रक्रिया (मोबाइल नंबर जोड़ना और पिन सेट करना) केवल बैंक शाखा में जाकर या बैंक की ऐप/वेबसाइट से ऑनलाइन तरीके से ही संभव है। USSD सेवा द्वारा ऑफ़लाइन भुगतान प्रक्रिया UPI से ऑफ़लाइन भुगतान (Offline UPI payments) करने का तरीका बहुत ही सरल और सहज है। यहाँ स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस दिया गया है, जिसे सभी टेलिकॉम नेटवर्क और मोबाइल हैंडसेट पर इस्तेमाल किया जा सकता है: UPI से ऑफ़लाइन भुगतान कैसे करें? (Step by Step Process) स्टेप निर्देश विवरण स्टेप एक *मोबाइल से 99# डायल करें अपने मोबाइल फ़ोन में *99# डायल करें, यह USSD कोड ऑफ़लाइन UPI सेवा शुरू करता है। स्टेप दो विकल्पों का चयन डायल करते ही एक मेनू खुलेगा, जिसमें UPI से जुड़ी कई सेवाएं दिखेंगी, जैसे सेंड मनी (Send Money), रिसीव मनी (Receive Money), चेक बैलेंस (Check Balance) आदि। स्टेप तीन 'सेंड मनी' चुनें अब 'सेंड मनी' (Send Money) विकल्प पर क्लिक करें और पेमेंट करने का तरीका चुनें। स्टेप चार भुगतान का तरीका भुगतान के लिए तीन विकल्प दिखेंगे: (1) UPI से मोबाइल नंबर पर, (2) UPI ID पर, या (3) सीधे अकाउंट नंबर और IFSC कोड पर। अपनी सुविधानुसार विकल्प चुनें। स्टेप पाँच डिटेल्स और रकम भरें पेमेंट करने का तरीका चुनने के बाद जरूरी डिटेल भरें और उस रकम को जोड़ें, जिसे आप भेजना चाहते हैं। स्टेप छह UPI पिन दर्ज करें अब आपसे पेमेंट का प्रोसेस कंप्लीट करने के लिए अपना UPI पिन (UPI PIN) एंटर करने के लिए कहा जाएगा। पिन डालते ही लेनदेन पूरा हो जाएगा। शुल्क और उपलब्धता NPCI ने इस सेवा को पूरे देश में और हर समय उपलब्ध कराने की बात कही है। शुल्क: हालांकि यह ऑफ़लाइन UPI भुगतान की एक सहज प्रक्रिया है, लेकिन ध्यान दें कि USSD सेवा प्रति लेनदेन लगभग 0.50 रुपये का एक छोटा-सा शुल्क लेगी। डिजिटल समावेशन का नया दौर UPI Payment Offline की यह सुविधा डिजिटल समावेशन (Digital Inclusion) की दिशा में एक बड़ा कदम है। सोशल मीडिया पर यूजर्स इस सुविधा को 'डिजिटल इंडिया' की सफलता बता रहे हैं, क्योंकि यह उन लोगों को भी ऑनलाइन लेनदेन की सुविधा देती है जो फीचर फोन का इस्तेमाल करते हैं या खराब नेटवर्क वाले इलाके में रहते हैं। अंतिम मील तक कनेक्टिविटी इस ऑफ़लाइन सुविधा से कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और UPI को अपनाने की दर ग्रामीण भारत में तेजी से बढ़ेगी। यह सुनिश्चित करता है कि डेटा या नेटवर्क की कमी अब वित्तीय लेनदेन के आड़े नहीं आएगी।
देश में अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के बेरोजगार युवाओं और नागरिकों के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी PM-AJAY Yojana (प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना) एक सुनहरा अवसर लेकर आई है। इस योजना के जरिए बेरोजगार लोग आसानी से रोजगार हासिल कर सकते हैं या अपना खुद का कारोबार (Self-employment) शुरू कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में इस योजना के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है, जिसकी अंतिम तिथि 10 नवंबर है।READ ALSO:-बिजनौर में 'नकली खाद' का बड़ा भंडाफोड़: GiFC के कट्टों में भरी 450 बोरी बरामद, अधिकारियों में हड़कंप, जांच शुरू तीन पुरानी योजनाओं का नया रूप PM-AJAY Yojana अनुसूचित जाति के लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक केंद्रीय योजना है। इसे वर्ष 2021-2022 में तीन पुरानी योजनाओं (आदर्श ग्राम योजना, अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए विशेष केंद्रीय सहायता, और बाबू जगजीवन राम छात्रावास) को मिलाकर शुरू किया गया था। मुख्य उद्देश्य: इस योजना का प्राथमिक लक्ष्य गरीबी कम करना, बुनियादी ढांचा विकसित करना और शिक्षा एवं कौशल विकास के माध्यम से लोगों की आय बढ़ाना है। लाभार्थी वर्ग: यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के बेरोजगारों के लिए है। आयु सीमा: आवेदक की उम्र 18 वर्ष से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। ₹50 हजार अनुदान और 10 नवंबर अंतिम तिथि मेरठ के जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि PM-AJAY Yojana के माध्यम से अनुसूचित जाति के बेरोजगारों को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अनुदान की राशि: इस योजना में प्रत्येक लाभार्थी को अधिकतम ₹50 हजार रुपये का अनुदान (Grant) मिल सकता है। समूह आधारित अनुदान: अनुदान के लिए क्लस्टर और समूह बनाए जाएंगे। एक समूह में अधिकतम 10 और न्यूनतम 3 सदस्य हो सकते हैं। समूह की कुल लागत पर भी अनुदान मिलेगा, जिसमें प्रति लाभार्थी अधिकतम ₹50 हजार का अनुदान होगा। साक्षात्कार: 10 नवंबर आवेदन की अंतिम तिथि है। इसके बाद 10 नवंबर से ही अभ्यर्थियों के साक्षात्कार लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जिसमें उनके दस्तावेजों की जांच की जाएगी। मेरठ का रुझान: मेरठ में इस योजना के लिए अब तक लगभग 400 ऑनलाइन आवेदन हो चुके हैं। स्वरोजगार के अवसर (Opportunities for Self-Employment) जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि इस योजना से जुड़कर कई तरह के छोटे और मध्यम स्वरोजगार शुरू किए जा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं: ब्यूटी पार्लर, बुटीक, महिला गृह उद्योग सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, मेकेनिक, फर्नीचर बढ़ई लॉजिस्टिक्स वाहन, ऑटो ई-रिक्शा जनरल स्टोर, फोटोग्राफी-विडियोग्राफर मुर्गी पालन, डेयरी, बकरी पालन PM-AJAY Yojana में आवेदन की प्रक्रिया (How to Apply) इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदकों को ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा: वेबसाइट: लोगों को http://grant-in-aidupsfdc पर जाना होगा। दस्तावेज: ऑनलाइन आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित दस्तावेज अपलोड करने होंगे: दो फोटो, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र। आधार कार्ड, बैंक पास बुक की प्रति, जाति प्रमाण पत्र। शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र। चयन प्रक्रिया: साक्षात्कार और दस्तावेज़ों की जांच के बाद, चयनित आवेदकों को संबंधित व्यवसाय के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रशिक्षण के सफल समापन के बाद, प्रति आवेदक को अधिकतम ₹50 हजार रुपये अनुदान दिया जाएगा ताकि वे अपना कारोबार शुरू कर सकें।
बेहतर अनुभव के लिए हमारी ऐप अपने होम स्क्रीन पर जोड़ें।