अक्टूबर 31, 2025
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अक्टूबर 21, 2025
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Opinion
दिल्ली के लाल किले के पास हुई आई-20 कार में जबरदस्त धमाके के मामले में जांच एजेंसियों ने एक बहुत बड़ा खुलासा किया है। सूत्रों के मुताबिक, इस आतंकी हमले का कथित दिल्ली धमाका मास्टरमाइंड पुलवामा का रहने वाला डॉ. उमर मोहम्मद ही था। यह भी खुलासा हुआ है कि उमर ने यह फिदायीन हमला (Suicide Attack) फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के भंडाफोड़ और अपने साथियों की गिरफ्तारी से बौखलाहट में किया। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, अलफला यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर रहे डॉ. उमर ने ही विस्फोटकों से भरी I-20 कार में खुद को उड़ा लिया। इस विस्फोट में कम से कम 9 लोगों की मौत हुई है और कई अन्य घायल हुए हैं।READ ALSO:-दिल्ली ब्लास्ट: मरने वालों की संख्या 12 हुई! पुलवामा से आतंकी उमर का दोस्त डॉ. सज्जाद गिरफ्तार, अमोनियम नाइट्रेट से धमाके का दावा फरीदाबाद मॉड्यूल से सीधा कनेक्शन और बौखलाहट की कहानी जांच एजेंसियों के मुताबिक, डॉ. उमर मोहम्मद फरीदाबाद में हाल ही में भंडाफोड़ हुए आतंकी मॉड्यूल का एक प्रमुख सदस्य था। इस मॉड्यूल में दो अन्य डॉक्टर—अहमद मोहियुद्दीन सैयद और मुजम्मिल शकील—भी शामिल थे, जिन्हें विस्फोट से ठीक पहले गिरफ्तार किया गया था। * विस्फोटक की बरामदगी: फरीदाबाद में मुजम्मिल शकील के ठिकाने से लगभग 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री (अमोनियम नाइट्रेट, डेटोनेटर आदि) बरामद हुई थी। इस बड़े खुलासे के बाद ही उमर फरार हो गया। * बौखलाहट में हमला: खुफिया सूत्रों का कहना है कि अपने नेटवर्क के भंडाफोड़ होने और अपने साथियों की गिरफ्तारी से दिल्ली धमाका मास्टरमाइंड डॉ. उमर घबरा गया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने जल्दबाजी में इस फिदायीन हमले को अंजाम दिया। * जैशे-मोहम्मद से संबंध: एजेंसियों को शक है कि यह 'व्हाइट कॉलर' टेरर मॉड्यूल पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़ा हुआ था और टेलीग्राम जैसे माध्यमों से समन्वय स्थापित कर रहा था। धमाके से पहले के तीन घंटे: सुनहरी मस्जिद पार्किंग में क्या हुआ? विस्फोट से ठीक पहले डॉ. उमर की गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ट्रेस किया गया है, जिसने घटनाक्रम को स्पष्ट किया है। I-20 कार की रूटमैपिंग सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, विस्फोटक से भरी हुई सफेद I-20 कार दोपहर करीब 3:19 बजे लाल किले के पास सुनहरी बाग मस्जिद की पार्किंग में दाखिल हुई। दिल्ली धमाका मास्टरमाइंड डॉ. उमर मोहम्मद इस कार में मास्क पहने हुए अकेला बैठा था। वह लगभग तीन घंटे तक पार्किंग में खड़ा रहा। शाम 6:00 बजे के आसपास उसने कार पार्किंग से निकाली और दरियागंज की ओर बढ़ने लगा। शाम करीब 6:52 बजे, जब कार रिंग रोड पर एक सिग्नल पर धीमी हुई या रुकी, तभी उसमें जबरदस्त धमाका हो गया। विस्फोटक का प्रकार: शुरुआती जांच में पता चला है कि धमाके में अत्यधिक ज्वलनशील अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल (ANFO) और डेटोनेटर्स का इस्तेमाल किया गया था, जो औद्योगिक विस्फोटकों में आम है। कार की चेन: पुलिस ने I-20 कार की पूरी बिक्री चेन का पता लगा लिया है। कार कई हाथों से होकर तारिक और अंततः दिल्ली धमाका मास्टरमाइंड डॉ. उमर तक पहुँची थी। तारिक और अन्य सहयोगी अब हिरासत में हैं। आगे की जांच: डीएनए टेस्ट और एनआईए की भूमिका इस मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपने हाथ में ले ली है। उनका मुख्य फोकस अब दो बिंदुओं पर है। मृत आतंकी की पहचान की पुष्टि धमाके के बाद कार में एक क्षत-विक्षत शव मिला था, जिसका एक हाथ दूर जाकर गिरा था। पुलिस सूत्रों को पूरा शक है कि यह शव डॉ. उमर का ही है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि के लिए फोरेंसिक टीमें डीएनए टेस्ट कर रही हैं। डीएनए रिपोर्ट ही अंतिम रूप से विस्फोट करने वाले की पहचान स्थापित करेगी। सहयोगियों से पूछताछ एनआईए अब डॉ. उमर के गिरफ्तार सहयोगियों—जिनमें तारिक और आमिर राशिद मीर शामिल हैं—से पूछताछ कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इस हमले में कोई और शामिल था या यह वाकई उमर का एक हताश और आखिरी कार्य था। यह जांच अब 'व्हाइट कॉलर' आतंकवाद के खतरे को उजागर कर रही है, जहां उच्च शिक्षित पेशेवर आतंकी मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं। दिल्ली के लाल किले के पास हुआ यह भीषण कार धमाका सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती और दिल्ली धमाका मास्टरमाइंड की बौखलाहट का परिणाम है। डॉ. उमर मोहम्मद द्वारा अंजाम दिया गया यह कृत्य देश की राजधानी में आतंक फैलाने के एक असफल लेकिन विनाशकारी प्रयास को दर्शाता है। जांच एजेंसियों को अब इस मॉड्यूल की पूरी श्रृंखला का पता लगाना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इस दुखद घटना ने एक बार फिर देश की सुरक्षा और खुफिया तंत्रों की सतर्कता को बढ़ा दिया है।
दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण धमाके (Delhi Blast) में शामिल आतंकी डॉ. मोहम्मद उमर की पहली तस्वीर जांच एजेंसियों के हाथ लगी है। इस ब्लास्ट ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोमवार शाम 6.52 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास चलती कार में हुए इस धमाके में 2 महिलाओं समेत 9 लोगों की मौत हो गई थी और 24 लोग घायल हुए थे। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में UAPA (अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट) के तहत FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।Read also:-धर्मेंद्र के निधन की 'फेक न्यूज' से हड़कंप! रक्षा मंत्री ने दी श्रद्धांजलि, तो बेटी ईशा बोलीं- 'पापा रिकवर कर रहे, गलत खबरें न फैलाएं' धमाके की भयावहता और शुरुआती जांच ब्लास्ट इतना भीषण था कि इसकी आवाज एक किलोमीटर तक सुनाई दी। मरने वालों की उम्र 21 से 58 साल के बीच है। कई शव बुरी तरह जल गए और कुछ के शरीर के टुकड़े दूर-दूर तक बिखर गए। ब्लास्ट का स्थान: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास चलती कार में। क्षति: धमाके से आसपास खड़ी 6 कारें, 2 ई-रिक्शा और 1 ऑटो भी जल गए। जांच का फोकस: सुरक्षा एजेंसियां ने आत्मघाती हमले के एंगल से भी जांच शुरू कर दी है, हालांकि मौके से आरडीएक्स के सबूत नहीं मिले हैं। डॉ. मोहम्मद उमर और सफेद I-20 कार जांच एजेंसियों को डॉ. मोहम्मद उमर की पहली तस्वीर और ब्लास्ट से ठीक पहले का CCTV फुटेज मिला है, जो इस मामले में निर्णायक मोड़ ला सकता है। CCTV फुटेज: फुटेज में एक सफेद I-20 कार पार्किंग से निकलती दिख रही है, जिसमें आतंकी उमर के होने का शक है। यह कार हरियाणा के गुरुग्राम में सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड थी। कार का कनेक्शन: पुलिस ने सलमान को हिरासत में ले लिया है। सलमान ने यह कार पुलवामा के तारिक को बेची थी, जिसकी तलाश जारी है। उमर का फरीदाबाद मॉड्यूल कनेक्शन: पुलिस का मानना है कि उमर फरीदाबाद मॉड्यूल का हिस्सा हो सकता है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद से लखनऊ तक अभियान चलाकर 2900kg विस्फोटक (संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट) जब्त किया था। इस कार्रवाई में फरीदाबाद से डॉक्टर मुजम्मिल शकील और लखनऊ से महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया गया है। गंभीर खुलासा: ढाई घंटे कार में बैठा रहा आतंकी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, आतंकी डॉ. उमर पार्किंग में खड़ी i-20 कार में लगभग ढाई से तीन घंटे तक बैठा रहा। निर्देश का इंतजार: वह एक पल के लिए भी कार से बाहर नहीं निकला था। पुलिस सूत्रों का अनुमान है कि वह या तो किसी का इंतजार कर रहा था, या पार्किंग में बैठकर हमले के निर्देश मिलने का इंतजार कर रहा था। कार में तीन लोग: पुलिस के मुताबिक, जिस कार में धमाका हुआ, उसमें तीन लोग थे। शवों पर स्प्लिंटर के निशान नहीं जांच एजेंसियों के लिए सबसे बड़ा सवाल विस्फोट की प्रकृति को लेकर है। डॉक्टरों की रिपोर्ट: शवों की जांच करने वाले एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि आमतौर पर आईईडी विस्फोट में मृतकों के शरीर काले पड़ जाते हैं और उन पर छर्रे/स्प्लिंटर की चोटें मिलती हैं, लेकिन इस धमाके में ऐसा नहीं दिखा है। UAPA के तहत FIR: दिल्ली पुलिस ने UAPA के तहत FIR दर्ज कर ली है। गृह मंत्री अमित शाह इस ब्लास्ट को लेकर इंटेलीजेंस ब्यूरो चीफ समेत सुरक्षा एजेंसियों के बड़े अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग करेंगे। आत्मघाती हमले के एंगल से जांच ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत और 24 लोगों के घायल होने की घटना से दिल्ली में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियां अब आत्मघाती हमले के एंगल से भी जांच कर रही हैं। यह घटना देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है, और जल्द ही पूरे मामले की शुरुआती रिपोर्ट सामने आने की उम्मीद है।
दिल्ली में लाल किले के पास हुई कार में भीषण धमाके की जांच अब देश की सबसे बड़ी आतंकवाद विरोधी एजेंसी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है। गृह मंत्रालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह बड़ा फैसला लिया गया। इस घटना के तार फरीदाबाद में भंडाफोड़ हुए एक 'व्हाइट कॉकॉलर' आतंकी मॉड्यूल से जुड़ रहे हैं। जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है कि इस मॉड्यूल का सरगना डॉ. उमर मोहम्मद था, जिसने ही I-20 कार में खुद को उड़ा लिया। दिल्ली धमाका एनआईए जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिसमें अब तक छह डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया है।READ ALSO:-दिल्ली धमाके पर बहुत बड़ा खुलासा: डॉ. उमर ही था मास्टरमाइंड, फरीदाबाद मॉड्यूल के भंडाफोड़ से बौखलाहट में दिया अंजाम डॉक्टर्स का आतंकी मॉड्यूल: उच्च शिक्षित युवा शामिल जांच में सामने आया है कि यह मॉड्यूल मुख्य रूप से उच्च शिक्षित पेशेवरों, खासकर डॉक्टरों का एक नेटवर्क था। अब तक की कार्रवाई में पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने दो पुरुष डॉक्टरों (डॉ. मुजम्मिल अहमद गनाई और डॉ. आदिल अहमद राथर) समेत कुल छह लोगों को हिरासत में लिया है। इस मॉड्यूल के सदस्यों पर पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे आतंकी संगठनों से निर्देश लेने का शक है। मास्टरमाइंड डॉ. उमर: पुलवामा का रहने वाला डॉ. उमर मोहम्मद ही कथित तौर पर इस मॉड्यूल का सरगना था। सूत्रों के अनुसार, फरीदाबाद में अपने सहयोगियों की गिरफ्तारी और 2,900 किलोग्राम विस्फोटक की बरामदगी से बौखलाकर उसने यह फिदायीन हमला किया। महिला डॉक्टर का रोल: हिरासत में ली गई एक महिला डॉक्टर भी शामिल है। लखनऊ की डॉ. शाहीन शाहिद पर आतंकी संगठन जैश की महिला विंग (जमात उल-मोमिनात) के लिए भारत में भर्ती करने का आरोप है। उनकी कार से एक असॉल्ट राइफल (AK-47 जैसी) भी बरामद हुई थी। NIA के हाथ में जांच: बड़े खुलासे की उम्मीद गृह मंत्रालय ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली धमाका एनआईए जांच के आदेश दिए हैं। एनआईए अब दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज किए गए आतंकवाद और विस्फोटक अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज मामले को आगे बढ़ाएगी। एनआईए अब इस बात पर ध्यान केंद्रित करेगी कि: मॉड्यूल को फंडिंग और हथियार कहाँ से मिल रहे थे। क्या विस्फोट से पहले दिल्ली-एनसीआर में कोई और बड़ा हमला करने की योजना थी। यह 'व्हाइट कॉलर' नेटवर्क देश के अन्य हिस्सों में कितना फैला हुआ है। यह जांच इस तरह के नए और शिक्षित आतंकी नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण है। दिल्ली धमाका एनआईए जांच अब आतंकवाद के एक नए और खतरनाक पहलू—पढ़े-लिखे युवाओं के कट्टरपंथीकरण—को उजागर करने की दिशा में बढ़ गई है। डॉ. उमर द्वारा अंजाम दिए गए इस हमले ने साबित किया है कि आतंकी संगठन अब उच्च शिक्षित पेशेवरों को निशाना बना रहे हैं। छह डॉक्टरों की हिरासत और भारी मात्रा में विस्फोटक की बरामदगी बताती है कि यह एक बड़ी साजिश थी। अब एनआईए को इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करके देश की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास हुए भीषण कार धमाके के बाद कई पश्चिमी देशों ने भारत में मौजूद अपने नागरिकों के लिए सख्त ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। संयुक्त राज्य अमेरिका (US), यूनाइटेड किंगडम (UK) और फ्रांस ने अपने दूतावासों के माध्यम से अलर्ट जारी करते हुए नागरिकों से अत्यधिक सतर्कता बरतने की अपील की है। यह दिल्ली धमाका एडवाइजरी स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि विदेशी सरकारें इस घटना को एक गंभीर सुरक्षा जोखिम मान रही हैं। विस्फोट में 12 लोगों की मौत हुई थी, जिसकी जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है।READ ALSO:-दिल्ली धमाके की जांच NIA को सौंपी गई, 6 डॉक्टर हिरासत में, आतंकी मॉड्यूल का मास्टरमाइंड डॉ. उमर अमेरिकी दूतावास की चेतावनी: लाल किले और बाजारों से बचें दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने एक सुरक्षा अलर्ट जारी किया है, जिसमें अपने नागरिकों को स्पष्ट सलाह दी गई है। जगहों से बचने की सलाह: अमेरिकी नागरिकों से लाल किले (Red Fort) के आसपास और चांदनी चौक जैसे दिल्ली के भीड़भाड़ वाले इलाकों से दूर रहने को कहा गया है। ये वे स्थान हैं जहाँ अक्सर पर्यटक आते हैं। सतर्कता और निगरानी: दूतावास ने नागरिकों को अपने आस-पास के माहौल के प्रति सजग रहने, स्थानीय मीडिया की खबरों पर नजर रखने और सार्वजनिक परिवहन केंद्रों एवं अन्य भीड़भाड़ वाली जगहों पर अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है। संवेदना संदेश: अमेरिकी विदेश विभाग ने विस्फोट से प्रभावित लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और कहा है कि वे स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। UK की सख्त एडवाइजरी: सीमावर्ती और संवेदनशील क्षेत्रों पर प्रतिबंध ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) ने अपनी दिल्ली धमाका एडवाइजरी को अपडेट किया है, जो काफी व्यापक है। यूके ने अपने नागरिकों को भारत के कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में यात्रा न करने की सलाह दी है। सीमावर्ती क्षेत्र: ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को भारत-पाकिस्तान सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले इलाकों में अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह दी है। जम्मू और कश्मीर: FCDO ने जम्मू और कश्मीर (J&K) के सभी क्षेत्रों (श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग को छोड़कर) में किसी भी यात्रा से बचने की सलाह को दोहराया है। पूर्वोत्तर भारत: इसके अलावा, मणिपुर में 2023 से चल रही जातीय झड़पों के कारण वहाँ की राजधानी इम्फाल सहित पूरे राज्य में "आवश्यक यात्रा" को छोड़कर सभी यात्राओं के खिलाफ सलाह दी गई है। फ्रांस और अन्य देशों की प्रतिक्रिया फ्रांस के दूतावास ने भी भारत में मौजूद अपने नागरिकों को भीड़भाड़ वाले इलाकों से दूर रहने और अत्यधिक अलर्ट रहने को कहा है। फ्रांस ने इस त्रासदी पर पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। बांग्लादेश और ईरान सहित कई अन्य देशों ने भी इस आतंकी हमले के बाद शोक और संवेदना व्यक्त की है। यह वैश्विक प्रतिक्रिया दिखाती है कि दिल्ली में सुरक्षा स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ गई है। पर्यटन और व्यापार पर असर विदेशी सरकारों द्वारा जारी की गई दिल्ली धमाका एडवाइजरी का भारत के पर्यटन और व्यापार पर अल्पकालिक नकारात्मक असर पड़ सकता है। लाल किला जैसे प्रमुख पर्यटक स्थलों को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है, जिससे विदेशी पर्यटकों के आवागमन में कमी आ सकती है। हालांकि, भारतीय सुरक्षा एजेंसियां और दिल्ली पुलिस स्थिति को सामान्य करने और पर्यटकों का विश्वास बहाल करने के लिए हाई अलर्ट पर हैं। इस आतंकी मॉड्यूल की जांच कर रही एनआईए, जिसे हाल ही में यह केस सौंपा गया है, ने इस मामले में 'व्हाइट कॉलर' आतंकियों सहित कई लोगों को हिरासत में लिया है। दिल्ली धमाके के बाद दिल्ली धमाका एडवाइजरी का जारी होना भारतीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है। US, UK और फ्रांस द्वारा जारी किए गए ट्रैवल अलर्ट इस बात को रेखांकित करते हैं कि भारत को अपनी राजधानी और संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता है। इन देशों की सलाह है कि उनके नागरिक स्थानीय अधिकारियों की सलाह का पालन करें। भारत सरकार को जल्द से जल्द इस आतंकी नेटवर्क का पूरी तरह से पर्दाफाश करके अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सुरक्षा की स्थिति सामान्य होने का विश्वास दिलाना होगा।
जम्मू-कश्मीर पुलिस (J&K Police) ने एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए, लखनऊ की महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया है। सोमवार को हुई यह गिरफ्तारी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एक गंभीर मामले की ओर इशारा करती है। शाहीन पर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवत-उल-हिंद (AGuH) से जुड़े होने के आरोप हैं। गिरफ्तारी के बाद J&K पुलिस उसे अपने साथ लेकर चली गई है।READ ALSO:-दिल्ली धमाके के बाद UP में High Alert! CM योगी ने दिए सख्त निर्देश फरीदाबाद और सहारनपुर कनेक्शन डॉक्टर शाहीन शाहिद, लखनऊ के लालबाग इलाके की निवासी हैं, और वह फरीदाबाद से गिरफ्तार हुए आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल शकील की करीबी सहयोगी और गर्लफ्रेंड थी। मुजम्मिल शकील की गिरफ्तारी सहारनपुर (यूपी) से गिरफ्तार किए गए एक अन्य डॉक्टर आदिल अहमद (अदील) से पूछताछ के बाद हुई थी। यह पूरा आतंकी मॉड्यूल अब चार राज्यों—उत्तर प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली—से जुड़ता नज़र आ रहा है। मुजम्मिल शकील: पुलवामा के कोइल का रहने वाला मुजम्मिल, फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था। डॉक्टर आदिल: 7 नवंबर को सहारनपुर से गिरफ्तार हुआ, यह अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रैक्टिस करता था और श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाते हुए सीसीटीवी फुटेज में पकड़ा गया था। डॉक्टर शाहीन की कार से AK-47 बरामद डॉक्टर शाहीन शाहिद की गिरफ्तारी तब हुई जब जांच एजेंसियों को पता चला कि वह गिरफ्तार आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल शकील की कार का इस्तेमाल कर रही थी। बरामदगी: शाहीन की कार से एक AK-47 राइफल, जिंदा कारतूस और अन्य संदिग्ध सामग्री बरामद हुई हैं। टेरर मॉड्यूल की साजिश: पुलिस का दावा है कि यह आतंकी मॉड्यूल भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहा था। गिरफ्तारी की संख्या: अब तक इस मॉड्यूल से जुड़े सात लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनसे कुल 2900 किलो IED (अमोनियम नाइट्रेट-आधारित विस्फोटक) भी जब्त किया गया है। ऑपरेशन जारी, उच्च सतर्कता आईजी लॉ एंड ऑर्डर एलआर कुमार ने इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद संवेदनशील बताया है। पुलिस का बयान: आईजी कुमार का कहना है कि शाहीन के बारे में जम्मू-कश्मीर पुलिस से विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने पुष्टि की कि AK-47 और अन्य विस्फोटक सामग्री की बरामदगी हुई है। मुजम्मिल के ठिकाने से: मुजम्मिल शकील ने फरीदाबाद के धौज गांव में तीन महीने पहले जो कमरा किराए पर लिया था, वहां से करीब 360 किलो विस्फोटक (अमोनियम नाइट्रेट हो सकता है), 20 टाइमर्स, बैटरी और असॉल्ट राइफल, 3 मैगजीन, 83 कारतूस और एक पिस्टल बरामद हुई है। गोपनीयता: पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए ऑपरेशन की ज्यादा डिटेल्स अभी जारी नहीं की हैं, क्योंकि जांच जारी है और नेटवर्क की जड़ तक पहुंचना बाकी है। सुरक्षा पर सवाल पेशे से डॉक्टर और समाज के सम्मानित वर्ग से जुड़े लोगों के आतंकी संगठनों से जुड़ने की खबर से जनता में गहरा आश्चर्य और चिंता है। यह घटना सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता पर सवाल उठ रहे हैं। लोग इस बात पर आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं कि AK-47 जैसे हथियार और 2900 किलो विस्फोटक विभिन्न राज्यों से होकर मॉड्यूल तक कैसे पहुंचे। नेटवर्क की गहराई तक जांच जांच एजेंसियां अब डॉक्टर शाहीन शाहिद के मोबाइल डेटा, बैंकिंग रिकॉर्ड और विदेशी कॉल डिटेल्स खंगाल रही हैं। उसका संपर्क कई संदिग्ध नेटवर्क से था, जिनकी डोर सीधे पाकिस्तान में बैठे आतंकियों से जुड़ी है। इसके अलावा, अल-फलाह यूनिवर्सिटी में उसकी भूमिका की भी जांच हो रही है कि क्या किसी तरह का आतंकी फंडिंग नेटवर्क शिक्षण संस्थानों के माध्यम से संचालित किया जा रहा था। इस मॉड्यूल के भंडाफोड़ से एक बड़े आतंकी खतरे को टाला गया है।
दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण कार धमाके के बाद उत्तर प्रदेश में आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। यूपी एटीएस छापेमारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश और लखनऊ के कई जिलों में की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, ATS ने सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर सहित विभिन्न स्थानों से कम से कम सात संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इन सभी से एक गोपनीय स्थान पर ले जाकर गहन पूछताछ की जा रही है। यह कार्रवाई उस 'व्हाइट कॉलर' आतंकी मॉड्यूल के तार तलाशने के लिए की जा रही है, जिसका सरगना डॉ. उमर मोहम्मद था, जिसने दिल्ली में खुद को कार के साथ उड़ा लिया था।READ ALSO:- डॉक्टर्स के नेटवर्क पर शिकंजा: लखनऊ और सहारनपुर कनेक्शन जांच एजेंसियों को शक है कि आतंकी हमले की यह साजिश एक बड़े और संगठित नेटवर्क का हिस्सा थी, जिसमें उच्च शिक्षित पेशेवर शामिल थे। सहारनपुर में हिरासत: सहारनपुर में डॉ. अदील (आदिल अहमद राथर) के तीन करीबियों को ATS ने हिरासत में लिया है। डॉ. आदिल वही डॉक्टर है जिसकी गिरफ्तारी के बाद फरीदाबाद में 360 किलोग्राम विस्फोटक और AK-47 बरामद हुई थी। ATS अब इन करीबियों के बैंक खाते और कॉल डिटेल्स खंगाल रही है ताकि फंडिंग और संपर्क का पता लगाया जा सके। लखनऊ में छापेमारी: यूपी एटीएस छापेमारी लखनऊ के मड़ियांव इलाके में डॉ. परवेज अंसारी के घर पर भी हुई। बताया जा रहा है कि परवेज अंसारी के घर से कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जो फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से उनके संभावित लिंक की जांच में मदद कर सकते हैं। मुजफ्फरनगर और मदरसों पर नजर एटीएस की एक टीम ने मुजफ्फरनगर जिले के बुढ़ाना स्थित दाऊद अरबिया दारुल उलूम मदरसे में भी छापा मारा। सूत्रों के अनुसार, यहाँ के संचालक से आतंकी सुलेमान और सोहेल से जुड़े इनपुट मांगे गए। सुलेमान और सोहेल वे आतंकी हैं, जिन्हें हाल ही में गुजरात एटीएस ने गिरफ्तार किया था और वे आईएसकेपी (ISKP) से जुड़े थे। यूपी एटीएस ने अब तक हिरासत में लिए गए सात संदिग्धों से डॉ. उमर मोहम्मद के साथ उनके संबंध, विस्फोटक सामग्री के लॉजिस्टिक्स और किसी आगामी हमले की योजना के बारे में पूछताछ कर रही है। दिल्ली धमाके के बाद यूपी एटीएस छापेमारी की यह व्यापक कार्रवाई दिखाती है कि आतंकी नेटवर्क की जड़ें राष्ट्रीय राजधानी से बाहर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों तक फैली हुई हैं। उच्च शिक्षित डॉक्टरों और मदरसों के कनेक्शन की जांच से स्पष्ट होता है कि सुरक्षा एजेंसियां अब 'व्हाइट कॉलर' आतंकवाद के खतरे को गंभीरता से ले रही हैं। एनआईए और एटीएस मिलकर इस मॉड्यूल की पूरी श्रृंखला को तोड़ने और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं।
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में मंगलवार दोपहर को एक भीषण विस्फोट हुआ है। शहर के सेक्टर G-11 स्थित न्यायिक परिसर के बाहर हुए इस इस्लामाबाद कोर्ट धमाका में कम से कम 12 लोगों की मौत होने की खबर है, जबकि 25 से अधिक लोग घायल हुए हैं। विस्फोट के बाद पूरे कोर्ट परिसर में भगदड़ मच गई और इलाके में दहशत फैल गई। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब देश की सुरक्षा व्यवस्था पर पहले से ही सवाल उठ रहे हैं। कोर्ट पार्किंग में विस्फोट: आत्मघाती हमलावर या सिलेंडर? विस्फोट की प्रकृति को लेकर शुरुआती जांच में विरोधाभास सामने आया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, धमाका न्यायिक परिसर के मुख्य गेट के पास पार्किंग एरिया में खड़ी एक कार में हुआ। आत्मघाती हमले का संदेह: डॉन और एक्सप्रेस ट्रिब्यून जैसी स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि यह एक आत्मघाती हमला हो सकता है। एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया, जिससे इतनी बड़ी क्षति हुई। गैस सिलेंडर विस्फोट की थ्योरी: हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने प्राथमिक जांच में कहा कि यह कार में लगे गैस सिलेंडर के फटने से हुआ विस्फोट प्रतीत होता है। फिलहाल, फोरेंसिक टीमें घटनास्थल से सबूत जुटा रही हैं ताकि विस्फोट के वास्तविक कारण का पता लगाया जा सके। धमाके की आवाज लगभग छह किलोमीटर दूर तक सुनी गई, जिससे राजधानी के अन्य हिस्सों में भी सुरक्षा अलर्ट बढ़ा दिया गया है। भारी भीड़ के कारण बढ़ी हताहतों की संख्या यह इस्लामाबाद कोर्ट धमाका उस समय हुआ जब न्यायिक परिसर में वकीलों, मुवक्किलों और आम नागरिकों की भारी भीड़ मौजूद थी। धमाका पार्किंग क्षेत्र में होने के बावजूद, इसके दायरे में कई लोग आ गए। बचाव कार्य: पुलिस और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुँचे और पूरे इलाके को सील कर दिया गया। घायलों को तुरंत नजदीकी पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (PIMS) अस्पताल और अन्य चिकित्सा केंद्रों में भर्ती कराया गया है। स्थिति की गंभीरता: घटनास्थल से आई तस्वीरों में सड़क पर शव और घायल लोग बिखरे दिख रहे हैं, जो इस त्रासदी की भयावहता को दर्शाते हैं। VIDEO | Islamabad, Pakistan: At least 12 killed and 20 injured in a suicide attack outside a court. Authorities have launched an investigation and Interior Minister Mohsin Naqvi visited the site of the blast and vowed justice. (Full video available on PTI Videos –… pic.twitter.com/WzxJg9SiLn — Press Trust of India (@PTI_News) November 11, 2025 सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल दिल्ली में हाल ही में हुए आतंकी धमाके (जिसकी जांच अब एनआईए को सौंप दी गई है) और पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हुए आईईडी ब्लास्ट के बाद इस्लामाबाद कोर्ट धमाका ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना बताती है कि न्यायपालिका और सरकारी प्रतिष्ठान अभी भी आतंकवादियों के निशाने पर हैं। सरकार को जल्द ही सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा करनी होगी। इस्लामाबाद कोर्ट धमाका एक बेहद दुखद घटना है जिसने पाकिस्तान की राजधानी को एक बार फिर दहशत में डाल दिया है। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। पुलिस और फोरेंसिक टीमें विस्फोट के पीछे के सही कारणों की पुष्टि करने और किसी आतंकी समूह की संलिप्तता का पता लगाने के लिए तेजी से काम कर रही हैं। यह आवश्यक है कि पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियां आतंकवाद के इस खतरे को रोकने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाएं।
दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण कार धमाके के बाद उत्तर प्रदेश में आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। यूपी एटीएस छापेमारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश और लखनऊ के कई जिलों में की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, ATS ने सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर सहित विभिन्न स्थानों से कम से कम सात संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इन सभी से एक गोपनीय स्थान पर ले जाकर गहन पूछताछ की जा रही है। यह कार्रवाई उस 'व्हाइट कॉलर' आतंकी मॉड्यूल के तार तलाशने के लिए की जा रही है, जिसका सरगना डॉ. उमर मोहम्मद था, जिसने दिल्ली में खुद को कार के साथ उड़ा लिया था।READ ALSO:- डॉक्टर्स के नेटवर्क पर शिकंजा: लखनऊ और सहारनपुर कनेक्शन जांच एजेंसियों को शक है कि आतंकी हमले की यह साजिश एक बड़े और संगठित नेटवर्क का हिस्सा थी, जिसमें उच्च शिक्षित पेशेवर शामिल थे। सहारनपुर में हिरासत: सहारनपुर में डॉ. अदील (आदिल अहमद राथर) के तीन करीबियों को ATS ने हिरासत में लिया है। डॉ. आदिल वही डॉक्टर है जिसकी गिरफ्तारी के बाद फरीदाबाद में 360 किलोग्राम विस्फोटक और AK-47 बरामद हुई थी। ATS अब इन करीबियों के बैंक खाते और कॉल डिटेल्स खंगाल रही है ताकि फंडिंग और संपर्क का पता लगाया जा सके। लखनऊ में छापेमारी: यूपी एटीएस छापेमारी लखनऊ के मड़ियांव इलाके में डॉ. परवेज अंसारी के घर पर भी हुई। बताया जा रहा है कि परवेज अंसारी के घर से कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जो फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से उनके संभावित लिंक की जांच में मदद कर सकते हैं। मुजफ्फरनगर और मदरसों पर नजर एटीएस की एक टीम ने मुजफ्फरनगर जिले के बुढ़ाना स्थित दाऊद अरबिया दारुल उलूम मदरसे में भी छापा मारा। सूत्रों के अनुसार, यहाँ के संचालक से आतंकी सुलेमान और सोहेल से जुड़े इनपुट मांगे गए। सुलेमान और सोहेल वे आतंकी हैं, जिन्हें हाल ही में गुजरात एटीएस ने गिरफ्तार किया था और वे आईएसकेपी (ISKP) से जुड़े थे। यूपी एटीएस ने अब तक हिरासत में लिए गए सात संदिग्धों से डॉ. उमर मोहम्मद के साथ उनके संबंध, विस्फोटक सामग्री के लॉजिस्टिक्स और किसी आगामी हमले की योजना के बारे में पूछताछ कर रही है। दिल्ली धमाके के बाद यूपी एटीएस छापेमारी की यह व्यापक कार्रवाई दिखाती है कि आतंकी नेटवर्क की जड़ें राष्ट्रीय राजधानी से बाहर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों तक फैली हुई हैं। उच्च शिक्षित डॉक्टरों और मदरसों के कनेक्शन की जांच से स्पष्ट होता है कि सुरक्षा एजेंसियां अब 'व्हाइट कॉलर' आतंकवाद के खतरे को गंभीरता से ले रही हैं। एनआईए और एटीएस मिलकर इस मॉड्यूल की पूरी श्रृंखला को तोड़ने और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election) समेत देशभर में होने वाले चुनावों के लिए भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण अपडेट जारी किया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी मतदाता के पास वोटर आईडी कार्ड (EPIC) नहीं है या वह खो गया है, तो उसे चिंतित होने की जरूरत नहीं है। मतदाता अब 12 वैकल्पिक फोटो पहचान पत्रों में से कोई भी एक दस्तावेज दिखाकर अपना मतदान कर सकता है। आयोग की ओर से 7 अक्टूबर 2025 को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।READ ALSO:-आधार कार्ड रखने का झंझट खत्म! UIDAI ने लॉन्च किया 'फेस स्कैन' वाला नया ऐप, अब चेहरा ही बनेगा आपकी पहचान, सिक्योरिटी हुई टाइट रिकॉर्ड वोटिंग और पहचान की चुनौती बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 121 सीटों पर 6 नवंबर को मतदान पूरे हो चुके हैं, जबकि दूसरे चरण की 122 सीटों पर 11 नवंबर को वोटिंग होनी है। पहले चरण में हुई रिकॉर्ड वोटिंग ने मतदाताओं की भागीदारी के उत्साह को दर्शाया है। ऐसे में, वोटर आईडी कार्ड न होने या खो जाने पर भी मतदाताओं को पहचान संबंधी कोई परेशानी न हो, इसके लिए आयोग ने यह कदम उठाया है। उद्देश्य: आयोग का यह कदम खासतौर पर ग्रामीण इलाकों, नए मतदाताओं और उन लोगों के लिए आया है, जिनका वोटर आईडी कार्ड या तो बना नहीं है या उनके पास मौजूद नहीं है। महिलाओं के लिए सुविधा: घूंघट या बुर्का डालने वाली महिलाओं की सुविधा और गोपनीयता बनाए रखने के लिए महिला मतदान अधिकारियों की विशेष तैनाती की जा रही है। मतदान के लिए 12 वैध दस्तावेज चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि वोट डालने के लिए पहचान साबित करने वाला दस्तावेज होना अनिवार्य है। वोटर आईडी कार्ड (EPIC) सबसे मान्य पहचान पत्र है, लेकिन इसके अभाव में मतदाता निम्न में से कोई भी वैध पहचान पत्र दिखाकर अपना वोट डाल सकते हैं: क्रम संख्या मान्य पहचान पत्र 1 पासपोर्ट 2 ड्राइविंग लाइसेंस 3 सरकारी कर्मचारियों को जारी फोटो सहित सर्विस आईडी 4 बैंक या पोस्ट ऑफिस की फोटो वाली पासबुक 5 पैन कार्ड (PAN Card) 6 एनपीआर (NPR) के तहत जारी स्मार्ट कार्ड 7 मनरेगा जॉब कार्ड (फोटो सहित) 8 श्रम मंत्रालय की योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा कार्ड 9 पेंशन दस्तावेज (फोटो सहित) 10 सांसद (MP), विधायक (MLA) या विधान परिषद सदस्य (MLC) का सरकारी पहचान पत्र 11 आधार कार्ड 12 वोटर आईडी कार्ड (EPIC) फोटो स्लिप अकेले मान्य नहीं चुनाव आयोग ने यह साफ किया है कि अकेले फोटो वोटर स्लिप को पहचान के आधार पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। स्पष्टता: इसका अर्थ है कि फोटो स्लिप अकेले मतदान करने का अधिकार नहीं देती। इसे साथ रखना सहायक है, लेकिन असली पहचान पत्र साथ होना आवश्यक है। पारदर्शिता और सुरक्षा: इस बार चुनाव आयोग मतदान को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने पर जोर दे रहा है। इसके लिए बूथों पर तकनीकी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी और डिजिटल मॉनिटरिंग पर जोर रहेगा। बिहार चुनाव और आगे की राह बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, जिनमें से 40 सीटें अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित हैं। नई विधानसभा का गठन 22 नवंबर 2025 से पहले होना जरूरी है। मतदान प्रक्रिया: आयोग का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग घरों से बाहर निकलकर मतदान करें। इसीलिए, पहचान पत्रों के विकल्प बढ़ाए गए हैं ताकि पहचान संबंधी छोटी-मोटी समस्याओं के कारण कोई भी मतदाता अपने लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित न रहे।
बॉलीवुड और भारतीय टेलीविजन जगत के महान और बहुमुखी कलाकार सतीश शाह (Satish Shah) का आज (शनिवार, 25 अक्टूबर 2025) दुखद निधन हो गया है। अपनी लाजवाब कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को हंसाने वाले सतीश शाह ने 74 वर्ष की उम्र में मुंबई में अपनी आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, और किडनी फेलियर को उनकी मौत का कारण बताया जा रहा है। उनके निधन की पुष्टि प्रोड्यूसर और IFTDA के अध्यक्ष अशोक पंडित ने की है। चरित्र अभिनेता और कॉमेडियन का सफर सतीश शाह का अभिनय करियर पाँच दशकों से अधिक लंबा रहा, जिसमें उन्होंने 400 से ज्यादा फिल्मों और कई सफल टीवी सीरियल्स में काम किया। उनका जन्म 1951 में हुआ था और उन्होंने पुणे के FTII (Film and Television Institute of India) से प्रशिक्षण लिया था। टीवी जगत का आइकॉन: उन्हें सबसे ज्यादा पहचान हिट कॉमेडी सीरियल 'साराभाई वर्सेज साराभाई' में इंद्रावदन साराभाई (Indravadan Sarabhai) के किरदार से मिली। इस शो में उनके डायलॉग और एक्सप्रेशन आज भी कल्ट क्लासिक माने जाते हैं। 'ये जो है जिंदगी' (1984) में 55 अलग-अलग किरदार निभाकर उन्होंने घर-घर में अपनी पहचान बनाई थी। फिल्मी करियर की शुरुआत: उन्होंने 1983 की डार्क कॉमेडी फिल्म 'जाने भी दो यारों' में एक 'लाश' (Dead Body) का आइकॉनिक किरदार निभाया था, जिसने उन्हें रातोंरात पहचान दिलाई थी। प्रमुख फिल्में: उनकी कुछ यादगार बॉलीवुड फिल्मों में 'हम आपके हैं कौन', 'मुझसे शादी करोगी', 'कल हो ना हो' और शाहरुख खान अभिनीत 'मैं हूँ ना' शामिल हैं, जहाँ उन्होंने अपनी कॉमिक टाइमिंग से जान डाल दी। Read Also : थामा, और 'स्त्री 2' के म्यूजिक कंपोजर सचिन सांघवी गिरफ्तार, शादी और गाना देने का झांसा देकर 20 साल की युवती से यौन उत्पीड़न का आरोप किडनी फेलियर और निधन की पुष्टि मिली जानकारी के मुताबिक, अभिनेता सतीश शाह पिछले कुछ समय से किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्होंने आज दोपहर करीब 2:30 बजे अंतिम सांस ली। आधिकारिक रूप से किडनी फेलियर को उनकी मृत्यु का कारण बताया गया है। शाह के निधन की खबर सामने आने के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। इंडस्ट्री में शोक की लहर मशहूर निर्माता अशोक पंडित ने सतीश शाह के निधन की पुष्टि करते हुए कहा, "जी हाँ, सतीश शाह नहीं रहे। वो मेरे अच्छे मित्र थे। किडनी फेलियर के चलते उनका निधन हो गया है। इंडस्ट्री के लिए यह एक बड़ी क्षति है।" Public Reaction or Social Media: श्रद्धांजलि सतीश शाह के निधन की खबर से उनके फैंस स्तब्ध हैं। सोशल मीडिया पर उनके फैंस और फिल्मी सितारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है और उनके सबसे यादगार किरदारों को याद कर रहे हैं। 'साराभाई वर्सेज साराभाई' की कास्ट और क्रू ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। सिनेमा में हास्य की क्षति सतीश शाह का निधन हिंदी सिनेमा में चरित्र अभिनय और हास्य की एक पीढ़ी का अंत है। उनकी अभिनय शैली और हास्य टाइमिंग हमेशा दर्शकों के दिलों में ज़िंदा रहेगी।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर मेरठ के लिए परिवहन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर के साथ ही मेरठ को अपनी पहली 'मेरठ मेट्रो' मिलने जा रही है। यह न केवल शहर के अंदर कनेक्टिविटी को सुधारेगी, बल्कि दिल्ली और गाजियाबाद जैसे शहरों से भी मेरठ के सफर को आसान और तेज बना देगी। आइए, मेरठ मेट्रो से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी पर एक विस्तृत नजर डालते हैं: Meerut Metro की कब होगी शुरुआत? (Kab Shuru Hogi) मेरठ मेट्रो का संचालन, दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (जिसे 'नमो भारत' ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है) के साथ ही शुरू होना प्रस्तावित है। हालिया अपडेट: खबरों के अनुसार, 30 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नमो भारत ट्रेन के आखिरी चरण (मेरठ साउथ से मोदीपुरम) और मेरठ मेट्रो का उद्घाटन किया जा सकता है। लक्ष्य: पूरी परियोजना (RRTS के साथ) को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। प्राथमिकता खंड (साहिबाबाद से दुहाई) का परिचालन अक्टूबर 2023 में पहले ही शुरू हो चुका है। खासियत: यह देश का पहला ऐसा ट्रैक होगा जिस पर एक ही ट्रैक पर हाई-स्पीड नमो भारत ट्रेन और तीन कोच वाली मेरठ मेट्रो ट्रेन, दोनों एक साथ चलेंगी। रूट मैप (Route Map) और स्टेशन मेरठ मेट्रो कॉरिडोर दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर का ही हिस्सा है। यह मुख्यतः मेरठ के शहरी क्षेत्र में सेवा प्रदान करेगी। कॉरिडोर का नाम: मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम (Meerut South to Modipuram) कुल लंबाई: लगभग 23 किमी स्टेशनों की संख्या: इस कॉरिडोर में कुल 13 स्टेशन हैं। केवल मेट्रो स्टेशन: इनमें से 10 स्टेशन केवल मेरठ मेट्रो के लिए होंगे। RRTS और मेट्रो दोनों के लिए स्टेशन (Integrated Stations): मेरठ साउथ, बेगमपुल, और मोदीपुरम स्टेशन RRTS और मेरठ मेट्रो, दोनों की सेवाओं के लिए इंटीग्रेटेड (एकीकृत) होंगे। प्रमुख स्टेशन (संभावित): मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौर्ली, मेरठ नॉर्थ, और मोदीपुरम। किराया (Kiraya) मेरठ मेट्रो का किराया दूरी के आधार पर तय किया जाएगा। यह किराया नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NCRTC) द्वारा जारी किया जाएगा। नमो भारत (RRTS) का किराया (दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के लिए): मानक (Standard) कोच: ₹20 से शुरू होकर अधिकतम ₹150 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। प्रीमियम (Premium) कोच: ₹30 से शुरू होकर अधिकतम ₹225 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। मेरठ मेट्रो का अनुमानित किराया: चूंकि मेरठ मेट्रो की यात्रा दूरी RRTS की तुलना में कम होगी (शहर के भीतर), इसका किराया ₹20 से ₹50 के बीच होने की संभावना है, जो यात्रियों द्वारा तय की गई दूरी पर निर्भर करेगा। मेरठ मेट्रो की आगे की योजना (Aage Ka Plan) मेरठ मेट्रो का पहला चरण (मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम) पूरा होने के बाद, आगे की योजनाओं में शहर के विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ाना शामिल है: दूसरा कॉरिडोर प्रस्तावित: मेरठ मेट्रो के लिए दूसरा कॉरिडोर भी प्रस्तावित है, जिसका रूट श्रद्धापुरी एक्सटेंशन से जाग्रति विहार तक हो सकता है। इस पर अभी विस्तृत काम शुरू होना बाकी है। टाउनशिप और TOD: मेरठ में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) मॉडल पर आधारित नई टाउनशिप का विकास किया जा रहा है। ये टाउनशिप RRTS/मेट्रो स्टेशनों के आस-पास होंगी, जिससे लोग अपने कार्यस्थल (Walk to Work) और जरूरी सुविधाओं तक आसानी से पहुँच सकेंगे। इससे 2029 तक 20,000 से अधिक रोजगार उत्पन्न होने का अनुमान है। फीडर सेवाएं: स्टेशनों से अंतिम-मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों के लिए फीडर सेवाओं को मजबूत करने की योजना है। मेरठ मेट्रो न केवल शहर के ट्रैफिक को कम करेगी बल्कि दिल्ली-एनसीआर से मेरठ की कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगी, जिससे यहां के निवासियों के लिए समय और पैसे दोनों की बचत होगी। यह परियोजना मेरठ को देश के सबसे आधुनिक परिवहन नेटवर्क वाले शहरों की श्रेणी में खड़ा कर देगी।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर, जिसे अब 'नमो भारत' (NaMo Bharat) ट्रेन के नाम से जाना जाता है, अब अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही पूरी तरह से यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा।Read also:-Delhi–Meerut RRTS Opening Date 2025: नमो भारत रैपिड रेल से दिल्ली से मेरठ सफर सिर्फ 55 मिनट में वो दिन अब दूर नहीं, जब मेरठ का निवासी दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में शॉपिंग करने और गाजियाबाद का व्यापारी मेरठ में अपने बिजनेस को विस्तार देने का सपना सिर्फ 60 मिनट में पूरा कर सकेगा। देश के सबसे महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS), अब हकीकत बनने की दहलीज पर है। 82 किलोमीटर का यह हाई-स्पीड कॉरिडोर लगभग तैयार है और रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2025 की शुरुआत में प्रधानमंत्री द्वारा इसका उद्घाटन किया जा सकता है। संभावित उद्घाटन की तारीखें: मीडिया रिपोर्ट्स और निर्माण कार्य की प्रगति के अनुसार, पूरे कॉरिडोर (सराय काले खां से मोदीपुरम तक) का उद्घाटन अक्टूबर 2025 में होने की प्रबल संभावना है। ऐसी खबरें हैं कि अक्टूबर 2025 की शुरुआत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का शुभारंभ कर सकते हैं। पूरा कॉरिडोर: यह 82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां को मेरठ के मोदीपुरम डिपो से जोड़ेगा, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय एक घंटे से भी कम हो जाएगा। वर्तमान में परिचालन: 20 अक्टूबर 2023 से प्राथमिकता कॉरिडोर (साहिबाबाद से दुहाई डिपो) और हाल ही में न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक का खंड पहले से ही चालू है, जिसने लाखों यात्रियों को बड़ी राहत दी है। मेरठ मेट्रो: एक ही पटरी पर रैपिड और मेट्रो का तालमेल मेरठ शहर के भीतर यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए मेरठ मेट्रो भी 'नमो भारत' ट्रेन के साथ ही उसी ट्रैक पर चलेगी। शुरुआत: मेरठ मेट्रो का उद्घाटन भी अक्टूबर 2025 में रैपिड रेल के साथ ही होने की उम्मीद है। रूट: यह मेट्रो सेवा मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो के बीच 23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर चलेगी, जिसमें 13 स्टेशन होंगे। विशेषता: यह भारत की पहली ऐसी परियोजना है जहाँ क्षेत्रीय रैपिड रेल और स्थानीय मेट्रो ट्रेनें एक ही ट्रैक को साझा करेंगी, लेकिन इनके परिचालन के समय अलग-अलग होंगे। स्टेशन लिस्ट: कहाँ-कहाँ रुकेगी आपकी 'नमो भारत'? दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर पर कुल 16 स्टेशन होंगे। दिल्ली (3) गाजियाबाद (6) मेरठ (7) सराय काले खां साहिबाबाद मेरठ साउथ (कॉमन) न्यू अशोक नगर गाजियाबाद शताब्दी नगर (कॉमन) आनंद विहार गुलधर बेगमपुल (कॉमन) दुहाई मोदीपुरम (कॉमन) दुहाई डिपो परतापुर (सिर्फ मेट्रो) मुरादनगर रिठानी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर दक्षिण ब्रहमपुरी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर उत्तर मेरठ सेंट्रल (सिर्फ मेट्रो) भैंसाली (सिर्फ मेट्रो) एमईएस कॉलोनी (सिर्फ मेट्रो) डोरली (सिर्फ मेट्रो) मेरठ नॉर्थ (सिर्फ मेट्रो) मोदीपुरम डिपो (सिर्फ मेट्रो) (कॉमन स्टेशन वे हैं जहाँ 'नमो भारत' रैपिड रेल और मेरठ मेट्रो दोनों रुकेंगी।) किराया विवरण: कितना होगा आपकी यात्रा का खर्च? 'नमो भारत' ट्रेन में दो तरह के कोच हैं: स्टैंडर्ड कोच और प्रीमियम कोच। यात्रियों को अपनी सुविधा अनुसार टिकट खरीदने का विकल्प मिलेगा। किराया सीमा: किराया ₹20 से शुरू होता है और अधिकतम ₹225 तक जा सकता है। एक प्रमुख रूट का किराया (उदाहरण): न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक: स्टैंडर्ड कोच में ₹150 और प्रीमियम कोच में ₹225। आनंद विहार से मेरठ साउथ तक का सफर लगभग 35 मिनट में पूरा होगा, जिसका किराया इसी सीमा में होगा। भुगतान विकल्प: यात्री QR कोड-आधारित पेपर टिकट और NCMC (नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड) का उपयोग करके यात्रा कर सकेंगे। निर्माण प्रगति और तकनीकी विशेषताएँ आरआरटीएस परियोजना का लगभग 75% से अधिक सिविल कार्य पूरा हो चुका है। स्पीड और रोलिंग स्टॉक: 'नमो भारत' ट्रेन की डिज़ाइन गति 180 किमी/घंटा है, जबकि परिचालन गति 160 किमी/घंटा होगी। ट्रेनों में महिलाओं के लिए एक आरक्षित कोच, प्रीमियम कोच, और सभी के लिए आधुनिक सुविधाएं (Wi-Fi, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग पोर्ट) उपलब्ध हैं। हरित ऊर्जा पहल: NCRTC ने अपने स्टेशनों और डिपो पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं, जो परियोजना को स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। फाइनल अप्रूवल: दिल्ली से मेरठ तक पूरे कॉरिडोर के वाणिज्यिक परिचालन के लिए अंतिम चरण की सुरक्षा मंजूरी मिलना बाकी है, जिसके बाद इसे तुरंत खोल दिया जाएगा। यह कॉरिडोर एनसीआर के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो न केवल यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि रोजगार, व्यापार और रियल एस्टेट को भी नई ऊंचाइयां देगा।
मेरठ, 19 सितंबर 2025 मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए 30 सितंबर का दिन एक नए युग की शुरुआत करने जा रहा है। इस ऐतिहासिक तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की पहली रैपिड रेल 'नमो भारत' के संपूर्ण कॉरिडोर और मेरठ मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री इस उद्घाटन को यादगार बनाते हुए दिल्ली से 'नमो भारत' ट्रेन में सवार होकर मेरठ के मोदीपुरम तक का सफर तय करेंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।READ ALSO:-सितंबर में 'प्रलयंकारी' मानसून: हिमाचल-उत्तराखंड में बादल फटने और लैंडस्लाइड से तबाही जारी, 424 की मौत दिल्ली से मेरठ तक ट्रेन में PM, फिर विशाल जनसभा योजना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से रैपिड ट्रेन के जरिए मेरठ पहुंचेंगे। यह यात्रा अपने आप में एक संदेश होगी कि दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी अब मिनटों में सिमट गई है। मोदीपुरम स्टेशन पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री का काफिला शताब्दीनगर के लिए रवाना होगा, जहाँ वे एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस रैली में मेरठ समेत आसपास के सभी जिलों से लाखों लोगों के जुटने की उम्मीद है, जिसके लिए तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। शहर में हाई अलर्ट, घर-घर किरायेदारों की जांच प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर पूरा प्रशासनिक और पुलिस अमला हाई अलर्ट पर है। गुरुवार को एडीजी भानु भास्कर ने एक उच्च-स्तरीय बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और कड़े इंतजामों के निर्देश दिए। सुरक्षा एजेंसियां कोई भी ढिलाई नहीं बरतना चाहतीं। पुलिस और एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) की टीमों ने गुरुवार देर रात शताब्दी नगर, रिझानी और रिठानी जैसे इलाकों में घर-घर जाकर सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान किरायेदारों और बाहर से आकर रह रहे लोगों के नाम, पते और मोबाइल नंबर दर्ज किए गए। देर रात बिजली गुल होने के बावजूद यह अभियान टॉर्च की रोशनी में जारी रहा, जो सुरक्षा की गंभीरता को दर्शाता है। यह सुरक्षा इसलिए भी कड़ी की गई है क्योंकि प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी 20 से 22 सितंबर तक मेरठ में रहेंगी और दो विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में हिस्सा लेंगी। मेरठ की नई लाइफलाइन: जानिए मेट्रो और नमो भारत का नेटवर्क यह प्रोजेक्ट मेरठ की कनेक्टिविटी को पूरी तरह से बदल देगा। नमो भारत (रैपिड रेल): दिल्ली से मेरठ तक का पूरा 82 किलोमीटर का ट्रैक अब पूरी तरह से चालू हो जाएगा। मेरठ मेट्रो: कुल लंबाई: 23 किलोमीटर (18 किमी एलिवेटेड, 5 किमी भूमिगत) कुल स्टेशन: 13 (मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, डौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो)। भूमिगत स्टेशन: मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपul। एक ही टिकट पर दोनों में सफर: यात्रियों की सुविधा के लिए चार स्टेशनों- मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम को कॉमन स्टेशन बनाया गया है, जहाँ यात्री नमो भारत और मेट्रो के बीच आसानी से स्विच कर सकेंगे।
इस वर्ष दीपावली की सही तिथि को लेकर पंचांगों में भिन्नता के कारण आम लोगों में बना कन्फ्यूजन अब दूर हो गया है। कुछ पंचांगों में 20 अक्टूबर तो कुछ में 21 अक्टूबर को दिवाली बताई जा रही थी। इस भ्रम की स्थिति को समाप्त करते हुए देश की सर्वोच्च धार्मिक संस्थाओं में से एक, श्री काशी विद्वत परिषद, ने स्पष्ट कर दिया है कि संपूर्ण देश में दीपावली का महापर्व सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को ही मनाया जाएगा।READ ALSO:-यूपी में कुदरत का डबल अटैक: पूर्वांचल में 'जल प्रलय' ने तोड़ा 136 साल का रिकॉर्ड, अब पश्चिमी यूपी के 23 जिलों में भारी बारिश-ओलों का अलर्ट! क्यों 20 अक्टूबर है सही तिथि? काशी विद्वत परिषद के ज्योतिष प्रकोष्ठ के मंत्री और बीएचयू के प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय के अनुसार, सनातन धर्म में पर्वों का निर्धारण तिथियों की गणितीय गणना और शास्त्रों के आधार पर होता है। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को प्रदोष काल में मनाई जाती है। प्रदोष काल का अर्थ है सूर्यास्त के बाद का समय। इस वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगी और यह 21 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। 20 अक्टूबर को, जब सूर्यास्त होगा, तब अमावस्या तिथि विद्यमान रहेगी और पूरे प्रदोष काल को कवर करेगी। लक्ष्मी पूजन और दीपदान के लिए यह शास्त्र सम्मत और शुभ मुहूर्त है। 21 अक्टूबर को, अमावस्या तिथि शाम 4 बजकर 26 मिनट पर ही समाप्त हो जाएगी, जबकि सूर्यास्त लगभग 5 बजकर 40 मिनट पर होगा। इसका अर्थ है कि सूर्यास्त और प्रदोष काल के समय अमावस्या तिथि नहीं रहेगी, बल्कि प्रतिपदा तिथि लग चुकी होगी। ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने भी स्पष्ट किया कि ब्रह्म पुराण के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की रात्रि में ही देवी लक्ष्मी और कुबेर भ्रमण करते हैं। यह रात्रि व्यापिनी और प्रदोष व्यापिनी अमावस्या 20 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रही है। अतः इसी दिन लक्ष्मी-कुबेर पूजन और दीपोत्सव मनाना श्रेष्ठ है। 21 अक्टूबर को होगी स्नान-दान की अमावस्या विद्वानों ने यह भी स्पष्ट किया कि 21 अक्टूबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि होने के कारण इस दिन स्नान, दान और पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करना उत्तम रहेगा। इसलिए, 21 अक्टूबर की तिथि धार्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन दीपावली का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। इस स्पष्टीकरण के बाद अब लोगों को अपने त्योहार की तैयारियों को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में रहने की आवश्यकता नहीं है।
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उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर की कनेक्टिविटी और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी परियोजना को हरी झंडी मिल गई है। दिल्ली रोड स्थित ट्रांसपोर्ट नगर गेट से टीपीनगर थाने तक लगभग 1300 मीटर लंबी सड़क का निर्माण मुख्यमंत्री शहरी सड़क योजना (CM ग्रिड) के तहत किया जाएगा। नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने पुष्टि की है कि ₹32 करोड़ की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना के डिजाइन को मंजूरी मिल गई है और निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा।READ ALSO:-दिल्ली ब्लास्ट में मेरठ के मोहसिन की दर्दनाक मौत: 'मेरे लाल की क्या गलती थी?' - मां का बिलख-बिलख कर रोना, परिवार पर टूटा गम का पहाड़ CM ग्रिड योजना और ट्रैफिक का दबाव ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र मेरठ के व्यावसायिक केंद्र के रूप में जाना जाता है, जहाँ भारी वाहनों की आवाजाही के कारण अक्सर जाम और जलभराव की समस्या रहती है। यह नई सड़क CM ग्रिड योजना के तहत बनाई जा रही है, जिसका उद्देश्य शहरों के भीतर यातायात के दबाव को कम करना और सड़कों को आधुनिक बनाना है। बढ़ी कनेक्टिविटी: यह सड़क दिल्ली रोड, बागपत बाईपास और रोहटा रोड को आपस में जोड़ेगी। व्यावसायिक लाभ: इस सुधार से भारी वाहनों और माल ढुलाई के ट्रकों को शहर के भीतर प्रवेश किए बिना गंतव्य तक पहुंचने का विकल्प मिलेगा, जिससे शहर के भीतर यातायात का दबाव घटेगा और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। आधुनिक डिजाइन और ड्रेनेज सिस्टम नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने बताया कि इस सड़क का डिजाइन विशेष रूप से तैयार किया गया है, जो मेरठ की अन्य CM ग्रिड सड़कों की तुलना में अधिक आधुनिक और विस्तृत है। सड़क की विशिष्टता: यह मेरठ की पहली ऐसी सड़क होगी, जिसके बीचोंबीच डिवाइडर के मध्य में फुटपाथ बनाया जाएगा। लेन व्यवस्था: सड़क में दोनों ओर सात-सात मीटर चौड़ी लेनें होंगी, जिससे यातायात सुगम होगा। ड्रेनेज सिस्टम: बारिश के समय जलभराव की समस्या से बचाव के लिए सड़क के किनारे मजबूत ड्रेनेज सिस्टम की भी व्यवस्था की जा रही है, जिससे पानी की निकासी सुचारू रूप से हो सकेगी। प्रदूषण नियंत्रण और पार्किंग पर जोर नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने बताया कि परियोजना में पर्यावरण संतुलन और यातायात प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया है। पार्किंग व्यवस्था: सड़क के किनारे ट्रक पार्किंग की विशेष व्यवस्था की जाएगी, ताकि व्यावसायिक वाहनों को सड़क पर खड़ा करने से होने वाले जाम की स्थिति से बचा जा सके। प्रदूषण नियंत्रण: इस आधुनिक डिजाइन में यातायात की सुगमता के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण पर भी ध्यान दिया गया है। सड़क के किनारे हरित पट्टी (ग्रीन बेल्ट) और पौधारोपण भी किया जाएगा। ट्रांसपोर्टरों को बड़ी राहत ट्रांसपोर्ट नगर के व्यवसायियों ने इस परियोजना के डिजाइन और जल्द शुरू होने की खबर पर खुशी जाहिर की है। ट्रांसपोर्टरों का मानना है कि ट्रक पार्किंग और बेहतर कनेक्टिविटी से उनका कारोबार सुधरेगा और दिल्ली रोड पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी। #मेरठ और #CMग्रिड हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं। जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य सौरभ गंगवार के अनुसार, डिजाइन को मंजूरी मिल गई है और निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा। यह परियोजना न केवल मेरठ की सड़कों को आधुनिक बनाएगी, बल्कि शहर की व्यावसायिक गतिशीलता को भी एक नई दिशा देगी।
नवम्बर 11, 2025
टेलीकॉम सेक्टर, जो मुख्य रूप से रिलायंस Jio और Airtel के दबदबे में है, वहाँ अब एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। सरकारी टेलीकॉम जाएंट BSNL जल्द ही अपनी 5G service के साथ दो प्रमुख महानगरों—दिल्ली और मुंबई—में धमाकेदार एंट्री करने जा रहा है। BSNL के अधिकारियों के अनुसार, सभी तकनीकी टेस्टिंग सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई हैं, और दिसंबर से इन महानगरों में 5G सेवा शुरू की जा सकती है। BSNL 5G Launch की इस खबर ने निश्चित रूप से निजी टेलीकॉम कंपनियों Jio और Airtel के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं।READ ALSO:-CM योगी का बड़ा ऐलान: UP के हर स्कूल में गूंजेगा 'वंदे मातरम', बोले- "कांग्रेस ने इसे सांप्रदायिक कहकर संशोधित करने का प्रयास किया" स्वदेशी तकनीक और 5G की तैयारी BSNL को पुनर्जीवित (revive) करने की सरकारी योजना के तहत, कंपनी पूरी तरह से स्वदेशी टेक्नोलॉजी के साथ आगे बढ़ रही है। डील और निवेश: BSNL ने TCS, Tejas Networks और C-DoT के साथ ₹25,000 करोड़ से अधिक की डील की, ताकि 5G service के लिए आवश्यक स्वदेशी तकनीक विकसित की जा सके। टावर इन्फ्रास्ट्रक्चर: कंपनी ने हाल ही में 95 हजार से ज्यादा मोबाइल टॉवर लगाए थे। अधिकारियों ने पहले ही संकेत दिया था कि ये टॉवर 4G के साथ-साथ 5G नेटवर्क भी प्रदान करने में सक्षम होंगे। टेस्टिंग की सफलता: BSNL ने 5G के लिए सभी डिवाइस इंस्टॉलेशन और टेक्निकल टेस्टिंग पूरी कर ली है, जो सफल रही है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि सभी सिस्टम ठीक से काम कर रहे हैं। दिल्ली और मुंबई से होगी शुरुआत प्राप्त जानकारी के अनुसार, BSNL 5G Launch की तैयारी जोर-शोर से चल रही है, जिसकी शुरुआत देश के दो प्रमुख महानगरों से होगी। लॉन्च की योजना: 5G service को दिल्ली और मुंबई महानगरों में दिसंबर 2025 से शुरू किया जा सकता है। रोलआउट: दिल्ली और मुंबई में लॉन्च के बाद, कंपनी धीरे-धीरे देश के तमाम छोटे-बड़े शहरों में अपनी 5G service का विस्तार करेगी। अगले साल मार्च तक इन टावरों की संख्या सवा लाख तक पहुंच सकती है। 9 करोड़ से ज्यादा यूजर्स के लिए गुड न्यूज़ मौजूदा समय में BSNL के यूजर्स की संख्या 9 करोड़ से ज्यादा है। BSNL 5G Launch की यह खबर उन सभी 9 करोड़ से ज्यादा यूजर्स के लिए काफी अच्छी हो सकती है। भले ही 5G सेवा की शुरुआत दिल्ली और मुंबई में हो रही हो, लेकिन यह खबर करोड़ों यूजर्स में इस बात का भरोसा जगाएगी कि आने वाले दिनों में उन्हें भी हाई स्पीड डेटा की सुविधा मिलेगी, जिसका वे लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। कड़ी टक्कर मिलने की संभावना जानकारों का मानना है कि BSNL के 5G में कदम रखने के बाद निजी टेलीकॉम कंपनियों को कड़ी टक्कर मिल सकती है। सस्ते प्लान: यह उम्मीद लगाई जा रही है कि BSNL के 5G प्लान Jio और Airtel के मुकाबले में काफी सस्ते हो सकते हैं। यूजर्स का आकर्षण: सस्ते प्लान की तलाश में रहने वाले यूजर्स Jio और Airtel को छोड़कर BSNL की ओर रुख कर सकते हैं, जिसका सीधा असर दोनों कंपनियों की कमाई और सब्सक्राइबर बेस पर देखने को मिलेगा। भविष्य की तैयारी: एक्सपर्ट्स के अनुसार, BSNL 5G को सिर्फ वर्तमान प्रतिस्पर्धा के लिए नहीं शुरू कर रहा है, बल्कि वह अगले साल होने वाले 6G नेटवर्क की तैयारी के लिए भी एक 'मेन प्लेयर' के तौर पर खुद को खड़ा कर रहा है। टेलीकॉम सेक्टर में सब्सक्राइबर वॉर BSNL की यह रणनीतिक एंट्री टेलीकॉम सेक्टर में एक नए 'सब्सक्राइबर वॉर' को जन्म दे सकती है। Jio और Airtel को अपने टैरिफ प्लान्स को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए दबाव का सामना करना पड़ेगा। आने वाले समय में BSNL का राष्ट्रव्यापी 5G रोलआउट ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
नवम्बर 10, 2025
हाल के वर्षों में कई वैज्ञानिक अध्ययनों ने इस बात का दावा किया है कि किसी व्यक्ति का ब्लड ग्रुप (Blood Group) दिल की बीमारियों के खतरे को प्रभावित कर सकता है। सामान्यतः चार मुख्य ब्लड ग्रुप होते हैं – A, B, AB और O। आपका ब्लड ग्रुप ABO जीन पर निर्भर करता है, जो हमें माता-पिता से विरासत में मिलता है। कई स्टडीज से पता चला है कि O ब्लड ग्रुप की तुलना में कुछ अन्य ब्लड ग्रुप्स में हार्ट अटैक (Heart Attack) का जोखिम अधिक होता है। किस ब्लड ग्रुप को हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा है? साल 2012, 2017 और 2020 में हुई अलग-अलग स्टडीज के आंकड़ों के अनुसार, हार्ट अटैक का खतरा नॉन-ओ ब्लड ग्रुप (Non-O Blood Groups) वाले लोगों में अधिक देखा गया है: स्टडी का वर्ष तुलनात्मक ब्लड ग्रुप हार्ट अटैक का खतरा जनवरी 2020 टाइप A और B की तुलना में टाइप O A में 8% और B में 10% ज्यादा साल 2017 O ब्लड ग्रुप के अलावा बाकी सभी 9% ज्यादा साल 2012 O ब्लड ग्रुप की तुलना में AB में 23%, B में 11% और A में 5% ज्यादा इन स्टडीज के आंकड़ों का सार यह है कि जिन लोगों का ब्लड टाइप A, B, या AB है, उनमें O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है। इनमें भी, टाइप AB और B को सबसे ज्यादा जोखिम वाला माना गया है। इन ब्लड ग्रुप्स में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा क्यों है? शोधकर्ताओं ने नॉन-ओ ब्लड ग्रुप्स (A, B, AB) में हार्ट अटैक का खतरा अधिक होने के पीछे दो प्रमुख कारण पाए हैं: खून के थक्के बनने का खतरा: नॉन-ओ ब्लड ग्रुप्स में वॉन विलेब्रैंड फैक्टर (Von Willebrand Factor) और फैक्टर VIII जैसे खून के थक्के बनने से जुड़े कारक (Clotting Factors) O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। ये थक्के धमनियों में जमा होकर उन्हें ब्लॉक कर सकते हैं, जिससे Heart Attack Risk बढ़ जाता है। सूजन (इंफ्लेमेशन): इन ब्लड ग्रुप्स में इंफ्लेमेशन मार्कर (सूजन का खतरा) भी ज्यादा होता है, जो धमनियों की दीवारों को नुकसान पहुँचा सकता है और दिल की बीमारियों को बढ़ा सकता है। सबसे बड़ा जोखिम ब्लड ग्रुप नहीं, जीवनशैली है चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, किसी व्यक्ति का ब्लड ग्रुप केवल एक आनुवंशिक जोखिम कारक (Genetic Risk Factor) है। हार्ट अटैक का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण कारण ब्लड ग्रुप नहीं, बल्कि आपकी लाइफस्टाइल और रोजमर्रा की आदतें होती हैं। नियंत्रण योग्य कारक: हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, अत्यधिक शराब का सेवन, धूम्रपान, उच्च रक्तचाप (Blood Pressure) और खराब खान-पान जैसी समस्याएं दिल की दिक्कतों (Heart Problems) की वजह बनती हैं। सलाह: ब्लड ग्रुप चाहे कोई भी हो, स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित डाइट और नियमित व्यायाम करके हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। लाइफस्टाइल पर ध्यान देना सबसे जरूरी यह जानना जरूरी है कि ब्लड ग्रुप हार्ट अटैक के कई जोखिम कारकों में से सिर्फ एक है। ब्लड ग्रुप से कहीं ज्यादा आपकी लाइफस्टाइल, खानपान और रोजमर्रा की आदतें दिल की बीमारियों (Heart Problems) की वजह बनती हैं। इसलिए, आपका ब्लड ग्रुप कोई भी हो, अपनी जीवनशैली और डाइट का खास ख्याल रखें। हाई कॉलेस्ट्रोल, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और स्मोकिंग जैसी आदतें हार्ट अटैक के सबसे बड़े रिस्क फैक्टर्स में शामिल हैं। इनसे बचकर रहना ही दिल को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा तरीका है। अस्वीकरण: इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है। यह किसी भी तरह से डॉक्टरी सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें। खबरीलाल मीडिया इस जानकारी की सटीकता का कोई दावा नहीं करता है।
अक्टूबर 23, 2025
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में मंगलवार दोपहर को एक भीषण विस्फोट हुआ है। शहर के सेक्टर G-11 स्थित न्यायिक परिसर के बाहर हुए इस इस्लामाबाद कोर्ट धमाका में कम से कम 12 लोगों की मौत होने की खबर है, जबकि 25 से अधिक लोग घायल हुए हैं। विस्फोट के बाद पूरे कोर्ट परिसर में भगदड़ मच गई और इलाके में दहशत फैल गई। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब देश की सुरक्षा व्यवस्था पर पहले से ही सवाल उठ रहे हैं। कोर्ट पार्किंग में विस्फोट: आत्मघाती हमलावर या सिलेंडर? विस्फोट की प्रकृति को लेकर शुरुआती जांच में विरोधाभास सामने आया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, धमाका न्यायिक परिसर के मुख्य गेट के पास पार्किंग एरिया में खड़ी एक कार में हुआ। आत्मघाती हमले का संदेह: डॉन और एक्सप्रेस ट्रिब्यून जैसी स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि यह एक आत्मघाती हमला हो सकता है। एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया, जिससे इतनी बड़ी क्षति हुई। गैस सिलेंडर विस्फोट की थ्योरी: हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने प्राथमिक जांच में कहा कि यह कार में लगे गैस सिलेंडर के फटने से हुआ विस्फोट प्रतीत होता है। फिलहाल, फोरेंसिक टीमें घटनास्थल से सबूत जुटा रही हैं ताकि विस्फोट के वास्तविक कारण का पता लगाया जा सके। धमाके की आवाज लगभग छह किलोमीटर दूर तक सुनी गई, जिससे राजधानी के अन्य हिस्सों में भी सुरक्षा अलर्ट बढ़ा दिया गया है। भारी भीड़ के कारण बढ़ी हताहतों की संख्या यह इस्लामाबाद कोर्ट धमाका उस समय हुआ जब न्यायिक परिसर में वकीलों, मुवक्किलों और आम नागरिकों की भारी भीड़ मौजूद थी। धमाका पार्किंग क्षेत्र में होने के बावजूद, इसके दायरे में कई लोग आ गए। बचाव कार्य: पुलिस और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुँचे और पूरे इलाके को सील कर दिया गया। घायलों को तुरंत नजदीकी पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (PIMS) अस्पताल और अन्य चिकित्सा केंद्रों में भर्ती कराया गया है। स्थिति की गंभीरता: घटनास्थल से आई तस्वीरों में सड़क पर शव और घायल लोग बिखरे दिख रहे हैं, जो इस त्रासदी की भयावहता को दर्शाते हैं। VIDEO | Islamabad, Pakistan: At least 12 killed and 20 injured in a suicide attack outside a court. Authorities have launched an investigation and Interior Minister Mohsin Naqvi visited the site of the blast and vowed justice. (Full video available on PTI Videos –… pic.twitter.com/WzxJg9SiLn — Press Trust of India (@PTI_News) November 11, 2025 सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल दिल्ली में हाल ही में हुए आतंकी धमाके (जिसकी जांच अब एनआईए को सौंप दी गई है) और पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हुए आईईडी ब्लास्ट के बाद इस्लामाबाद कोर्ट धमाका ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना बताती है कि न्यायपालिका और सरकारी प्रतिष्ठान अभी भी आतंकवादियों के निशाने पर हैं। सरकार को जल्द ही सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा करनी होगी। इस्लामाबाद कोर्ट धमाका एक बेहद दुखद घटना है जिसने पाकिस्तान की राजधानी को एक बार फिर दहशत में डाल दिया है। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। पुलिस और फोरेंसिक टीमें विस्फोट के पीछे के सही कारणों की पुष्टि करने और किसी आतंकी समूह की संलिप्तता का पता लगाने के लिए तेजी से काम कर रही हैं। यह आवश्यक है कि पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियां आतंकवाद के इस खतरे को रोकने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाएं।
नवम्बर 11, 2025
आजकल Online Shopping हर व्यक्ति के जीवन का अभिन्न अंग बन चुकी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस खाली डिब्बे को आप सामान्य कचरा समझकर बाहर फेंक देते हैं, वह आपको बड़े Cyber Fraud का शिकार बना सकता है? साइबर अपराधी अब इन डिब्बों पर मौजूद निजी जानकारी का उपयोग करके ठगी की नई वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। Packing Fraud के इस नए तरीके से बचने के लिए अब उपभोक्ताओं को पहले से कहीं अधिक सावधान रहने की जरूरत है।READ ALSO:-लाइसेंस, पंजीकरण से 'पूरी आज़ादी'! 25 Km/h से कम स्पीड वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर ट्रैफिक पुलिस नहीं काटेगी चालान; जानें केंद्र सरकार का नियम Background: डिब्बे पर मौजूद है आपकी 'पहचान' ऑनलाइन शॉपिंग से मिले डिलीवरी बॉक्स पर आपकी कई गोपनीय और निजी जानकारी मुद्रित होती है: पूरा नाम और पता: आपका पूरा नाम, मकान नंबर, सोसायटी का नाम और शहर का पता। मोबाइल नंबर: आपका प्राथमिक संपर्क नंबर। ईमेल आईडी: आपकी ईमेल आईडी, जिसका उपयोग अक्सर लॉग-इन के लिए होता है। साइबर अपराधी इन्हीं जानकारी को कूड़ेदान या रीसाइक्लिंग केंद्रों से उठाकर डेटा चोरी (Data Theft) करते हैं। वे इस डेटा का इस्तेमाल करके Cyber Awareness की कमी वाले लोगों को आसानी से निशाना बनाते हैं। यह तरीका डेटा चोरी का एक नया और अप्रत्याशित जरिया बन रहा है। Latest Update: इस तरह हो रहा है Packing Fraud राजस्थान पुलिस की साइबर अपराध शाखा (Cyber Crime Branch) सहित कई एजेंसियां लगातार चेतावनी दे रही हैं कि डिलीवरी बॉक्स डेटा चोरी का माध्यम बन रहे हैं। साइबर ठग आपके खाली डिब्बे से मिली जानकारी का उपयोग इस प्रकार करते हैं: विश्वास हासिल करना: ठग आपके नाम और मोबाइल नंबर से आपको कॉल या मैसेज करते हैं, जिससे आपको तुरंत उन पर विश्वास हो जाता है कि वे कंपनी से जुड़े हैं। लुभावने झांसे: वे आपको Online Shopping फीडबैक, मेगा डिस्काउंट, लॉटरी जीतने, या अधूरे पेंडिंग ऑर्डर को पूरा करने जैसे लुभावने ऑफर का झांसा देते हैं। फिशिंग लिंक: इस बातचीत के दौरान, वे आपके फोन पर एक दुर्भावनापूर्ण लिंक (Malware Link) भेजते हैं। यह लिंक अक्सर किसी फर्जी वेबसाइट या ऐप को डाउनलोड करने के लिए कहता है। खाता खाली: जैसे ही यूजर उस लिंक पर क्लिक करता है और अपनी बैंक या निजी जानकारी डालता है, साइबर अपराधी मैलवेयर के जरिए उनका खाता खाली कर देते हैं। Official Statements: पुलिस और विशेषज्ञों की अपील साइबर क्राइम विशेषज्ञों का साफ कहना है कि खाली डिब्बा केवल पैकेजिंग नहीं है, बल्कि आपकी पहचान का एक टुकड़ा है। सुरक्षा उपाय: साइबर अपराध शाखा ने आमजन से अपील की है कि इन डिलीवरी बॉक्स को बाहर फेंकने से पहले उन पर दर्ज निजी जानकारी को पूरी तरह नष्ट (Shred or Scratch) करना जरूरी है। तत्काल शिकायत: धोखाधड़ी का शिकार होने पर तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें और ऑनलाइन पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करवाएं। Public Reaction या सोशल मीडिया ट्रेंड सोशल मीडिया पर #CyberFraud और #khalidibba हैशटैग के साथ यह जागरूकता संदेश वायरल हो रहा है। आम लोगों के बीच यह जानकारी फैलने के बाद, कई यूजर्स ने डिलीवरी बॉक्स को फेंकने से पहले उस पर लिखे पते और नाम को फाड़ने या मिटाने की अपील की है। लोग अब इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि डिजिटल युग में सिर्फ ऑनलाइन ही नहीं, बल्कि फिजिकल कचरे से भी डेटा की सुरक्षा करना कितना महत्वपूर्ण है। Impact & Next Step: साइबर जागरूकता ही बचाव इस प्रकार के Cyber Crime से बचने का एकमात्र प्रभावी तरीका व्यक्तिगत Cyber Awareness है। उपभोक्ताओं को हर हाल में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी निजी जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध न हो। छोटी सी सावधानी आपको बड़े वित्तीय नुकसान से बचा सकती है।
आज, 11 नवंबर 2025, मंगलवार का दिन ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है और शाम तक पुष्य नक्षत्र का दुर्लभ संयोग बना है। मंगलवार और पुष्य नक्षत्र का यह मेल सभी शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इसी दिन शाम को देवगुरु बृहस्पति (Guru Vakri 2025) अपनी चाल बदलकर वक्री हो रहे हैं, जिसका सीधा असर देश-दुनिया और विशेषकर 12 राशियों के करियर और भाग्य पर पड़ेगा।READ ALSO:- पंचांग विस्तार: शुभ-अशुभ मुहूर्त और पुष्य नक्षत्र का महत्व मार्गशीर्ष महीने में आने वाले पुष्य नक्षत्र को शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसे गुरु-पुष्य योग की तरह ही शक्तिशाली माना जाता है, जो व्यापार, शिक्षा, और नए निवेश के लिए अत्यंत फलदायी है। पंचांग विवरण तिथि / समय तिथि मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष सप्तमी (रात्रि 11:08 बजे तक) नक्षत्र पुष्य (शाम 06:17 बजे तक) योग शुभ (सुबह 09:44 बजे तक) राहुकाल (अशुभ समय) दोपहर 02:46 बजे से 04:07 बजे तक अभिजित मुहूर्त (सर्वश्रेष्ठ समय) सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक चंद्रमा कर्क राशि में विशेष संयोग मासिक कृष्ण जन्माष्टमी आज मनाई जा रही है। ज्योतिषीय अपडेट: बृहस्पति वक्री (Guru Vakri 2025) का प्रभाव आज रात 10 बजकर 11 मिनट पर देवगुरु बृहस्पति कर्क राशि में वक्री होंगे। गुरु को धन, ज्ञान और भाग्य का कारक माना जाता है। गुरु के इस परिवर्तन से बाजार, शेयर मार्केट और शिक्षा के क्षेत्र में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। इन राशियों को विशेष लाभ: गुरु की इस उल्टी चाल से वृषभ, कन्या और मकर राशि वालों को अप्रत्याशित धन लाभ हो सकता है। नौकरी और व्यापार में अटके हुए काम पूरे होंगे। उपाय: गुरु दोष को शांत करने के लिए आज पीले वस्त्र धारण करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। आज का राशिफल: इन राशियों को मिलेगी सफलता मेष राशि (Aries): आज का दिन ऊर्जा से भरा रहेगा। मंगलवार का दिन आपके लिए विशेष फलदायी है। कार्यक्षेत्र में आ रही बाधाएं दूर होंगी और अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। हनुमान जी की उपासना करें, लाभ होगा। जल्दबाजी में कोई भी वित्तीय निर्णय न लें। वृषभ राशि (Taurus): आज आपको अपनी वाणी पर संयम रखने की आवश्यकता है। परिवार में किसी बात को लेकर मतभेद हो सकता है। आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। शाम के समय जीवनसाथी के साथ समय बिताना अच्छा रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। मिथुन राशि (Gemini): आज का दिन व्यापार और नौकरीपेशा लोगों के लिए उत्तम है। आपको अपनी मेहनत का फल मिलेगा और कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है। छोटी यात्रा के योग बन रहे हैं। सामाजिक मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कर्क राशि (Cancer): आज आप थोड़ा भावुक महसूस कर सकते हैं। मन को शांत रखें और किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले बड़ों की सलाह अवश्य लें। संपत्ति से जुड़े मामलों में सफलता मिल सकती है। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। सिंह राशि (Leo): आज आपका आत्मविश्वास चरम पर रहेगा। राजनीतिक या सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को बड़ी सफलता मिल सकती है। विद्यार्थी वर्ग के लिए दिन अच्छा है। हालांकि, अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना आवश्यक है, अन्यथा बने-बनाए काम बिगड़ सकते हैं। कन्या राशि (Virgo): आज आपको बहुत ही सोच-समझकर कदम उठाने की जरूरत है। कार्यक्षेत्र में गुप्त शत्रु परेशान करने की कोशिश कर सकते हैं। वित्तीय मामलों में किसी पर भी आंख मूंदकर भरोसा न करें। धैर्य से काम लें, शाम तक स्थिति बेहतर होगी। तुला राशि (Libra): आज का दिन आपके लिए मिलाजुला रहेगा। दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी। साझेदारी के व्यापार में लाभ के योग हैं। सामाजिक रूप से आप काफी सक्रिय रहेंगे। खर्चों पर थोड़ा नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। वृश्चिक राशि (Scorpio): आज आपको अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना होगा। मंगलवार का दिन है, इसलिए खान-पान में लापरवाही न बरतें। कार्यक्षेत्र में मेहनत अधिक करनी पड़ेगी, लेकिन इसका परिणाम सुखद होगा। कर्ज लेने या देने से आज बचें। धनु राशि (Sagittarius): आज का दिन विद्यार्थियों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए बहुत शुभ है। संतान पक्ष से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। आपकी सकारात्मक सोच आपको आगे बढ़ाएगी। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। मकर राशि (Capricorn): आज का दिन करियर पर फोकस करने का है। आपकी मेहनत और लगन को नोटिस किया जाएगा। पारिवारिक जिम्मेदारियां बढ़ सकती हैं, लेकिन आप उन्हें बखूबी निभाएंगे। वाहन या भूमि खरीदने की योजना बना रहे हैं तो दिन अच्छा है। कुंभ राशि (Aquarius): आज शतभिषा नक्षत्र और चंद्रमा आपकी ही राशि में हैं। इससे आपकी निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होगी। सामाजिक दायरे में वृद्धि होगी और नए अवसर प्राप्त होंगे। आय के स्रोतों में वृद्धि के योग हैं। भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा। मीन राशि (Pisces): आज का दिन आर्थिक मामलों में सावधानी बरतने का है। किसी भी तरह के लेन-देन या निवेश में जल्दबाजी न करें। काम का दबाव महसूस हो सकता है। अध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ेगा, जिससे मानसिक शांति मिलेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। डिस्क्लेमर: यहाँ दी गई जानकारी ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। व्यक्तिगत जीवन पर इसके प्रभाव हेतु विशेषज्ञ से परामर्श लें।
आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 (ICC Women's World Cup 2025) का सबसे बड़ा मुकाबला आज (रविवार, 2 नवंबर 2025) नवी मुंबई के डॉ. डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स अकादमी स्टेडियम में खेला जाएगा। इस ऐतिहासिक फाइनल में मेज़बान भारत महिला (India Women) टीम का सामना दक्षिण अफ्रीका महिला (South Africa Women) टीम से होगा। यह मुकाबला भारतीय समयानुसार दोपहर 3:00 बजे शुरू होगा। इस मैच की सबसे खास बात यह है कि इन दोनों टीमों में से किसी ने भी आज तक महिला वनडे विश्व कप का खिताब नहीं जीता है, इसलिए दुनिया को एक नया चैंपियन मिलना तय है सेमीफाइनल में रिकॉर्ड तोड़ जीत भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों ही टीमों का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा, लेकिन उन्होंने सेमीफाइनल में अपनी सर्वश्रेष्ठ परफॉर्मेंस दी। Read Also : Samsung ला रहा है दुनिया का सबसे पतला फोन: Galaxy S25 Edge भी पीछे छूटा, सिर्फ 5.56mm 'More Slim' डिज़ाइन, जानें लॉन्च से पहले के बड़े लीक भारत की शानदार वापसी: टीम इंडिया ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया जैसी अजेय टीम को एक रिकॉर्ड तोड़ चेज़ में 5 विकेट से हराया। जेमिमा रोड्रिग्स (Jemimah Rodrigues) ने नाबाद 127 रन बनाए, जबकि कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) ने 89 रनों का अहम योगदान दिया। SA W का प्रदर्शन: दक्षिण अफ्रीका की टीम ने पहले सेमीफाइनल में इंग्लैंड को 125 रनों के विशाल अंतर से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। यह दक्षिण अफ्रीका का पहला वनडे विश्व कप फाइनल है, जबकि भारत तीसरी बार (2005 और 2017 के बाद) खिताबी मुकाबले में उतरा है। Navi Mumbai Weather और रिज़र्व डे का नियम मैच का रोमांच चरम पर है, लेकिन नवी मुंबई (Navi Mumbai Weather) का मौसम फैंस की चिंता बढ़ा रहा है। बारिश का खतरा: मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, आज मैच के दिन और शाम को बारिश (Rain Today) के पूरी तरह आसार बताए जा रहे हैं। दोपहर में 32°C तक तापमान रहेगा, लेकिन आर्द्रता (Humidity) उच्च बनी रहेगी। रिज़र्व डे नियम: ICC ने इस मैच के लिए सोमवार, 3 नवंबर को एक रिज़र्व डे (Reserve Day) रखा है। ट्रॉफी साझा: यदि रिज़र्व डे पर भी मैच पूरा नहीं हो पाता है (यानी दोनों दिन मिलाकर 20 ओवर का मैच भी नहीं हो पाता है), तो ट्रॉफी दोनों टीमों के बीच साझा की जाएगी। यह नियम भारत के लिए एक बड़ा खतरा है। टीम स्क्वॉड और प्लेइंग XI पर नजर: भारत महिला टीम (India Women) दक्षिण अफ्रीका महिला टीम (SA Women) हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मंधाना लॉरा वॉल्वार्ड्ट (कप्तान), तजमिन ब्रिट्स जेमिमा रोड्रिग्स, दीप्ति शर्मा मैरिज़ेन कप्प (Marizanne Kapp), सुने लुस (Sune Luus) शेफाली वर्मा, रिचा घोष (Wk) क्लो ट्रायॉन, एनेके बॉश (Anneke Bosch) रेणुका सिंह ठाकुर, राधा यादव अयाबोंगा खाका, नॉनकुलुलेको म्लाबा (संभावित XI में राधा यादव को बनाए रखा जाएगा) (तजमिन ब्रिट्स कंधे की चोट से उबरकर खेलेंगी) इतिहास रचने का मौका टीम इंडिया का पलड़ा घरेलू मैदान और सेमीफाइनल की शानदार जीत के कारण थोड़ा भारी है। स्मृति मंधाना (Smriti Mandhana) के पास विश्व कप में 1000 रन पूरे करने का मौका है। भारत को अपनी गेंदबाजी और शीर्ष क्रम की बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करना होगा ताकि पहली बार विश्व कप ट्रॉफी जीती जा सके।
भारतीय कार बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाली सब-कॉम्पैक्ट SUV में से एक, हुंडई वेन्यू (Hyundai Venue) आज बिल्कुल नए अवतार में लॉन्च हो गई है। हुंडई ने नई जनरेशन 2025 वेन्यू को आधिकारिक तौर पर पेश कर दिया है। इसे अंदर और बाहर से पूरी तरह अपडेट किया गया है, और यह कार सेफ्टी व फीचर्स के लिहाज से कई बड़े अपग्रेड्स के साथ आई है। इसकी शुरुआती कीमत ₹7.90 लाख (एक्स-शोरूम) रखी गई है, जो 31 दिसंबर तक ही मान्य रहेगी।READ ALSO:-वंदे भारत स्लीपर का इंतज़ार खत्म! दिसंबर में दौड़ेगी देश की सबसे हाई-स्पीड स्लीपर ट्रेन, यात्रियों की सुविधा पर कोई समझौता नहीं सब-कॉम्पैक्ट SUV सेगमेंट में बढ़ी टक्कर सब-कॉम्पैक्ट SUV सेगमेंट भारत के ऑटो मार्केट का सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला और मुकाबले वाला सेगमेंट है। नई जनरेशन Venue की लॉन्चिंग से इस सेगमेंट की ग्रोथ और तेज होगी। बाजार में पकड़: यह लॉन्चिंग साउथ कोरियन कंपनी हुंडई (Hyundai) की मार्केट शेयर को काफी बढ़ाने की उम्मीद है। कॉम्पटीटर्स: नई Venue सीधे अपने सबसे बड़े कॉम्पटीटर्स जैसे टाटा नेक्सॉन (Tata Nexon) और मारुति सुजुकी ब्रेजा (Maruti Suzuki Brezza) जैसी कारों को कड़ी टक्कर देगी। Venue N-Line: नई वेन्यू के साथ इसका स्पोर्टी और परफॉर्मेंस वाला वर्जन हुंडई वेन्यू N-Line भी लॉन्च किया गया है, जिसे खास तौर पर नए जमाने के शहरों के ग्राहकों के लिए डिज़ाइन किया गया है। ADAS Level 2 और नया प्लेटफॉर्म नई Hyundai Venue को फीचर्स के लिहाज से बड़ा अपडेट मिला है, जो इस सेगमेंट में इसे प्रतिस्पर्धा में आगे रखता है। ADAS अपग्रेड: नई वेन्यू में अब Level 2 ADAS (एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम) फीचर दिया गया है, जो पुराने मॉडल के Level 1 ADAS की जगह लेता है। ADAS फीचर्स की संख्या: नई Venue में 16 ADAS फीचर्स हैं, जबकि Venue N Line में 21 ADAS फीचर्स मिलते हैं, जो सुरक्षा के मामले में इसे प्रीमियम बनाते हैं। ग्लोबल प्लेटफॉर्म: नई वेन्यू को कंपनी के ग्लोबल K1 प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है। कंपनी का कहना है कि इस प्लेटफॉर्म में बहुत मजबूत बॉडी स्ट्रक्चर और हाई-क्वालिटी स्टील का इस्तेमाल किया गया है, जिससे कार की सुरक्षा बढ़ी है। डिजाइन भी अपडेट: Creta और Alcazar का लुक नई 2025 Hyundai Venue और Venue N Line दोनों का लुक अब पूरी तरह बदल गया है। आधुनिक स्टाइल: इनका डिजाइन अब हुंडई की आधुनिक स्टाइलिंग फिलॉसफी के अनुरूप क्रेटा (Creta) और अल्काजार (Alcazar) की तरह अधिक आधुनिक है। नए एलिमेंट्स: नई Venue में नए LED लाइट्स, बदले हुए बंपर, स्किड प्लेट, बड़े अलॉय व्हील्स, स्लीक बॉडी लाइन्स और ब्रिज टाइप रूफ रेल्स दिए गए हैं। नया HX वेरिएंट: नई पीढ़ी की वेन्यू को भारत के नए जमाने के ग्राहकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें अब एक नया HX वेरिएंट जोड़ा गया है। “HX” (Hyundai Experience) नाम तकनीक, नएपन और प्रीमियम लाइफस्टाइल का प्रतीक है। वेरिएंट्स और फीचर्स की भरमार नई वेन्यू कई वेरिएंट्स और प्रीमियम फीचर्स में उपलब्ध होगी। वेरिएंट्स (पेट्रोल): HX2, HX4, HX5, HX6, HX6T, HX8 और HX10. वेरिएंट्स (डीजल): HX2, HX5, HX7 और HX10. Venue N Line: N6 और N10 वेरिएंट में (मैनुअल और ऑटोमैटिक दोनों)। प्रीमियम फीचर्स: दो बड़े 12.3-इंच के स्क्रीन (टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट और डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले), BlueLink कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी के 70 फीचर्स, 8-स्पीकर बोस (Bose) म्यूजिक सिस्टम, वायरलेस Apple CarPlay और Android Auto, वेंटिलेटेड फ्रंट सीट्स और इलेक्ट्रिक सनरूफ। बुकिंग शुरू नई वेन्यू की बुकिंग पूरे भारत में शुरू हो चुकी है। ग्राहक इसे किसी भी Hyundai शोरूम पर जाकर या ऑनलाइन ₹25,000 की टोकन राशि देकर बुक कर सकते हैं। N Line की बुकिंग भी ₹25,000 में हो रही है।
उत्तराखंड के पंच केदारों में प्रमुख और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट शीतकाल के लिए आज (गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025) सुबह पूरे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं। भारी बर्फबारी और अत्यधिक ठंड के कारण हर साल दिवाली के बाद यह कपाट बंद होते हैं। इस बार कपाट बंद होने की तिथि भाई दूज के पावन पर्व पर पड़ी। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु, मंदिर समिति के सदस्य और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) भी मौजूद रहे। पूरी केदार घाटी भक्तिमय 'हर-हर महादेव' की गूंज से गुंजायमान हो उठी।READ ALSO:-मेरठ के गोदाम में भीषण आग, चिप्स-कुरकुरे जलकर राख; फायर ब्रिगेड ने 2 घंटे में पाया काबू भैया दूज पर कपाट बंद करने की परंपरा केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि हर साल दशहरे के दिन पंचांग गणना के बाद तय की जाती है। कपाट बंद होने का समय: आज, 23 अक्टूबर 2025 को सुबह 8:30 बजे ब्रह्म मुहूर्त में पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। विशेष पूजा: कपाट बंद करने से पहले, परंपरा के अनुसार भगवान शिव की विशेष समाधि पूजा की गई। पंचमुखी भोगमूर्ति को भंडार घर में रखा गया और मुख्य पुजारी द्वारा कपाटों को अंतिम रूप से बंद कर दिया गया। बाबा केदार की डोली हुई रवाना कपाट बंद होने की प्रक्रिया के बाद, भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह डोली को उनके शीतकालीन प्रवास (Winter Seat) के लिए रवाना कर दिया गया: प्रस्थान: बाबा केदार की डोली ने केदारनाथ धाम से अपने शीतकालीन प्रवास के लिए प्रस्थान किया। पहला विश्राम: डोली आज रात (23 अक्टूबर) रामपुर में रात्रि विश्राम करेगी। शीतकालीन गद्दी: 25 अक्टूबर को बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह डोली रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर पहुँचेगी, जहाँ अगले छह महीने तक भक्त बाबा केदार के दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकेंगे। यात्री संख्या: इस वर्ष केदारनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक रही, जिसने मानसून की चुनौतियों के बावजूद आस्था के मजबूत होने को दर्शाया। सीएम धामी भी रहे मौजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर उपस्थित रहकर पूरे विधि-विधान का अवलोकन किया और कहा कि इस वर्ष की चारधाम यात्रा बहुत सफल रही है। उन्होंने सभी तीर्थयात्रियों का आभार व्यक्त किया। चारधाम यात्रा का समापन केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही उत्तराखंड की चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) का भी अंतिम चरण शुरू हो गया है। यमुनोत्री धाम के कपाट भी आज (भैया दूज पर) बंद होंगे, जबकि बद्रीनाथ धाम के कपाट सबसे अंत में (25 नवंबर को) शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे।
दिल्ली में लाल किले के पास कार में हुए जोरदार धमाके ने राजधानी को हाई अलर्ट पर ला दिया है। सोमवार शाम 6.52 बजे फोर्ट मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास चलती कार में हुए विस्फोट में 11 लोगों की मौत हो गई है और 24 लोग घायल हुए हैं। इस भयावह घटना ने चश्मदीदों को झकझोर कर रख दिया है। एक चश्मदीद ने बताया कि "धमाका सुन तीन बार गिरा, लगा सब मर जाएंगे।" वहीं, एक अन्य ने कहा कि "सड़क पर कटा हाथ पड़ा था, कई मीटर दूर से आग की लपटें दिखीं।"READ ALSO:-20 साल बाद दिल्ली फिर लहूलुहान! लाल किला मेट्रो स्टेशन पर भीषण कार ब्लास्ट में 11 की मौत, 24 घायल, 2005 के सीरियल धमाकों के जख्म हरे हरियाणा नंबर की कार, Nadim Khan की तलाश दिल्ली पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा ने बताया कि आग इतनी तेजी से फैली कि आसपास खड़ी 3 और गाड़ियां जल गईं। पुलिस जांच में धमाका करने वाली कार का नंबर सामने आया है। कार का विवरण: जिस कार में ब्लास्ट हुआ, वह हरियाणा नंबर (HR 26 7674) की है। मालिक की पहचान: यह गाड़ी गुरुग्राम RTO में नदीम खान के नाम पर रजिस्टर्ड है। आगे की जांच: गुरुग्राम पुलिस सूत्रों के मुताबिक, डेढ़ साल पहले नदीम खान ने यह कार दिल्ली के ओखला के रहने वाले मोहम्मद सलमान नाम के युवक को बेच दी थी। दिल्ली स्पेशल सेल और फोरेंसिक एक्सपर्ट इस कार के टूटे पुर्जों से गाड़ी के असली मालिक और इस्तेमाल करने वाले का पता लगाने में जुटे हैं। चश्मदीदों के बयान और मंजर घटना के वक्त वहां काफी भीड़ थी, आसपास दुकानें थीं। चश्मदीदों के बयान से धमाके की तीव्रता का पता चलता है: डर और दहशत: एक दुकानदार ने कहा कि "ऐसा धमाका जिंदगी में नहीं देखा।" एक ऑटो चालक जो ब्लास्ट वाली कार के ठीक पीछे था, वह घायल हो गया और उसने बताया कि डर के मारे वह धमाका सुन तीन बार गिरा। दृश्य की भयावहता: एक अन्य चश्मदीद ने कहा, "धमाका इतना भीषण था कि सड़क पर कटा हाथ पड़ा था।" एक बुजुर्ग शख्स ने बताया कि उन्हें कई मीटर दूर से आग की लपटें दिखीं। उच्च-तीव्रता का ब्लास्ट: दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह एक सामान्य नहीं बल्कि एक बड़ा बम ब्लास्ट है, जिसका असर 200 मीटर तक था। DGP हरियाणा का हाई अलर्ट धमाके की वजह साफ नहीं है, लेकिन इसके बाद दिल्ली समेत मुंबई, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह ने X पर पोस्ट कर स्थिति स्पष्ट की: सुरक्षा निर्देश: डीजीपी ने कहा, "दिल्ली की घटना को लेकर हरियाणा हाई अलर्ट पर है। इंटर-स्टेट बॉर्डर पर वाहनों की चेकिंग की जा रही है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट, पार्किंग एरिया, होटल और धर्मशाला की भी चेकिंग की जा रही है।" एनसीआर में सख्ती: गुरुग्राम, सोनीपत, और झज्जर जैसे NCR जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। पुलिस कर्मचारियों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई हैं। चेकिंग अभियान: रेवाड़ी में 56 स्थानों पर नाके लगाए गए हैं। अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन को हाई अलर्ट पर रखा गया है। बहादुरगढ़ में टिकरी बॉर्डर पर हर गाड़ी की चेकिंग की जा रही है। Public Reaction & Political Sympathy लोकसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। यह घटना एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्थानों पर चेकिंग की आवश्यकता को उजागर करती है। जांच और अपराधियों की तलाश पुलिस अब तेजी से HR 26 7674 नंबर की कार के असली मालिक और अंतिम उपयोगकर्ता का पता लगाने में जुटी है, क्योंकि यह जानकारी ही जांच को आगे बढ़ाएगी। दिल्ली ब्लास्ट में इतनी बड़ी संख्या में हताहत होना और कार का इस्तेमाल होना एक गहरी साजिश की ओर इशारा करता है।
दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र (89) के निधन की अफवाहों ने सोमवार से ही बॉलीवुड गलियारों और सोशल मीडिया पर हलचल मचा रखी है। इन अफवाहों ने तब और ज़ोर पकड़ लिया जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके निधन पर शोक जता दिया। हालाँकि, इन खबरों के बीच उनकी बेटी और अभिनेत्री ईशा देओल ने सोशल मीडिया पर एक आधिकारिक बयान जारी कर सभी अफवाहों को खारिज कर दिया है। उन्होंने पुष्टि की है कि धर्मेंद्र की हालत स्थिर है और वह तेजी से रिकवर कर रहे हैं। सोमवार को ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती धर्मेंद्र को सोमवार (10 नवंबर 2025) को सांस लेने में तकलीफ होने के चलते मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। गंभीर स्थिति: रिपोर्ट्स के अनुसार, हालत स्थिर न होने के चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था और अगले 72 घंटे उनके लिए क्रिटिकल बताए गए थे। पारिवारिक एकजुटता: परिवार के करीबी सूत्रों के अनुसार, उनकी बेटियों को पहले ही विदेश से मुंबई बुलाया गया था। बेटे बॉबी देओल 'अल्फा' की शूटिंग छोड़कर मुंबई लौटे और पिता से मिलने पहुंचे थे। सनी देओल भी अस्पताल के बाहर बेहद भावुक नजर आए थे। सेलेब्स का समर्थन: शाहरुख खान, सलमान खान समेत कई बॉलीवुड सेलेब्स सोमवार देर रात अस्पताल पहुंचे थे। ईशा देओल का आधिकारिक बयान धर्मेंद्र के निधन की झूठी खबरें फैलने के बाद, बेटी ईशा देओल ने तुरंत सोशल मीडिया पर आकर स्थिति स्पष्ट की। ईशा का बयान (Quote Image): उन्होंने लिखा, "मीडिया पूरी तरह गलत खबरें फैला रहा है। पापा की हालत स्थिर है और वे रिकवर कर रहे हैं। हम सभी से निवेदन करते हैं कि हमारे परिवार की प्राइवेसी का सम्मान करें। पापा की जल्दी सेहतमंदी के लिए दुआ करने के लिए धन्यवाद।" रिकवरी की पुष्टि: ईशा देओल ने साफ तौर पर बताया कि धर्मेंद्र तेजी से ठीक हो रहे हैं और उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। पहले भी हुए थे भर्ती धर्मेंद्र की सेहत पिछले कुछ समय से नाजुक बनी हुई है। हालिया भर्ती: 10 नवंबर से पहले, उन्हें 31 अक्टूबर 2025 को भी सांस लेने में तकलीफ होने के चलते ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल के ICU में भर्ती करवाया गया था, जिसके बाद जल्द ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था। सर्जरी: इसी साल की शुरुआत में उनकी बाईं आंख की कॉर्निया डैमेज होने के चलते कॉर्निया ट्रांसप्लांट सर्जरी (केराटोप्लास्टी) भी हुई थी। पुरानी शिकायतें: 2015 से 2020 के बीच उन्हें कई बार पीठ दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव और कमजोरी की शिकायत हुई थी। रक्षा मंत्री ने वापस लिया शोक संदेश रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जैसे ही सोशल मीडिया पर शोक संदेश पोस्ट किया, तो अफवाहों को और बल मिला। हालांकि, ईशा देओल के बयान के तुरंत बाद, रक्षा मंत्री ने अपना पोस्ट हटा लिया और धर्मेंद्र के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। 'इक्कीस' होगी आखिरी फिल्म धर्मेंद्र जल्द ही फिल्म 'इक्कीस' (Ikkiis) में नजर आएंगे। अंतिम भूमिका: यह फिल्म भारत-पाकिस्तान युद्ध के यंग सोल्जर अरुण खेत्रपाल की कहानी है। फिल्म में धर्मेंद्र उनके पिता एम.एल. खेत्रपाल के रोल में हैं, जबकि अमिताभ बच्चन के नातिन अगस्तया नंदा ने मुख्य भूमिका निभाई है। फैंस की दुआ: फैंस अब ईशा देओल की बात पर भरोसा जताते हुए उनके जल्दी स्वस्थ होने की दुआ कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) में दिवाली के पावन अवसर पर एक अत्यंत हृदय विदारक घटना सामने आई है। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर (Mahakal Mandir) में भस्म आरती में शामिल होने पहुंचे भोलेनाथ के एक अनन्य भक्त सौरभ राज सोनी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। सौरभ राज नियमित रूप से हर सोमवार बाबा महाकाल की आरती में शामिल होने आते थे, लेकिन इस बार नियति ने उन्हें आरती से ठीक पहले अपने पास बुला लिया। उनकी मौत से पहले WhatsApp पर लिखा गया उनका मार्मिक स्टेटस अब वायरल हो रहा है। नियमित भक्त और मार्मिक स्टेटस 47 वर्षीय सौरभ राज सोनी उज्जैन की पार्श्वनाथ सिटी के निवासी थे और फ्रीगंज क्षेत्र में 'विनायक कैफे' नाम से एक चाय की दुकान चलाते थे। वह बाबा महाकाल के सच्चे भक्त थे और प्रत्येक सोमवार को भस्म आरती में नियमित रूप से उपस्थित होते थे। घटना: सोमवार तड़के, दिवाली की रात को, महाकाल मंदिर परिसर में गेट नंबर एक के पास सौरभ राज अचानक अचेत होकर गिर पड़े। तत्काल मदद: आसपास मौजूद श्रद्धालुओं और मंदिर कर्मियों ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया। निधन: डॉक्टरों ने जाँच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, उनकी मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। WhatsApp पर आखिरी संदेश हुआ वायरल सौरभ राज के मित्र धर्मेंद्र पंड्या ने एक अत्यंत मार्मिक जानकारी देते हुए बताया कि सौरभ ने अपनी मौत से कुछ ही घंटे पहले अपने WhatsApp स्टेटस पर एक संदेश लिखा था, जो उनकी बाबा महाकाल के प्रति गहरी भक्ति को दर्शाता है। अंतिम स्टेटस: सौरभ ने लिखा था: "मिट्टी का शरीर है, सांसें सारी उधार हैं, दिल तो महाकाल का है, हम तो किरायेदार हैं।" भक्ति का प्रमाण: इस स्टेटस को देखकर उनके मित्र और अन्य श्रद्धालु भावुक हो गए। सौरभ को महाकाल के दरबार में नियमित रूप से दर्शन करने आने वाला 'सच्चा शिव भक्त' बताया गया। पारिवारिक स्थिति: सौरभ के परिवार में उनकी पत्नी, एक 17 साल की बेटी और एक 7 साल का छोटा बेटा है। वह परिवार के इकलौते कमाने वाले थे। मंदिर परिसर में शोक की लहर इस दुखद घटना से महाकाल के भक्तों और सौरभ के परिचितों में शोक की लहर दौड़ गई है। मंदिर प्रशासन: मंदिर परिसर में हुई इस घटना पर मंदिर प्रबंधन ने भी दुःख व्यक्त किया है। अन्य आस्था: सौरभ बाबा महाकाल के अलावा खाटू श्याम जी और सांवरिया सेठ के भी अनन्य भक्त थे और अक्सर अपने दोस्तों के साथ इन मंदिरों में दर्शन के लिए जाते थे। हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाएं दिवाली जैसे खुशी के मौके पर हार्ट अटैक से हुई इस मौत ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच चिंता बढ़ा दी है। यह घटना दर्शाती है कि कम उम्र में भी तनाव और जीवनशैली के कारण हार्ट अटैक की घटनाएं कितनी सामान्य होती जा रही हैं। सौरभ राज का भक्तिमय अंतिम संदेश अब सोशल मीडिया पर उनकी अटूट आस्था की कहानी बनकर वायरल हो रहा है।
पानीपत: हरियाणा की औद्योगिक नगरी पानीपत से रिश्तों और इंसानियत को तार-तार कर देने वाला एक ऐसा घिनौना मामला सामने आया है, जिसने हर सुनने वाले की रूह कंपा दी है। यहां एक महिला यूट्यूबर ने, जो अपनी पहचान बनाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करती थी, उसी की आड़ में एक खौफनाक साजिश रची और अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर एक निर्दोष महिला को अपनी हवस का शिकार बनाया। पुलिस ने इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता यूट्यूबर समेत सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।READ ALSO:-बिजनौर शर्मसार! घर के बाहर खेल रही 6 साल की 'गुड़िया' को उठा ले गया पड़ोस का नाबालिग 'राक्षस', सवाल- किस ओर जा रहा हमारा समाज? जंगल का सन्नाटा और दरिंदों की साजिश यह खौफनाक वारदात पानीपत रिफाइनरी के पास स्थित एक सुनसान जंगली इलाके में हुई। एक स्थानीय महिला, जो अपना घर चलाने के लिए जंगल से लकड़ियां बीनने का काम करती है, रोज की तरह ही अपना काम करने पहुंची थी। उसे इस बात का जरा भी अंदेशा नहीं था कि आज जंगल का यह सन्नाटा उसके लिए एक भयावह चीख में बदलने वाला है। तभी, एक कार उसके पास आकर रुकी। कार से एक महिला यूट्यूबर और उसके तीन साथी उतरे। पीड़िता के अनुसार, पहले तो यूट्यूबर ने उसे पैसों का लालच देकर अपने दोस्तों के साथ गलत काम करने के लिए उकसाया। जब पीड़िता ने स्वाभिमान दिखाते हुए सख्ती से इनकार कर दिया, तो आरोपियों का असली शैतानी चेहरा सामने आ गया। अगुवाई करती यूट्यूबर, पहरेदारी में हुई दरिंदगी पीड़िता के इनकार करते ही चारों आरोपियों ने उसे जबरन पकड़कर कार में खींच लिया और पीटना शुरू कर दिया। वे उसे घसीटते हुए जंगल के और भी घने हिस्से में ले गए। इसके बाद तीनों पुरुष आरोपियों ने महिला के साथ बारी-बारी से अपनी हवस मिटाई। इस पूरी दरिंदगी के दौरान, महिला यूट्यूबर किसी अपराधी सरगना की तरह हाथ में डंडा लेकर कुछ दूरी पर पहरा देती रही, ताकि कोई उन्हें देख न सके और उनके काले कारनामे में खलल न पड़े। ब्लैकमेलिंग का खेल और कुदरत का इंसाफ हैवानियत की हदें पार करने के बाद भी जब उनका मन नहीं भरा, तो उन्होंने इस पूरी घटना का एक वीडियो बना लिया। उन्होंने पीड़िता को धमकाते हुए कहा कि अगर उसने मुंह खोला तो यह वीडियो सोशल मीडिया पर डालकर उसकी इज्जत नीलाम कर देंगे और उसे जान से भी हाथ धोना पड़ेगा। लेकिन शायद कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। ठीक उसी समय, कुछ अन्य महिलाएं लकड़ियां बीनते हुए उसी ओर आ पहुंचीं। उन्हें अपनी तरफ आता देख चारों आरोपियों के हाथ-पैर फूल गए और वे पीड़िता को बदहवास हालत में छोड़कर अपनी कार से फरार हो गए। पुलिस का एक्शन और अंजाम उन महिलाओं ने पीड़िता को संभाला और हिम्मत बंधाई। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा। सदर थाना पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत अपहरण, गैंगरेप, मारपीट और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया। डीएसपी सतीश वत्स के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई, जिसने कुछ ही घंटों के भीतर सिठाना गांव के पास से चारों आरोपियों—महिला यूट्यूबर, अमनदीप, अश्वनी और मोनू—को धर दबोचा। उनके पास से वारदात में इस्तेमाल हुई कार और मोबाइल फोन भी बरामद कर लिए गए हैं, जिसमें पीड़िता का वीडियो होने की आशंका है। अदालत ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
दिवाली के मौके पर सोशल मीडिया पर एक पालतू कुत्ते का बेहद मज़ेदार और चौंकाने वाला वीडियो वायरल हो गया है। इस क्लिप में यह कुत्ता अपने मुंह में जलती हुई फुलझड़ी दबाकर पूरे घर में दौड़ता नजर आ रहा है, जिसकी उम्मीद किसी ने नहीं की थी। उसकी इस हरकत ने घर के भीतर थोड़ी देर के लिए अफरा-तफरी मचा दी। इंटरनेट पर इस डॉगी को लोग प्यार से 'डोगेश भाई' कहकर बुला रहे हैं, और वह इस वक्त सोशल मीडिया का नया सेलिब्रिटी बन चुका है।Read also:-Viral Video: चॉकलेट बम पर पेट्रोल डालकर किया खतरनाक विस्फोट, Diwali पर सोशल मीडिया पर जानलेवा स्टंट से मची सनसनी Diwali is incomplete without this iconic video. pic.twitter.com/hrvlxGMTrZ — Desi king (@DesiKing_) October 18, 2025 हर साल दिवाली पर होती है शरारत हर साल दिवाली के उत्सव के दौरान कई मजेदार वीडियो सामने आते हैं, लेकिन इस बार का यह वीडियो सबसे खास है। यह क्लिप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर 'देसी किंग' नाम के एक यूज़र ने शेयर की है। अभूतपूर्व शरारत: आमतौर पर लोग अपने पालतू जानवरों को पटाखों और तेज़ आवाज़ से दूर रखते हैं, लेकिन इस डॉगी ने खुद ही जलती हुई फुलझड़ी उठा ली और घर में दौड़ना शुरू कर दिया। इंटरनेट स्टार: कुत्ते की मासूमियत और उसकी एनर्जी ने इसे इंटरनेट पर रातोंरात स्टार बना दिया है। 'डोगेश भाई' नाम से यह सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। घर में 'तबाही' और कंट्रोल रूम का हाल वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि कुत्ते के मुंह में फुलझड़ी जल रही है और उससे चिंगारियां निकल रही हैं। डोगेश भाई का जोश: कुत्ता फुलझड़ी लेकर कभी सोफे के पास भागता है, तो कभी कमरे के कोनों में। उसके पीछे-पीछे घर का एक सदस्य उसे पकड़ने की कोशिश कर रहा है, लेकिन डोगेश भाई के जोश के आगे किसी की नहीं चल रही है। अफरा-तफरी: फुलझड़ी से निकलती चिंगारियां और कुत्ते की तेज रफ्तार देखकर घर में कुछ पल के लिए अफरा-तफरी मच जाती है, क्योंकि किसी भी सामान के जल जाने का खतरा था। दर्शकों की प्रतिक्रिया: कुत्ते की यह मासूम शरारत कुछ लोगों को डरावनी लगी, लेकिन ज़्यादातर लोग उसकी एनर्जी और इस अनोखे दिवाली सेलिब्रेशन को देखकर अपनी हंसी नहीं रोक पाए। इंसानों से ज्यादा डोगेश भाई ने बटोरी सुर्खियां यह वीडियो कुछ ही घंटों में हजारों बार रीपोस्ट और शेयर किया जा चुका है। सोशल मीडिया पर लोग जमकर कमेंट्स कर रहे हैं: इंटरनेट का मत: कई लोगों ने इसे 'साल का सबसे एंटरटेनिंग दिवाली वीडियो' बताया है। कमेंट्स: यूजर्स ने लिखा कि, "इस बार इंसानों से ज्यादा डोगेश भाई ने शो चुरा लिया है।" कुछ ने लिखा कि "इस कुत्ते ने अकेले ही पूरी दिवाली का ठेका ले रखा है।" सावधानी भी जरूरी कुल मिलाकर, डोगेश भाई ने अपनी शरारत से इंटरनेट को तो एंटरटेन कर दिया, लेकिन यह वीडियो पटाखों के पास जानवरों की सुरक्षा को लेकर एक चेतावनी भी देता है। पालतू जानवरों को हमेशा पटाखों और चिंगारियों से दूर रखना चाहिए ताकि किसी बड़ी दुर्घटना से बचा जा सके। फिलहाल, डोगेश भाई अपनी इस 'खतरनाक' प्रसिद्धि का आनंद ले रहे हैं।
हैदराबाद, तेलंगाना, भारत भारत के सबसे दूरदर्शी रियल एस्टेट डेवलपर्स में से एक, ASBL ने “Beyond Four Walls” कार्यक्रम की मेजबानी की जो हैदराबाद में इस प्रकार का पहला उद्योग आधारित कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम रियल एस्टेट ब्रोकर्स और सेक्टर को बढ़ावा देने में व उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को समर्पित था। यह एक पारंपरिक समारोह नहीं था जो केवल क्रय-विक्रय पर केन्द्रित होते हैं। इसके विपरीत इस पहल ने ब्रोकर्स और डेवलपर्स को एक साथ लाने के लिए एक खुले मंच (open forum) के रूप में कार्य किया, जिससे सहयोग, पारदर्शिता और रियल एस्टेट के भविष्य पर संवाद को बढ़ावा मिला। इंडस्ट्री की आवाज़ उठाने वाला एक मंच इस इवेंट में चर्चा एवं विचार-विमर्श के लिए देशभर से प्रमुख आवाज़ें एक साथ आईं। डेवलपर्स का प्रतिनिधित्व करते हुए, ASBL के संस्थापक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजितेश कोरुपोलू ने सैकड़ों बिल्डरों की आवाज़ उठाई जबकि ब्रोकर्स के दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व रवि केवलरमानी, मयंक अग्रवाल और दीप्ती मलेक जैसे राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त लीडर्स ने किया। ब्रोकर्स, चैनल पार्टनर्स और रियल एस्टेट पेशेवरों से बने दर्शकों के साथ इस इवेंट ने एक ऐसा स्थान बनाया जहाँ विचारों को स्वतंत्र रूप से और सीधे रखा जा सका। मुख्य विषय और चर्चा पैनल और दर्शकों ने आज के रियल एस्टेट बाजार से संबंधित मुद्दों के एक विस्तृत स्पेक्ट्रम पर विचार-विमर्श किया: शहरों की तुलना और बुनियादी ढाँचा : मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद की जीवनशैली, बुनियादी ढाँचे और सामर्थ्य (affordability) के आधार पर तुलना की गई। पैनलिस्टों ने हैदराबाद के ‘प्लानिंग-फर्स्ट’ दृष्टिकोण की प्रशंसा की और इसकी बढ़ती स्थिति पर प्रकाश डाला। भारतीय रियल एस्टेट का भविष्य (20-30 साल आगे): भविष्यवाणियां वर्टिकल मेगा-सिटी और सैटेलाइट टाउनशिप से लेकर टेक्नोलॉजी-संचालित योजना और NRI मांग के साथ हाइब्रिड, टिकाऊ क्लस्टर तक रहीं। शहरों में खरीदारों की प्राथमिकताएं : युवा खरीदारों को अधिक तर्क-संचालित (logic-driven) के रूप में देखा गया, जो capital appreciation और रेंटल यील्ड की तलाश में हैं। Mumbai में लग्ज़री खरीददारों को स्थान और दृश्यों के लिए अत्यधिक प्रीमियम का भुगतान करते हुए देखा गया, जबकि हैदराबाद वैल्यू-संचालित, विशाल घरों के लिए सबसे अलग रहा। टेक्नोलॉजी की भूमिका : पैनल ने इस बात पर चर्ची की कि डिस्कवरी ऑनलाइन कैसे हुई है और यह कि अगला कदम खरीददार और ब्रोकर के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए लेन-देन, दस्तावेज़ीकरण और एट्रिब्यूशन को डिजिटाइज़ करने में निहित है। ब्रोकर को आने वाली चुनौतियाँ इस चर्चा के दौरान एक समर्पित हिस्सा और दर्शकों के कई सवाल ब्रोकर्स के सामने आने वाली चुनौतियों पर केंद्रित थे। क्लाइंट्स द्वारा ब्रोकर्स को बाईपास करने, कमीशन में देरी या इनकार और केंद्रीकृत नियमन की कमी जैसे मुद्दे उठाए गए। पैनलिस्टों ने मजबूत एट्रिब्यूशन सिस्टम, डेवलपर्स के साथ पारदर्शी संचार और दीर्घकालिक साझेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया जो ब्रोकर्स के प्रयासों की रक्षा करते हुए निष्पक्ष सहयोग सुनिश्चित करे। यह क्यों मायने रखता है ब्रोकर्स को मंच देकर ASBL ने निर्माण से परे सहयोग में अपना विश्वास प्रदर्शित किया। इस पहल ने डेवलपर्स और ब्रोकर्स के बीच दूरी को कम करने का काम किया व इस विचार को मजबूत किया कि भारतीय रियल एस्टेट में प्रगति साझा विश्वास और खुले संवाद पर निर्भर करती है। इवेंट में बोलते हुए, अजितेश कोरुपोलू ने कहा, "हमारा दृष्टिकोण घर बनाने से आगे बढ़कर, भरोसे का इकोसिस्टम बनाने का है। ब्रोकर्स के लिए एक पारदर्शी, सम्मानजनक मंच बनाकर हम सुनिश्चित करते हैं कि खरीदार और विक्रेता दोनों को मजबूत अधिक सहयोगी उद्योग प्रथाओं से लाभ मिले।” स्पॉटलाइट में हैदराबाद पैनलिस्टों ने हैदराबाद के बुनियादी ढाँचे, सामर्थ्य और रहने योग्य होने की प्रशंसा की इसे भारत के "उभरते सितारे" के रूप में स्थापित किया। चर्चाओं में शहर के उच्च-उदय सामर्थ्य, मजबूत बुनियादी ढाँचे, और बढ़ते IT/फार्मा क्षेत्रों के संतुलन पर प्रकाश डाला गया, जिससे यह न केवल एक आकर्षक बाजार बन गया है, बल्कि भविष्य के शहरी विकास के लिए एक खाका (blueprint) भी बन गया है।
भारत का स्वतंत्रता संग्राम अनगिनत वीरों और बलिदानियों के लहू और त्याग से सफल हो पाया। उन नामों में से एक नाम ऐसा है, जिसे क्रांति का प्रतीक और बलिदान का पर्याय माना जाता है— शहीद-ए-आजम भगत सिंह। सिर्फ 23 साल की छोटी सी उम्र में उन्होंने देश के लिए वह कर दिखाया, जिसे आज भी शब्दों में बयां करना मुश्किल है। आज, उनकी 118वीं जयंती के अवसर पर, आइए याद करें भारत माँ के उस महान सपूत को, जिसने न सिर्फ आज़ादी की लड़ाई को एक नई दिशा दी, बल्कि युवाओं को क्रांतिकारी सोच और सच्ची देशभक्ति का पाठ पढ़ाया।READ ALSO:-'बुलडोजर' बनाम 'विकास': 'आई लव...' की आड़ में लखनऊ की सड़कों पर छिड़ी योगी-अखिलेश की सीधी जंग बचपन में ही पड़ी क्रांति की नींव भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के लायलपुर जिले (अब पाकिस्तान के फैसलाबाद) के बंगा गाँव में एक देशभक्त सिख परिवार में हुआ था। उनके पिता किशन सिंह और चाचा अजित सिंह स्वयं स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय थे, जिसके कारण देशभक्ति उन्हें विरासत में मिली थी। कहते हैं कि जब वे मात्र 12 वर्ष के थे, तब 1919 में हुए जालियांवाला बाग हत्याकांड ने उनके कोमल हृदय को गहराई से झकझोर कर रख दिया। वे स्कूल से भागकर सीधे अमृतसर पहुंचे और उस पवित्र मिट्टी को अपनी बोतल में भरकर ले आए, जो निर्दोष भारतीयों के खून से सनी थी। यहीं से उनके मन में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ विद्रोह की पहली चिंगारी प्रज्वलित हुई। गांधीवाद से सशस्त्र क्रांति का सफर शुरुआत में भगत सिंह महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन से काफी प्रभावित थे। लेकिन 1922 में चौरी-चौरा कांड के बाद जब गांधीजी ने आंदोलन वापस ले लिया, तो भगत सिंह समेत देश के कई युवाओं को गहरा आघात लगा। उन्हें यह विश्वास हो गया कि सिर्फ सत्याग्रह से आजादी नहीं मिलेगी, बल्कि बहरी हो चुकी अंग्रेज़ी हुकूमत को जगाने के लिए एक बड़े धमाके की जरूरत है। इसी सोच के साथ उन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) से जुड़कर सशस्त्र क्रांति का मार्ग अपनाया। लालाजी की शहादत का बदला और असेंबली बम कांड 1928 में साइमन कमीशन का विरोध कर रहे 'पंजाब केसरी' लाला लाजपत राय पर हुए बर्बर लाठीचार्ज में उनकी मृत्यु हो गई। इस घटना से क्रांतिकारियों का खून खौल उठा। भगत सिंह, राजगुरु और चंद्रशेखर आज़ाद ने इसका बदला लेने का संकल्प लिया और ब्रिटिश पुलिस अधिकारी सांडर्स की हत्या कर दी। इसके बाद, 1929 में जब अंग्रेज़ी सरकार दमनकारी 'पब्लिक सेफ्टी बिल' और 'ट्रेड डिस्प्यूट्स बिल' लाई, तो भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने इसका विरोध करने के लिए सेंट्रल असेंबली में बम फेंका। उनका मकसद किसी की जान लेना नहीं, बल्कि सोई हुई ब्रिटिश हुकूमत को जगाना था। बम फेंकने के बाद वे भागे नहीं, बल्कि अपनी गिरफ्तारी दी और पहली बार बुलंद आवाज में नारा लगाया — "इंकलाब जिंदाबाद!" अदालत बनी विचारों का मंच भगत सिंह ने अपनी गिरफ्तारी को एक अवसर के रूप में इस्तेमाल किया। उन्होंने अदालत को अपने क्रांतिकारी विचारों के प्रचार का मंच बना दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनका उद्देश्य हिंसा फैलाना नहीं, बल्कि एक ऐसी क्रांति लाना है जो इंसानों द्वारा इंसानों के शोषण को समाप्त कर दे। अदालत में उनके द्वारा कही गई यह पंक्ति आज भी प्रेरणा का स्रोत है:"क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।" 23 मार्च 1931: अमर शहादत का दिन 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई। उस समय उनकी उम्र मात्र 23 वर्ष थी। कहा जाता है कि फांसी से पहले भी वे मुस्कुरा रहे थे और "इंकलाब जिंदाबाद" का नारा लगाते हुए फांसी के फंदे की ओर बढ़े। उनके इस बलिदान ने पूरे देश में स्वतंत्रता की ज्वाला को और प्रचंड कर दिया। आज के युवाओं के लिए संदेश भगत सिंह ने सिर्फ राजनीतिक आजादी के लिए संघर्ष नहीं किया, बल्कि वे एक ऐसे समाज का निर्माण चाहते थे जो शोषण और भेदभाव से मुक्त हो। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि वे सिर्फ नौकरी और व्यक्तिगत सफलता के पीछे न भागें, बल्कि अपनी सोच को क्रांतिकारी बनाएं और देश के लिए योगदान दें। आज उनकी 118वीं जयंती पर यह समय है कि हम अपने भीतर झांकें और सोचें कि क्या हम भगत सिंह के सपनों का भारत बना पाए हैं? उनका जीवन और बलिदान हमें हमेशा यह याद दिलाता रहेगा कि देश के लिए जीने और मरने से बड़ा कोई धर्म नहीं होता।
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