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टैरिफ का विवरण
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प्रभावी तिथि
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उद्देश्य
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ब्रांडेड/पेटेंटेड दवाएं
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100%
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1 अक्टूबर 2025
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अमेरिका में उत्पादन बढ़ाना (कंपनियों को प्लांट लगाने पर छूट)
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भारतीय प्रोडक्ट्स
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50%
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27 अगस्त (पहले से लागू)
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कपड़े, जेम्स-ज्वेलरी, फर्नीचर, सी फूड (दवाएं बाहर थीं)
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किचन कैबिनेट, वैनिटी
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50%
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1 अक्टूबर 2025
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घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बचाना
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अपहोल्स्टर्ड फर्नीचर
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30%
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1 अक्टूबर 2025
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घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बचाना
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बड़े ट्रक
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25%
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1 अक्टूबर 2025
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हेवी ट्रक मैन्युफैक्चरर्स को बचाना
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ज़रूरी सूचना:
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बॉलीवुड और भारतीय टेलीविजन जगत के महान और बहुमुखी कलाकार सतीश शाह (Satish Shah) का आज (शनिवार, 25 अक्टूबर 2025) दुखद निधन हो गया है। अपनी लाजवाब कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को हंसाने वाले सतीश शाह ने 74 वर्ष की उम्र में मुंबई में अपनी आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, और किडनी फेलियर को उनकी मौत का कारण बताया जा रहा है। उनके निधन की पुष्टि प्रोड्यूसर और IFTDA के अध्यक्ष अशोक पंडित ने की है। चरित्र अभिनेता और कॉमेडियन का सफर सतीश शाह का अभिनय करियर पाँच दशकों से अधिक लंबा रहा, जिसमें उन्होंने 400 से ज्यादा फिल्मों और कई सफल टीवी सीरियल्स में काम किया। उनका जन्म 1951 में हुआ था और उन्होंने पुणे के FTII (Film and Television Institute of India) से प्रशिक्षण लिया था। टीवी जगत का आइकॉन: उन्हें सबसे ज्यादा पहचान हिट कॉमेडी सीरियल 'साराभाई वर्सेज साराभाई' में इंद्रावदन साराभाई (Indravadan Sarabhai) के किरदार से मिली। इस शो में उनके डायलॉग और एक्सप्रेशन आज भी कल्ट क्लासिक माने जाते हैं। 'ये जो है जिंदगी' (1984) में 55 अलग-अलग किरदार निभाकर उन्होंने घर-घर में अपनी पहचान बनाई थी। फिल्मी करियर की शुरुआत: उन्होंने 1983 की डार्क कॉमेडी फिल्म 'जाने भी दो यारों' में एक 'लाश' (Dead Body) का आइकॉनिक किरदार निभाया था, जिसने उन्हें रातोंरात पहचान दिलाई थी। प्रमुख फिल्में: उनकी कुछ यादगार बॉलीवुड फिल्मों में 'हम आपके हैं कौन', 'मुझसे शादी करोगी', 'कल हो ना हो' और शाहरुख खान अभिनीत 'मैं हूँ ना' शामिल हैं, जहाँ उन्होंने अपनी कॉमिक टाइमिंग से जान डाल दी। Read Also : थामा, और 'स्त्री 2' के म्यूजिक कंपोजर सचिन सांघवी गिरफ्तार, शादी और गाना देने का झांसा देकर 20 साल की युवती से यौन उत्पीड़न का आरोप किडनी फेलियर और निधन की पुष्टि मिली जानकारी के मुताबिक, अभिनेता सतीश शाह पिछले कुछ समय से किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्होंने आज दोपहर करीब 2:30 बजे अंतिम सांस ली। आधिकारिक रूप से किडनी फेलियर को उनकी मृत्यु का कारण बताया गया है। शाह के निधन की खबर सामने आने के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। इंडस्ट्री में शोक की लहर मशहूर निर्माता अशोक पंडित ने सतीश शाह के निधन की पुष्टि करते हुए कहा, "जी हाँ, सतीश शाह नहीं रहे। वो मेरे अच्छे मित्र थे। किडनी फेलियर के चलते उनका निधन हो गया है। इंडस्ट्री के लिए यह एक बड़ी क्षति है।" Public Reaction or Social Media: श्रद्धांजलि सतीश शाह के निधन की खबर से उनके फैंस स्तब्ध हैं। सोशल मीडिया पर उनके फैंस और फिल्मी सितारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है और उनके सबसे यादगार किरदारों को याद कर रहे हैं। 'साराभाई वर्सेज साराभाई' की कास्ट और क्रू ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। सिनेमा में हास्य की क्षति सतीश शाह का निधन हिंदी सिनेमा में चरित्र अभिनय और हास्य की एक पीढ़ी का अंत है। उनकी अभिनय शैली और हास्य टाइमिंग हमेशा दर्शकों के दिलों में ज़िंदा रहेगी।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर मेरठ के लिए परिवहन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर के साथ ही मेरठ को अपनी पहली 'मेरठ मेट्रो' मिलने जा रही है। यह न केवल शहर के अंदर कनेक्टिविटी को सुधारेगी, बल्कि दिल्ली और गाजियाबाद जैसे शहरों से भी मेरठ के सफर को आसान और तेज बना देगी। आइए, मेरठ मेट्रो से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी पर एक विस्तृत नजर डालते हैं: Meerut Metro की कब होगी शुरुआत? (Kab Shuru Hogi) मेरठ मेट्रो का संचालन, दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (जिसे 'नमो भारत' ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है) के साथ ही शुरू होना प्रस्तावित है। हालिया अपडेट: खबरों के अनुसार, 30 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नमो भारत ट्रेन के आखिरी चरण (मेरठ साउथ से मोदीपुरम) और मेरठ मेट्रो का उद्घाटन किया जा सकता है। लक्ष्य: पूरी परियोजना (RRTS के साथ) को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। प्राथमिकता खंड (साहिबाबाद से दुहाई) का परिचालन अक्टूबर 2023 में पहले ही शुरू हो चुका है। खासियत: यह देश का पहला ऐसा ट्रैक होगा जिस पर एक ही ट्रैक पर हाई-स्पीड नमो भारत ट्रेन और तीन कोच वाली मेरठ मेट्रो ट्रेन, दोनों एक साथ चलेंगी। रूट मैप (Route Map) और स्टेशन मेरठ मेट्रो कॉरिडोर दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर का ही हिस्सा है। यह मुख्यतः मेरठ के शहरी क्षेत्र में सेवा प्रदान करेगी। कॉरिडोर का नाम: मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम (Meerut South to Modipuram) कुल लंबाई: लगभग 23 किमी स्टेशनों की संख्या: इस कॉरिडोर में कुल 13 स्टेशन हैं। केवल मेट्रो स्टेशन: इनमें से 10 स्टेशन केवल मेरठ मेट्रो के लिए होंगे। RRTS और मेट्रो दोनों के लिए स्टेशन (Integrated Stations): मेरठ साउथ, बेगमपुल, और मोदीपुरम स्टेशन RRTS और मेरठ मेट्रो, दोनों की सेवाओं के लिए इंटीग्रेटेड (एकीकृत) होंगे। प्रमुख स्टेशन (संभावित): मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौर्ली, मेरठ नॉर्थ, और मोदीपुरम। किराया (Kiraya) मेरठ मेट्रो का किराया दूरी के आधार पर तय किया जाएगा। यह किराया नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NCRTC) द्वारा जारी किया जाएगा। नमो भारत (RRTS) का किराया (दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के लिए): मानक (Standard) कोच: ₹20 से शुरू होकर अधिकतम ₹150 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। प्रीमियम (Premium) कोच: ₹30 से शुरू होकर अधिकतम ₹225 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। मेरठ मेट्रो का अनुमानित किराया: चूंकि मेरठ मेट्रो की यात्रा दूरी RRTS की तुलना में कम होगी (शहर के भीतर), इसका किराया ₹20 से ₹50 के बीच होने की संभावना है, जो यात्रियों द्वारा तय की गई दूरी पर निर्भर करेगा। मेरठ मेट्रो की आगे की योजना (Aage Ka Plan) मेरठ मेट्रो का पहला चरण (मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम) पूरा होने के बाद, आगे की योजनाओं में शहर के विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ाना शामिल है: दूसरा कॉरिडोर प्रस्तावित: मेरठ मेट्रो के लिए दूसरा कॉरिडोर भी प्रस्तावित है, जिसका रूट श्रद्धापुरी एक्सटेंशन से जाग्रति विहार तक हो सकता है। इस पर अभी विस्तृत काम शुरू होना बाकी है। टाउनशिप और TOD: मेरठ में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) मॉडल पर आधारित नई टाउनशिप का विकास किया जा रहा है। ये टाउनशिप RRTS/मेट्रो स्टेशनों के आस-पास होंगी, जिससे लोग अपने कार्यस्थल (Walk to Work) और जरूरी सुविधाओं तक आसानी से पहुँच सकेंगे। इससे 2029 तक 20,000 से अधिक रोजगार उत्पन्न होने का अनुमान है। फीडर सेवाएं: स्टेशनों से अंतिम-मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों के लिए फीडर सेवाओं को मजबूत करने की योजना है। मेरठ मेट्रो न केवल शहर के ट्रैफिक को कम करेगी बल्कि दिल्ली-एनसीआर से मेरठ की कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगी, जिससे यहां के निवासियों के लिए समय और पैसे दोनों की बचत होगी। यह परियोजना मेरठ को देश के सबसे आधुनिक परिवहन नेटवर्क वाले शहरों की श्रेणी में खड़ा कर देगी।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर, जिसे अब 'नमो भारत' (NaMo Bharat) ट्रेन के नाम से जाना जाता है, अब अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही पूरी तरह से यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा।Read also:-Delhi–Meerut RRTS Opening Date 2025: नमो भारत रैपिड रेल से दिल्ली से मेरठ सफर सिर्फ 55 मिनट में वो दिन अब दूर नहीं, जब मेरठ का निवासी दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में शॉपिंग करने और गाजियाबाद का व्यापारी मेरठ में अपने बिजनेस को विस्तार देने का सपना सिर्फ 60 मिनट में पूरा कर सकेगा। देश के सबसे महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS), अब हकीकत बनने की दहलीज पर है। 82 किलोमीटर का यह हाई-स्पीड कॉरिडोर लगभग तैयार है और रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2025 की शुरुआत में प्रधानमंत्री द्वारा इसका उद्घाटन किया जा सकता है। संभावित उद्घाटन की तारीखें: मीडिया रिपोर्ट्स और निर्माण कार्य की प्रगति के अनुसार, पूरे कॉरिडोर (सराय काले खां से मोदीपुरम तक) का उद्घाटन अक्टूबर 2025 में होने की प्रबल संभावना है। ऐसी खबरें हैं कि अक्टूबर 2025 की शुरुआत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का शुभारंभ कर सकते हैं। पूरा कॉरिडोर: यह 82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां को मेरठ के मोदीपुरम डिपो से जोड़ेगा, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय एक घंटे से भी कम हो जाएगा। वर्तमान में परिचालन: 20 अक्टूबर 2023 से प्राथमिकता कॉरिडोर (साहिबाबाद से दुहाई डिपो) और हाल ही में न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक का खंड पहले से ही चालू है, जिसने लाखों यात्रियों को बड़ी राहत दी है। मेरठ मेट्रो: एक ही पटरी पर रैपिड और मेट्रो का तालमेल मेरठ शहर के भीतर यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए मेरठ मेट्रो भी 'नमो भारत' ट्रेन के साथ ही उसी ट्रैक पर चलेगी। शुरुआत: मेरठ मेट्रो का उद्घाटन भी अक्टूबर 2025 में रैपिड रेल के साथ ही होने की उम्मीद है। रूट: यह मेट्रो सेवा मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो के बीच 23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर चलेगी, जिसमें 13 स्टेशन होंगे। विशेषता: यह भारत की पहली ऐसी परियोजना है जहाँ क्षेत्रीय रैपिड रेल और स्थानीय मेट्रो ट्रेनें एक ही ट्रैक को साझा करेंगी, लेकिन इनके परिचालन के समय अलग-अलग होंगे। स्टेशन लिस्ट: कहाँ-कहाँ रुकेगी आपकी 'नमो भारत'? दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर पर कुल 16 स्टेशन होंगे। दिल्ली (3) गाजियाबाद (6) मेरठ (7) सराय काले खां साहिबाबाद मेरठ साउथ (कॉमन) न्यू अशोक नगर गाजियाबाद शताब्दी नगर (कॉमन) आनंद विहार गुलधर बेगमपुल (कॉमन) दुहाई मोदीपुरम (कॉमन) दुहाई डिपो परतापुर (सिर्फ मेट्रो) मुरादनगर रिठानी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर दक्षिण ब्रहमपुरी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर उत्तर मेरठ सेंट्रल (सिर्फ मेट्रो) भैंसाली (सिर्फ मेट्रो) एमईएस कॉलोनी (सिर्फ मेट्रो) डोरली (सिर्फ मेट्रो) मेरठ नॉर्थ (सिर्फ मेट्रो) मोदीपुरम डिपो (सिर्फ मेट्रो) (कॉमन स्टेशन वे हैं जहाँ 'नमो भारत' रैपिड रेल और मेरठ मेट्रो दोनों रुकेंगी।) किराया विवरण: कितना होगा आपकी यात्रा का खर्च? 'नमो भारत' ट्रेन में दो तरह के कोच हैं: स्टैंडर्ड कोच और प्रीमियम कोच। यात्रियों को अपनी सुविधा अनुसार टिकट खरीदने का विकल्प मिलेगा। किराया सीमा: किराया ₹20 से शुरू होता है और अधिकतम ₹225 तक जा सकता है। एक प्रमुख रूट का किराया (उदाहरण): न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक: स्टैंडर्ड कोच में ₹150 और प्रीमियम कोच में ₹225। आनंद विहार से मेरठ साउथ तक का सफर लगभग 35 मिनट में पूरा होगा, जिसका किराया इसी सीमा में होगा। भुगतान विकल्प: यात्री QR कोड-आधारित पेपर टिकट और NCMC (नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड) का उपयोग करके यात्रा कर सकेंगे। निर्माण प्रगति और तकनीकी विशेषताएँ आरआरटीएस परियोजना का लगभग 75% से अधिक सिविल कार्य पूरा हो चुका है। स्पीड और रोलिंग स्टॉक: 'नमो भारत' ट्रेन की डिज़ाइन गति 180 किमी/घंटा है, जबकि परिचालन गति 160 किमी/घंटा होगी। ट्रेनों में महिलाओं के लिए एक आरक्षित कोच, प्रीमियम कोच, और सभी के लिए आधुनिक सुविधाएं (Wi-Fi, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग पोर्ट) उपलब्ध हैं। हरित ऊर्जा पहल: NCRTC ने अपने स्टेशनों और डिपो पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं, जो परियोजना को स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। फाइनल अप्रूवल: दिल्ली से मेरठ तक पूरे कॉरिडोर के वाणिज्यिक परिचालन के लिए अंतिम चरण की सुरक्षा मंजूरी मिलना बाकी है, जिसके बाद इसे तुरंत खोल दिया जाएगा। यह कॉरिडोर एनसीआर के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो न केवल यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि रोजगार, व्यापार और रियल एस्टेट को भी नई ऊंचाइयां देगा।
मेरठ, 19 सितंबर 2025 मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए 30 सितंबर का दिन एक नए युग की शुरुआत करने जा रहा है। इस ऐतिहासिक तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की पहली रैपिड रेल 'नमो भारत' के संपूर्ण कॉरिडोर और मेरठ मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री इस उद्घाटन को यादगार बनाते हुए दिल्ली से 'नमो भारत' ट्रेन में सवार होकर मेरठ के मोदीपुरम तक का सफर तय करेंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।READ ALSO:-सितंबर में 'प्रलयंकारी' मानसून: हिमाचल-उत्तराखंड में बादल फटने और लैंडस्लाइड से तबाही जारी, 424 की मौत दिल्ली से मेरठ तक ट्रेन में PM, फिर विशाल जनसभा योजना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से रैपिड ट्रेन के जरिए मेरठ पहुंचेंगे। यह यात्रा अपने आप में एक संदेश होगी कि दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी अब मिनटों में सिमट गई है। मोदीपुरम स्टेशन पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री का काफिला शताब्दीनगर के लिए रवाना होगा, जहाँ वे एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस रैली में मेरठ समेत आसपास के सभी जिलों से लाखों लोगों के जुटने की उम्मीद है, जिसके लिए तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। शहर में हाई अलर्ट, घर-घर किरायेदारों की जांच प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर पूरा प्रशासनिक और पुलिस अमला हाई अलर्ट पर है। गुरुवार को एडीजी भानु भास्कर ने एक उच्च-स्तरीय बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और कड़े इंतजामों के निर्देश दिए। सुरक्षा एजेंसियां कोई भी ढिलाई नहीं बरतना चाहतीं। पुलिस और एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) की टीमों ने गुरुवार देर रात शताब्दी नगर, रिझानी और रिठानी जैसे इलाकों में घर-घर जाकर सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान किरायेदारों और बाहर से आकर रह रहे लोगों के नाम, पते और मोबाइल नंबर दर्ज किए गए। देर रात बिजली गुल होने के बावजूद यह अभियान टॉर्च की रोशनी में जारी रहा, जो सुरक्षा की गंभीरता को दर्शाता है। यह सुरक्षा इसलिए भी कड़ी की गई है क्योंकि प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी 20 से 22 सितंबर तक मेरठ में रहेंगी और दो विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में हिस्सा लेंगी। मेरठ की नई लाइफलाइन: जानिए मेट्रो और नमो भारत का नेटवर्क यह प्रोजेक्ट मेरठ की कनेक्टिविटी को पूरी तरह से बदल देगा। नमो भारत (रैपिड रेल): दिल्ली से मेरठ तक का पूरा 82 किलोमीटर का ट्रैक अब पूरी तरह से चालू हो जाएगा। मेरठ मेट्रो: कुल लंबाई: 23 किलोमीटर (18 किमी एलिवेटेड, 5 किमी भूमिगत) कुल स्टेशन: 13 (मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, डौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो)। भूमिगत स्टेशन: मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपul। एक ही टिकट पर दोनों में सफर: यात्रियों की सुविधा के लिए चार स्टेशनों- मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम को कॉमन स्टेशन बनाया गया है, जहाँ यात्री नमो भारत और मेट्रो के बीच आसानी से स्विच कर सकेंगे।
इस वर्ष दीपावली की सही तिथि को लेकर पंचांगों में भिन्नता के कारण आम लोगों में बना कन्फ्यूजन अब दूर हो गया है। कुछ पंचांगों में 20 अक्टूबर तो कुछ में 21 अक्टूबर को दिवाली बताई जा रही थी। इस भ्रम की स्थिति को समाप्त करते हुए देश की सर्वोच्च धार्मिक संस्थाओं में से एक, श्री काशी विद्वत परिषद, ने स्पष्ट कर दिया है कि संपूर्ण देश में दीपावली का महापर्व सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को ही मनाया जाएगा।READ ALSO:-यूपी में कुदरत का डबल अटैक: पूर्वांचल में 'जल प्रलय' ने तोड़ा 136 साल का रिकॉर्ड, अब पश्चिमी यूपी के 23 जिलों में भारी बारिश-ओलों का अलर्ट! क्यों 20 अक्टूबर है सही तिथि? काशी विद्वत परिषद के ज्योतिष प्रकोष्ठ के मंत्री और बीएचयू के प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय के अनुसार, सनातन धर्म में पर्वों का निर्धारण तिथियों की गणितीय गणना और शास्त्रों के आधार पर होता है। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को प्रदोष काल में मनाई जाती है। प्रदोष काल का अर्थ है सूर्यास्त के बाद का समय। इस वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगी और यह 21 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। 20 अक्टूबर को, जब सूर्यास्त होगा, तब अमावस्या तिथि विद्यमान रहेगी और पूरे प्रदोष काल को कवर करेगी। लक्ष्मी पूजन और दीपदान के लिए यह शास्त्र सम्मत और शुभ मुहूर्त है। 21 अक्टूबर को, अमावस्या तिथि शाम 4 बजकर 26 मिनट पर ही समाप्त हो जाएगी, जबकि सूर्यास्त लगभग 5 बजकर 40 मिनट पर होगा। इसका अर्थ है कि सूर्यास्त और प्रदोष काल के समय अमावस्या तिथि नहीं रहेगी, बल्कि प्रतिपदा तिथि लग चुकी होगी। ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने भी स्पष्ट किया कि ब्रह्म पुराण के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की रात्रि में ही देवी लक्ष्मी और कुबेर भ्रमण करते हैं। यह रात्रि व्यापिनी और प्रदोष व्यापिनी अमावस्या 20 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रही है। अतः इसी दिन लक्ष्मी-कुबेर पूजन और दीपोत्सव मनाना श्रेष्ठ है। 21 अक्टूबर को होगी स्नान-दान की अमावस्या विद्वानों ने यह भी स्पष्ट किया कि 21 अक्टूबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि होने के कारण इस दिन स्नान, दान और पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करना उत्तम रहेगा। इसलिए, 21 अक्टूबर की तिथि धार्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन दीपावली का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। इस स्पष्टीकरण के बाद अब लोगों को अपने त्योहार की तैयारियों को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में रहने की आवश्यकता नहीं है।
जापान के राजनीतिक इतिहास में आज (मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025) एक अभूतपूर्व मोड़ आया है। जापान की संसद (नेशनल डाइट) ने लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) की अध्यक्ष साने ताकाइची (Sanae Takaichi) को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री (First Woman Prime Minister) के रूप में चुना है। 64 वर्षीय ताकाइची ने इस शीर्ष पद पर पहुँचकर जापान के कठोर पुरुष-प्रधान राजनीतिक परिदृश्य में 'ग्लास सीलिंग' (Glass Ceiling) को तोड़ दिया है। उनकी यह जीत एक बड़े राजनीतिक संकट के बीच आई है, जिसके बाद उन्होंने देश के पुनर्गठन पर जोर दिया है।READ ALSO:-BREAKING: Goldman Sachs का दावा- RBI साल के अंत तक घटा सकता है रेपो रेट, घटेगी लोन की EMI शिंजो आबे की समर्थक और दक्षिणपंथी विचारधारा साने ताकाइची को पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की समर्थक (Protégé) और एक मुखर दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी (Ultraconservative Nationalist) के रूप में जाना जाता है। शिक्षा और शुरुआती करियर: नारा में जन्मी ताकाइची ने कोबे विश्वविद्यालय से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की। उन्होंने 1987 में अमेरिकी कांग्रेस में एक फेलो के रूप में काम किया। एंकर से राजनीति तक: जापान लौटने पर, उन्होंने संक्षेप में एक टीवी एंकर के रूप में भी काम किया, जिसके बाद उन्होंने 1993 में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में संसद में प्रवेश किया। पार्टी की यात्रा: वह 1996 में LDP से जुड़ीं और आबे के करीबी बनकर आंतरिक मामलों की मंत्री और आर्थिक सुरक्षा मंत्री जैसे कई महत्वपूर्ण वरिष्ठ सरकारी पदों पर कार्य किया। संसद में जीत और गठबंधन ताकाइची का प्रधानमंत्री चुना जाना LDP के लिए कठिन चुनाव हारने और गठबंधन टूटने के बाद आया है। संसदीय चुनाव: ताकाइची को संसद के निचले सदन में 237 वोट मिले, जो बहुमत के आंकड़े से अधिक थे, जिससे उन्होंने सीधे जीत हासिल की। गठबंधन: LDP के पुराने सहयोगी कोमेइटो (Komeito) के गठबंधन तोड़ने के बाद, ताकाइची ने जापान इनोवेशन पार्टी (Japan Innovation Party - JIP) के साथ एक समझौता किया। इस समझौते ने उनके प्रधानमंत्री बनने का रास्ता सुनिश्चित कर दिया। मंत्रिमंडल: ताकाइची ने नए मंत्रिमंडल की घोषणा की है, जिसमें पूर्व रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा (Minoru Kihara) को मुख्य कैबिनेट सचिव बनाया गया है। उन्होंने सट्सुकी कटायमा को पहली महिला वित्त मंत्री (First Woman Finance Minister) के रूप में भी नियुक्त किया है। 'घोड़े की तरह काम करें' प्रधानमंत्री के रूप में अपने पहले भाषण में साने ताकाइची ने देश में काम करने की संस्कृति पर जोर दिया। कार्य संस्कृति पर रुख: उन्होंने कहा, "मैं खुद वर्क-लाइफ बैलेंस (Work-Life Balance) की हिमायती नहीं हूँ। मैं सभी से कह रही हूँ कि काम कीजिए। एकदम घोड़े की तरह से काम कीजिए।" नीतियों पर फोकस: उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता धीमी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना, बढ़ती कीमतों से निपटना और सामाजिक सुरक्षा प्रणाली में सुधार करना है। ताकाइची अमेरिका के साथ सुरक्षा गठबंधन को मजबूत करने की समर्थक भी हैं। महिला सशक्तिकरण और चुनौतियाँ साने ताकाइची का पीएम बनना महिला सशक्तिकरण के लिए एक ऐतिहासिक प्रतीक है, लेकिन वह खुद को जेंडर इक्वालिटी की समर्थक नहीं मानती हैं। उन पर धीमी अर्थव्यवस्था और पार्टी के भीतर की गुटबाजी को संभालने की बड़ी चुनौती है। वह जल्द ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगी।
बांग्लादेश महिला क्रिकेट टीम की युवा सनसनी Marufa Akter ने हाल ही में एक भावुक साक्षात्कार में अपने बचपन के संघर्षों को याद किया। 20 वर्षीय इस तेज गेंदबाज की कहानी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है, लेकिन उनकी सफलता के पीछे गरीबी और सामाजिक बहिष्कार का गहरा दर्द छिपा है। Marufa Akter अपने परिवार के उन कठिन दिनों को याद करते हुए बीच इंटरव्यू में रो पड़ीं। उनकी यह मार्मिक कहानी आईसीसी महिला विश्व कप 2025 के बीच वायरल हो गई है।READ ALSO:-Ranveer Singh Film: 'धुरंधर' का टाइटल ट्रैक रिलीज़, 12 नवंबर को आएगा ट्रेलर, इस तारीख को आएगी फिल्म Background: गरीबी और सामाजिक अपमान Marufa Akter एक किसान परिवार से आती हैं। उनका बचपन बांग्लादेश के एक ग्रामीण क्षेत्र में बीता, जहां उनके परिवार को हर दिन वित्तीय और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता था। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के चरम पर, उन्हें अपने पिता के साथ खेत जोतने के लिए किराए की ज़मीन पर काम करना पड़ता था। उनके गाँव में भी उन्हें कोई खास समर्थन नहीं मिला। भेदभाव का दर्द: मारुफा ने बताया कि सबसे ज्यादा दर्द उन्हें सामाजिक बहिष्कार से मिला। उनके परिवार को किसी भी सामाजिक समारोह या शादी में नहीं बुलाया जाता था। अपमान का कारण: उन्हें सीधे कहा जाता था कि उनके पास 'ढंग के कपड़े नहीं हैं'। समाज के लोग मानते थे कि अगर गरीब परिवार समारोह में शामिल होगा, तो उनकी इज्जत चली जाएगी। Latest Update: ईद पर नए कपड़ों का अभा अपने संघर्ष को याद करते हुए, Marufa Akter भावुक हो गईं और उनकी आँखों से आंसू बहने लगे। उन्होंने अपने दर्द को शब्दों में बयां किया। Marufa Akter ने कहा, "लोग हमें विभिन्न समारोहों में नहीं बुलाते थे, कहते थे कि हमारे पास अच्छे कपड़े नहीं हैं। अगर हम वहां जाएंगे, तो हमारा सम्मान कम हो जाएगा—वे यही कहा करते थे।" त्योहारों का दुख: उन्होंने याद किया कि एक समय ऐसा भी था जब उनके परिवार के पास ईद जैसे धार्मिक त्योहारों के लिए भी नए कपड़े खरीदने के पैसे नहीं होते थे। Official Statements: खेल जगत से मिली सराहना क्रिकेट विशेषज्ञों ने Marufa Akter की स्विंग गेंदबाजी की कला की खूब प्रशंसा की है और उन्हें दक्षिण एशिया की सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजी प्रतिभाओं में से एक माना जा रहा है। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें विश्व कप जैसे बड़े मंच तक पहुंचाया है। परिवार का गौरव: मारुफा आज जिस मुकाम पर हैं, उससे वह बेहद संतुष्ट महसूस करती हैं। उन्होंने कहा, "जिस तरह से मैं अपने परिवार का समर्थन करती हूं, शायद कई लड़के भी ऐसा नहीं कर पाते होंगे। यह मुझे एक खास तरह की शांति देता है।" टीवी पर खुद को देखना: उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि जब वह अब खुद को टीवी पर परफॉर्म करते हुए देखती हैं, तो उन्हें आज भी एक अजीब-सी शर्म (awe) महसूस होती है, लेकिन यह सब दर्शकों के प्यार और सराहना के कारण है। Public Reaction or Social Media: प्रेरणा की नई मिसाल Marufa Akter की संघर्ष की कहानी सोशल मीडिया पर लाखों लोगों को प्रेरित कर रही है। क्रिकेट जगत और आम यूज़र्स ने उनके साहस की सराहना की है। कई फैंस ने टिप्पणी की है कि उनकी यह कहानी उन सभी युवा लड़कियों के लिए एक सबक है, जो रूढ़िवादी सामाजिक माहौल और आर्थिक तंगी के बावजूद खेल में अपना करियर बनाना चाहती हैं। उनकी सफलता, गरीबी और पूर्वाग्रह पर दृढ़ संकल्प की जीत है। Impact & Next Step: महिला क्रिकेट का बढ़ता कद Marufa Akter न केवल बांग्लादेश महिला क्रिकेट टीम की एक प्रमुख खिलाड़ी बन गई हैं, बल्कि वह अपने देश की युवा महिलाओं के लिए उम्मीद का प्रतीक भी हैं। उनकी कहानी दक्षिण एशिया में महिला एथलीटों के सामने आने वाली आर्थिक कठिनाइयों और सामाजिक बाधाओं पर प्रकाश डालती है। Marufa Akter की सफलता यह साबित करती है कि प्रतिभा, दृढ़ता और साहस हर बाधा को पार कर सकता है।
पाकिस्तान के लाहौर और मुरीदके शहर में इस समय भारी बवाल मचा हुआ है। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। यह हिंसा TLP चीफ साद रिज़वी को गोली मारकर पाकिस्तानी सेना द्वारा हत्या किए जाने की अफवाह के बाद भड़की है। कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर जमकर पथराव और आगजनी की है। TLP ने दावा किया है कि इस विरोध-प्रदर्शन में 180 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।READ ALSO:-गोल्ड में रिकॉर्ड उछाल: पुष्य नक्षत्र से पहले सोना ₹2,244 महंगा होकर ₹1.23 लाख के पार, चांदी भी ₹1.52 लाख के ऐतिहासिक स्तर पर; जानें आगे का टारगेट और तेजी के 3 कारण हिंसा की वजह: गाजा शांति योजना और साद रिज़वी की खबर मामले की जड़ में मुख्य रूप से दो बड़े कारण हैं। पहला, अमेरिका की 'ट्रंप की गाजा शांति योजना' को लेकर पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ नागरिकों का भारी विरोध प्रदर्शन। TLP इस योजना का कड़ा विरोध कर रही है। दूसरा, TLP चीफ साद रिज़वी की हत्या की खबर ने कार्यकर्ताओं को भड़का दिया। इस खबर के बाद कार्यकर्ताओं का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और वे हिंसक हो उठे। 🔥Breaking News🔥 Massive crackdown by Pakistan Security forces against a Pro Palestine rally in Punjab Pakistan , Reports of hundreds of protesters dead and thousands injured and the leader Saad Rizvi shot multiple times and severly injured pic.twitter.com/XqsgS48xyu — L.M (@PGTAnalytics) October 13, 2025 लाहौर और मुरीदके में जबरदस्त हंगामा TLP कार्यकर्ताओं ने लाहौर और उसके आस-पास के शहरों, खासकर मुरीदके में भीषण हिंसा फैलाई है। सड़कों पर वाहनों और सार्वजनिक संपत्ति को आग लगाई गई। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि शहर की सड़कों पर अफरातफरी का माहौल बन गया। TLP के दावे के अनुसार, सेना और सुरक्षा बलों के साथ हुई झड़पों में 180 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, पाकिस्तानी सेना या सरकार ने अभी तक आधिकारिक तौर पर हताहतों की संख्या की पुष्टि नहीं की है। सरकार और सेना पर बढ़ा दबाव यह घटना पाकिस्तान सरकार और सेना पर भारी दबाव डालती है। TLP एक कट्टरपंथी समूह है जिसकी पाकिस्तान की राजनीति में गहरी पैठ है। TLP चीफ की अफवाह भरी हत्या की खबर ने राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ा दिया है। इस विरोध प्रदर्शन ने गाजा जैसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी देश में गहरा आक्रोश दिखाया है। विश्लेषकों का मानना है कि इस घटना के बाद पाकिस्तान में सेना को सख्त कदम उठाने पड़ सकते हैं। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और जल्द ही सेना की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है।
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