कब खत्म होगी ये दुनिया? ब्रह्मा की चकरी और ब्रह्मांड के अंत की अनोखी कथा

हिंदू मान्यताओं के अनुसार कब होगा दुनिया का अंत? ब्रह्मा के जीवनचक्र और काशी विश्वनाथ मंदिर की पहेली
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यह एक ऐसा प्रश्न है जिसका कोई सटीक उत्तर नहीं है कि यह विशाल दुनिया कब अस्तित्व में आई, लेकिन माना जाता है कि लगभग 13.7 अरब साल पहले बिग बैंग के दौरान इसका निर्माण हुआ था। हालांकि, यह भी सत्य है कि एक दिन यह सब कुछ समाप्त हो जाएगा। इस विनाश की सटीक तिथि अज्ञात है, लेकिन विभिन्न धर्मों में इसके संकेत मिलते हैं। भारतीय पुराणों और मान्यताओं में भी इसका उल्लेख है।READ ALSO:-मेरठ में रामनवमी की धूम, शोभायात्राओं और मंदिरों में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

 

भारतीय प्राचीन कथाओं के अनुसार, इस ब्रह्मांड का जीवन भगवान ब्रह्मा के जीवनचक्र से जुड़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में एक विशेष स्थान है जिसे ब्रह्मा की चकरी या ब्रह्मा का टॉवर कहा जाता है। यह मंदिर के गुंबद के ठीक नीचे एक पीतल की थाली पर तीन हीरे जैसी छड़ें मानी जाती हैं, जिनमें से प्रत्येक लगभग 20 इंच ऊंची है। मान्यता है कि जब भगवान ब्रह्मा ने इस संसार की रचना की, तो उन्होंने 64 सुनहरे चक्रों को एक छड़ पर रखा था, जिसमें सबसे बड़ा चक्र नीचे और ऊपर की ओर छोटे चक्र थे।

 

इन चक्रों को कुछ नियमों के साथ तीसरी छड़ पर पहुंचाना होता है: एक बार में केवल एक चक्र उठाया जा सकता है, और कोई भी बड़ा चक्र कभी भी छोटे चक्र के ऊपर नहीं रखा जा सकता। बीच की छड़ का उपयोग केवल सहायता के लिए किया जाता है। यह माना जाता है कि मंदिर के पुजारी हर सेकंड, बिना रुके और बिना गलती किए, इस पहेली को हल करने में लगे हुए हैं। मान्यता है कि जिस दिन सभी 64 चक्र नियमों का पालन करते हुए तीसरी छड़ पर पहुंच जाएंगे, उस दिन दुनिया का अंत हो जाएगा और एक जोरदार गर्जना के साथ संसार मिट जाएगा।

 

हालांकि यह विचार डरावना लग सकता है, लेकिन गणना के अनुसार, यदि हर सेकंड में एक चक्र भी हिलाया जाए, तो इस पहेली को पूरा करने में 1,84,46,74,40,73,70,95,51,615 बार चक्रों को हिलाना पड़ेगा। इससे पता चलता है कि दुनिया के खत्म होने में अभी लगभग 584 अरब साल लगेंगे।

 

ब्रह्मा के जीवनचक्र से जुड़ा है ब्रह्मांड
भारतीय मान्यताओं के अनुसार, इस सृष्टि का जीवन भगवान ब्रह्मा के जीवनचक्र से जुड़ा हुआ है। भगवद गीता के अनुसार:
  • ब्रह्मा का एक दिन = 4.32 अरब सौर वर्ष
  • ब्रह्मा का जीवनकाल = 100 ब्रह्मा वर्ष
  • यानी, ब्रह्मा के जीवन का अंत = ब्रह्मांड का अंत

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भगवद गीता में भी ब्रह्मा और ब्रह्मांड के जीवनकाल का उल्लेख मिलता है। इसके अनुसार, ब्रह्मा का एक दिन चार युगों (सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग) के 1000 चक्रों के बराबर होता है, जो मिलाकर 4.32 अरब सौर वर्षों का एक दिन होता है। ब्रह्मा का जीवन 100 ब्रह्मा वर्षों का होता है। जब ब्रह्मा का जीवन पूरा हो जाएगा, तब ब्रह्मांड का अंत भी हो जाएगा। हालांकि, वर्तमान समय के अनुसार, ब्रह्मा के जीवन का केवल पांचवां दिन चल रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दुनिया के अंत में अभी काफी समय बाकी है।

 

राहत की बात यह है कि ब्रह्मा के जीवन का अभी पाँचवाँ दिन ही चल रहा है। यानी, ब्रह्मांड के नष्ट होने में अभी असंख्य युग बाकी हैं।
SONU

 

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