नई टोल पॉलिसी पर संशय: ₹3000 सालाना पास से सफर की चर्चा, पर NHAI बोला-अभी प्लानिंग भी नहीं

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के '15 दिन में लागू' बयान के विपरीत NHAI सूत्रों का दावा, कार चालकों को राहत की उम्मीद, लेकिन नीति पर अंतिम मुहर बाकी
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Baghpat, NHAI has started the Badagaon toll
नई दिल्ली/मेरठ (15 अप्रैल, 2025): देश में टोल संग्रह को लेकर एक नई नीति लागू करने की चर्चा जोर पकड़ रही है, जिसमें आम वाहन चालकों, विशेषकर निजी कार मालिकों को बड़ी राहत मिल सकती है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में संकेत दिया कि अगले 15 दिनों के भीतर एक नई टोल पॉलिसी लाई जा सकती है, जिससे टोल नाकों पर लगने वाले जाम और टोल कर्मियों से होने वाली बहस से मुक्ति मिलेगी और वाहन फास्टैग लेन से बिना रुके गुजर सकेंगे।READ ALSO:-मेरठ की पॉश कॉलोनी में दिनदहाड़े डकैती की कोशिश, अफसर की पत्नी ने जूडो कराटे से बदमाशों को दी टक्कर

 

क्या है प्रस्तावित सालाना पास सिस्टम?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस संभावित नई टोल पॉलिसी में एकमुश्त वार्षिक शुल्क का प्रावधान हो सकता है। इसके तहत, निजी कार चालक लगभग ₹3000 का सालाना शुल्क चुकाकर साल भर तक देश के विभिन्न टोल नाकों को बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के पार कर सकेंगे। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है जो अक्सर एक शहर से दूसरे शहर या लंबी दूरी की यात्रा करते हैं।

 

हालांकि, इस कथित प्रस्ताव में बड़े वाणिज्यिक वाहनों (जैसे ट्रक, बस) और मोटर साइकिलों के लिए वार्षिक शुल्क की दर अभी तय नहीं की गई है। उम्मीद है कि दोपहिया वाहनों को पहले की तरह ही टोल टैक्स से मुक्त रखा जाएगा।

 

कितना हो सकता है फायदा?
यदि यह ₹3000 सालाना पास वाली पॉलिसी लागू होती है, तो नियमित रूप से लंबी यात्रा करने वाले कार चालकों को काफी आर्थिक लाभ हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यक्ति अपनी कार से 500 किलोमीटर की दूरी वाले किसी एक्सप्रेस-वे पर साल में सिर्फ चार बार भी आता-जाता है (जिसका एक बार का टोल खर्च ₹2100 से ₹2400 तक हो सकता है), तो उसका कुल वार्षिक टोल खर्च ₹8400 से ₹9600 तक पहुंच सकता है। ऐसे में ₹3000 का सालाना पास लेने पर उसे साल भर में ₹5400 से ₹6600 तक की सीधी बचत हो सकती है।

 

लाइफटाइम पास और NHAI का रुख:
सूत्रों का यह भी कहना है कि इस नई पॉलिसी में वाहनों के लिए 'लाइफटाइम' पास (पेट्रोल कार के लिए 15 साल, डीजल के लिए 10 साल की अवधि तक) पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि, एक साल के लिए शुल्क चुकाने का विकल्प रखा जा सकता है। लेकिन इस पूरे प्रस्ताव पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय या आधिकारिक मुहर नहीं लगी है।

 

वहीं, इस मामले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के सूत्रों का रुख केंद्रीय मंत्री के बयान और अन्य सूत्रों से मिली जानकारी से बिल्कुल अलग है। NHAI सूत्रों के अनुसार, इस तरह की किसी भी पॉलिसी को निकट भविष्य में लागू करने को लेकर अभी कुछ भी तय नहीं है, बल्कि यह पॉलिसी अभी प्लानिंग मोड से भी काफी दूर है। NHAI का कहना है कि यह कब तक लागू होगी, इसमें क्या-क्या सुविधाएं होंगी, और शुल्क संरचना क्या होगी, इस पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

 OMEGA

निष्कर्ष:
स्पष्ट रूप से, नई टोल पॉलिसी को लेकर विरोधाभासी बातें सामने आ रही हैं। जहां केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इसके जल्द लागू होने का संकेत दे रहे हैं और सूत्रों के हवाले से सालाना पास जैसी योजनाओं की चर्चा है, वहीं क्रियान्वयन एजेंसी NHAI इसे अभी दूर की कौड़ी बता रही है। ऐसे में वाहन चालकों को किसी भी स्पष्ट घोषणा के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।
SONU

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