UP: संभल में सीएम योगी के जनता दरबार से जुड़ा फर्जीवाड़ा बेनकाब, भाजपा नेता के भाई का नाम भी सामने आया
मुख्यमंत्री के फर्जी हस्ताक्षर और मुहर लगाकर अधिकारियों को धमकाते थे, प्रॉपर्टी विवाद सुलझाने के लिए रची साजिश
Apr 28, 2025, 13:58 IST
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संभल: संभल पुलिस ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार कार्यक्रम से जुड़े एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए तीन लोगों के गिरोह को गिरफ्तार किया है। 1 यह गिरोह मुख्यमंत्री के फर्जी हस्ताक्षर और मुहर लगे दस्तावेज तैयार कर अधिकारियों पर दबाव बनाता था और गोरखपुर मठ के नाम से फोन कर लोगों के काम कराने के एवज में मोटी रकम वसूलता था। 1 इस मामले में भाजपा पश्चिमी क्षेत्र के उपाध्यक्ष राजेश सिंघल के भाई कपिल सिंघल का नाम भी सामने आया है।READ ALSO:- गाजियाबाद: नंदग्राम थाने में भाजपा महानगर मंत्री से मारपीट, दारोगा समेत तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड
पुलिस के हत्थे चढ़े इस शातिर गिरोह का पर्दाफाश तब हुआ जब संजयनगर निवासी विपुल गुप्ता ने कोतवाली संभल में एक ऑडियो क्लिप और शिकायत दर्ज कराई। विपुल गुप्ता ने आरोप लगाया कि प्रॉपर्टी विवाद को लेकर उनके पूर्व कारोबारी पार्टनर कपिल सिंघल से उनका मनमुटाव चल रहा है। इसी विवाद के चलते उनकी पत्नी शालिनी अग्रवाल को एक व्यक्ति ने फोन किया, जिसने खुद को भाजपा लखनऊ और गोरखपुर मठ से 'पंडित राज आचार्य महाराज' बताया। कॉलर ने शालिनी से कपिल सिंघल के साथ चल रहे विवाद के बारे में बात की और विपुल गुप्ता से जल्द संपर्क करने को कहा, अन्यथा मदद नहीं करने की धमकी दी। 53 सेकंड की इस ऑडियो क्लिप के आधार पर विपुल गुप्ता की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ BNS की धारा 351(4) के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस जांच में सामने आया कि गोरखपुर मठ और भाजपा लखनऊ में 'पंडित राज आचार्य महाराज' नाम का कोई व्यक्ति नहीं है। पड़ताल के दौरान पुलिस ने पाया कि यह एक संगठित गिरोह है जो इंटरनेट से मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर और मोहर की कॉपी कर फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। इसके बाद, गिरोह का सदस्य खुद को गोरखपुर मठ या मुख्यमंत्री कार्यालय से बताकर अधिकारियों को फोन करता था और शिकायतकर्ता के पक्ष में कार्रवाई करने का दबाव बनाता था। काम होने के बाद यह गिरोह हर मामले के 20 से 50 हजार रुपए तक वसूलता था।
पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार किए गए बाराबंकी के सीहामऊ गांव निवासी मुख्य साजिशकर्ता नागेंद्र ने बताया कि लखनऊ में उसकी मुलाकात संभल के कोट पूर्वी निवासी कपिल सिंघल से हुई थी। कपिल सिंघल ने उसे 30 हजार रुपए देकर अपने सहयोगी मोहल्ला कोट पूर्वी निवासी विपुल गुप्ता के परिवार को फोन कर धमकाने और दबाव बनाने को कहा था। जांच में यह भी पुष्टि हुई कि विपुल गुप्ता और कपिल सिंघल के बीच प्रॉपर्टी को लेकर गंभीर विवाद चल रहा है और कपिल सिंघल ने विपुल गुप्ता की संपत्ति हड़पने की साजिश रची थी।
पुलिस अधीक्षक कृष्ण विश्नोई ने बताया कि 18 फरवरी 2025 को इस संबंध में थाना संभल में शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद से पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही थी। लगातार प्रयासों के बाद पुलिस ने इस गिरोह के मुख्य सदस्य बाराबंकी के नागेन्द्र, सुधीर कुमार मिश्रा और रामपुर के राजू को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी ने बताया कि गिरोह ने विपुल गुप्ता को धमकाने के लिए 30 हजार रुपए एडवांस लिए थे। पूछताछ में यह भी सामने आया है कि पिछले एक महीने में इस गिरोह ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को 33 बार और पुलिस अधिकारियों के सीयूजी मोबाइल नंबरों पर 135 बार संपर्क किया था। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य पीड़ितों की शिकायतों पर भी मामले दर्ज करेगी और गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। गिरफ्तार तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है और मामले की गहन जांच जारी है। इस फर्जीवाड़े के पर्दाफाश के बाद प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है।
