चारधाम यात्रा 2025: सुरक्षित यात्रा के लिए सरकार ने जारी किए सख्त दिशा-निर्देश

लाखों श्रद्धालुओं के लिए 30 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए वाहन चालकों और यात्रियों के लिए कड़े नियम लागू किए गए हैं, जिसमें रात्रिकालीन यात्रा पर प्रतिबंध और ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य है।
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उत्तराखंड में आगामी 30 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सरल बनाने के लिए राज्य सरकार और परिवहन विभाग ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए इस बार यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।READ ALSO:-पेट्रोल-डीजल के दामों में नहीं होगी बढ़ोतरी, सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये की वृद्धि का किया ऐलान

 

वाहन चालकों के लिए सख्त नियम:
  1. जूते अनिवार्य: यात्रा के दौरान वाहन चालकों को चप्पल, स्लीपर या सैंडल पहनकर वाहन चलाने की अनुमति नहीं होगी। केवल बंद जूते या मजबूत ट्रैकिंग शूज ही पहनने होंगे।
  2. व्यवहार, वेशभूषा और स्वास्थ्य पर निगरानी: वाहन चालकों के व्यवहार, उनकी वेशभूषा और स्वास्थ्य की भी जांच की जाएगी।
  3. नशे में ड्राइविंग पर पूर्ण प्रतिबंध: शराब या किसी अन्य नशे की हालत में वाहन चलाने पर पूरी तरह से रोक है, और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
  4. अनिवार्य उपकरण: सभी वाहनों में फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निशमन यंत्र, डस्टबिन और वोमेटिंग बैग का होना अनिवार्य है।
  5. वैध दस्तावेज: वाहन चालकों को अपना प्रशिक्षण प्रमाणपत्र, फिटनेस सर्टिफिकेट और अन्य सभी आवश्यक वैध दस्तावेज साथ रखने होंगे।

 

रात्रिकालीन यात्रा पर प्रतिबंध:
सुरक्षा कारणों और सड़कों की मरम्मत आदि कार्यों के लिए रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक किसी भी व्यवसायिक वाहन को चारधाम मार्गों पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस अवधि का उपयोग सड़कों की सफाई, मरम्मत और आपातकालीन व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा।

 

यात्रियों के लिए जरूरी जानकारी:
  • ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य: चारधाम यात्रा करने वाले सभी यात्रियों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य है। बिना पंजीकरण के यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • अनुभवी चालक और पंजीकृत वाहन चुनें: यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे केवल अनुभवी चालकों और परिवहन विभाग द्वारा पंजीकृत वाहनों का ही चयन करें।
  • एडवाइजरी का पालन करें: सरकार ने यात्रियों से अपील की है कि वे पर्वतीय सड़कों की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए यात्रा संबंधी सभी दिशा-निर्देशों और एडवाइजरी का पूरी तरह से पालन करें।

 

रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया:
यात्री टूरिस्ट केयर उत्तराखंड की आधिकारिक वेबसाइट - https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं।

 

परिवहन विभाग की कड़ी निगरानी:
परिवहन विभाग ने यात्रा मार्गों पर निगरानी रखने के लिए 43 टीमों का गठन किया है। ये टीमें अलग-अलग रूटों पर तैनात रहेंगी और वाहनों के टायर, ब्रेक, लाइट, दस्तावेज और सुरक्षा उपकरणों की नियमित रूप से जांच करेंगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

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यात्रा का प्रारंभ और मार्ग:
  • 30 अप्रैल: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे।
  • 2 मई: केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।
  • 4 मई: बद्रीनाथ धाम के कपाट दर्शनार्थ खुलेंगे।

 

चारधाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से होती है, जिसके बाद श्रद्धालु क्रमशः गंगोत्री, केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ के दर्शन करते हैं। यमुनोत्री पहुंचने के लिए यात्रियों को जानकीचट्टी से लगभग 6 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है।

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प्रमुख सुझाव:
  • अपने वाहन को केवल निर्धारित पार्किंग स्थलों पर ही पार्क करें।
  • पार्किंग में खड़ी गाड़ी में हैंडब्रेक अवश्य लगाएं या टायर के नीचे लकड़ी का गुटका रखें।
  • यात्रा शुरू करने से पहले और यात्रा समाप्त करने के बाद चेकपोस्ट पर अपने वाहन की प्रविष्टि जरूर कराएं।

 

इन सख्त दिशा-निर्देशों का उद्देश्य चारधाम यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाना है, ताकि सभी श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के पवित्र स्थलों के दर्शन कर सकें। सरकार और परिवहन विभाग यात्रियों से सहयोग करने और नियमों का पालन करने की अपील करते हैं।

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