संभल में 'धनवर्षा' के नाम पर लड़कियों का शोषण और मानव तस्करी का सनसनीखेज खुलासा: लड़कियों के प्राइवेट पार्ट की पूजा और तंत्र क्रिया, प्रोफेसर समेत 15 गिरफ्तार

तांत्रिक गिरोह लड़कियों को 'टमाटर' और 'आर्टिकल' कहता था, तंत्र क्रिया के नाम पर करता था घिनौना कृत्य
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SAMBHAL
संभल जिले के धनारी क्षेत्र में पुलिस ने एक ऐसे अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है जो 'धनवर्षा' यानी नोटों की बारिश कराने का झांसा देकर भोले-भाले गरीब परिवारों की लड़कियों और लड़कों का यौन शोषण करता था। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आगरा, बुलंदशहर, संभल, एटा और फिरोजाबाद से 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि गिरफ्तार आरोपियों में मथुरा की एक प्रतिष्ठित निजी यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर भी शामिल है, जो इस घिनौने कृत्य में युवतियों की आपूर्ति करने में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम कर रहा था। पुलिस को अभी भी इस गिरोह के कुछ और सदस्यों की तलाश है।READ ALSO:-सीएम योगी का वक्फ संशोधन विधेयक पर बयान: अब वक्फ के नाम पर नहीं चलेगी डकैती

 

पुलिस की जांच में गिरफ्तार गिरोह के सदस्यों के मोबाइल फोन से 42 से अधिक लड़कियों की आपत्तिजनक तस्वीरें बरामद हुई हैं, जिससे इस गिरोह के काले कारनामों का अंदाजा लगाया जा सकता है। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह तंत्र क्रिया के नाम पर लोगों को ठगता था और उन्हें विश्वास दिलाता था कि विशेष पूजा-पाठ से उनके घर में नोटों की बारिश होगी। इस झांसे में आकर लोग आसानी से उनके जाल में फंस जाते थे, जिसके बाद गिरोह लड़कियों और लड़कों का यौन शोषण करता था।

 

गिरोह के सदस्य आपस में कोड भाषा का इस्तेमाल करते थे और अपने गिरोह को 'मीडिया' कहते थे। उनकी 'धन वर्षा' तांत्रिक क्रिया एक जटिल प्रक्रिया थी जिसमें वे लोगों को दुर्लभ वस्तुओं जैसे 20 नख का कछुआ, दो मुंह का सांप, विशेष प्रजाति का उल्लू, विशेष सीरियल नंबर के नोट और पुराने सिक्के दिखाकर भ्रमित करते थे। उनका मानना था कि सबसे ज्यादा नोटों की वर्षा लड़की पर तंत्र क्रिया करने से होती है।

 UP Tantra Trafficking Case Codewords Virginity and Worship Practices Used to Lure and Exploit Women

पीड़ित लड़कियों को गिरोह के सदस्य कोड नामों जैसे 'टमाटर', 'टीटी', 'आर्टिकल' या 'सामान' से संबोधित करते थे। तंत्र क्रिया के लिए लड़कियों की कुछ विशेष आवश्यकताएं थीं, जैसे कि उनका कुंवारी होना, लंबाई 5 फीट 5 इंच से अधिक होना, और शरीर पर किसी भी प्रकार के कटे-जले निशान, टैटू या ऑपरेशन के निशान नहीं होने चाहिए थे। यहां तक कि किसी जानवर द्वारा काटे जाने वाली लड़की को भी इस 'क्रिया' के लिए अयोग्य माना जाता था।

 

तंत्र क्रिया से पहले, एक 'गुरु' या 'कारीगर' (यह भी कोड नाम हैं) लड़की का वीडियो बनवाता था और उसके हाथ में एक कागज देकर उसकी फोटो खींची जाती थी। इसके बाद लड़की को एकांत में ले जाकर तांत्रिक क्रिया का नाटक किया जाता था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस दौरान लड़कियों के निजी अंगों की पूजा की जाती थी और लंबी लड़कियों की मांग अधिक रहती थी। तांत्रिक लड़की को अचेत करके दैवी शक्ति का भय दिखाकर उससे यौन संबंध स्थापित करता था। पुलिस ने दावा किया है कि उन्हें इस गिरोह के सदस्यों के मोबाइल से ऐसे कई प्रमाण मिले हैं।

 

इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब 21 मार्च को थाना धनारी क्षेत्र के गांव बमनपुरी के रहने वाले राजपाल ने पुलिस को सूचना दी कि उसकी मां की कमर में दर्द था और वह 11 मार्च को अपनी मां का तंत्र-मंत्र से इलाज कराने के लिए गांव के ही लाखन और रिंकू से मिला था। पुलिस के अनुसार, लाखन इस गिरोह का सरगना है। इसके बाद लाखन, रिंकू, अजय सिंह और दुर्जन, राजपाल को नरौरा ले गए, जहां से वे उसे एटा में संतोष और शिवम के साथ जबरन आगरा में एक अज्ञात स्थान पर ले गए। किसी तरह वहां से निकलने के बाद राजपाल ने दो दिन बाद घर पहुंचकर पुलिस को सूचना दी।

पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी। जांच के दौरान नामजद आरोपियों से पूछताछ की गई और उनके मोबाइल फोन खंगाले गए, जिससे पता चला कि वे सभी एक अंतरराज्यीय धनवर्षा ठगी गिरोह के सदस्य हैं जो लड़कियों और लड़कों की तस्करी कर उनका यौन शोषण करते हैं और वन्यजीवों की तस्करी में भी शामिल हैं। 28 मार्च को पुलिस ने इस मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

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एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि न्यायिक हिरासत में भेजे गए आरोपी डीएन त्रिपाठी के मोबाइल से कई ऑडियो रिकॉर्डिंग मिली थीं, जिनमें लड़कियों को लाकर तांत्रिक द्वारा काम कराने की बात हो रही थी। डीएन त्रिपाठी ने पुलिस को बताया कि यह बातचीत मथुरा निवासी डीएस सिसोदिया से हो रही थी। जांच के दौरान पुलिस ने मथुरा के शास्त्रीनगर कॉलोनी निवासी दशरथ सिंह उर्फ डीएस सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया, जिसके मोबाइल से भी अन्य आरोपियों की तरह कई लड़कियों के वीडियो, फोटो और धनवर्षा गैंग के कोड वर्ड में बातचीत की चैट मिली।

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दशरथ सिंह ने पूछताछ में बताया कि वह भी 'धनवर्षा' तांत्रिक क्रिया में विश्वास रखता है और लगभग तीन साल से इस गिरोह से जुड़ा हुआ है। वह यौन शोषण के लिए लड़कियों की सप्लाई करने का काम करता था और लड़कियों को तांत्रिक गुरु तक पहुंचाने में मदद करता था। आरोपी प्रोफेसर पांच फीट छह इंच लंबाई वाली लड़कियों की पूरी जानकारी एक फॉर्म में भरवाता था।

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हाल ही में पुलिस ने इस गिरोह के एक और सदस्य दशरथ को गिरफ्तार किया है, जिसने खुद को मथुरा की एक निजी यूनिवर्सिटी में लाइब्रेरी व इन्फॉर्मेशन साइंस का प्रोफेसर बताया है। उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने प्रेस वार्ता में इस पूरे मामले का विस्तृत खुलासा किया और बताया कि पुलिस ने इस गिरोह के 15 सदस्यों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से तांत्रिक क्रिया का सामान और वन्यजीव भी बरामद किए गए हैं। पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और बाकी फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
SONU

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