नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर चला चाबुक, 3 स्कूलों को नोटिस, 76 पर लगा ₹1-1 लाख का जुर्माना

अनुमन्य सीमा से अधिक फीस लेने और वृद्धि का ब्यौरा न देने वाले स्कूलों पर गिरी गाज, DM की अध्यक्षता में DFRC की बैठक में कड़े फैसले, एक हफ्ते में मांगा जवाब
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नोएडा, शुक्रवार (11 अप्रैल, 2025): गौतमबुद्ध नगर जिले में निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से गैर-वाजिब फीस वसूलने और नियमों की अनदेखी करने के मामलों पर जिला प्रशासन ने कड़ा एक्शन लिया है। शुक्रवार को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा (संभावित नाम, वर्तमान डीएम) की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला शुल्क नियामक समिति (DFRC) की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में इस सत्र के लिए स्कूलों द्वारा की गई फीस वृद्धि की समीक्षा की गई, जिसमें कई स्कूलों द्वारा नियमों का उल्लंघन पाया गया।READ ALSO:-मेरठ: सांसद बाजपेयी की पहल पर 21 दिन बाद फिर दौड़ी राज्यरानी एक्सप्रेस, पहले दिन यात्रियों से खचाखच भरी रही ट्रेन

 

तीन स्कूलों को सीमा से अधिक फीस वृद्धि पर नोटिस
समिति ने जिले के 144 स्कूलों द्वारा सत्र 2024-25 के लिए की गई फीस वृद्धि के प्रस्तावों और लागू की गई फीस का गहन आंकलन किया। जांच में पाया गया कि तीन स्कूलों ने उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम, 2018 के तहत निर्धारित अनुमन्य सीमा से अधिक फीस वृद्धि की है। इन स्कूलों में शामिल हैं:

 

  1. अमर पब्लिक स्कूल (सेक्टर-37, नोएडा)
  2. पारस पब्लिक स्कूल (ग्राम मिल्क लच्छी)
  3. संत किशोरी विद्या मंदिर (सेक्टर-158, नोएडा)

 

इन तीनों स्कूलों को समिति द्वारा नोटिस जारी कर दिया गया है और उन्हें एक सप्ताह के भीतर इस अतिरिक्त फीस वृद्धि पर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 

फीस वृद्धि का ब्यौरा न देने पर 76 स्कूलों पर जुर्माना
बैठक में यह भी पाया गया कि जिले के 76 निजी स्कूलों ने इस वर्ष की गई फीस वृद्धि का विवरण निर्धारित समय सीमा में जिला शुल्क नियामक समिति को प्रस्तुत ही नहीं किया, जो कि अधिनियम का सीधा उल्लंघन है। इस लापरवाही पर समिति ने कड़ा रुख अपनाते हुए इन सभी 76 स्कूलों पर ₹1-1 लाख का अर्थदंड लगाया है। साथ ही, इन स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाए।

 

पारदर्शिता और अन्य निर्देश
जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) डॉ. धर्मवीर सिंह ने बैठक में सभी स्कूलों को सत्र 2024-25 और आगामी सत्र 2025-26 के लिए अपने स्कूल स्टाफ की वेतन वृद्धि का संपूर्ण विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त, समिति ने यह भी अनिवार्य किया है कि भविष्य में कोई भी स्कूल यदि फीस बढ़ाता है, तो उसे वृद्धि लागू करने से कम से कम 60 दिन पहले स्कूल की आधिकारिक वेबसाइट पर इसकी पूरी जानकारी अपलोड करनी होगी।

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ड्रेस-किताबों के लिए दबाव बनाने पर रोक हेतु समितियां गठित
अभिभावकों की उन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जिनमें स्कूल प्रबंधन द्वारा उन्हें किसी खास दुकान से ही ड्रेस, किताबें, जूते या अन्य सामग्री खरीदने के लिए बाध्य किया जाता है, प्रशासन ने सात जांच समितियों का गठन किया है। इन समितियों की अध्यक्षता सिटी मजिस्ट्रेट, संबंधित उपजिलाधिकारी (SDM) और तहसीलदार करेंगे। ये समितियां ऐसी शिकायतों की जांच करेंगी और औचक निरीक्षण भी करेंगी। किसी भी स्कूल को इस तरह की गतिविधि में दोषी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

 

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह पूरी कार्रवाई नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के लिए एक चेतावनी और नजीर है, ताकि भविष्य में कोई भी स्कूल मनमाने ढंग से फीस वृद्धि कर अभिभावकों पर अनावश्यक बोझ न डाल सके।
SONU

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