UP में वक्फ बिल पर आरएलडी में बगावत, जयंत चौधरी पर मुस्लिम नेताओं ने लगाया विश्वासघात का आरोप, इस्तीफों की झड़ी

 राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश महासचिव समेत हापुड़ और मुजफ्फरनगर के जिला स्तर के पदाधिकारियों ने छोड़ा पार्टी का साथ, जयंत चौधरी के समर्थन पर जताया कड़ा विरोध
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Shahzeb Rizvi & JAYANT CHAUDHARY
बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी वक्फ बिल को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। शुक्रवार को राष्ट्रीय लोकदल (RLD) को उस समय बड़ा झटका लगा, जब पार्टी के प्रदेश महासचिव शाहजेब रिजवी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने एक वीडियो जारी कर पार्टी प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए।READ ALSO:-नोएडा में दिल दहला देने वाली घटना, शक की आग में झुलसी पत्नी, पति ने पहले चाकू से रेता गला, फिर हथौड़े से कुचला सिर

 

शाहजेब रिजवी ने अपने इस्तीफे के वीडियो में कहा कि जयंत चौधरी भटक चुके हैं। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी को मुसलमानों ने मुख्य धारा में लाने का काम किया, बढ़-चढ़कर वोट दिया, उसी पार्टी ने आज मुसलमानों के खिलाफ बन रहे कानून (वक्फ बिल) में अपनी सहमति जताई है। रिजवी ने सीधे तौर पर जयंत चौधरी पर मुसलमानों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया।

 

शाहजेब रिजवी अकेले नहीं हैं जिन्होंने इस मुद्दे पर पार्टी छोड़ी है। हापुड़ में पार्टी के जिला महासचिव मोहम्मद जकी ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जकी ने पार्टी पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि जयंत चौधरी ने ईमानदार राजनीति का वादा किया था, लेकिन अब पार्टी सत्ता के मोह में सब कुछ भूल चुकी है। इसके अलावा, मुजफ्फरनगर में रालोद के युवा विधानसभा अध्यक्ष वाजिद अली ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी को नुकसान हो सकता है, जहां मुसलमानों का एक बड़ा वोट बैंक है।READ ALSO:-नोएडा में दिल दहला देने वाली घटना, शक की आग में झुलसी पत्नी, पति ने पहले चाकू से रेता गला, फिर हथौड़े से कुचला सिर

 

अपने इस्तीफे के वीडियो में शाहजेब रिजवी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुसलमानों की भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि इस क्षेत्र के मुसलमानों ने जयंत चौधरी को अपनी आंखों का तारा माना था और इसी वजह से इस इलाके में आरएलडी के 10 विधायक जीते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसी सीट नहीं है जहां मुसलमानों का अच्छा-खासा वोट बैंक न हो और मुसलमानों ने एकतरफा आरएलडी को वोट दिया है। रिजवी ने कहा कि अगर आज जयंत चौधरी सरकार में बैठे हैं तो यह केवल इसलिए है क्योंकि उनके पास 10 विधायक हैं और मुसलमानों के वक्फ बिल का समर्थन करने के फैसले से मुस्लिम समुदाय बहुत आहत है।

 

रिजवी ने सेक्युलरिज्म की बात करते हुए कहा कि सेक्युलरिज्म की बातें करना और करके दिखाना अलग-अलग चीजें हैं और इस समय जयंत चौधरी को मुसलमानों के पक्ष में खड़ा होने की जरूरत थी, लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाए। उन्होंने भरे मन से पार्टी के महासचिव पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की और कहा कि किसी को भी उस पार्टी को छोड़ देना चाहिए जो उनके साथ खड़ी न हो। रिजवी ने आगे कहा कि चुनाव के समय जयंत चौधरी को मुसलमानों की याद आएगी, लेकिन जब मुसलमानों को उनकी जरूरत होगी तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा और आने वाले समय में इन लोगों को इसका एहसास होगा। उन्होंने 2027 के चुनाव में मुसलमानों से आरएलडी को सबक सिखाने का आह्वान किया।

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हापुड़ के जिला महासचिव मोहम्मद जकी ने भी पार्टी पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जयंत चौधरी ने ईमानदार राजनीति का वादा किया था, लेकिन अब पार्टी सत्ता के मोह में सब कुछ भूल चुकी है। मुजफ्फरनगर में रालोद के युवा विधानसभा अध्यक्ष वाजिद अली ने भी इसी मुद्दे पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

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गौरतलब है कि शाहजेब रिजवी पहले समाजवादी पार्टी में थे और उनका विवादों से भी नाता रहा है। अगस्त 2020 में उन्होंने कर्नाटक कांग्रेस के विधायक आर अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे नवीन के सिर पर पैगंबर मोहम्मद के अपमानजनक पोस्ट के लिए 51 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। इस भड़काऊ बयान के बाद मेरठ पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी किया था। नवीन के सोशल मीडिया पोस्ट के कारण बेंगलुरु में दंगे भड़क गए थे, जिसमें कई लोग घायल हुए थे और तीन लोगों की मौत भी हुई थी।
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