वोटर आईडी को आधार से लिंक करना हो सकता है अनिवार्य, चुनाव आयोग ने 18 मार्च को बुलाई अहम बैठक

नई दिल्ली: वोटर आईडी डेटा में गड़बड़ी के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने आगामी 18 मार्च को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें केंद्रीय गृह सचिव, UIDAI के सीईओ और विधायी सचिव शामिल होंगे। वर्तमान में यह प्रक्रिया वैकल्पिक है।
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Voter ID Aadhaar Linking
नई दिल्ली: वोटर आईडी डेटा में कथित गड़बड़ियों के सामने आने के बाद, भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India - ECI) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आयोग ने आगामी 18 मार्च को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है, जिसका मुख्य एजेंडा मतदाता पहचान पत्र (Voter ID) को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया को अनिवार्य बनाना है। यह बैठक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित की जाएगी और इसमें कई महत्वपूर्ण अधिकारी हिस्सा लेंगे।READ ALSO:-केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का जातिगत राजनीति पर करारा प्रहार: 'गुणों से होती है पहचान, जाति से नहीं'

 

इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय गृह सचिव (Union Home Secretary), भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (Unique Identification Authority of India - UIDAI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और विधायी सचिव (Legislative Secretary) जैसे उच्च पदस्थ अधिकारी शामिल होंगे। इन अधिकारियों की उपस्थिति इस मुद्दे की गंभीरता और सरकार के विभिन्न अंगों के बीच समन्वय की आवश्यकता को दर्शाती है।

 

वर्तमान में, भारत में वोटर आईडी और आधार कार्ड को आपस में लिंक करने की प्रक्रिया मतदाताओं के लिए पूर्णतः वैकल्पिक है। इसका अर्थ है कि कोई भी मतदाता अपनी इच्छा से अपने वोटर कार्ड को आधार नंबर से जोड़ सकता है, लेकिन ऐसा करना अनिवार्य नहीं है। इस संबंध में सरकार ने संसद में भी स्पष्टीकरण दिया है कि यदि कोई मतदाता किसी कारणवश अपने वोटर कार्ड को आधार से लिंक नहीं करता है, तो भी उसका नाम मतदाता सूची (Electoral Roll) से नहीं हटाया जाएगा। यह स्पष्टीकरण उन आशंकाओं को दूर करने के लिए दिया गया था कि आधार लिंक न करने पर मतदाताओं को उनके मताधिकार से वंचित किया जा सकता है।

 

हालांकि, चुनाव आयोग अब इस प्रक्रिया को अनिवार्य करने की दिशा में विचार कर रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को और अधिक त्रुटि रहित और पारदर्शी बनाना है। दिसंबर 2021 में, लोकसभा ने चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 (Election Laws (Amendment) Bill, 2021) पारित किया था, जिसमें वोटर आईडी को आधार से जोड़ने की सिफारिश की गई थी। इस विधेयक का उद्देश्य मतदाता सूची में फर्जी नामों को हटाना और एक ही व्यक्ति के कई स्थानों पर मतदाता के रूप में पंजीकृत होने की संभावना को समाप्त करना है।

 

चुनाव आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अब तक देश भर में कुल 97 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 64 करोड़ मतदाताओं ने अपने वोटर आईडी कार्ड को सफलतापूर्वक आधार से लिंक करा लिया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि काफी संख्या में मतदाताओं ने इस स्वैच्छिक प्रक्रिया में भाग लिया है, लेकिन अभी भी एक बड़ी संख्या ऐसी है जिन्होंने ऐसा नहीं किया है।

 

वोटर आईडी को आधार से लिंक करने के संभावित लाभों पर भी इस खबर में प्रकाश डाला गया है:
  • फर्जी मतदान पर रोक: इस प्रक्रिया के अनिवार्य होने से एक ही व्यक्ति के एक से अधिक स्थानों पर वोट डालने की संभावना काफी हद तक समाप्त हो जाएगी, जिससे चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
  • डुप्लिकेसी का मसला हल होगा: मतदाता सूची में बड़ी संख्या में डुप्लिकेट नाम मौजूद हैं, जिससे कई बार भ्रम की स्थिति पैदा होती है। आधार लिंकिंग से ऐसे डुप्लिकेट नामों की पहचान करने और उन्हें हटाने में मदद मिलेगी, जिससे मतदाता सूची अधिक स्वच्छ और सटीक बनेगी।
  • EPIC नंबर अपडेट होगा: जिन मतदाताओं के पास डुप्लीकेट वोटर कार्ड होंगे, उन्हें इस प्रक्रिया के तहत तीन महीने के भीतर नए मतदाता पहचान पत्र (EPIC - Electoral Photo Identity Card) नंबर जारी किए जाएंगे, जिससे भ्रम की स्थिति और कम होगी।

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हालांकि, आधार लिंकिंग के संभावित लाभों के बावजूद, कई विशेषज्ञ और विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे पर अपनी चिंताएं भी व्यक्त की हैं। उनकी मुख्य चिंता नागरिकों की निजता (Privacy) और व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा से जुड़ी हुई है। उनका कहना है कि आधार कार्ड जैसी संवेदनशील जानकारी को वोटर आईडी से जोड़ने से डेटा लीक होने या दुरुपयोग होने का खतरा बढ़ सकता है। उनका मानना है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस प्रक्रिया के दौरान मतदाताओं के डेटा की सुरक्षा पूरी तरह से सुनिश्चित की जाए।

 

इस खबर के साथ ही आधार कार्ड से जुड़ी एक अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी दी गई है। इसमें बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति अपना आधार कार्ड नंबर भूल गया है या उसका आधार कार्ड कहीं खो गया है, तो वह UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट या अन्य माध्यमों से अपना ई-आधार कैसे डाउनलोड कर सकता है। इसके अतिरिक्त, आधार कार्ड का उपयोग करते समय किन महत्वपूर्ण सावधानियों को बरतना आवश्यक है, इस पर भी जानकारी दी गई है। आज के डिजिटल युग में आधार कार्ड एक अत्यंत महत्वपूर्ण और अद्वितीय पहचान दस्तावेज बन गया है, जिसका उपयोग लगभग सभी सरकारी और गैर-सरकारी कार्यों से लेकर मोबाइल सिम खरीदने तक में होता है। आधार कार्ड में 12 अंकों का एक विशिष्ट नंबर होता है, जो प्रत्येक नागरिक को केवल एक बार ही जारी किया जाता है। ऐसे में, इसकी सुरक्षा और इसे सुरक्षित रखना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है।
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