मेरठ: हस्तिनापुर में 1000 रुपए के लिए खूनी संघर्ष, ठाकुर समाज के लोगों ने कश्यप परिवार पर किया हमला, 7 घायल
बस्तौरा गांव में उधार के पैसे मांगने पर विवाद, आरोपी ने साथियों संग घर में घुसकर महिलाओं समेत सात लोगों को पीटा, एक की हालत गंभीर, पुलिस पर मामूली धाराओं में मामला दर्ज करने का आरोप।
Mar 17, 2025, 02:05 IST
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मेरठ जिले के हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के बस्तौरा गांव में रविवार को एक मामूली सी रकम को लेकर बड़ा और हिंसक विवाद सामने आया। बताया जा रहा है कि गांव के ही ठाकुर समाज के कुछ लोगों ने एक कश्यप परिवार पर हमला कर दिया, जिसमें महिलाओं समेत सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना ने गांव में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है।READ ALSO:-बिजनौर: धामपुर में BJP जिलाध्यक्ष भूपेंद्र चौहान का भव्य स्वागत, कार्यकर्ताओं में दिखा भारी उत्साह
जानकारी के अनुसार, बस्तौरा गांव के रहने वाले सोलंकी ने गांव के ही विपिन उर्फ गूंगा को कुछ समय पहले एक हजार रुपए उधार दिए थे। रविवार को जब सोलंकी ने विपिन से अपने पैसे वापस मांगे, तो विपिन ने पैसे देने से साफ इनकार कर दिया। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच पहले तीखी कहासुनी हुई। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत करा दिया था, लेकिन यह शांति ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई।
कुछ देर बाद, आरोपी विपिन उर्फ गूंगा अपने साथ करीब 20 लोगों को लेकर दोबारा सोलंकी के घर पर धावा बोल दिया। आरोप है कि इन हमलावरों के हाथों में लाठी-डंडे और धारदार हथियार थे। उन्होंने घर में घुसते ही सोलंकी के भाई हरीश को निशाना बनाया और उस पर बलकटी (एक प्रकार का धारदार हथियार) से हमला कर दिया। जब घर की महिलाओं ने इस हमले का विरोध करने की कोशिश की, तो हमलावरों ने उन पर भी लाठी-डंडों से बेरहमी से हमला कर दिया। इस हिंसक झड़प में सोलंकी के भाई हरीश, शिवम, मल्लू, चीनू, राजन, रवि और घर की दो महिलाएं, रजनी और मीनू, गंभीर रूप से घायल हो गईं।
घटना की सूचना मिलते ही हस्तिनापुर थाने की पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस ने सभी घायलों को तत्काल निकटतम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएससी) पहुंचाया। हालांकि, घायलों की गंभीर हालत को देखते हुए, डॉक्टरों ने उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद मेरठ के एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया। बताया जा रहा है कि घायल हरीश की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है और डॉक्टर उसकी निगरानी कर रहे हैं।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने इस गंभीर मामले में भी मामूली धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। परिवार का कहना है कि हमलावरों ने घर में घुसकर जानलेवा हमला किया, लेकिन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के बजाय हल्की धाराओं में चालान कर दिया है। पीड़ित परिवार ने स्थानीय पुलिस पर दबंगों का साथ देने का गंभीर आरोप लगाया है और उन्होंने इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से करने की बात कही है, ताकि उन्हें न्याय मिल सके और दोषियों को उनके किए की सजा मिल सके।
इस पूरे विवाद की जड़ में सोलंकी द्वारा विपिन को दिए गए एक हजार रुपए का उधार था। जब सोलंकी ने अपने पैसे वापस मांगे, तो विपिन ने न केवल पैसे देने से इनकार कर दिया, बल्कि अपने साथियों सूरज, नितिंज, ललित और भूरी समेत कई अन्य लोगों को इकट्ठा कर सोलंकी के घर पर हमला कर दिया।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को सीएससी में भर्ती कराया था, जहां से उन्हें निजी अस्पताल रेफर किया गया। हरीश की गंभीर स्थिति को देखते हुए परिवार वाले काफी चिंतित हैं। पीड़ित पक्ष का कहना है कि पुलिस ने प्रभावशाली लोगों के दबाव में आकर मामूली धाराओं में मामला दर्ज किया है और मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। पीड़ित परिवार ने थाना पुलिस के रवैये पर नाराजगी जताते हुए जिले के उच्च पुलिस अधिकारियों से मिलकर न्याय की गुहार लगाने का फैसला किया है। उनका कहना है कि वे इस मामले को आसानी से नहीं जाने देंगे और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाकर ही दम लेंगे। इस घटना से गांव में दहशत और गुस्से का माहौल है।
