एक्सप्रेसवे किनारे के गांवों में विकास की सौगात: दिल्ली-मेरठ और पेरिफेरल के गांवों के लिए जीडीए का बड़ा प्लान

18 मार्च को बोर्ड मीटिंग में रखा जाएगा प्रस्ताव, एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की मंजूरी के बाद शासन करेगा अंतिम निर्णय। दिल्ली-मेरठ और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 500 मीटर तक के गांवों में होगा काम।
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 Delhi-Meerut and peripheral
गाजियाबाद: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के किनारे बसे गांवों के लिए एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक खबर सामने आई है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) इन गांवों में बुनियादी ढांचे और अन्य आवश्यक सुविधाओं के विकास के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने पहले ही एक विस्तृत सर्वेक्षण और रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसमें इन एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 500-500 मीटर के दायरे में आने वाले गांवों की पहचान की गई है। इस रिपोर्ट को जीडीए के उपाध्यक्ष को सौंप दिया गया है, जिससे विकास कार्यों को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो सके।READ ALSO:-केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का जातिगत राजनीति पर करारा प्रहार: 'गुणों से होती है पहचान, जाति से नहीं'

 

जीडीए अब इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को अपनी आगामी बोर्ड मीटिंग में प्रस्तुत करने की तैयारी कर रहा है, जो 18 मार्च को आयोजित होने वाली है। इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य इन गांवों को जीडीए के अधिकार क्षेत्र में शामिल करना है, ताकि यहां पर सुनियोजित और एकीकृत विकास कार्य कराए जा सकें। वर्तमान में, ये गांव जिला पंचायतों के अधीन आते हैं, जिसके कारण विकास कार्यों की गति धीमी है और अक्सर योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन नहीं हो पाता है।

 

दरअसल, एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने इस संबंध में पहल करते हुए वर्ष 2018 में ही एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया था। बोर्ड ने महसूस किया कि इन एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित गांवों में विकास की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन उचित योजना और समन्वय के अभाव के कारण यह क्षेत्र अपेक्षित प्रगति नहीं कर पा रहा है। जीडीए के अधिकार क्षेत्र में आने के बाद, इन गांवों में सड़कों, बिजली, पानी, सीवरेज और अन्य नागरिक सुविधाओं का विकास बेहतर तरीके से हो सकेगा।

 

प्रस्ताव को जीडीए बोर्ड मीटिंग में स्वीकृति मिलने के बाद, इसे अंतिम मंजूरी के लिए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को वापस भेजा जाएगा। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की सहमति के बाद, यह प्रस्ताव उत्तर प्रदेश शासन को भेजा जाएगा, जहां इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। शासन की मंजूरी मिलते ही जीडीए इन गांवों में विकास कार्यों की शुरुआत कर देगा।

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के किनारे गाजियाबाद जिले के लोनी और मोदीनगर तहसील क्षेत्र तथा बागपत जिले के खेखड़ा क्षेत्र में कुल 51 गांव स्थित हैं। वहीं, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के किनारे मोदीनगर और गाजियाबाद शहर के आसपास लगभग 26 गांव बसे हुए हैं। इन गांवों में वर्तमान में विकास कार्य या तो पूरी तरह से ठप हैं या बहुत धीमी गति से चल रहे हैं। इन गांवों के निवासियों ने कई बार गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से इस क्षेत्र में विकास कार्य कराने की मांग की है, और अब जीडीए की इस पहल से उन्हें काफी उम्मीदें हैं।

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जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें एनसीआर प्लानिंग बोर्ड द्वारा तैयार की गई गांवों की सूची प्राप्त हो गई है और इसे 18 मार्च को होने वाली बोर्ड मीटिंग में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि बोर्ड इस प्रस्ताव को सकारात्मक रूप से स्वीकार करेगा, जिसके बाद इसे एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को वापस भेज दिया जाएगा। इस कदम से न केवल इन गांवों में विकास की गति तेज होगी, बल्कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का कार्यक्षेत्र भी काफी हद तक विस्तारित हो जाएगा, जिससे क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा।
SONU

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