गुजरात पटाखा फैक्ट्री विस्फोट: मध्य प्रदेश के 18 मजदूरों समेत 20 की मौत, एक साथ जलीं 18 चिताएं
बनासकांठा के दिसा में हुए हादसे में बच्चों और एक मां-बेटों की जोड़ी भी शामिल, डीएनए से होगी दो शवों की पहचान, देवास में सामूहिक अंतिम संस्कार।
Apr 3, 2025, 20:32 IST
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गुजरात के बनासकांठा जिले के दिसा में 1 अप्रैल को सुबह 8 बजे एक दर्दनाक हादसा हुआ। यहाँ एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हो गया, जिसके कारण 20 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे में जान गंवाने वालों में से 18 की पहचान हो चुकी है, जिनमें 8 मजदूर हरदा और 10 मजदूर देवास जिले (मध्य प्रदेश) के रहने वाले थे। दुख की बात यह है कि मृतकों में छोटे बच्चे, जिनकी उम्र 5 से 8 साल के बीच थी, और एक मां अपने तीन बेटों के साथ शामिल हैं। इसके अलावा, एक चाचा और भतीजे की जोड़ी भी इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में अपनी जान गंवा बैठी।READ ALSO:-बिजनौर: बाग में पड़ी सुलगती राख से मासूम बच्ची की मौत, बचाने में माता-पिता भी झुलसे
फिलहाल, दो शव ऐसे हैं जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। इन शवों की हालत इतनी खराब है कि उनकी पहचान केवल डीएनए टेस्ट के माध्यम से ही संभव हो पाएगी।
इस बीच, आज गुरुवार को हरदा और देवास जिले के मृतक मजदूरों का एक साथ अंतिम संस्कार मध्य प्रदेश के देवास जिले में किया गया। गुजरात के बनासकांठा के पटाखा फैक्ट्री विस्फोट में देवास और हरदा के 18 मजदूरों की दर्दनाक मौत के बाद, इन सभी के शवों को नेमावर के नर्मदा घाट पर लाया गया, जहाँ उनका सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार किया गया। मध्य प्रदेश सरकार ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए प्रत्येक मृतक के परिवार को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है।
मृतक मजदूरों में से देवास के 10 मजदूरों के शवों को पहले उनके पैतृक गांव संदलपुर ले जाया गया, जहाँ ग्रामीणों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और अंतिम दर्शन किए। इसके बाद, इन शवों को नेमावर घाट पर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। वहीं, हरदा के हंडिया के 8 मजदूरों के शवों को सीधे गुजरात से नेमावर घाट लाया गया। अंतिम संस्कार के समय स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। इस हृदयविदारक घटना के बाद से ही पूरे इलाके में मातम का माहौल छाया हुआ है और पीड़ित परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है।
