मेरठ जेल में हत्या की आरोपी मुस्कान निकली गर्भवती, मुस्कान की सहमति से होगा DNA टेस्ट, अल्ट्रासाउंड से निकलेगी बच्चे की डिटेल

 सौरभ हत्याकांड की आरोपी निकली एक माह की गर्भवती, जेल में बदले नियम, परिवार ने किया डीएनए टेस्ट की मांग
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मेरठ: मेरठ जिला कारागार में बंद मुस्कान, जो अपने प्रेमी के साथ मिलकर सौरभ की हत्या करने के आरोप में जेल में है, ने हाल ही में कराए गए प्रेगनेंसी टेस्ट में लगभग एक महीने की गर्भवती पाई गई है। इस खबर ने मामले में एक नया मोड़ ला दिया है। जेल प्रशासन अब मुस्कान के गर्भ में पल रहे बच्चे की पूरी तरह से जांच के लिए अल्ट्रासाउंड कराएगा और उसका नियमित रूप से जिला महिला अस्पताल में चेकअप भी कराया जाएगा। जेल के अंदर मुस्कान के खानपान में भी विशेष बदलाव किए गए हैं।Read also:-ग्रेटर नोएडा को मिला नया तोहफा: यमुना और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाला इंटरचेंज बनेगा, नहीं लगेगा टोल

 

इस अप्रत्याशित घटना के बाद मृतक सौरभ के परिवार ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे मुस्कान के बच्चे को तभी स्वीकार करेंगे जब डीएनए टेस्ट से यह साबित हो जाएगा कि बच्चा सौरभ का ही है। परिवार को संदेह है कि मुस्कान के गर्भ में पल रहा बच्चा उसके प्रेमी साहिल का हो सकता है, जिसके साथ वह सौरभ की हत्या के बाद हिमाचल प्रदेश घूमने गई थी। वहीं, मुस्कान के माता-पिता ने भी अपनी बेटी से नाता तोड़ लिया है और कह दिया है कि उन्हें मुस्कान या उसके बच्चे से कोई संबंध नहीं रखना है। वे सिर्फ मुस्कान की पहली बेटी पीहू का ही पालन-पोषण करेंगे।

 

गौरतलब है कि मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल ने मिलकर 3 मार्च को सौरभ की हत्या कर दी थी और उसके शव के टुकड़े करके उन्हें एक ड्रम में डालकर सीमेंट से जमा दिया था। इसके बाद दोनों 4 मार्च की शाम को हिमाचल प्रदेश घूमने चले गए थे और 17 मार्च को वापस मेरठ लौटे थे। पुलिस ने इस मामले में दोनों को 18 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था और 19 मार्च को उन्हें न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया था। रविवार को मुस्कान और एक अन्य महिला कैदी संगीता ने गर्भवती होने का दावा किया था, जिसके बाद जेल प्रशासन ने उनका प्रेगनेंसी टेस्ट कराया था। टेस्ट में मुस्कान लगभग एक महीने और संगीता ढाई महीने की गर्भवती पाई गईं।

 

वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि मुस्कान का जल्द ही अल्ट्रासाउंड कराया जाएगा ताकि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के बारे में पूरी जानकारी मिल सके। प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद मुस्कान की बैरक को बदल दिया गया है और उसके भोजन में भी बदलाव किया गया है। अब उसे एक गर्भवती महिला की तरह ही पौष्टिक आहार दिया जा रहा है।

 

जेल अधीक्षक ने यह भी बताया कि यदि मुस्कान को अपने बच्चे के पितृत्व को लेकर कोई विवाद लगता है, तो वह खुद डीएनए टेस्ट की मांग कर सकती है। यदि वह जेल में बच्चे को जन्म देती है, तो बच्चा छह साल की उम्र तक अपनी मां के साथ जेल में ही रहेगा। उसके बाद मुस्कान जिसे चाहेगी, बच्चा उसे सौंप दिया जाएगा।

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उधर, सौरभ की मां रेणू ने दृढ़ता से कहा है कि वह मुस्कान के गर्भ में पल रहे बच्चे का डीएनए टेस्ट अवश्य कराएंगी। उन्हें इस बात पर बिल्कुल भी यकीन नहीं है कि यह बच्चा उनके बेटे सौरभ का है। उनकी आशंका है कि मुस्कान उस समय अपने प्रेमी साहिल के साथ हिमाचल प्रदेश में थी, जब बच्चे का गर्भधारण हुआ होगा। मुस्कान की मां और पिता ने भी स्पष्ट कर दिया है कि उनका मुस्कान और उसके बच्चे से कोई संबंध नहीं है।

 

वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल बख्शी ने इस मामले पर कानूनी राय देते हुए बताया कि गर्भवती होने से मुस्कान को उसकी सजा में कोई विशेष लाभ नहीं मिलेगा। यदि उसे फांसी की सजा सुनाई जाती है, तो बच्चे की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सजा को उम्रकैद में बदला जा सकता है। जमानत मिलने की स्थिति में भी अदालत बच्चे के उचित पालन-पोषण के लिए उसे कुछ राहत दे सकती है। जेल में मुस्कान को गर्भवती महिलाओं के लिए निर्धारित भोजन और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी और उससे कोई भारी काम नहीं कराया जाएगा।
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