मेरठ : रिटायर्ड महिला टीचर को 12 दिन तक डिजिटल रखा नजरबंद, मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने की दी धमकी, ठगे 9 लाख रुपए, शिकायत करने पर दी जेल भेजने की धमकी

मेरठ में रिटायर्ड महिला टीचर अंजू सिंघल के साथ ठगी की गई है। उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर 9 दिन तक डिजिटल नजरबंद रखा गया। किसी से बात करने या मिलने पर जेल भेजने की धमकी दी गई। डर के मारे महिला ने बैंक, एफडी और पोस्ट ऑफिस से अपनी सारी बचत निकालकर ट्रांसफर कर दी।
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CYBER CRIME
मेरठ में साइबर जालसाजों ने जिले की एक रिटायर्ड महिला शिक्षिका को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दोषी बताकर 9 लाख रुपये की ठगी कर ली। पीड़िता का आरोप है कि उसे इस हद तक मजबूर किया गया कि उसने अपनी बैंक एफडी और पोस्ट ऑफिस में जमा रकम निकालकर जालसाजों के खाते में ट्रांसफर कर दी। फिलहाल पुलिस इस मामले में साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है। READ ALSO:-मेरठ : गर्लफ्रेंड को लेकर विवाद, सरेआम फायरिंग, युवक को 3 गोलियां मारी, कॉफी शॉप में घुसकर युवकों ने की 5 राउंड फायरिंग, अस्पताल में भर्ती

 

जानकारी के मुताबिक, रिटायर्ड शिक्षिका अंजू सिंघल शहर के रेलवे रोड थाना क्षेत्र के न्यू प्रेमपुरी में रहती हैं। अंजू का आरोप है कि कुछ दिन पहले उनके नंबर पर एक कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले ने उनसे कहा कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आ रहा है, इसलिए अब उन्हें जेल जाना पड़ेगा। इससे रिटायर्ड शिक्षिका डर गईं। 

 

अंजू सिंघल ने बताया कि पिछले महीने 29 नवंबर को उनके मोबाइल पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने उनसे कहा कि वह ट्राई (भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) से बोल रहा है। कॉल करने वाले ने अपना नाम चिराग ठाकुर बताया। उन्होंने कहा कि आपकी आईडी पर गुरुग्राम हरियाणा से मोबाइल सिम लिया गया है और उसका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में किया गया है। इससे वह तनाव में आ गई। वह डर गई और उसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शामिल बताकर जेल भेजने की धमकी दी गई, जिसके बाद ठगों ने उसे पूरे 9 दिन तक डिजिटल नजरबंद रखा। इस बीच कॉल करने वाला उसे बार-बार धमकाता रहा कि अगर उसने किसी से बात की या किसी से मिलने की कोशिश की तो उसे जेल भेज देंगे। 

 

पीड़िता अंजू का कहना है कि इस बीच उसके नंबर पर कई अन्य लोगों के भी कॉल आते रहे, जो खुद को हरियाणा पुलिस का अधिकारी बताकर उसे धमकाते रहे और जेल भेजने का डर दिखाते रहे। 

 

पीड़िता ने इस संबंध में साइबर क्राइम थाने में गुहार लगाई है कि कॉल करने वाले ने उसे वीडियो कॉल भी की। कॉल करने वाला खाकी वर्दी में था। उसने अपना नाम रणवीर सिंह बताया। इसके बाद तीसरे व्यक्ति ने एसआई अनुराग चहल को कॉल किया और उनसे बात करते हुए कहा कि वह कॉल ट्रांसफर कर देगा। उसने यह भी कहा कि सीनियर अधिकारी रघुनाथ पांडे बात करेंगे। इसके बाद एक अन्य व्यक्ति ने वीडियो कॉल पर बात की। सभी ने उसे जेल भेजने और सजा भुगतने को कहा, जिस पर उसका दिमाग काम करना बंद कर दिया। 

 

उसने बताया कि बार-बार फोन करने वाले लोगों ने बताया कि उन्हें ऐसे सबूत मिले हैं, जिसमें उसका नाम नरेश गोयल नामक मनी लॉन्ड्रिंग अपराधी से जुड़ा है। फोन करने वाले ने कहा कि आपको अपना सारा बैंक बैलेंस और एफडी आदि हमारे नाम ट्रांसफर करना होगा। साथ ही जालसाजों ने उससे यह भी कहा कि अगर वह निर्दोष है तो उसे ब्याज सहित पैसा वापस मिल जाएगा। अगर समय से पहले एफडी टूटती है तो उसका भी भुगतान आरबीआई करेगा। इसके बाद उसे व्हाट्सएप पर दो पत्र मिले। एक में मामले से संबंधित जानकारी दी गई और दूसरे पत्र में गोपनीय समझौते जैसा दस्तावेज भेजा गया। 

 

पीड़िता का कहना है कि डर के मारे मैंने बैंक एफडी और पोस्ट ऑफिस में जमा पैसे निकाल लिए और इसके बाद अलग-अलग तारीखों में कई किस्तों में 8 दिसंबर तक कुल 9 लाख 7 हजार 976 रुपये फोन करने वाले के बताए खातों में ट्रांसफर हो गए। इसके बाद उसे अहसास हुआ कि उसके साथ साइबर ठगी हुई है। जबकि उसके बाद न तो कॉल करने वाले का नंबर मिला और न ही उसके पास कोई कॉल आई। 

 

इस मामले में एसपी क्राइम अवनीश कुमार का कहना है कि पीड़िता द्वारा की गई शिकायत अब पूरी तरह से साइबर ठगी से जुड़ी हुई है। रविवार को उसकी रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। इस मामले में जानकारी जुटाकर जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं, उन्हें फ्रीज करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि साइबर ठगी करने वाले अपराधियों को जल्द पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
SONU

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