मेरठ: सुभारती मेडिकल कॉलेज का फर्जीवाड़ा उजागर, मृत मरीज को आयुष्मान योजना के तहत भर्ती दिखाकर लाभ उठाया
21 मार्च को छुट्टी, 23 को मौत, लेकिन सुभारती के रिकॉर्ड में 25 मार्च तक दिखाया भर्ती; आयुष्मान योजना में धोखाधड़ी का शक
Apr 7, 2025, 18:02 IST
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मेरठ के सुभारती मेडिकल कॉलेज प्रशासन का एक बड़ा कारनामा सामने आया है। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) नूपुर गोयल की जांच में पता चला है कि कॉलेज ने एक मृत मरीज को आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभ लेने के लिए कागजों में भर्ती दिखाया। जांच के अनुसार, मरीज की छुट्टी 21 मार्च को कर दी गई थी और 23 मार्च को उसकी दूसरे अस्पताल में मौत भी हो गई, लेकिन सुभारती के रिकॉर्ड में वह 25 मार्च तक भर्ती दर्शाया गया।READ ALSO:-मेरठ: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ भाकियू (चढूनी) का प्रदर्शन, जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
सीडीओ नूपुर गोयल ने इस खुलासे के बाद सुभारती मेडिकल कॉलेज को नोटिस भेजा है। उन्होंने आशंका जताई है कि सुभारती प्रशासन इस तरह से अन्य मरीजों के साथ भी धोखाधड़ी कर रहा होगा, इसलिए अन्य मरीजों के रिकॉर्ड की भी जांच की जाएगी। सीडीओ ने बताया कि पकड़े गए इस प्रकरण की रिपोर्ट जिलाधिकारी (डीएम) को सौंपी जाएगी, जिसके बाद यह तय होगा कि सुभारती प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा या जुर्माना लगाया जाएगा।
यह मामला तब सामने आया जब लोहिया नगर के निवासी आसिफ ने डीएम को शिकायत दर्ज कराई। आसिफ ने बताया कि उन्होंने 10 मार्च को अपनी मां शफीना को पेट और सीने में दर्द होने के कारण सुभारती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। शिकायत के अनुसार, 21 मार्च को शफीना की तबीयत और बिगड़ गई, जिसके कारण सुभारती के डॉक्टरों ने उन्हें उसी दिन एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया। इस निजी अस्पताल में 23 मार्च को शफीना की मौत हो गई।
आसिफ ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि सुभारती के डॉक्टरों ने उसकी मां के इलाज में लापरवाही बरती, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके आयुष्मान कार्ड से आवश्यकता से अधिक पैसे काटे गए। सीडीओ की जांच में पैसे अधिक काटे जाने की बात तो सही पाई गई है, जबकि इलाज में लापरवाही के आरोप की जांच मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) द्वारा की जा रही है। इस घटना ने सुभारती मेडिकल कॉलेज के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
