बिजनौर : हल्दौर में मादा तेंदुआ और दो शावक दिखे, हमले में अब तक 28 लोगों की मौत, वन विभाग अभी तक पकड़ने में नाकाम
बिजनौर जिले में तेंदुओं का आतंक वाकई चिंताजनक है। मादा तेंदुए का शावकों के साथ दिखना और पहले हुई घटनाओं से पता चलता है कि यह इलाका तेंदुओं के लिए एक सुरक्षित जगह बन गया है। इस समस्या से निपटने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
Mar 2, 2025, 13:28 IST
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बिजनौर जिले में तेंदुए का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। हल्दौर थाना क्षेत्र के जहानाबाद गांव के जंगल में मादा तेंदुआ दो शावकों के साथ देखी गई है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। READ ALSO:-मेरठ : धूमधाम से निकल रही थी दलित दूल्हे की बारात, स्कॉर्पियो में आए दबंग ने मचाया उत्पात, अंगूठी-ब्रेसलेट सहित 2 लाख कैश लूटे, चार घायल
पिछले कुछ समय से तेंदुओं ने इस इलाके को अपना ठिकाना बना लिया है। तेंदुए के हमलों में अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके हमलों में सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं। वन विभाग लगातार तेंदुए को पकड़ने का प्रयास कर रहा है।
वन विभाग जागरूकता अभियान भी चला रहा है। लेकिन तेंदुए के हमलों का सिलसिला थम नहीं रहा है। तेंदुओं की मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
ताजा घटना में जहानाबाद में मनीष के खेत में देर रात मादा तेंदुआ अपने दो शावकों के साथ देखी गई। किसी ग्रामीण ने इसका वीडियो बना लिया। स्थानीय लोगों ने वन विभाग से गांव में पिंजरा लगाकर जल्द से जल्द तेंदुए को पकड़ने की मांग की है।
वन विभाग द्वारा सक्रियता:
- वन विभाग को तेंदुओं को पकड़ने के लिए और अधिक सक्रियता दिखानी होगी।
- जहानाबाद में पिंजरे लगाने और अन्य आवश्यक उपाय करने चाहिए।
- तेंदुओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और नाइट विजन कैमरों का उपयोग किया जा सकता है।
ग्रामीणों की सुरक्षा:
- ग्रामीणों को सतर्क रहने और अकेले जंगल में न जाने की सलाह दी जानी चाहिए।
- रात के समय समूह में चलने और टॉर्च का उपयोग करने की सलाह दी जानी चाहिए।
- बच्चों और बुजुर्गों को घरों में सुरक्षित रखने के लिए विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
जागरूकता अभियान:
- वन विभाग को जागरूकता अभियान को और अधिक प्रभावी बनाना चाहिए।
- ग्रामीणों को तेंदुओं के व्यवहार और उनसे बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी देनी चाहिए।
- स्कूलों और पंचायतों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए।
तेंदुओं के प्राकृतिक आवास का संरक्षण:
- तेंदुओं के प्राकृतिक आवास को संरक्षित करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
- जंगल के कटाव को रोकने और वन्यजीवों के लिए पर्याप्त भोजन और पानी उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन:
- मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन के लिए एक दीर्घकालिक योजना बनाई जानी चाहिए।
- ग्रामीणों को वन्यजीवों के साथ रहने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
- वन्यजीवों के हमलों से प्रभावित लोगों को मुआवजा देने की व्यवस्था होनी चाहिए।
यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि वन विभाग और स्थानीय समुदाय इस समस्या से निपटने के लिए मिलकर काम करें।
