PM Modi US visit : संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने न्यूयॉर्क पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज शाम संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के प्रमुख मुद्दों में अफगानिस्तान(Afghanistan), सीमा पार से होने वाला आतंकवाद(terrorism), कोरोना संकट-गरीब देशों की मदद और सुरक्षा परिषद में भारत की भागीदारी जैसे विषय शामिल हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा (Prime Minister Narendra Modi in UN General Assembly) को संबोधित करने के लिए अमेरिका के न्यूयॉर्क (New York America) शहर पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज शाम संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के प्रमुख मुद्दों में अफगानिस्तान(Afghanistan), सीमा पार से होने वाला आतंकवाद(terrorism), कोरोना संकट-गरीब देशों की मदद और सुरक्षा परिषद में भारत की भागीदारी जैसे विषय शामिल हैं।

 

जानकारी हो कि पिछले वर्ष महासभा का सत्र कोविड-19 महामारी के कारण डिजिटल तरीके से आयोजित किया गया था। आज प्रधानमंत्री के न्यूयॉर्क पहुंचने पर विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, "भारत के 1.3 अरब लोगों की भावनाओं को आवाज देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न्यूयॉर्क पहुंचे, वह यहां पर कल 76वें यूएनजीए सत्र (76th UNGA Session) को संबोधित करेंगे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की वर्तमान सदस्यता अब और भी महत्वपूर्ण है।"

 

महासभा के बाद भारत रवाना होंगे पीएम

मोदी शनिवार अमेरिकी समय अनुसार, सुबह ‘संयुक्त राष्ट्र जनरल डिबेट’ में विश्वभर के नेताओं को संबोधित करेंगे। विश्व संगठन को संबोधित करने वाले वह पहले वैश्विक नेता होंगे। हवाईअड्डे पर प्रधानमंत्री की अगवानी भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू और संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने की। महासभा में संबोधन के बाद मोदी भारत के लिए रवाना हो जाएंगे।  पढ़ें - 87 लाख रुपये का मुआवजा : 5 साल पहले सड़क हादसे में कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला।
 

Quad conference में क्या बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई और जापानी समक्षकों के साथ क्वाड नेताओं के पहले व्यक्तिगत शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। सम्मेलन की मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने की। पीएम ने सम्मेलन में कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि चार देशों का यह समूह दुनिया की भलाई करने वाली शक्ति की तरह कार्य करेगा और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साथ ही पूरे विश्व में शांति एवं समृद्धि सुनिश्चित करेगा। पीएम मोदी ने कहा, "जापान में वर्ष 2004 में आयी सुनामी के उपरांत आज, जब दुनिया कोविड-19 के खिलाफ लड़ रही हैं, हम क्वाड गठबंधन के हिस्से के तौर पर एक बार फिर मानवता के लिए साथ आए हैं।" उन्होंने कहा, "हमारी क्वाड टीका पहल बृहद तौर पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों की मदद करेगी।" 

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड ने सदस्य देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, "मुझे अपने मित्रों के साथ चर्चा करने में खुशी होगी- चाहे वह आपूर्ति श्रृंखला, वैश्विक सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई, कोविड से निपटने या प्रौद्योगिकी सहयोग का मुद्दा हो।" मॉरिसन ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को किसी धौंस-दबाव से मुक्त होना चाहिए और विवादों को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार हल किया जाना चाहिए। अपने संक्षिप्त संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन के दौरान कहा, "मुझे भरोसा है कि हमारे सहयोग से दुनिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति स्थापित होगी और समृद्धि आएगी। मेरा पूरा विश्वास है कि हमारा क्वाड गठबंधन दुनिया की बेहतरी के लिए एक ताकत के रूप में काम करेगा।"

 

अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन President Joe Biden ने कहा कि कोविड से लेकर जलवायु संबंधी साझा चुनौतियों से निपटने के लिए दुनिया के चार लोकतंत्र एक-साथ आए हैं। बाइडन ने कहा, "इस समूह में लोकतांत्रिक साझेदार हैं जो वैश्विक विचार साझा करते हैं और भविष्य के लिए समान दृष्टिकोण रखते हैं।"

 

क्वाड का 2017 में हुआ गठन

हिंद-प्रशांत क्षेत्र को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने की रणनीति के तहत नवंबर 2017 में क्वाड का गठन किया गया था जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन (Japan PM Yoshihide Suga) के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi), ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Australia PM Scott Morrison) और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा (President Joe Biden) पहले प्रत्यक्ष क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए व्हाइट हाउस में एकत्र हुए हैं।

 

 

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