मोहन भागवत के बयान पर सियासी हलचल: कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, खड़गे ने जताई नाराजगी

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान को संशोधित किया जा सकता है और इसमें कोई भी बदलाव किया जा सकता है। इस बयान पर कांग्रेस नेताओं कपिल सिब्बल और मल्लिकार्जुन खड़गे ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

सिब्बल ने कहा कि भागवत का यह बयान संविधान के मूल्यों और सिद्धांतों के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। उन्होंने कहा कि संविधान देश का आधारभूत दस्तावेज है और इसमें किसी भी तरह का बदलाव देश की एकता और अखंडता के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। सिब्बल ने आगे कहा कि RSS का इतिहास संविधान के मूल्यों का विरोध करने का रहा है और वे अब भी संविधान को अपने एजेंडे के अनुसार बदलना चाहते हैं।

खड़गे ने भी भागवत के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह बयान संविधान के प्रति अनादर का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि संविधान देश के सभी नागरिकों के लिए समानता और न्याय का वादा करता है और इसे किसी भी तरह से बदलना देश की लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ छेड़छाड़ करने जैसा होगा। खड़गे ने आगे कहा कि RSS का इतिहास संविधान के मूल्यों का विरोध करने का रहा है और वे अब भी संविधान को अपने एजेंडे के अनुसार बदलना चाहते हैं।

भागवत के बयान के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। कई राजनीतिक दलों ने भागवत के बयान की आलोचना की है और कहा है कि यह देश की लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा है। वहीं, कुछ राजनीतिक दलों ने भागवत के बयान का समर्थन किया है और कहा है कि संविधान में बदलाव की जरूरत है।

यह भी उल्लेखनीय है कि भागवत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में संविधान के मूल्यों और सिद्धांतों को लेकर बहस चल रही है। कुछ लोग मानते हैं कि संविधान में कुछ बदलाव किए जाने की जरूरत है, जबकि अन्य लोग मानते हैं कि संविधान को अपने मूल रूप में ही संरक्षित रखना चाहिए।

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