मेरठ हुआ कोरोना मुक्त : 1.5 साल बाद एक्टिव केस 0, लेकिन त्योहारी सीजन में जरा सी लापरवाही से फिर आ सकती है आफत

 मेरठ स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मार्च 2020 से अभी तक मेरठ में 21 लाख से ज्यादा सैंपलों की जांच की गई, जिसमें से 66030 लोग कोरोना संक्रमित मिले जबकि 980 लोगों की मौत हुई।

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Meerut Corona Free
 Meerut Become Corona Free: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का मेरठ (Meert) जिला अब उन शहरों में शामिल हो गया है, जो पूरी तरह से कोरोना मुक्त (Corona Free) हो गए हैं। डेढ़ साल से भी ज्यादा समय बाद मेरठ को कोरोना महामारी से मुक्ति मिली है। शुक्रवार को मेरठ में एक्टिव केसों की संख्या शून्य हो गई है और अस्पताल में भर्ती अकेला मरीज भी स्वस्थ होकर घर लौट गया। मेरठ में कोरोना वायरस (Coronavirus) की चपेट में आने से पहली मौत मेरठ के ही 72 साल के बुजुर्ग अबुल अहमद (Abul Ahamad) की हुई थी। हालांकि, गोरखपुर जिले का पहला केस इकरामउल हसन (Ikramup Hasan) था, जो खुर्जा बुलंदशहर का रहने वाला था और महाराष्ट्र के अमरावती से मेरठ स्थित अपनी ससुराल लौटा था। 

 

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कोरोना मुक्त हुआ मेरठ

यूपी का मेरठ जिला अब पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो गया है। शुक्रवार को मेरठ में एक्टिव केस शून्य हो गए हैं। दीपावली जैसे बड़े त्योहार से पहले मेरठ वासियों के लिए ये खुशी की खबर है, लेकिन देश के कई राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और त्योहार पर बड़ी संख्या में देश-विदेश से लोग घर लौटेंगे। ऐसे में सावधानी बरतनी जरूरी है। Read ALso : HDFC बैंक से उठ जाएगा विश्वास: ग्राहक को बिना बताए खाते से निकाल रहे पैसा, जाने पूरा मामला

 

पहली मौत अबुल अहमद की हुई थी
गौरतलब है कि, 27 मार्च 2020 को मेरठ में कोरोना संक्रमण का पहला बुलंदशहर जिले के इकरामउल हसन का सामने आया था। ये क्रॉकरी व्यापारी हैं और महाराष्ट्र के अमरावती से मेरठ के शास्त्रीनगर स्थित अपनी ससुराल लौटे थे। इसके बाद इनके संपर्क में आए रिश्तेदार व परिवार के करीब 27 लोग संक्रमित मिले थे। वहीं इकराम उल हसन के ससुर अबुल अहमद भी उनके संपर्क में आने से कोरोना संक्रमित हुए थे और 30 मार्च 2020 को उनकी मौत हो गई थी। यह मेरठ में कोरोना से पहली मौत थी। इसके बाद कोरोना की पहली लहर में पॉजिटिव केसों की संख्या बढ़ने लगी और आंकड़ा दर्जनों के बाद सैकड़ों की संख्या में पहुंच गया। लगातार पॉजिटिव केस बढ़ते गए और पहली लहर में मौतें भी लगातार होने लगी, जिससे लोग दहशत में आ गए।

 

दूसरी लहर ने मचाया हाहाकार

हालांकि लॉकडाउन और शासन प्रशासन की सख्ती के चलते नवंबर 2020 से पहली लहर कमजोर हुई पॉजिटिव केसों के आने का सिलसिला कम तो हुआ, लेकिन ये संख्या शून्य नहीं हुई। आखिरकार मार्च 2021 में जब दूसरी लहर में डेल्टा और डेल्टा प्लस वायरस ने कहर बरपाया तो पॉजिटिव केस के साथ ताबड़तोड़ हो रही मौतों ने लोगों के दहशत में डाल दिया। एक बार फिर लोग घरों में कैद हो गए और लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू भी लगाना पड़ा। Read Also : Redmi ने लॉन्च किया पावरफुल Smartphone, 15 मिनट में बैटरी होगी फुल चार्ज, कीमत बिल्कुल बजट में

 

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14 दिनों में मेरठ में 17653 मरीज

दो से 15 मई तक तो ताबाड़तोड़ नए मरीज मिले और मौत के आंकड़े ने भी रिकॉर्ड तोड़ दिए। इन 14 दिनों में मेरठ में 17653 मरीज मिले, जबकि 160 मौते हुई। आलम यह था कि अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन नहीं थी। लोग भटक रहे थे। यहां तक कि श्मशान और कब्रिस्तान में भी अंतिम संस्कार के लिए लाशों की लंबी लाइन लगी थी। हालांकि जुलाई 2021 से पॉजिटिव केसों की संख्या धीरे-धीरे कम होने लगी और आखिरकार ये संख्या 29 अक्टूबर यानी शुक्रवार को शून्य हो गई।

 

अभी तक 65051 हुए स्वस्थ

मेरठ स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मार्च 2020 से अभी तक मेरठ में 21 लाख से ज्यादा सैंपलों की जांच की गई, जिसमें से मेरठ जिले में अब तक 66030 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। जबकि 980 लोगों की कोरोना से जान जा चुकी है, लेकिन राहत की बात यह है कि 65051 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं। यानि करीब 98% मरीज स्वस्थ हुए हैं, जबकि मौत का औसत 1.3% है। वहीं 97% रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं। 

 

ऐसे बढ?ा था कोरोना

माह
मरीज
संक्रमण दर
मौत
मार्च 2021
435
0.4%
1
अप्रैल
20314
8.9
51
मई
23191
10.1
304
जून
587
0.3
69

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