मदरसे से मेरठ कॉलेज, फिर PMT में 57वीं रैंक, लेकिन MBBS छोड़ उलेमा में हुए शामिल; अब धर्मांतरण रैकेट में आया नाम

 मुजफ्फरनगर के फुलत गांव निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी (64 वर्ष) देश के बड़े इस्लामिक विद्वानों में से एक है। वह फुलत के मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया का निदेशक भी हैं।

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मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना कलीम सिद्दीकी (Kalim Siddiqui) व उनके साथी तीन मौलानाओं और ड्राइवर को यूपी एटीएस ने मंगलवार देर रात गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि इन लोगों को उत्तर प्रदेश के अवैध धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार किया गया है। मौलाना कलीम सिद्दीकी पर हवाला के जरिए अवैध धर्मांतरण के लिए फंडिंग जुटाने का आरोप है। उनके खाते में विदेशों से कुल 3 करोड़ रुपये आए हैं जो भारत में अवैध धर्मांतरण के लिए भेजे गए थे। बताया जा रहा है कि मौलाना कलीम अवैध धर्मांतरण केस में गिरफ्तार किए गए उमर गौतम के करीबी है। Read Also : मेरठ : प्रियंका की रैली पर सबकी नजर, वेस्ट यूपी के दो बड़े मुस्लिम नेता कांग्रेस में हो सकते हैं शामिल

 

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कौन हैं मौलाना कलीम सिद्दीकी
मुजफ्फरनगर के फुलत गांव निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी (64 वर्ष) देश के बड़े इस्लामिक विद्वानों में से एक हैं। वह फुलत के मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया के निदेशक भी हैं। बताया जा रहा है कि मौलाना कलीम के मदरसे में वर्तमान में करीब 300 छात्र अरबी, उर्दू, कुरान व हिब्ज की पढ़ाई करते हैं। मौलाना कलीम सिद्दीकी ग्लोबल पीस सेंटर का अध्यक्ष है और जमीयत-ए-वलीउल्लाह के भी अध्यक्ष हैं। इसके अलावा वे जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया शरिया काउंसिल का सदस्य भी हैं। शरिया एडवाइजरी काउंसिल में मौलाना कलीम का नाम यूपी क्षेत्र के लिए आता है। इसके अलावा इस फाउंडेशन का ताल्लुक जाकिर नाईक जैसे कट्टरपंथी से है, जो कई इस्लामिक संगठनों का संचालक है। Read Also : कलीम सिद्दकी धर्मांतरण केस में गिरफ्तार, एक इंटरव्यू में कहा था हिंदू इस्लाम नहीं कबूल करेंगे तो नर्क में जलेंगे

 

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मौलाना कलीम सिद्दीकी की प्रारंभिक शिक्षा फुलत गांव के एक मदरसे में हुई। इसके बाद उन्होंने पिकेट इंटर कॉलेज खतौली से विज्ञान वर्ग में इंटरमीडिएट किया। मेरठ कालेज से बीएससी की है। पीएमटी की भी परीक्षा पास की थी, प्रीमेडिकल टेस्ट में उन्होंने 57वीं रैंक हासिल की थी, लेकिन इस बीच इस्लामी साहित्यकारों और संस्थान से जुडे़ लोगों से प्रभावित होकर MBBS करने के बजाय दारूल उलूम नदवतुल उलमा, लखनऊ से शिक्षा हासिल की है। Read ALso : मेरठ आए मुस्लिम स्कॉलर मौलाना कलीम लापता! सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उठाए जाने की सूचना; धर्मणांतर केस में आया था नाम

 

अवैध धर्मांतरण के कार्य को अंजाम देने का आरोप
यूपीएटीएस के अनुसार, मुजफ्फरनगर निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी दिल्ली में रहते हैं। उनपर विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं की आड़ में अवैध धर्मांतरण के कार्य को अंजाम देने का आरोप है। यूपी एटीएस के अनुसार मौलाना कलीम विदेशों से मिल रही फंडिंग के आधार पर पूरे देश में संगठित ढंग से गैर मुस्लिमों को गुमराह कर रहे थे। उन्हें डराकर भारत का सबसे बड़ा अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट चला रहे थे। Read Also : 1000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है निरंजनी अखाड़े के पास, महंत नरेंद्र गिरि इसी के सर्वेसर्वा थे

 

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डर और लालच देकर कराता है धर्मांतरण
एडीजी, कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने आगे बताया “मौलाना कलीम सिद्दीकी जामिया इमाम वलीउल्ला नाम का एक ट्रस्ट चलाते हैं। जिसके जरिये सामाजिक सौहार्द के कार्यक्रमों की आड़ में विभिन्न प्रकार का लालच देकर अवैध धर्मांतरण कराते हैं। मौलाना कलीम के ट्रस्ट में हवाला और विदेशों से होने वाली फंडिग के जरिये तमाम मदरसों को भी फंडिग की जाती है।”

 

 एडीजी के मुताबिक इन मदरसों में मौलाना कलीम पैगामे इंसानियत के संदेश देने के बहाने जन्नत और जहन्नुम जैसी बातों का लालच और भय दिखाकर इस्लाम स्वीकार करने के लिये प्रेरित करते हैं। जिसके बाद इन लोगो को प्रशिक्षित कर अन्य लोगों को धर्मांतरण के लिये प्रेरित करते हैं। मौलाना कलीम इस दौरान खुद के लिखे हुए साहित्य और दावा (धर्मांतरण के आमंत्रण) निशुल्क मुहैय्या कराते हैं। मौलाना कलीम लोगों के बीच में इस बात का दावा करते हैं कि सिर्फ शरियत के अनुसार बनी व्यवस्था ही न्याय दे सकती है इसलिये तीन तलाक जैसे मामले भी शरियत के कानून के तहत ही निपटाये जाने चाहिए।

 

प्रशांत कुमार ने बताया कि यूपी एटीएस द्वारा बीते जून में धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार किये गये उमर गौतम से जुडे़ अल-हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर ट्रस्ट में जिन संगठनों ने फडिंग की थी। उन्हीं के जरिये मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट जामिया ईमाम वलीउल्ला को भी अनियमित रूप से भारी मात्रा में फंडिंग की गई है। अभी तक की जांच में मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट के खाते में एकमुश्त 1.5 करोड़ रूपये बहरीन देश से भेजे गये हैं. अब तक कुल 3 करोड़ रूपये की फंडिंग के साक्ष्य मिले हैं।

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