मेरठ आए मुस्लिम स्कॉलर मौलाना कलीम लापता! सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उठाए जाने की सूचना; धर्मणांतर केस में आया था नाम

मौलाना कलीम सिद्दीकी (64 वर्ष) देश के बड़े इस्लामिक विद्वानों में से एक हैं। वह फुलत के मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया के निदेशक भी हैं।

 | 
maulana

देश के बड़े इस्लामिक विद्वानों में से एक मौलाना कलीम सिद्दीकी व उनके साथ के तीन मौलाना मंगलवार रात संदिग्ध परिस्थितियों में मेरठ से लापता हो गए। बताया जा रहा है कि वे अपने किसी परिचित के यहां दावत में मेरठ स्थित हुमायूं नगर आए थे। उधर चर्चा है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी और उनके साथी मौलानाओं को सुरक्षा एजेंसियों ने उठाया है और वे पूछताछ के लिए उन्हें अपने साथ लखनऊ लेकर गई हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी किसी ने नहीं की है।

दावत में आए थे मेरठ, लौटते समय लापता

जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरनगर के फुलत गांव निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी (64 वर्ष) देश के बड़े इस्लामिक विद्वानों में से एक हैं। वह फुलत के मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया के निदेशक भी हैं। बताया जा रहा है कि मंगलवार शाम सात बजे साथी मौलानाओं के साथ लिसाड़ीगेट के हूमायुंनगर में मस्जिद माशाउल्लाह के इमाम शारिक के घर पर आयोजित एक दावत में आए थे, रात करीब 9 बजे वे 3 अन्य साथी मौलानाओं और ड्राइवर समेत यहां से मुजफ्फरनगर के लिए निकले, लेकिन कई घंटों बाद भी घर नहीं पहुंचे। 


परिजनों ने कॉल किया तो सभी का फोन स्विच ऑफ आया, जिसपर अनहोनी की आशंका होने पर परिजनों ने इमाम शरीक को इसकी जानकारी दी। इमाम शरीक ने भी कई लोगों से जानकारी ली, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। इसके बाद इमाम शरीक, कारी शफीकुर्रहमान कासमी के बेटे कारी अफ्फान कासमी, मुफ्ती खालिद, मौलाना सिराजुद्दीन, कारी अनवार, बदर अली के साथ मौलाना कलीम के समर्थक लिसाड़ी गेट थाने पहुंचे और पुलिस को उनके गायब होने की सूचना दी।

लिसाड़ी गेट थाने में तहरीर दी

इस्लामिक स्कॉलर के गायब होने की सूचना जब अफसरों को मिली तो हड़कंप मच गया, उधर थाने पहुंचे मौलाना के समर्थकों में से ही कुछ लोगों का कहना था कि उन्हें सूचना मिली है कि मौलाना कलीम को पुलिस ने उठाया है, इसीलिए हम यहां आए हैं। समर्थकों ने इसको लेकर थाने पर हंगामा भी किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें जल्द बरामद करने की बात कहकर शांत किया। हालांकि पुलिस प्रशासन के अफसरों ने इसकी पुष्टि नहीं की है की मौलाना को सुरक्षा एजेंसियों ने उठाया है। लोगों ने लापता हुए मौलानाओं को बरामद करने की मांग करते हुए थाने में तहरीर दी। उधर मामले की गंभीरता को देखते हुए लिसाड़ीगेट थाने पर कई थानों की पुलिस फोर्स लगाया गया। पुलिस को आशंका है कि इस मामले में कोई बड़ा बखेड़ा हो सकता है।

सुरक्षा एजेंसियां रखें थीं नजर

बताया जा रहा है कि संदिग्ध गतिविधि के चलते सुरक्षा एजेंसियां मौलाना कलीम सिद्दीकी पर नजर रखें हुए थीं। सुरक्षा एजेंसियों को पहले से इसकी जानकारी थी कि वे मंगलवार को मेरठ आने वाले हैं, इसीलिए सुरक्षा एजेंसियों ने लिसाड़ी गेट में डेरा डाल रखा था और जैसे ही मौलाना कलीम घर वापसी के लिए निकले, उन्हें साथियों समेत सुरक्षा एजेंसियां उठाकर लखनऊ ले गईं।

 5 लाख लोगों का धर्मणांतर कराने का लगा था आरोप

जून माह में यूपी में पकड़े गए धर्मांतरण रैकेट (UP Conversion Racket) से भी मौलाना कलीम सिद्दीकी का नाम जुड़ा था।  यूपी एटीएस (UPATS) के मुताबिक उमर गौतम (Umar Gautam)और उसके साथियों ने IDC संस्था के जरिए लोगों का धर्मांतरण कराया था। उमर गौतम ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उसके साथी मौलाना कलीम सिद्दीकी ने बीते सालों में 5 लाख से भी ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन कराया है। IDC के जरिए नाबालिगों के धर्मांतरण को भी अंजाम दिया जा रहा था।


यूपी एटीएस के मुताबिक मौलाना कलीम सिद्दीकी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में कार्यरत एक शख्स को जरूरतमंद मूक-बधिर युवाओं और महिलाओं की डिटेल मुहैया करवा रहे थे, जिन्हें आर्थिक मदद देकर धर्मांतरण के लिए टारगेट किया जाता था।  अलावा वे दिल्ली के ग्लोबल पीस सेंटर भी चलाते है, यहाँ भी कई लोगों का धर्मांतरण किया गया।

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।