उत्तर प्रदेश में नहीं बढ़ेगा शिक्षामित्रों का मानदेय, इच्छानुसार मिलेगा ट्रांसफर; योगी सरकार का बड़ा ऐलान

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने विधानसभा के बजट सत्र में शिक्षा मित्रों के मानदेय को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अभी शिक्षा मित्रों का मानदेय नहीं बढ़ाया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगले शिक्षा सत्र में हर शिक्षा मित्र अपनी पसंद का तबादला करा सकेगा।
 | 
Basic Education Minister Sandeep Singh,
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने मंगलवार को विधानसभा के बजट सत्र में समाजवादी पार्टी के विधायक द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश में शिक्षा मित्रों का मानदेय नहीं बढ़ाया जाएगा। उनके लिए यह राहत की बात जरूर है कि अगले शिक्षा सत्र में हर शिक्षा मित्र अपनी पसंद का तबादला करा सकेगा। उन्होंने कहा कि 2017 में जब भाजपा की सरकार आई थी तो शिक्षा मित्रों का मानदेय 3500 रुपये था। हमने अपने आठ साल के कार्यकाल में इसे बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया है। अभी इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।READ ALSO:-UP Police Recruitment: उत्तर प्रदेश में अब फिर होगी 30 हजार पदों पर पुलिस भर्ती, जानें कब तक आएगा नोटिफिकेशन

 

मुख्य बातें:-

मानदेय में वृद्धि नहीं:
  • बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने स्पष्ट किया कि सरकार की फिलहाल शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने की कोई योजना नहीं है।
  • उन्होंने कहा कि 2017 में जब भाजपा की सरकार आई थी तो शिक्षा मित्रों का मानदेय 3500 रुपये था। हमने अपने आठ साल के कार्यकाल में इसे बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया है। अभी इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
  • तबादले की सुविधा:
  • शिक्षा मित्रों के लिए राहत की बात यह है कि अगले शिक्षा सत्र में उन्हें अपनी पसंद के स्थान पर तबादला कराने की सुविधा मिलेगी।

 

सपा विधायक का सवाल:
  • समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश वर्मा ने शिक्षा मित्रों के कम मानदेय और उनकी समस्याओं को लेकर सरकार से सवाल पूछा था।
  • उन्होंने कहा कि सपा सरकार में शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक बनाया गया था, लेकिन भाजपा सरकार ने कोर्ट में ठीक से पैरवी नहीं की, जिसके चलते उन्हें फिर से शिक्षा मित्र बना दिया गया। 

 

समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश वर्मा ने कहा कि सपा सरकार में हमने शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक बनाया था। उन्हें अच्छा वेतन मिलने लगा था। मामला कोर्ट में गया तो भाजपा सरकार ने ठीक से पैरवी नहीं की। जिसके चलते उन्हें फिर से शिक्षा मित्र बना दिया गया। इस समय जब सरकार न्यूनतम वेतन बढ़ाने की बात कर रही है। ऐसे समय में मात्र ₹10,000 के मानदेय पर शिक्षामित्रों का परिवार कैसे गुजारा कर रहा होगा। सरकार को इस विषय पर सोचना चाहिए।

 

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि सरकार शिक्षामित्रों के दर्जे पर काम कर रही है। हम मानदेय नहीं बढ़ा रहे हैं बल्कि शिक्षामित्रों को उनकी पसंद के अनुसार ट्रांसफर करेंगे। ताकि उन्हें इधर-उधर भागना न पड़े। मानदेय बढ़ाने की अभी हमारी कोई योजना नहीं है।

 

शिक्षामित्रों की कुत्ता घुमाने वालों से तुलना
समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश वर्मा ने अपना सवाल पूछते हुए कहा कि मंत्री के घर का कुत्ता घुमाने वाले को शिक्षामित्रों के मानदेय से कहीं ज्यादा वेतन मिलता होगा। जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने उनसे माफी मांगने को कहा। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्र बहुत सम्मानित होते हैं। उनकी इस तरह कुत्ता घुमाने वालों से तुलना करना अपमानजनक है।

 

सपा विधायक की मांग सरकार बनाए दिल्ली जैसे स्कूल 
समाजवादी पार्टी के विधायक समरपाल सिंह ने उत्तर प्रदेश के बेसिक स्कूलों पर सवाल उठाए। अंग्रेजी मीडियम की समुचित व्यवस्था न होने पर सवाल उठाया। अंत में उन्होंने कहा कि जिस तरह अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के स्कूल को आधुनिक बनाया, वैसा ही उत्तर प्रदेश में भी किया जाना चाहिए।

 SONU

बेसिक शिक्षा मंत्री का जवाब:
  • बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि सरकार शिक्षा मित्रों के दर्जे पर काम कर रही है।
  • मानदेय बढ़ाने की अभी हमारी कोई योजना नहीं है।

 

सपा विधायक की तुलना:
  • समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश वर्मा ने शिक्षा मित्रों की तुलना मंत्री के घर के कुत्ते घुमाने वालों से की, जिस पर भाजपा विधायकों ने आपत्ति जताई और उनसे माफी मांगने को कहा।

 

बेसिक स्कूलों पर सवाल:
  • समाजवादी पार्टी के विधायक समरपाल सिंह ने उत्तर प्रदेश के बेसिक स्कूलों की स्थिति पर सवाल उठाए और दिल्ली के स्कूलों की तरह उन्हें आधुनिक बनाने की मांग की।
  • बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में बेसिक स्कूलों की हालत खराब थी, लेकिन अब सरकार ने मिशन कायाकल्प के तहत स्कूलों का विकास किया है।
  • अंग्रेजी मीडियम के सवाल पर उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत अंग्रेजी को सिर्फ एक विषय के तौर पर पढ़ाया जाएगा।

 

अंग्रेजी मीडियम के सवाल पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में करीब 13000 स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम में शिक्षा दी जा रही है। लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई नहीं होगी। अंग्रेजी को सिर्फ एक विषय के तौर पर पढ़ाया जाएगा।

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।