भारत को मिला नया इंजीनियरिंग चमत्कार: पीएम मोदी ने किया एशिया के पहले वर्टिकल लिफ्ट स्पैन रेलवे ब्रिज ‘पम्बन’ का उद्घाटन

 रामनवमी के शुभ अवसर पर पीएम मोदी ने रामेश्वरम को मंडपम से जोड़ने वाले ब्रिज का किया लोकार्पण, नई ट्रेन सेवा को दिखाई हरी झंडी। समुद्र के ऊपर बना यह ब्रिज आने वाले 100 सालों तक भारत की तकनीकी शक्ति का प्रतीक रहेगा।
 | 
INDIA
आज पूरे विश्व ने भारत और एशिया के पहले वर्टिकल लिफ्ट स्पैन रेलवे ब्रिज, पम्बन की आधिकारिक शुरुआत देखी। आज, 6 अप्रैल को, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनवमी के शुभ अवसर पर अरब सागर पर बने इंजीनियरिंग के इस अद्भुत नमूने का उद्घाटन किया। उन्होंने इस पुल पर चलने वाली रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) नई ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाई। 

लगभग 2.08 किलोमीटर लंबा यह पुल रामेश्वरम (पम्बन द्वीप) को तमिलनाडु के मंडपम से जोड़ता है। प्रधानमंत्री मोदी ने ही नवंबर 2019 में इस पुल की नींव रखी थी। इसे वर्ष 2021 तक बनकर तैयार होना था, लेकिन यह 2024 में पूरा हुआ। लगभग 700 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल पर डबल ट्रैक और हाई-स्पीड ट्रेनों का ट्रायल सफलतापूर्वक हो चुका है। आइए इस पुल की विशेषताओं के बारे में जानते हैं: READ ALSO:-नए कानून BNSS के लिए हाईटेक हुई मेरठ रेंज पुलिस, मिलेंगे टैबलेट और स्मार्टफोन

पम्बन रेल ब्रिज की खासियतें:
  • यह पुल स्टेनलेस स्टील से बना है और इस पर पॉलीसिलोक्सेन की कोटिंग की गई है, जिससे इस पर जंग और समुद्र के नमकीन पानी का कोई असर नहीं होगा।
  • 700 करोड़ रुपये की लागत से बने इस लगभग 2 किलोमीटर लंबे पुल पर 100 स्पैन और 72.5 मीटर का वर्टिकल स्पैन है।
  • यह वर्टिकल स्पैन लगभग 22 मीटर की ऊंचाई तक उठ सकता है, जिससे समुद्री जहाज आसानी से गुजर सकें।
  • यदि समुद्र में हवा की गति 58 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक होती है, तो यह पुल स्वचालित रूप से लाल सिग्नल देगा, और इस दौरान पुल पर ट्रेनों की आवाजाही बंद रहेगी। यह स्थिति अक्टूबर से फरवरी के बीच आ सकती है।
  • इस पुल पर ट्रेनें 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी।
  • नया पुल ऑटोमेटेड वर्टिकल लिफ्ट सिस्टम से लैस है।
  • इस पर डबल ट्रैक और इलेक्ट्रिफाइड सिस्टम लगाया गया है।
  • यह पुल अगले 100 वर्षों तक सुरक्षित और सुचारू रूप से काम कर सकता है।
  • इस पुल पर 12 जुलाई 2024 को लाइट इंजन का ट्रायल रन, 4 अगस्त 2024 को टावर कार का ट्रायल रन और 31 जनवरी 2025 को रामेश्वरम एक्सप्रेस ट्रेन का ट्रायल रन किया गया था, जिसके बाद इसके उद्घाटन को मंजूरी दी गई।

 


108 साल की सेवा के बाद बंद हुआ पुराना पुल:
पुराना पम्बन ब्रिज 1870 में डिजाइन किया गया था और 1911 में इसका निर्माण शुरू हुआ था। इस पुल से ट्रेनों की आवाजाही 24 फरवरी 1914 को शुरू हुई थी। यह पुल लगभग 2.06 किलोमीटर लंबा था। 2007 में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने इसका नवीनीकरण कराया था। वर्ष 2013 में भारतीय रेलवे ने इसे यूनेस्को हेरिटेज का दर्जा दिया था।

 OMEGA

वर्ष 2014 में इस पुल ने अपनी 100वीं वर्षगांठ मनाई, लेकिन जंग लगने के कारण 108 साल बाद दिसंबर 2022 में इसे बंद कर दिया गया था, क्योंकि इससे दुर्घटना होने का खतरा था। पुल बंद होने से रामेश्वरम और मंडपम के बीच रेल कनेक्टिविटी समाप्त हो गई थी, लेकिन रामेश्वरम और धनुषकोडी तक जाने के लिए एक नए पुल की आवश्यकता थी, जिसे मोदी सरकार ने पूरा किया।
SONU

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।