दुष्कर्म के आरोपी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत, कोर्ट ने कहा– 'पीड़िता शिक्षित और बालिग, निर्णय की जिम्मेदारी भी उसी की'

 कोर्ट ने कहा - बालिग व शिक्षित होने के नाते पीड़िता को समझने चाहिए थे परिणाम, नशे में आरोपी के साथ जाने को बताया 'परेशानी को स्वयं आमंत्रण'
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Allahabad High Court
प्रयागराज/गौतमबुद्ध नगर, 10 अप्रैल 2025: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के एक आरोपी को जमानत देते हुए एक महत्वपूर्ण और संभवतः विवादास्पद टिप्पणी की है। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने कहा कि पीड़िता और आरोपी दोनों बालिग हैं और पीड़िता एक शिक्षित युवती है, जिसे अपने निर्णयों के कानूनी और नैतिक परिणामों को समझना चाहिए था। कोर्ट ने आगे कहा कि यदि पीड़िता के आरोपों को सही भी मान लिया जाए, तो यह कहा जा सकता है कि उसने "स्वयं परेशानी को आमंत्रित किया" और वह "खुद घटना के लिए जिम्मेदार है"।READ ALSO:-मेरठ: खरमास समाप्त, अक्षय तृतीया पर सराफा बाजार में उछाल की उम्मीद; सोने-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी

 

यह टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने गौतमबुद्ध नगर निवासी निश्चल चांडक की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली। आरोपी 11 दिसंबर 2024 से जेल में बंद था।

 

कोर्ट द्वारा नोट किए गए तथ्य
न्यायालय ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि पीड़िता ने स्वयं अपनी प्राथमिकी (FIR) में स्वीकार किया है कि:

 

  1. वह स्वेच्छा से अपनी तीन महिला मित्रों के साथ दिल्ली के एक बार में गई थी।
  2. वहां उसने शराब का सेवन किया और नशे में आ गई।
  3. वह सुबह 3 बजे तक बार में रुकी रही।
  4. इसी दौरान आरोपी (निश्चल चांडक) ने उसे अपने घर चलने को कहा।
  5. पीड़िता नशे की हालत में थी और उसे सहारे की आवश्यकता महसूस हुई, इसलिए वह आरोपी के साथ जाने को तैयार हो गई।
  6. रास्ते में आरोपी उसे एक फ्लैट में ले गया और वहां कथित तौर पर घटना को अंजाम दिया।

 

मामले की पृष्ठभूमि और दलीलें
पीड़िता ने इस मामले में गौतमबुद्ध नगर जिले के थाना-सेक्टर 126 में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपी निश्चल चांडक 11 दिसंबर 2024 से न्यायिक हिरासत में था और उसने जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

 

आरोपी के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि यदि पीड़िता द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सत्य भी मान लिया जाए, तो भी यह मामला दुष्कर्म का नहीं, बल्कि आपसी सहमति से बने संबंध का बनता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जमानत मिलने पर आरोपी इसका दुरुपयोग नहीं करेगा। वहीं, राज्य सरकार के वकील ने जमानत अर्जी का विरोध किया।

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न्यायालय का निष्कर्ष
न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलों, मामले की परिस्थितियों, अपराध की प्रकृति, उपलब्ध साक्ष्यों और आरोपी की कथित संलिप्तता पर विचार करने के बाद कहा, "मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि आवेदक (आरोपी) ने जमानत के लिए एक मामला बनाया है।" इसी आधार पर कोर्ट ने निश्चल चांडक की जमानत याचिका स्वीकार कर ली।
SONU

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