नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को उम्रकैद, अमेठी में बढ़ीं अखिलेश की मुश्किलें

Gayatri Prajapati life imprisonment : पूर्व मंत्री के गायत्री प्रजापति समेत, अशोक तिवारी और आशीष कुमार शुल्का को आजीवन कारावास और 2-2 लाख रुपये जुर्माने की सजा मिली है। यह सजा लख्नऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट ने सुनाई है। 

 
Gayatri Prajapati life imprisonment : नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिए गए अमेठी से विधायक व सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को आजीवन कारावास की सजा (Gayatri Prasad Prajapati) सुनाई गई है। महिला और उसकी नाबालिग बेटी से दुष्कर्म के मामले में गुरुवार को गायात्री प्रजापति को दोषी पाया गया था।

 

Lucknow MP MLA court sentenced former minister Gayatri Prajapati to life imprisonment: जानकारी के मुताबिक,इस मामले में पूर्व मंत्री के गायत्री प्रजापति समेत, अशोक तिवारी और आशीष कुमार शुल्का को आजीवन कारावास और 2-2 लाख रुपये जुर्माने की सजा मिली है। यह सजा लख्नऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट ने सुनाई है। तीनों लोग गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में दोषी पाए गए थे। इस मामले में अन्य आरोपी विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, चंद्रपाल, रूपेश्वर उर्फ रूपेश को बरी कर दिया गया था। Read Also : Mission UP: 30 नवंबर को मेरठ में गरजेंगी प्रियंका गांधी, 14 को बुलंदशहर में जुटेंगे 14 जिलों के कार्यकर्ता

 

गायत्री प्रजापति पर क्या थे आरोप?

गायत्री प्रजापति समाजवादी सरकार में खनन मंत्री थे। गायत्री प्रजापति समेत 6 लोगों पर चित्रकूट की एक महिला ने अपने व अपनी नाबालिग बेटी के साथ गैंग रेप करने का आरोप लगाया था। महिला का अरोप था कि वह मंत्री गायत्री प्रजापति के आवास पर उनसे मदद मांगने पहुंची थी, लेकिन यहां मंत्री और उसके साथियों ने उसे नशा देकर बेहोश कर दिया। इसके बाद सभी ने उसके व उसकी नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप किया था। महिला ने यह भी आरोप लगाया था कि मंत्री और उसके साथी उसे व उसके परिवार को लगातार जान से मारने की धमकी दे रह हैं। Read Also : कांग्रेस पर भारी पड़ रही है RSS-BJP की विचारधारा, यह सच हमें स्वीकारना होगा: राहुल गांधी

 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुई FIR

वहीं मामला हाईप्रोफाइल होने के चलते महिला की एफआईआर तक दर्ज नहीं की जा रही थी, बाद में महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट की फटकार के बाद 18 फरवरी 2017 को पुलिस ने गायत्री प्रजापति समेत 7 लोगों के खिलाफ गौतमपल्ली में गैंगरेप, जान से मारने की धमकी, व पॉक्सो एक्ट की धाराओं में केस दर्ज करते हुए गायत्री प्रजापति व अन्य आरोपियों को जेल भेजा था। 3 जून 2017 को इस मामले के विवेचक के 824 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। Read Also : योगी पर अखिलेश का वार: कहा- उत्तराखंड से बाबा का पलायन न होता तो यूपी के 5 साल खराब नहीं होते

 

गायत्री ने सुनवाई टालने के लिए किया हर जतन

बुधवार को गायत्री प्रजापति को कोर्ट ने दोषी ठहराया था। इससे पहले गायत्री प्रजापति ने सुनवाई को टालने की हरसंभव कोशिश भी की थी। गायत्री प्रजापति ने मुकदमे की तारीख बढ़ाने के साथ ही दूसरे राज्य में केस ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई थी।

 

4 साल तक चला केस

गायत्री ने जमानत पाने के लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक तीन बार दरवाजा खटखटाया। 4 सालों तक कोर्ट में चले इस केस में अभियोजन की तरफ से 17 गवाह पेश किए गए। जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी के मुताबिक गायत्री प्रजापति ने कानूनी पेचीदगियों में कई बार केस को उलझाने की, लंबा खींचने की भी कोशिश की, लेकिन आखिर में कोर्ट ने अभियोजन की तरफ से दी गई दलील, पेश किए गए 17 गवाह और पुलिस की चार्जशीट के आधार पर गायत्री प्रजापति को दोषी करार दिया।

 

अमेठी में सपा के लिए मुश्किल बढ़ीं

अमेठी में गायत्री ने सपा का खाता खोलाअमेठी विधानसभा सीट पर सपा का खाता खोलने वाले गायत्री प्रजापति एकलौते नेता है, जिन्हें 2012 में अखिलेश यादव ने अपनी कैबिनेट में शामिल किया था। हालांकि, गायत्री प्रजापित बहुत जल्द ही विवादों में आए, उनके खनन मंत्रालय से लेकर आय से अधिक संपत्ति का मामले को लेकर सवाल खड़े होने लगे। गायत्री के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अप्रैल, 2021 को बड़ी कार्रवाई की थी और 36.94 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं। वहीं, एक नाबालिग से गैंगरेप केस में अब गायत्री प्रजापित को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके चलते गायत्री का चुनाव लड़ना मुश्किल है।

 

अमेठी में सपा किसे देगी टिकट

अमेठी विधानसभा सीट पर 2017 में बीजेपी प्रत्याशी राजा संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह को 64226 को वोट मिले जबकि सपा कैंडिडेट गायत्री प्रजापति को 59161 वोट मिले थे। अब गायत्री के कानूनी शिकंजे में फंसने के बाद अमेठी सीट पर सपा कशमकश में फंस गई। ऐसे में सपा के लिए अमेठी सीट पर गायत्री प्रजापित के कद और सियासी समीकरण में फिट होने वाले नेता की तलाश करने की चुनौती खड़ी हो गई है। अमेठी सीट पर आगामी चुनाव में अब सपा के प्रमुख दावेदारों में शिवप्रताप यादव, हीरालाल यादव, गुंजन सिंह और मनिराम वर्मा टिकट की लाइन में है। हालांकि, अमेठी सीट के सियासी और जातीय समीकरण को देखते हुए यादव प्रत्याशी का उतारना सपा के लिए सियासी तौर पर फायदेमंद नहीं दिख रहा है। ऐसे में संभावना है कि गायत्री प्रजापित के विकल्प के तौर पर उनकी पत्नी महाराजी देवी को अखिलेश यादव टिकट थमा सकते हैं।