कलीम सिद्दकी धर्मांतरण केस में गिरफ्तार, एक इंटरव्यू में कहा था हिंदू इस्लाम नहीं कबूल करेंगे तो नर्क में जलेंगे
बताया जा रहा है कि मौलाना कलीम अवैध धर्मांतरण केस में गिरफ्तार किए गए उमर गौतम का करीबी है। एटीएस सूत्रों की मानें तो इन्हें भारत में अवैध धर्मांतरण के लिए विदेशों से 3 करोड़ की फंडिंग हुई थी।
Updated: Sep 22, 2021, 13:12 IST
Famous Islamic scholar Maulana Kalim Siddiqui Arrested by ATS : मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना कलीम सिद्दीकी (Kalim Siddiqui) व उनके साथी तीन मौलानाओं और ड्राइवर को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि इन लोगों को उत्तर प्रदेश के अवैध धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि इसके लिए विदेश से करोड़ों रुपये कलीम सिद्दीकी के खाते में आए थे। इसके अलावा कलीम सिद्दीकी की गतिविधियां संदेह के दायरे में हैं जिसके चलते वे सुरक्षा एजेंसियों की नजर में थे। मंगलवार शाम वे साथी मौलानाओं के साथ लिसाड़ीगेट के हूमायुंनगर में मस्जिद माशाउल्लाह के इमाम शारिक के आवास पर एक कार्यक्रम में आया था। यहां से लौटते समय एटीएस ने उन्हें उठा लिया। बताया यह भी जा रहा है कि कलीम सिद्दीकी को पूछताछ के लिए लखनऊ ले जाया गया है।
उत्तर प्रदेश ATS की तरफ से इसपर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की गई. इसमें बताया गया कि मौलाना कलीम सिद्दीकी पर हवाला के जरिए अवैध धर्मांतरण के लिए फंडिंग जुटाने का आरोप है। आरोपी मौलाना को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया गया है। मौलाना कलीम यूट्यूब के जरिए भी लोगों को धर्मांतरण करने और धर्मांतरण के रैकेट में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहा था। इसी मौलाना ने ही अभिनेत्री सना खान का निकाह भी कराया था। मौलाना कलीम सिद्दीकी पर आरोप है कि वह लालच देकर लोगों को धर्मांतरण के लिए उकसाता था। वह अपना ट्रस्ट चलाने के साथ तमाम मदरसों को भी फंडिंग करता था। मौलाना कलीम को विदेशों से भारी धनराशि हवाला और अवैध तरीके से भेजी जाती थी। उसके खाते में विदेशों से कुल 3 करोड़ रुपये आए हैं जो भारत में अवैध धर्मांतरण के लिए भेजे गए थे।
कौन हैं मौलाना कलीम सिद्दीकी
मुजफ्फरनगर के फुलत गांव निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी (64 वर्ष) देश के बड़े इस्लामिक विद्वानों में से एक है। वह फुलत के मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया का निदेशक भी हैं। मौलाना कलीम सिद्दीकी ग्लोबल पीस सेंटर का अध्यक्ष है और जमीयत-ए-वलीउल्लाह के भी अध्यक्ष है। इसके अलावा वे जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया शरिया काउंसिल का सदस्य भी है। शरिया एडवाइजरी काउंसिल में मौलाना कलीम का नाम यूपी क्षेत्र के लिए आता है। इसके अलावा इस फाउंडेशन का ताल्लुक जाकिर नाईक जैसे कट्टरपंथी से है, जो कई इस्लामिक संगठनों का संचालक है। Read ALso : मेरठ आए मुस्लिम स्कॉलर मौलाना कलीम लापता! सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उठाए जाने की सूचना; धर्मणांतर केस में आया था नाम
क्यों किया गिरफ्तार
जून माह में यूपी में पकड़े गए धर्मांतरण रैकेट (UP Conversion Racket) से भी मौलाना कलीम सिद्दीकी का नाम जुड़ा था। बताया जा रहा है कि मौलाना कलीम अवैध धर्मांतरण केस में गिरफ्तार किए गए उमर गौतम का करीबी है। एटीएस सूत्रों की मानें तो इन्हें भारत में अवैध धर्मांतरण के लिए विदेशों से 3 करोड़ की फंडिंग हुई थी। अकेले बहरीन से डेढ़ करोड़ रुपए एक साथ भेजे गए थे। उस वक्त पकड़े गए उमर गौतम ने पूछताछ में खुलासा किया था किमौलाना कलीम सिद्दीकी और उनके साथी अब तक IDC संस्था के जरिए 5 लाख से ज्यादा लोगों का माइंडवॉश करके धर्मांतरण करा चुके हैं। उमर गौतम ने यह भी बताया था कि कलीम सिद्दीकी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में कार्यरत एक शख्स को जरूरतमंद मूक-बधिर युवाओं और महिलाओं की डिटेल मुहैया करवा रहे थे, जिन्हें आर्थिक मदद देकर धर्मांतरण के लिए टारगेट किया जाता था।
ब्रिटिश संस्था से गिरोह को हुई थी 57 करोड़ की फंडिंग
यूपी ADG प्रशांत कुमार ने बताया कि 20 जून को अवैध धर्मांतरण गिरोह संचालित करने वाले लोग गिरफ्तार किए गए थे। उमर गौतम और इसके साथियों को ब्रिटिश आधारित संस्था से लगभग 57 करोड़ रुपये की फंडिंग की गई थी। जिसके खर्च का ब्योरा अभियुक्त नहीं दे पाए। आगे बताया गया कि इस संबंध में आज के अभियुक्त को छोड़कर कुल 10 लोग गिरफ्तार हुए थे जिसमें से 6 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है, 4 के खिलाफ जांच चल रही है।
एक इंटरव्यू में हिंदुओं के खिलाफ बोले अपशब्द
पिछले साल मौलाना कलीम सिद्दीकी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें उसे यह कहते हुए सुना जा सकता है कि हिंदुओं को इस्लाम में परिवर्तित होने की आवश्यकता है, क्योंकि यदि वे इस्लाम नहीं कबूल करंगे तो नर्क में जलेंगे। वीडियो में कलीम हिंदू धर्म में होने वाले अंतिम संस्कार की क्रिया पर भी सवाल उठाता है और उदाहरण देकर समझाता है कि इसलिए हिंदू इस्लाम कबूल करना चाहते हैं, क्योंकि वे जहन्नुम की आग से खुद को बचाना चाहते हैं। ज़कात फाउंडेशन शरिया काउंसिल के सदस्य मौलाना कलिम सिद्दीकी ने यह विवदित इंटरव्यू सऊदी अरब के एक चैनल को दिया था।
खुद को बताते हैं धर्म परिवर्तन कराने के लिए मशहूर
इन वीडियोज में कालिम हिंदुओं की परंपराओं पर न केवल सवाल उठा रहा है, बल्कि ये बताने की कोशिश भी कर रहा है कि हिंदू इतने ज्यादा नासमझ हैं कि वह बहुत आसानी से इस्लाम कबूल लेते हैं। अपनी वीडियो में वह कहता है कि आज दूसरे धर्म के लोगों के इस्लाम कबूल करने की तादाद बेहद मामूली होती जा रही है। वह अपने आप को धर्म परिवर्तन करवाने के पेशे में काफी मशहूर नाम बताता है। Read Also : 1000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है निरंजनी अखाड़े के पास, महंत नरेंद्र गिरि इसी के सर्वेसर्वा थे
मेरे पास इस्लाम कबूलने आने वालों की लगी रहती है लाइन
वीडियो में वह कहता है कि एक रिमोट एरिया में रहने के बावजूद अगर लोगों को उनकी मौजूदगी का पता चल जाता है, तो पूरे दिन अलग-अलग जगह से लोग इस्लाम कबूलने आते हैं। दिन भर लाइन लगी रहती है। जब साक्षात्कार लेने वाला व्यक्ति उससे कहता है कि दुनिया में और खासकर हिंदुस्तान में रहने वाले हिंदू सबसे ज्यादा मुश्किल से इस्लाम कबूलते हैं। क्या यह सही है? तो जवाब में मौलाना कलीम कहता है कि अगर सऊदी अरब में इस्लाम कबूल करने वालों में हिंदुओं की संख्या सबसे कम है तो उसका कारण यह है कि वहाँ पर लोग उस तरह की कोशिश नहीं करते।
जन्नत के लालच व जहन्नुम के डर से धर्म परिवर्तन करता है व्यक्ति
इंटरव्यू लेने वाला पूछता है कि हिंदुस्तान में कहा जाता है- अल्लाह कहो, राम कहो…बात एक है। प्याले अलग-अलग हैं लेकिन जाम एक है। इस पर कालिम बताता है कि अल्लाह और राम अलग-अलग हैं। केवल इस्लाम ही सच्चा मजहब है। जो लोग अलग-अलग चीजों को मानते हैं वह शैतान बराबर होते हैं क्योंकि शैतान का भी ये कहना था कि रास्ते अलग-अलग हैं लेकिन मंजिल एक है। वह आगे कहता है कि इंसान इस्लाम के प्रति आकर्षित होता है क्योंकि यह एक लॉजिक वाला मजहब तो है। लेकिन जो इसमें आने का फैसला करता है, वो जन्नत के लालच व जहन्नुम के डर से करता है।
वह बताता है कि लोग कुरान की आयतें सुनकर ही इसकी ओर खिंचे चले आते हैं। देहरादून के दो लोगों का जिक्र करते हुए वो बताता है कि जब उन्होंने कुरान सुनी तो वह इतना प्रभावित हुए कि जब उनसे तर्जुमा करने को कहा गया तो वह कहने लगे कि हम मान चुके हैं, जो लिखा है वो सच है। अब बस बताओ हमें करना क्या है? जब उनसे उसे समझने को कहा गया तो बोले कि उन्हें समझने की जरूरत नहीं है। कालिम के अनुसार, आज वह लोग दावत का काम रहे हैं।
दाह संस्कार पर भी उठाए सवाल
एक वीडियो में मौलाना कलीम हिंदू धर्म में होने वाले अंतिम संस्कार की क्रिया पर भी सवाल उठाता है और कहता है कि लोग इसलिए हिंदू से इस्लाम धर्म अपनाना चाहते हैं क्योंकि वह जहन्नुम की आग से खुद को बचाना चाहते है। वे लंबी उम्र में मरने वाले हिंदुओं के आगे स्वर्गीय शब्द पर सवाल उठाते हुए कहता है कि हिंदुओं को लगता है कि आग में जलकर वह स्वर्ग जाते हैं जबकि जाते वह नर्क में हैं। उसका कहना है कि इंसान को जलाना इंसानियत के भी ख़िलाफ़ है।
टैक्सी ड्राइवर का किया माइंड वॉश
एक अन्य वीडियो में मौलाना कलीम को अप्रत्यक्ष रूप से बताते देखा जा सकता है कि एक बार एक टैक्सी ड्राइवर से उन्होंने बहुत अच्छा बर्ताव किया, जिससे वह उनका कायल हो गया और बदले में तारीफ करने लगा। ऐसे में उसने उससे 10-11 मिनट बात की और उसका ऐसा ब्रेनवॉश किया कि वह कलमा पढ़ने को तैयार हो गया। अपनी ऑडियो में आगे वह कहता है कि इसके बाद उस आदमी ने अपने घर-परिवार-रिश्तेदारों और दोस्तों में सबको मिलाकर तकरीबन 83 लोगों को इस्लाम कबूल करवाया था।
आप ने किया गिरफ्तारी का विरोध
अमानतुल्लाह खान ने उनकी गिरफ्तारी पर विरोध भी जताया। उन्होंने लिखा, 'उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले अब मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया है, मुसलमानों पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है। इन मुद्दों पर सेक्यूलर पार्टियों की खामोशी भाजपा को और मज़बूती दे रही है।'
मोहन भागवत से हुई थी मुलाकात
बीते दिनों ही मौलाना कलीम की मुलाकात मोहन भागवत से हुई थी। मौलाना कलीम को मुम्बई में 7 सितंबर को आयोजित राष्ट्र प्रथम राष्ट्र सर्वोपरी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। वह यहां पहुंचा भी था और RSS चीफ मोहन भागवत से व्यक्तिगत मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दो हफ्ते बाद ही मौलाना को धर्म परिवर्तन मामले में गिरफ्तार किया गया है।
बीते दिनों ही मौलाना कलीम की मुलाकात मोहन भागवत से हुई थी। मौलाना कलीम को मुम्बई में 7 सितंबर को आयोजित राष्ट्र प्रथम राष्ट्र सर्वोपरी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। वह यहां पहुंचा भी था और RSS चीफ मोहन भागवत से व्यक्तिगत मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दो हफ्ते बाद ही मौलाना को धर्म परिवर्तन मामले में गिरफ्तार किया गया है।