लोकतंत्र को जगाने का काम करती है कलम : रामवीर श्रेष्ठ

CCS University मेरठ के पत्रकारिता विभाग में कार्यक्रम हुआ। जिसमें बाहर से आए वक्ताओं ने छात्र-छात्राओं को संबोधित किया।
 
मेरठ स्थित सीसीएस यूनिवर्सिटी (CCS University, Meerut) में शनिवार को पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें अनेक वक्ताओं ने पत्रकारिता के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संसद चैनल के एंकर रामवीर श्रेष्ठ ने सभी को संबोधित किया।

 

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को जगाने का काम करती है कलम, देश का सबसे बडा संबल है कलम। लोकतंत्र राजनीति नहीं है, बल्कि एक साधना है तपस्या है। पत्रकार एवं पत्रकारिता इतनी विश्वसनीय होनी चाहिए कि उसमें किसी प्रकार का फिल्टर लगाने की जरूरत न पड़े। क्योंकि पत्रकार लोकतंत्र के लिए काम कर रहा है। पत्रकार द्वारा लिखी गई खबर एक आम चर्चा का विषय बनती है। इसीलिए पत्रकार को कभी एक तरफा खबर नहीं लिखनी चाहिए। 

 

 रामवीर श्रेष्ठ ने कहा कि लोकतंत्र का प्रत्यक्ष उदाहरण स्विजरलैण्ड हैं। जहां पर संसद एवं जनप्रतिनिधि नागरिकों के मतानुसार ही कार्य करते हैं। किसी भी कानून की वैधता एवं उसकी आवश्यकता की परख लोगों के द्वारा ही होना चाहिए तभी वास्तविक रूप से लोकतंत्र स्थापित हो सकता है। कहीं-कही लोकतंत्र का भी अधिनायकवादी स्वरूप भी देखने को मिलता है। भारत में पंचायती राज व्यवस्था को और अधिक उदार बनाने की आवश्यकता है तभी वास्तविक रूप से ग्राम स्वराज की संकल्पना साकार हो सकती है। यह भी पढ़ें - 11 सितंबर 1893 : स्वामी विवेकानंद का सिकागो में वह भाषण, जिसने पूरब को पश्चिम से मिलाया।

 

लोकतंत्र की परिभाषा ऋगवेद में देखने को मिलती है

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. पवन कुमार शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र की प्रत्येक व्यक्ति का मत महत्वपूर्ण होता है। लोकतंत्र की परिभाषा ऋगवेद में देखने को मिलती है। प्राचीन भारत में सभा और समिति नामक दो सभाएं होती थी। जिन्हें आज की संसद कहा जा सकता है। प्राचीनकाल से लोकतंत्र की व्यवस्था चली आ रही है। लोकतंत्र लंबी और विस्तृत परंपरा है। पत्रकार को नैतिकता के आधार पर ही कार्य करना चाहिए। पढ़ें -  Read ALso : UP Engineering College: अब यूपी के इंजीनियरिंग कॉलेजों में लागू होगा रैकिंग फ्रेमवर्क ।

 

उन्होंने कहा कि यदि पत्रकारिता एक तरफा हो गई तो लोकतंत्र खतरे में आ जाता है। क्या छुपाना है, क्या बताना है पत्रकार में ऐसा विवेक होना चाहिए। भारतीय परंपरा ऐसे समाचार को निषेध करती है जो समाज को भ्रमित करने का काम करती हो। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के निदेशक प्रो. प्रशांत कुमार (Director of the Department of Journalism and Mass Communication Prof. Prashant Kumar) ने सभी का स्वागत किया। डाॅ. इस दौरान मनोज कुमार श्रीवास्तव ने सभी का आभार जताया।  पढ़ें - Sarkari Naukri: UP के परिषदीय स्‍कूलों में होगी शिक्षकों की भर्ती, जानें कब शुरू होंगे आवेदन।

 

ये रहे उपस्थित

 

कार्यक्रम का संचालन विभाग की छात्रा आयशा ने किया। इस दौरान डॉ. अशोक कुमार, डाॅ. प्रवीन कुमार, लव कुमार, वीनस शर्मा, डाॅ. हरेंद्र, हितेंद्र, बीनम यादव, मितेंद्र कुमार गुप्ता, राकेश कुमार, उपेश, ज्योति व राजीव आदि मौजूद रहे