UP Engineering College: अब यूपी के इंजीनियरिंग कॉलेजों में लागू होगा रैकिंग फ्रेमवर्क

उत्तरप्रदेश के राजकीय व निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में शैक्षणिक गुणवत्‍ता में सुधार के लिए नेशनल इंस्‍टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क की तर्ज पर प्रदेश सरकार यूपी स्‍टेट इंस्‍टीट्यूशनल रैकिंग फ्रेमवर्क लागू करेगी। 

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UP Engineering College उत्तरप्रदेश के राजकीय व निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में शैक्षणिक गुणवत्‍ता में सुधार के लिए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में रैंकिंग सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। इसमें टीचिंग, लर्निंग, रिसर्च, ग्रेजुएशन आउटकम (संस्थान के रिजल्ट्स व प्लेसमेंट) तथा वैश्विक स्तर पर संस्थान की भागीदारी के आधार पर कॉलेजों को रैंकिंग दी जाएगी और फिर इसके आधार पर इन संस्‍थानों को अनुदान भी दिया। जाएगा। Read Also :  CCSU : विवि के पत्रकारिता विभाग में शुरू होंगे 4 नए कोर्स, कई कॉलेजों की संबंद्धता भी 30 नवंबर तक बढ़ाई

 

सचिव प्राविधिक शिक्षा आलोक कुमार ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि नेशनल इंस्‍टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क की तर्ज पर प्रदेश सरकार यूपी स्‍टेट इंस्‍टीट्यूशनल रैकिंग फ्रेमवर्क लागू करेगी। इसमें टीचिंग, लर्निंग, रिसर्च, ग्रेजुएशन आउटकम तथा वैश्विक स्तर पर संस्थान की भागीदारी को मूल्यांकन का आधार बनाया जाएगा। रैकिंग के आधार पर संस्‍थानों को अनुदान दिए जाने की भी योजना है। Read ALso : Amazon के साथ रोजाना 4 घन्टे काम कर कमाए हर महीने 60 से 70 हज़ार रुपये, जानिए कैसे

 

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एडमिशन के प्रति छात्रों का बढ़ेगा रूझान
खास बात यह है कि यूपी में एसआईआरएफ के जरिए तकनीकी संस्‍थानों की गुणवत्‍ता को परखा जाएगा। ऐसे में यहां स्थिति संस्‍थानों की गुणवत्‍ता में इजाफा होगा। इसके साथ ही संस्‍थान को अच्‍छी रैकिंग मिलने से यहां के कॉलेजों में एडमिशन लेने के प्रति छात्रों का रूझान भी बढ़ेगा। माना जा रहा है कि सरकार की इस पहल से छात्रों और संस्‍थान दोनों को ही फायदा होगा।

 

एकेटीयू से संबद्ध हैं 750 तकनीकी संस्‍थान 
मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर लगातार जोर देते रहे हैं। प्रदेश में एकेटीयू से करीब 750 तकनीकी संस्‍थान संबद्ध हैं, जिसमें करीब 14 राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज शामिल हैं। इन संस्थानों में करीब साढ़े तीन लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों समेत प्रदेश के कुछ टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए मारामारी रहती है। इनमें कुछ संस्‍थान ऐसे भी है जहां पर बीटेक की सीटें भरना भी मुश्किल हो जाता है। एसआईआरएफ लागू होने से जिन संस्‍थानों में दाखिले की दिक्‍कत रहती है, उनको भी काफी फायदा होगा। 

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