ग्रेटर नोएडा: वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी खुलेगी, दादरी में बनेगा कार्गो टर्मिनल, बोर्ड बैठक में लगी मुहर
स्थानीय युवाओं को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय शिक्षा का अवसर, कार्गो टर्मिनल से 15 हजार रोजगार सृजित होंगे
Mar 29, 2025, 20:40 IST
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ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की शनिवार को हुई बोर्ड मीटिंग में कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं पर सहमति बनी है। बैठक में सबसे अहम फैसला वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी को ग्रेटर नोएडा में खोलने की मंजूरी देना रहा। इस यूनिवर्सिटी के खुलने से क्षेत्र के युवाओं का अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्राप्त करने का सपना साकार हो सकेगा। इसके अतिरिक्त, बोर्ड ने दादरी के पास एक महत्वपूर्ण कार्गो टर्मिनल विकसित करने की योजना को भी हरी झंडी दिखा दी है, जिससे अनुमानित रूप से 15 हजार लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।READ ALSO:-UP सरकार का बड़ा फैसला: ग्रेजुएशन में अच्छे अंक लाने वाली छात्राओं को मिलेगी मुफ्त स्कूटी
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एनजी रवि कुमार ने बोर्ड मीटिंग के बाद जानकारी देते हुए बताया कि अथॉरिटी के कार्यालय स्थित टॉवर टू में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का एक नया ऑफिस भी खोला जाएगा। इसके साथ ही, व्यापार और वाणिज्य से जुड़े विवादों के त्वरित निपटारे के लिए एक कॉमर्शियल कोर्ट की स्थापना पर भी सहमति बनी है। अथॉरिटी बोर्ड ने इन सभी महत्वपूर्ण संस्थानों को किराए पर जगह उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
बोर्ड मीटिंग में दादरी के आईसीडी (इनलैंड कंटेनर डिपो) के पास गति शक्ति कार्गो टर्मिनल परियोजना को मास्टर प्लान 2041 में शामिल करने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई गई। यह कार्गो टर्मिनल प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के अंतर्गत लगभग 260 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा। यह भूमि दादरी के पाली और मकौड़ा गांवों के पास स्थित है। अथॉरिटी का मानना है कि इस परियोजना के पूरा होने से लगभग 15 हजार स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
सीईओ एनजी रवि कुमार ने इस परियोजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कार्गो टर्मिनल के बनने से ग्रेटर नोएडा और आसपास का क्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित होगा। यह टर्मिनल एक्सप्रेसवे और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) से सीधे जुड़ा होगा, जिससे माल की आवाजाही और परिवहन में काफी सुविधा होगी। बोर्ड द्वारा लिए गए इन महत्वपूर्ण फैसलों को अब अंतिम मंजूरी के लिए उत्तर प्रदेश शासन के पास भेजा जाएगा। शासन से अनुमति मिलने के बाद इन परियोजनाओं पर तेजी से काम शुरू किया जाएगा। इन विकास कार्यों से ग्रेटर नोएडा के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव आने की उम्मीद है।
