मेरठ सौरभ हत्याकांड: 14 दिन बाद जेल में मिले साहिल और मुस्कान, बढ़ी न्यायिक हिरासत

 साहिल और मुस्कान की न्यायिक हिरासत बढ़ी, पुलिस ने चार्जशीट तैयार की, हत्या के पीछे प्रेम प्रसंग का खुलासा
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मेरठ के चर्चित सौरभ राजपूत हत्याकांड में बुधवार को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया। इस मामले में जेल में बंद मुख्य आरोपी साहिल और मुस्कान ने 14 दिन बाद पहली बार एक-दूसरे को देखा। यह मुलाकात जेल के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम में हुई, जहां दोनों को उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद पेश किया गया था।READ ALSO:-मेरठ: जिम गए 10वीं के छात्र की गोली मारकर हत्या, कब्रिस्तान वाले रास्ते पर मिला शव, पुलिस जांच में जुटी

 

जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जैसे ही मुस्कान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान साहिल को देखा, वह भावुक हो उठी और रोने लगी। दोनों करीब 15 मिनट तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम में रहे, लेकिन जेल के नियमों के चलते उन्हें आपस में बातचीत करने की अनुमति नहीं दी गई। ऑनलाइन पेशी के दौरान जज ने पहले मुस्कान और फिर साहिल का नाम पूछा और उनसे कुछ सामान्य सवाल किए। इसके बाद अदालत ने दोनों की न्यायिक हिरासत को अगले 14 दिनों के लिए, यानी 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया। पेशी के बाद मुस्कान को महिला बंदियों की बैरक में और साहिल को पुरुष बंदियों की बैरक में भेज दिया गया। गौरतलब है कि साहिल और मुस्कान 19 मार्च से मेरठ जिला जेल में बंद हैं।

 

इस बीच, सौरभ हत्याकांड की जांच में तेजी आई है और मेरठ पुलिस ने इस मामले की चार्जशीट लगभग तैयार कर ली है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अगले सप्ताह इस चार्जशीट को अदालत में पेश कर दिया जाएगा। पुलिस ने अपनी केस डायरी में स्पष्ट रूप से लिखा है कि सौरभ की हत्या के पीछे का मुख्य कारण कोई तंत्र क्रिया नहीं थी, बल्कि साहिल और मुस्कान के बीच चल रहा प्रेम संबंध था।

 

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि मुस्कान पहले भी साहिल के साथ घर से भाग चुकी थी। इसी वजह से सौरभ ने मुस्कान को तलाक देने का मन बना लिया था, जिसके बाद दोनों परिवारों के बीच पंचायत भी हुई थी। पुलिस ने अपनी केस डायरी में मुस्कान और साहिल को सौरभ की हत्या के लिए समान रूप से दोषी ठहराया है।

 

जांच में यह भी पता चला है कि हत्या की साजिश में मुस्कान ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। वह चाकू, ड्रम और नींद की गोलियां खरीदकर लाई थी, जबकि साहिल हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए सीमेंट लेकर आया था। साहिल का ही यह विचार था कि सौरभ के शव को ड्रम में भरकर ठिकाने लगाया जाएगा। पुलिस के अनुसार, मुस्कान ने ही सौरभ के सीने पर चाकू रखा था और साहिल ने ऊपर से हाथ मारकर उसे और अंदर धकेल दिया था। गर्दन काटने के दौरान भी साहिल ने चाकू का इस्तेमाल किया था, जबकि मुस्कान ने उस्तरे का प्रयोग किया था। हत्या को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी साथ में उत्तराखंड घूमने चले गए थे।

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बुधवार से एक दिन पहले, यानी 1 अप्रैल को सरकारी वकील रेखा जैन ने जिला जेल में मुस्कान और साहिल से मुलाकात की थी। यह मुलाकात उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाने की पेशी से पहले हुई थी। इस दौरान मुस्कान ने एक बार फिर सरकारी वकील से गुहार लगाई कि उनकी जमानत करा दी जाए, क्योंकि वे जेल से बाहर आना चाहती हैं। दूसरी ओर, मुस्कान जिला जेल प्रशासन पर भी लगातार दबाव बना रही है कि उसे साहिल के साथ एक ही बैरक में रहने दिया जाए, हालांकि जेल नियमों के अनुसार यह संभव नहीं है।

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मेरठ में सौरभ राजपूत की हत्या को 27 दिन बीत चुके हैं और इस हत्याकांड की जांच तीन स्तरों पर चल रही है। पहली जांच पुलिस द्वारा की जा रही है, दूसरी फोरेंसिक टीम द्वारा वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं, और तीसरी साइबर सेल द्वारा डिजिटल फुटप्रिंट और मोबाइल डेटा की जांच की जा रही है। पुलिस की केस डायरी और साइबर सेल की मोबाइल जांच के बाद अब फोरेंसिक टीम की जांच में कई और चौंकाने वाले खुलासे सामने आने की संभावना है, जिससे इस जघन्य हत्याकांड की पूरी सच्चाई सामने आ सकेगी।

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