प्रयागराज में दफन बेतिया राज का खजाना! महारानी जानकी कुंवर की 200 करोड़ी तिजोरी खोलने में जुटी बिहार सरकार

SBI त्रिवेणी ब्रांच में 50 साल से बंद है लॉकर, प्रयागराज प्रशासन ने बनाई कमेटी, निकल सकते हैं कीमती जेवर और ऐतिहासिक दस्तावेज
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PRAYAGRAJ
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश और बिहार में फैले ऐतिहासिक बेतिया राज की बेशकीमती संपत्तियों की तलाश तेज हो गई है। इसी कड़ी में, प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की त्रिवेणी ब्रांच में पिछले 50 से अधिक वर्षों से बंद पड़ी बेतिया की महारानी जानकी कुंवर की एक रहस्यमयी तिजोरी को खोलने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस तिजोरी में 200 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सोने-हीरे के आभूषण और अन्य जवाहरात के साथ-साथ रियासत से जुड़े महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेज भी हो सकते हैं।Read also:-मेरठ: अखिलेश यादव पर टिप्पणी से भड़के सपाई, 'दिल्ली CM रेखा गुप्ता' के फोटो फाड़े; संगीत सोम को जुआ प्रकरण में घेरा

 

बिहार सरकार की पहल, प्रयागराज प्रशासन सक्रिय
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार की नीतीश कुमार सरकार बेतिया राज की अंतिम महारानी जानकी कुंवर और उनके पति राजा हरेंद्र किशोर सिंह की भूली-बिसरी संपत्तियों को खंगालने में जुटी है। इसी प्रयास के तहत प्रयागराज स्थित इस भारी-भरकम तिजोरी (लॉकर) को खुलवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रयागराज का जिला प्रशासन भी इस महीने (अप्रैल में) तिजोरी खुलवाने को लेकर सक्रिय हो गया है और इसके लिए तीन सदस्यों की एक समिति का गठन भी किया गया है।

 

क्या है तिजोरी में?
माना जा रहा है कि महारानी जानकी कुंवर की इस तिजोरी में न केवल अकूत संपत्ति छिपी है, बल्कि बेतिया राज से जुड़े कई गहरे रहस्य भी दफन हो सकते हैं। अनुमान है कि इसमें सोने-हीरे के गहनों के अलावा जमीनों से जुड़े कई ऐतिहासिक दस्तावेज भी मिल सकते हैं, जिनसे बेतिया राज की संपत्तियों का दायरा समझने में और मदद मिलेगी। तिजोरी खुलने के बाद मिलने वाले हीरे-जवाहरात और अन्य कीमती सामानों को बिहार ले जाया जा सकता है।

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महारानी का प्रयागराज कनेक्शन
बेतिया राज बिहार की एक महत्वपूर्ण रियासत थी, जिसकी संपत्तियां बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, प्रयागराज समेत कई जिलों में फैली हुई थीं। बेतिया के अंतिम राजा हरेंद्र किशोर सिंह की दूसरी पत्नी महारानी जानकी कुंवर थीं। राजा हरेंद्र की मृत्यु उनके जानकी कुंवर से विवाह के महज एक महीने बाद ही 26 मार्च, 1893 को हो गई थी। बताया जाता है कि महारानी जानकी कुंवर ने अपना अंतिम समय प्रयागराज में ही बिताया था, यही कारण है कि उनकी यह बेशकीमती तिजोरी प्रयागराज के एसबीआई ब्रांच में इतने लंबे समय से बंद पड़ी है।

 

अब सभी की निगाहें इस तिजोरी के खुलने पर टिकी हैं, जिससे न केवल करोड़ों की संपत्ति मिलने की उम्मीद है, बल्कि इतिहास के कई पन्ने भी खुल सकते हैं।
SONU

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