बिजनौर : महाशिवरात्रि पर हजारों श्रद्धालु हरिद्वार से गंगाजल लेकर निकले, 20 फीट ऊंची और 250 किलो की कांवड़ बनी आकर्षण का केंद्र
हरिद्वार से लाई जा रही 20 फीट ऊंची और 250 किलो वजनी मंदिर आकार की कांवड़ बिजनौर में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
Feb 23, 2025, 15:31 IST
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महाशिवरात्रि के अवसर पर 26 फरवरी को हजारों कांवड़िये हरिद्वार से पवित्र गंगा जल लेकर अपने गंतव्य की ओर निकल पड़े हैं। श्रद्धालु बम-बम भोले के जयघोष के साथ यात्रा कर रहे हैं। READ ALSO:-बिजनौर : बेटों को जान से मारने की धमकी, रिटायर्ड जनसेवा केंद्र संचालक से 6 लाख और बैंक कर्मी से मांगी 10 लाख की रंगदारी

बिजनौर उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने वाला पहला जिला है। यहां से आसपास के जिलों और उत्तराखंड के कई जिलों से लाखों कांवड़िये गुजरते हैं।
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श्रद्धालुओं की मदद के लिए रास्ते में जगह-जगह शिविर लगाए गए हैं। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। हर चौराहे पर पुलिस बल तैनात किया गया है। सीसीटीवी कैमरों से लगातार निगरानी की जा रही है। मोटा महादेव मंदिर पर पुलिस ने कंट्रोल रूम स्थापित किया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई स्थानों पर रूट डायवर्ट किए गए हैं।
मुख्य बातें:-
आकर्षण का केंद्र:
- यह विशाल कांवड़ हरिद्वार से लाई जा रही है और बिजनौर से होकर गुजर रही है।
- इसकी ऊंचाई 20 फीट और वजन 250 किलो है।
- इसका आकार मंदिर जैसा है, जो देखने में बेहद आकर्षक है।
कांवड़ यात्रा का महत्व:
- कांवड़ यात्रा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है।
- इसमें भक्त गंगा नदी से पवित्र जल लाकर भगवान शिव को अर्पित करते हैं।
- विशाल कांवड़ें इस यात्रा का एक विशेष आकर्षण होती हैं।
- यह विशाल कांवड़ भक्तों की श्रद्धा और उत्साह का प्रतीक है।
कावड़ यात्रा का समय:
यह यात्रा मुख्य रूप से सावन के महीने में होती है, लेकिन शिवरात्रि के समय भी कावड़ यात्रा होती है।
यह यात्रा मुख्य रूप से सावन के महीने में होती है, लेकिन शिवरात्रि के समय भी कावड़ यात्रा होती है।
बिजनौर जिले के मंडावली, नजीबाबाद, नगीना, धामपुर, नहटौर, चांदपुर, शिवाला कला, अफजलगढ़ और शेरकोट समेत सभी थाना क्षेत्रों में कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात है। श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।