Covid-19 XEC variant: वापस आ रहा है कोरोना वायरस, सर्दियों तक ले सकता है गंभीर रूप कोविड का नया स्ट्रेन, जानें लक्षण और असर
कोरोना वायरस का नया वैरिएंट XEC दुनिया में तेजी से फैल रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दियों तक यह वैरिएंट गंभीर रूप ले सकता है और कोविड का प्रमुख स्ट्रेन बन सकता है। इस वैरिएंट का पहला मामला जून 2023 में जर्मनी में सामने आया था।
Sep 18, 2024, 00:00 IST
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कोरोना वायरस का नया वैरिएंट XEC दुनिया में तेजी से फैल रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दियों तक यह वैरिएंट गंभीर रूप ले सकता है और कोविड का प्रमुख स्ट्रेन बन सकता है। इस वैरिएंट का पहला मामला जून 2023 में जर्मनी में सामने आया था। बताया जा रहा है कि यह वैरिएंट "KS.1.1 और KP.3.3" वैरिएंट का सबवैरिएंट हो सकता है। आइए जानते हैं इस नए वैरिएंट से जुड़ी सभी अहम जानकारियां।READ ALSO:-UP : 'बुलडोजर की कार्रवाई अन्याय का प्रतीक', सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बीजेपी पर साधा निशाना
कोविड XEC वैरिएंट क्या है?
कोविड का XEC वैरिएंट "KS.1.1 और KP.3.3" का सबवैरिएंट बनकर उभरा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह वैरिएंट सर्दियों के दौरान तेजी से फैल सकता है और दुनिया के कई हिस्सों में प्रमुख स्ट्रेन बन सकता है। इसे FLuQE वैरिएंट और deFLuQE वैरिएंट जैसा ही माना जा रहा है। हालांकि, इसमें कुछ बदलाव देखे गए हैं, जो इसे और गंभीर बना सकते हैं। इसलिए इस वैरिएंट को लेकर सतर्क रहना जरूरी है।
कोविड का XEC वैरिएंट "KS.1.1 और KP.3.3" का सबवैरिएंट बनकर उभरा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह वैरिएंट सर्दियों के दौरान तेजी से फैल सकता है और दुनिया के कई हिस्सों में प्रमुख स्ट्रेन बन सकता है। इसे FLuQE वैरिएंट और deFLuQE वैरिएंट जैसा ही माना जा रहा है। हालांकि, इसमें कुछ बदलाव देखे गए हैं, जो इसे और गंभीर बना सकते हैं। इसलिए इस वैरिएंट को लेकर सतर्क रहना जरूरी है।
XEC वैरिएंट का सबसे ज्यादा खतरा कहां है?
फिलहाल XEC वैरिएंट विदेशों में तेजी से फैल रहा है, लेकिन अभी तक किसी भी देश में इसे खतरनाक नहीं देखा गया है। इसका प्रसार सीमित होने के कारण इसे अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) के वैरिएंट अनुपात डेटा ट्रैकर में शामिल नहीं किया गया है। भारत में अभी तक इस वैरिएंट का कोई संदिग्ध या पुष्ट मामला सामने नहीं आया है।
फिलहाल XEC वैरिएंट विदेशों में तेजी से फैल रहा है, लेकिन अभी तक किसी भी देश में इसे खतरनाक नहीं देखा गया है। इसका प्रसार सीमित होने के कारण इसे अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) के वैरिएंट अनुपात डेटा ट्रैकर में शामिल नहीं किया गया है। भारत में अभी तक इस वैरिएंट का कोई संदिग्ध या पुष्ट मामला सामने नहीं आया है।
XEC वैरिएंट के लक्षण
- बुखार
- खांसी
- भूख न लगना
- शरीर में दर्द
- गंध और स्वाद का एहसास न होना
- सांस लेने में दिक्कत
- नाक बहना
- मतली, उल्टी और दस्त
ये लक्षण संक्रमण के 1 से 14 दिनों के भीतर शुरू हो सकते हैं, इसलिए इसके लक्षणों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।