चीन का कबूलनामा : चीन ने 8 महीने बाद गलवान घाटी में मारे गए सैनिकों के नाम बताए

 | 

बीते साल 15-16 जून में लद्दाख की गलवान घाटी में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारतीय सेना से हुई झड़प में चीन के 5 सैनिकों की मौत हुई थी। चीन ने करीब 8 महीने इसका खुलासा करते हुए उनके नाम उजागर किए हैं। गलवान की इस झड़प में भारत के कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हुए थे।

चीन की सरकारी मीडिया ने बताया कि सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने शुक्रवार को माना कि काराकोरम माउंटेन पर तैनात 5 फ्रंटियर ऑफिसर्स और सोल्जर्स की भारत के साथ टकराव में मौत हुई थी। चीन ने देश की संप्रभुता की रक्षा में अपने सैनिकों योगदान के लिए तारीफ भी की है।

मरने वालों में रेजिमेंटल कमांडर भी शामिल
चीनी सेना के ऑफिशियल न्यूज पेपर PLA डेली के मुताबिक, सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने इन सैनिकों को हीरो का दर्जा दिया है। इनमें शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजिमेंटल कमांडर क्यूई फेबाओ को हीरो रेजिमेंटल कमांडर फॉर डिफेंडिंग द बॉर्डर, चेन होंगजुन को हीरो टु डिफेंड द बॉर्डर और चेन जियानग्रॉन्ग, जियाओ सियुआन और वांग जुओरन को फर्स्ट क्लास मेरिट का दर्जा दिया गया है।

यह भी पढ़ें : अमेरिकी कोर्ट का भारत सरकार को समन: एयर इंडिया, बैंक खाता, भारतीय शिप और डिप्लोमैटिक प्रॉपर्टी को जब्त कर सकती है ब्रिटिश कंपनी

अवॉर्ड देते वक्त गलवान की कहानी बताई
यह पहली बार है, जब चीन ने इन अधिकारियों और सैनिकों की मौत की बात कबूल की है। अब तक वह गलवान में घायल हुए और मरने वाले सैनिकों की संख्या छिपाता रहा था। पांचों सैनिकों को अवॉर्ड देने के दौरान गलवान में हुए घटनाक्रम के बारे में भी बताया गया।

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने बताया कि कैसे LAC पर भारतीय सेना ने बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया था। उसने दावा किया कि भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों को पीछे हटाने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान चीनी सैनिकों ने स्टील ट्यूब, लाठियों और पत्थरों के हमलों के बीच देश की संप्रभुता का बचाव किया।

भारत पर डाली टकराव की जिम्मेदारी
दोनों देशों के बीच लगभग 45 साल में यह सबसे बड़ी झड़प थी। पहले माना जा रहा था कि इसमें चीनी सेना के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। PLA इस झड़प के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। उसने कहा कि अप्रैल 2020 के बाद से विदेशी सेना ने पिछले समझौते का उल्लंघन किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लघंन कर सड़क और पुलों का निर्माण किया। जानबूझकर सीमा पर अपनी स्थिति को बदलते हुए उन्होंने कम्युनिकेशन के लिए भेजे गए चीनी सैनिकों पर हिंसक हमला किया।

अपने सैनिकों की तारीफ की
PLA ने कहा कि मई 2020 में भारतीय सेना के उकसावे का सामना करते हुए चेन जियानग्रॉन्ग और दूसरे चीनी सैनिकों ने संघर्ष किया और उन्हें लौटने के लिए मजबूर किया। चेन ने अपनी डायरी में लिखा है, 'जब दुश्मनों ने हमारा सामना किया, तो हममें से कोई भी नहीं भागा। उनके पत्थर के हमलों के बीच, हमने उन्हें दूर तक धका दिया।

जून 2020 में, भारतीय सेना ने LAC पर टेंट का निर्माण किया। चीनी सेना के रेजिमेंटल कमांडर क्यूई फाबाओ कुछ सैनिकों के साथ बातचीत करने गए थे। भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को रोकने के लिए पहले से ज्यादा सैनिकों को तैनात कर दिया था।

अलग-अलग दावों का खंडन करने के लिए बताई संख्या

सिन्घुआ यूनिवर्सिटी में नेशनल स्ट्रैटजी इंस्टीट्यूट में रिसर्च डिपार्टमेंट के डायरेक्टर कियान फेंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि चीन ने इस घटना की डिटेल सामने लाने का फैसला लिया है, ताकि पिछले दावे का खंडन किया जा सके, जिसमें कहा गया था कि चीन के कई सैनिकों को नुकसान हुआ था।

कुछ समय पहले भारतीय सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई.सी. जोशी ने रूस की एक एजेंसी के हवाले से दावा किया था कि इस झड़प में 45 चीनी सैनिक मारे गए थे।

Khabreelal News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… हमारी कम्युनिटी ज्वाइन करे, पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें

Whatapp ग्रुप ज्वाइन करे Join
Youtube चैनल सब्सक्राइब करे Subscribe
Instagram पर फॉलो करे Follow
Faceboook Page फॉलो करे Follow
Tweeter पर फॉलो करे Follow
Telegram ग्रुप ज्वाइन करे Join

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।