अमेरिकी कोर्ट का भारत सरकार को समन: एयर इंडिया, बैंक खाता, भारतीय शिप और डिप्लोमैटिक प्रॉपर्टी को जब्त कर सकती है ब्रिटिश कंपनी

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विदेश में भारत की संपत्ति जब्त हो सकती है। ब्रिटिश कंपनी केयर्न एनर्जी एयर इंडिया के प्लेन, भारतीय बैंक खाता, शिप और अन्य भारतीय संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी कर रही है। केयर्न भारत की ऐसी ही संपत्तियों की पहचान कर रही है। केयर्न का आरोप है कि मोदी सरकार अंतरराष्ट्रीय ऑर्बिट्रेशन के समझौतों का सम्मान नहीं करती है।

भारत सरकार से मांगे हैं 1.2 अरब डॉलर

दरअसल अमेरिकी कोर्ट ने ब्रिटिश कंपनी केयर्न एनर्जी के पेमेंट के मामले में भारत सरकार को समन भेजा है। केयर्न ने अमेरिकी कोर्ट में भारत सरकार से 1.2 अरब डॉलर लेने का मामला दर्ज करवाया है।

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केयर्न एनर्जी ने सिंगापुर की ऑर्बिट्रेशन कोर्ट में रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स (पुराने टैक्स के मामले में) के मामले में सरकार के खिलाफ जीत हासिल की थी। टैक्स विवाद के इस मामले में मध्यस्थता अदालत (आर्बिट्रेशन कोर्ट) ने भारत सरकार को 1.2 बिलियन डॉलर के अलावा इंटरेस्ट और पेनाल्टी की रकम चुकाने का आदेश दिया था। जिससे यह रकम बढ़कर 1.4 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई। भारत सरकार ने केयर्न एनर्जी को यह रकम नहीं चुकाई है।

व्यापार समझौते के उल्लंघन का आरोप

उस वक्त ट्रिब्यूनल के फैसले के मुताबिक, भारत ने ब्रिटेन के साथ हुए व्यापार समझौते का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने कहा कि केयर्न के भारत में 2006-07 में व्यापार के आंतरिक पुनर्गठन (internal reorganisation) पर 10,247 करोड़ रुपए का भारत का टैक्स का दावा सही नहीं है। ट्रिब्यूनल ने सरकार को अपने द्वारा बेचे गए शेयरों का पैसा लौटाने, डिविडेंड जब्त करने और टैक्स डिमांड की वसूली के लिए रोके गए टैक्स रिफंड का आदेश दिया था। रकम न चुकाने की एवज में अब भारत की संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी की जा रही है।भारत की संपत्तियों में जो पहचान केयर्न ने की है उसमें एयर इंडिया की प्लेन, भारतीय शिप, डिप्लोमेटिक प्रॉपर्टीज आदि हैं। हालांकि ऐसा अभी कोई मामला नहीं हुआ है जिसमें भारत की संपत्ति जब्त की गई हो।

12 फरवरी को दर्ज हुआ था मामला

बता दें कि केयर्न एनर्जी पीएलसी और केयर्न यूके होल्डिंग ने वॉशिंगटन डीसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में 12 फरवरी को एक पिटीशन फाइल की थी। 16 फरवरी को कोलंबिया डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भारत सरकार को समन जारी किया था। यह ठीक उससे पहले है, जब केयर्न के सीईओ सिमोन थामसन आज वित्त सचिव अजय भूषण पांडे से मिलने वाले हैं। थामसन इसी हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मिलने वाले हैँ। वे काफी दिनों से वित्त मंत्री से मिलने की कोशिश कर रहे हैं।

सरकार ने अभी तक कोई संकेत नहीं दिया

हालांकि सरकार ने यह अभी तक संकेत नहीं दिया है कि वह केयर्न एनर्जी को पेमेंट करेगी या फिर दिसंबर वाले फैसले को चुनौती देगी। केयर्न एनर्जी लगातार सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। अगर सरकार पेमेंट देने से मना करती है तो केयर्न एनर्जी कोर्ट से यह मांग कर सकती है कि उसे भारतीय सरकार की विदेशों में संपत्तियों को लेने की मंजूरी दी जाए।

केयर्न एनर्जी एयर इंडिया की संपत्तियों का आंकलन करवा रही है

केयर्न एनर्जी पहले ही एयर इंडिया की संपत्तियों का आंकलन करा रही है। वह कनाडा, अमेरिका सहित कई देशों में यह काम कर रही है। सूत्रों के मुताबिक आज थामसन की मीटिंग पर काफी कुछ निर्भर करता है। हालांकि केयर्न और सरकार के बीच चल रहे तनाव से मामला सुलझता नहीं दिख रहा है। माना जा रहा है कि वित्त मंत्रालय इस मामले में चुनौती भी दे सकता है। सरकार वोडाफोन के इसी तरह के टैक्स के मामले में अपील की है।

भारत को इस तरह के मामलों में 3 महीने के अंदर चैलेंज करना होता है। केयर्न का फैसला दिसंबर में आया है और इसकी चैलेंज करने की अंतिम तारीख 21 मार्च है।

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