काम की खबर : 1 जुलाई से बदलेगा रेलवे का टाइम टेबल, शताब्दी और संपर्क क्रांति समेत इन ट्रेनों के शेड्यूल में हुआ बदलाव
1 जुलाई से आगरा रेल मंडल से गुजरने वाली 50 से ज्यादा ट्रेनों के समय में बदलाव किया जाएगा। ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ेगी।
Updated: Jun 30, 2022, 17:15 IST
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रेल यात्रियों के लिए एक बहुत ही अच्छी खबर है। उन्हें जल्द ही ट्रेन लेट होने की शिकायत से निजात मिलने वाली है। आगरा रेल मंडल से गुजरने वाली 50 से ज्यादा ट्रेनों का समय 1 जुलाई से बदल सकता है। ट्रेनों की रफ्तार 110 से बढ़कर 130 किमी प्रति घंटे हो जाएगी। इस बदलाव से ट्रेनें पूर्व निर्धारित समय से पहले गंतव्य स्टेशनों पर पहुंचेंगी। 1 जुलाई से आगरा रेल मंडल से गुजरने वाली 150 से अधिक ट्रेनों के समय-सारणी में बदलाव किया जा रहा है। इन ट्रेनों में शताब्दी, कामायनी, संपर्क क्रांति, गोवा एक्सप्रेस, तमिलनाडु सहित 11 जोड़ी मुख्य ट्रेनें शामिल हैं। रेल प्रशासन का कहना है कि टाइम-टेबल में कुछ बदलाव इस तरह से किए जा रहे हैं कि इसका सीधा फायदा यात्रियों को मिल सके।
खराब भोजन पर भी ऑन स्पॉट जुर्माना लगाया जाएगा
रेलवे अब लंबी दूरी की ट्रेनों में यात्रियों की खाने की व्यवस्था सुधारने के लिए विशेष अभियान चलाने जा रहा है। एक जुलाई से शुरू हो रहे इस अभियान में रेलवे अधिकारी ट्रेनों के स्लीपर कोच में यात्रा करेंगे और खाने की गुणवत्ता की जांच करेंगे। यदि भोजन की गुणवत्ता खराब पाई गई तो मौके पर ही जुर्माना किया जाएगा। 1000 से 20 हजार तक का यह जुर्माना वेंडर और ठेकेदार पर लगेगा।
इन ट्रेनों के समय पर पड़ेगा असर
शताब्दी 18 से 25 मिनिट, कर्नाटक 15 से 20 मिनिट, तमिलनाडु 12 से 18 मिनिट, केरल 11 से 15 मिनिट, जीटी 9 से 14 मिनिट, गोवा 12 से 18 मिनिट, यशवंतपुर संपर्क क्रांति 10 से 12 मिनिट समेत तमाम ट्रेनों के समय में बदलाव होगा। ये सभी ट्रेनें पूर्व निर्धारित समय से पहले अगले स्टेशन पर पहुंच जाएंगी Read Also:-HTC Desire 22 Pro: दुनिया का पहला Metaverse Mobile लॉन्च, इस फोन में ले सकेंगे वर्चुअल रियलिटी का मजा, Free NFT सपोर्ट भी।
अधिकारियों को जवाबदेह बनाया रेलवे ने
भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में रेलवे 1 जुलाई से अपनी कई व्यवस्थाओं में बदलाव कर रहा है। इस बदलाव का असर यात्रियों को बेहतर सुविधाओं के रूप में मिलने वाला है। व्यवस्था में बदलाव के लिए रेलवे सीधे तौर पर अधिकारियों को जवाबदेह बनाने जा रहा है। यात्रियों को होने वाली असुविधा के लिए अब रेलवे अधिकारी जवाबदेह होंगे। रेलवे अधिकारी स्लीपर कोच में यात्रा कर यात्रियों की परेशानी भी जानेंगे।