Unwanted Messages: अब मिलेगी अनचाहे मैसेज से निजात, TRAI ने की कुछ यूं 'व्यवस्था'
ट्राई ने यूजर्स के अनचाहे मैसेज से छुटकारा पाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को DCA प्लेटफॉर्म तैयार करने और उसे लागू करने के निर्देश दिए हैं। इससे क्या फायदा होगा? आइए जानते हैं।
Jun 5, 2023, 00:10 IST
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ट्राई ने टेलिकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि यूजर्स को अनचाहे मैसेज से छुटकारा दिलाने के लिए इंटीग्रेटेड डीसीए प्लेटफॉर्म तैयार कर इस सिस्टम को लागू किया जाए। आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि इस प्लेटफॉर्म के तहत ग्राहकों की सहमति के बिना किसी भी कंपनी का कोई भी व्यावसायिक संदेश डिजिटल माध्यम से नहीं भेजा जाएगा।READ ALSO:-ट्रेन हादसा : टिकट बुक कराते समय जरूर लें Travel Insurance(यात्रा बीमा), रेलवे सिर्फ 49 पैसे में देता है लाखों का बेनिफिट्स
बता दें कि यूजर्स तक पहुंचने के लिए अब अलग-अलग कंपनियां मैसेजिंग ऐप, सोशल मीडिया और ईमेल के जरिए संपर्क करती हैं। बता दें कि यह काम एक बार नहीं बल्कि बार-बार किया जाता है, भले ही यूजर्स को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हो।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ट्राई ने यह निर्देश टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशन, 2018 (TCCCPR-2018) के तहत जारी किया है। आपको बता दें कि अभी केवल ट्रेडिंग कंपनियां, बैंक, बीमा कंपनियां, रियल एस्टेट कंपनियां आदि ही यूजर्स से अनुमति ले रही हैं, लेकिन इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में इस प्रकार की व्यवस्था लागू नहीं की जा रही है।
यही वजह है कि दूरसंचार कंपनियों और प्रमुख संगठनों को DCA प्लेटफॉर्म तैयार करने और उसे लागू करने के लिए कहा गया है। इस प्लेटफॉर्म के जरिए यूजर्स से पहले सहमति ली जाएगी, बता दें कि यह ट्रैक भी किया जा सकता है।
ट्राई का कहना है कि टेलीकॉम कंपनियों को DCA प्लेटफॉर्म को ठीक से लागू करने के लिए दो महीने का समय दिया जाएगा। बता दें कि TCCCP रेगुलेशन 2018 के तहत DCA प्लेटफॉर्म को यूजर्स से सहमति लेने, जारी रखने और सहमति रद्द करने की सुविधा दी जाएगी.
इसके बाद इस प्लेटफॉर्म के जरिए जुटाए गए डेटा को डिजिटल लेजर प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जाएगा। इतना ही नहीं, टेलीकॉम कंपनियों को यह भी हिदायत दी गई है कि सहमति मांगने वाले मैसेज भेजने के लिए कॉमन शॉर्ट कोड 127xxx का ही इस्तेमाल करें।
शॉर्ट कोड के माध्यम से भेजे गए सहमति प्राप्त करने वाले संदेश में सहमति के प्रमुख इकाई/ब्रांड का दायरा, उद्देश्य, अवधि और नाम स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा। यहां ध्यान देने वाली एक बात यह है कि शुरुआत में यह तय किया गया है कि सहमति हासिल करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बीमा, बैंकिंग, व्यापार से जुड़े क्षेत्रों और वित्त कंपनियों से जुड़ी प्रमुख संस्थाओं को ऑन-बोर्ड किया जाए। इसके बाद अन्य सेक्टरों को जोड़ा जाएगा।
