AI Pin Device : अतीत की बात हो जाएंगे स्मार्टफोन! अब आया फिक्शन फिल्मों वाला मोबाइल फ़ोन, हथेली बन जाएगी स्क्रीन, कर सकेंगे वीडियो कॉल और सब कुछ
स्मार्टफोन के अपडेटेड वर्जन लॉन्च करने में लगी कंपनियों को इस खबर से बहुत बड़ा झटका लगने वाला है। भारतीय मूल के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने एक ऐसी डिवाइस बनाई है जो मोबाइल का फ्यूचर बनने जा रही है। इस पिन जैसी डिवाइस में स्क्रीन नहीं है, लेकिन आप वीडियो कॉलिंग कर पाएंगे। कॉल और एसएमएस के साथ-साथ फोटो लेना और वीडियो बनाना बहुत आसान है।
Nov 15, 2023, 00:00 IST
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अपने आस-पास नजर डालिए, शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जिसके हाथ में स्मार्टफोन न हो। अब तो आलम यह है कि चाहे एक साल का बच्चा हो या 90 साल का बुजुर्ग, हर कोई स्मार्टफोन का दीवाना है। लेकिन, कहते हैं ना कि अगर किसी चीज़ में सबसे ज्यादा बदलाव हो रहा है तो वो है टेक्नोलॉजी। यह विकास अब स्मार्टफोन को भी अतीत की बात बना देगा। इसकी जगह अब फिक्शन फिल्मों में दिखने वाले मोबाइल फोन ने ले ली है।READ ALSO:-E-Air टैक्सी : दिल्ली और गुरुग्राम के बीच जल्द ही E-Air टैक्सी सर्विस होगी शुरू, घंटों का सफर होगा सिर्फ 7 मिनट में पूरा....
दरअसल, यह कोई कल्पना नहीं है बल्कि अमेरिकी बाजार में इस तरह का मोबाइल पहले ही आ चुका है। इसकी खास बात यह है कि इसमें न तो कोई स्क्रीन है और न ही कोई डिस्प्ले। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस यह छोटा उपकरण एक पिन की तरह दिखता है, जिसे आप अपने कपड़ों में टैग कर सकते हैं। इस छोटे उपकरण में शक्तिशाली कैमरे और सेंसर हैं। महज कुछ ग्राम वजनी इस डिवाइस से आप न सिर्फ कॉल कर पाएंगे, बल्कि अपने स्मार्टफोन की तरह एसएमएस, वीडियो कॉलिंग और फोटो या वीडियो भी ले पाएंगे।
First humans AI pin device.
— Knowledge Hub (@KalviSurangam) November 10, 2023
See the features amazing.
From TechCrunch pic.twitter.com/SRrR1hPqTd
इंडियन ने बनाई है ये धांसू डिवाइस
इस अद्भुत AI पिन को भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक इमरान चौधरी ने बनाया है। इमरान इस प्रोजेक्ट पर करीब 4 साल से काम कर रहे थे, लेकिन पूरा प्रोजेक्ट इतना सीक्रेट था कि किसी को भनक तक नहीं लगी। आख़िरकार उन्होंने ख़ुद आगे आकर इसकी खासियत बताई। इमरान 2017 तक Apple की डिज़ाइन टीम का अहम हिस्सा थे। उन्होंने iPhone, iMac, iPad और Apple TV के डिज़ाइन में अहम भूमिका निभाई।
यह डिवाइस कैसे काम करती है?
इस डिवाइस में न तो कोई स्क्रीन है और न ही कोई डिस्प्ले रखा गया है। इसे AI के साथ कंप्यूटिंग हार्डवेयर को मिलाकर बनाया गया है। पिन के ऊपर एक कैमरा और सेंसर लगा होता है, जो विजुअल्स को आपके हाथों पर प्रोजेक्ट करता है और आपकी हथेली मोबाइल स्क्रीन की तरह काम करने लगती है। आप इसे किसी टेबल, दीवार या किसी भी सतह पर प्रोजेक्ट कर सकते हैं और बिल्कुल मोबाइल स्क्रीन की तरह देख सकते हैं।
इस डिवाइस में न तो कोई स्क्रीन है और न ही कोई डिस्प्ले रखा गया है। इसे AI के साथ कंप्यूटिंग हार्डवेयर को मिलाकर बनाया गया है। पिन के ऊपर एक कैमरा और सेंसर लगा होता है, जो विजुअल्स को आपके हाथों पर प्रोजेक्ट करता है और आपकी हथेली मोबाइल स्क्रीन की तरह काम करने लगती है। आप इसे किसी टेबल, दीवार या किसी भी सतह पर प्रोजेक्ट कर सकते हैं और बिल्कुल मोबाइल स्क्रीन की तरह देख सकते हैं।
इस डिवाइस को आपके कपड़ों पर पिन की तरह पहना जा सकता है, जो फोटो खींचने से लेकर टेक्स्ट भेजने और आपके किसी भी सवाल का जवाब देने तक सब काम करेगा, क्योंकि यह चैटजीपीटी जैसे शक्तिशाली वर्चुअल असिस्टेंट से भी लैस है।
यह डिवाइस कितने में उपलब्ध है?
अब तक इसके फीचर्स सुनने के बाद आपको लग रहा होगा कि यह काफी महंगा फोन होगा, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। अमेरिकी बाजार में बिकने वाले AI Pin की कीमत iPhone से भी कम है। इस डिवाइस की बिक्री अमेरिका में 16 नवंबर 2023 से शुरू होगी। जहां इसकी शुरुआती कीमत 699 डॉलर (करीब 57,318 रुपये) रखी गई है। इसे टी-मोबाइल (T-Mobile) नाम दिया गया है। अगर आप इसे अभी ऑर्डर करते हैं तो इसकी डिलीवरी 2024 की शुरुआत में शुरू हो जाएगी। इस डिवाइस को हर महीने 24 डॉलर (करीब 1,968 रुपये) का रिचार्ज भी कराना होगा।
कई बड़ी कंपनियों ने निवेश किया
साल 2018 में एप्पल छोड़ दिया और ह्यूमेन नाम से अपना वेंचर शुरू किया। सैन फ्रांसिस्को के इस स्टार्टअप को अब तक 230 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिल चुकी है और कंपनी की वैल्यूएशन 850 मिलियन डॉलर (About Rs 6 Thousand Crores) तक पहुंच गई है। इस स्टार्टअप में OpenAI के CEO सैम अल्टमैन की 15 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा सेल्सफोर्स के सीईओ मार्क बेनिओफ, माइक्रोसॉफ्ट, एलजी, वोल्वो और क्वालकॉम जैसी प्रमुख कंपनियों ने भी निवेश किया है।
साल 2018 में एप्पल छोड़ दिया और ह्यूमेन नाम से अपना वेंचर शुरू किया। सैन फ्रांसिस्को के इस स्टार्टअप को अब तक 230 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिल चुकी है और कंपनी की वैल्यूएशन 850 मिलियन डॉलर (About Rs 6 Thousand Crores) तक पहुंच गई है। इस स्टार्टअप में OpenAI के CEO सैम अल्टमैन की 15 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा सेल्सफोर्स के सीईओ मार्क बेनिओफ, माइक्रोसॉफ्ट, एलजी, वोल्वो और क्वालकॉम जैसी प्रमुख कंपनियों ने भी निवेश किया है।