Shardiya Navratri 2021: इस नवरात्रि आठ दिनों में ही होगी आदिशक्ति के नौ रूपों की पूजा

Shardiya Navratri 2021: आदिशक्ति की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर से शुरू होगा। शारदीय नवरात्रि आदिशक्ति की उपासना व आराधना के लिए सबसे खास होता है।

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आदिशक्ति की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर से
Shardiya Navratri 2021: आदिशक्ति की उपासना (Navratri Durga puja) का महापर्व शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2021) 7 अक्टूबर से शुरू होगा। शारदीय नवरात्रि आदिशक्ति की उपासना व आराधना के लिए सबसे खास होता है। लेकिन नवरात्रि नौ के बजाए आठ दिन का ही होगा। ज्योतिषाचार्य पंडित महेश्वर प्रसाद उपाध्याय के मुताबिक तिथि का क्षय होने से इस बार नौ रात्रि आठ दिन की होगी। आश्विन महीने के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक देवी के नौ रूपों की उपासना की जाती है। लेकिन इस बार षष्ठी तिथि का क्षय होने से नवरात्रि 8 दिन की ही रहेगी। प्रतिपदा तिथि में घट स्थापना के साथ ही देवी के नवरात्र पूजा (Navratri Vrat 2021) के साथ नवरात्रि की पूजा शुरू हो जाएगी। 

 

अभिजित मुहूर्त में होगी घट स्थापना

शास्त्रों के अनुसार कलश सुख-समृद्धि वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक होता है। प्रतिपदा पर रात 9.12 बजे तक चित्रा नक्षत्र और रात 1.38 बजे तक वैधृति योग रहेगा। इन दोनों के शुरुआती दो चरणों के अलावा घट स्थापना की जा सकती है। चित्रा नक्षत्र के दो चरण सुबह 10.16 बजे और वैधृति योग के दोपहर 3.17 बजे समाप्त हो रही हैं। इसके चलते घट स्थापना के लिए अभिजीत मूहूर्त सुबह 11.59 बजे से 12.46 बजे तक श्रेष्ठ रहेगा। महाष्टमी 13 अक्टूबर और महानवमी 14 अक्टूबर को की जाएगी। 15 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा। Read Also : Hero Splendor: देश सबसे फेमस बाइक हीरो स्पलेंडर हुई 2 हजार रुपये तक महंगी, रेट देखें

 

षष्ठी तिथि का हो रहा क्षय

पंचमी 10 अक्टूबर को रात लगभग 8.30 से शुरू होगी और 11 अक्टूबर को सुबह 6.05 बजे तक रहेगी। इसके बाद षष्ठी तिथि शुरू हो जाएगी। जो कि रात 3.40 बजे तक ही रहेगी। इसके बाद सप्तमी तिथि शुरू हो जाएगी जो कि 12 को पूरे दिन रहेगी। इसलिए 11 अक्टूबर को देवी स्कंदमाता और देवी कात्यायनी की पूजा की जाएगी।

 

तिथि को लेकर पंचांग में भेद

पंचांग भेद कुछ पंचांग में चतुर्थी तिथि का क्षय बताया गया है। कुछ विद्वानों का कहना है कि इस बार चतुर्थी तिथि का क्षय होने से नवरात्रि 8 दिन की ही होगी। तृतीया तिथि 9 अक्टूबर को सुबह 7.49 बजे तक रहेगी, जबकि चतुर्थी 10 सुबह 4.55 बजे तक रहेगी। सूर्योदय के वक्त चतुर्थी नहीं होने से इस तिथि का क्षय होगा।

 

साल में होती है 4 नवरात्रि

देवी पुराण के अनुसार नौ शक्तियों के मिलन को नवरात्रि कहा जाता है, जो हर साल चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ में आती है। वसंत ऋतु में इसे चैत्र या वासंती नवरात्रि कहा जाता है, जबकि शरद ऋतु व आश्विन मास में आने वाली नवरात्रि शारदीय कही जाती है। शेष दो यानि गुप्त नवरात्रि माघ और आषाढ़ में आते हैं। इनमें मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है।

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