चैत्र नवरात्रि 2023: इस तारीख से शुरू हो रहे हैं चैत्र नवरात्रि, आइए जानते हैं घटस्थापना के शुभ मूहूर्त का समय
चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है और कहा जाता है कि इस दौरान अगर कोई मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करता है तो उनकी कृपा प्राप्त होती है।
Mar 17, 2023, 14:32 IST
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हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व कुल 4 बार आता है और इसे बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। हालांकि चार में से दो प्रत्यक्ष और दो गुप्त नवरात्रि हैं। जिनमें से आम लोग केवल चैत्र और शारदीय नवरात्रि की ही पूजा करते हैं। अभी चैत्र मास चल रहा है और इस मास में आने वाली नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि कब से शुरू हो रही है और घटस्थापना के शुभ मुहूर्त के बारे में।Read Also:-यूपी: कोल्ड स्टोरेज हादसे में 8 लोगों की मौत, 24 घंटे से जारी है बचाव कार्य, 3 और लोगों के दबे होने की आशंका
चैत्र नवरात्रि 2023 तिथि
हर साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत प्रतिपदा तिथि से होती है और इस बार हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च को रात 10 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर 22 मार्च रात 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगी। इसलिए उदयतिथि के अनुसार चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है। आपको बता दें कि चैत्र नवरात्रि को हिंदू नववर्ष की शुरुआत माना जाता है और इसी दिन महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा का त्योहार भी मनाया जाता है।
हर साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत प्रतिपदा तिथि से होती है और इस बार हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च को रात 10 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर 22 मार्च रात 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगी। इसलिए उदयतिथि के अनुसार चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है। आपको बता दें कि चैत्र नवरात्रि को हिंदू नववर्ष की शुरुआत माना जाता है और इसी दिन महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा का त्योहार भी मनाया जाता है।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि में घटस्थापना का बहुत महत्व होता है और घटस्थापना के बाद ही नवरात्रि की पूजा शुरू हो जाती है। नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है और घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 29 मिनट से 7 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।
नवरात्रि में घटस्थापना का बहुत महत्व होता है और घटस्थापना के बाद ही नवरात्रि की पूजा शुरू हो जाती है। नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है और घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 29 मिनट से 7 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।
ऐसे की जाती है चैत्र नवरात्रि की पूजा
चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना के साथ पूजा शुरू होती है। इसके लिए एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर एक मुट्ठी चावल या गेहूं रखा जाता है। इसके बाद जल से भरा कलश स्थापित किया जाता है। कलश के मुख पर कलावा बांधा जाता है और कलश के जल में एक सुपारी और एक सिक्का डालना शुभ होता है। इसके बाद कलश पर आम और अशोक के पत्तों का भोग लगाया जाता है। और फिर स्वास्तिक बनाया जाता है। इसके बाद मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधान से व्रत रखा जाता है।
चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना के साथ पूजा शुरू होती है। इसके लिए एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर एक मुट्ठी चावल या गेहूं रखा जाता है। इसके बाद जल से भरा कलश स्थापित किया जाता है। कलश के मुख पर कलावा बांधा जाता है और कलश के जल में एक सुपारी और एक सिक्का डालना शुभ होता है। इसके बाद कलश पर आम और अशोक के पत्तों का भोग लगाया जाता है। और फिर स्वास्तिक बनाया जाता है। इसके बाद मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधान से व्रत रखा जाता है।
चैत्र नवरात्रि में लोग मां दुर्गा की पूजा करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए 9 दिनों तक उपवास भी करते हैं। वहीं जो लोग पूरे 9 दिन व्रत नहीं रख पाते हैं वे पहला और आखिरी व्रत रखते हैं। नवरात्रि के व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है और इस दौरान केवल दूध, दही और फल ही ग्रहण किया जाता है। शाम को भी कुट्टू या सिंघाड़े से बना भोजन ग्रहण करते हैं। पूरे 9 दिनों तक उपवास रखने वाले नवरात्रि की अष्टमी या नवमी के दिन उपवास तोड़ते हैं। इस दिन कन्याओं को भोजन कराया जाता है।
नोट : यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। Khabreelal.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। इसके लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।