Delhi-NCR में वर्क फ्रॉम होम, कंस्ट्रक्शन पर रोक, बंद होंगी फैक्ट्रियां, प्रदूषण रोकने का दिल्ली सरकार का फॉर्मूला

दिल्ली सरकार ने 3 राज्यों हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के साथ मीटिंग में NCR में वर्क फ्रॉम लागू करने का प्रस्ताव रखा है। इसके साथ ही कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी को रोकने और इंडस्ट्री को बंद करने की मांग भी की है। ताकि प्रदूषण  (Pollution in Delhi NCR) को रोका जा सके। 

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lockdown pollution
Delhi Pollution : दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित (Pollution in Delhi NCR) करने के लिए आयोजित आपात बैठक में कमीशन एयर क्‍वालिटी मैनेजमेंट और एनसीआर राज्‍यों और पंजाब के चीफ सेक्रेट्री शामिल हुए। इस बैठक में केजरीवाल सरकार ने दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण (Delhi NCR AQI) को कम करने के लिए नया प्रस्ताव रखते हुए एनसीआर में वर्क फ्रॉम होम लागू करने (Work From Home in Delhi NCR) और कंस्ट्रक्शन गतिविधियों को रोकने समेत इंडस्ट्रीज को बंद करने की मांग (Lockdown in Delhi NCR) की है। इससे पहले दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भी प्रदूषण रोकने के लिए लॉकडाउन लगाने की बात कही थी, लेकिन दिल्ली सरकार ने इसे एनसीआर और आसपास के अन्य जिलों में भी लागू करने की मांग की थी।

 

15 दिन आगे बढ़ा Red light on, Gari off अभियान

इसके अलावा दिल्ली सरकार ने व्हीकल पॉल्यूशन (Vehicle Pollution) कम करने के लिए चलाया जा रहा 'Red light on, Gari off'’ अभियान को 15 दिनों के लिए 3 दिसंबर तक आगे बढ़ा दिया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण (Delhi NCR Pollution) को कम करने के लिए सरकार लगाातार प्रयास कर रही है। इसके लिए दिल्ली में निर्माण कार्यों पर बैन लगाया जा चुका है, स्कूल बंद कर दिए गए हैं। दिल्ली में वर्क फ्रॉम होम लागू हो चुका है। Read Also : इससे शर्मनाक कुछ नहीं : महाराष्ट्र में 16 साल की लड़की के साथ 400 लोगों ने किया बलात्कार, 3 आरोपी गिरफ्तार

 

एनसीआर में लॉकडाउन का प्रस्ताव (Lockdown in Delhi NCR)

गोपाल राय ने कहा कि आज दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर AIR क्वालिटी कमीशन को साझा मीटिंग का निर्देश दिया था। उन्होंने बताया कि आज प्रदूषण को लेकर एनसीआर राज्‍यों और दिल्ली की मीटिंग हुई है। इस मीटिंग में हमने प्रस्ताव रखा है कि पूरे एनसीआर में लॉकडाउन लगाया जाए। प्रदूषण के कारण हालात लगातार खराब हो रहे हैं, ऐसे में लोगों को घरों से काम करने की छूट यानी वर्क फ्रॉम लागू किया जाए। वहीं कंस्ट्रक्शन वर्क और इंडस्ट्री को भी बंद रखा जाए। इस बैठक के नतीजों के आधार पर प्रदूषण से लड़ने की कार्ययोजना तैयार कर केंद्र को उसे बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करना है। बुधवार को इस मामले में अगली सुनवाई है। इस बैठक में पर्यावरण, वन और क्‍लाइमेट चेंज मंत्रालय के सेक्रेट्री आरपी गुप्‍ता भी शामिल हैं। Read ALso : Meerut: मैरिज हॉल में दूल्हे की भांजी से दुष्कर्म के बाद हत्या, बाथरूम में मिला नग्न शव, वहीं नशे में धुत पड़ा था आरोपी

 

केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच खींचतान

इससे पहले शनिवार और फिर सोमवार को इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है। कोर्ट बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताते हुए लॉकडाउन लगाने का सुझाव तक दे चुकी है, जिसे दिल्ली सरकार ने तो स्वीकार लिया, लेकिन उनका कहना है कि यह तभी कारगर होगा जब पड़ोसी राज्य भी इसे लागू करें। हालांकि कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान केंद्र और दिल्ली की सरकारों के बीच खींचतान दिखाई दी। केंद्र की तरफ से इस मामले में पेश सालिसिटर जनरल का कहना था कि दिल्‍ली सरकार विज्ञापन के ऊपर बेतहाशा खर्च कर रही है, जबकि प्रदूषण को रोकने का उपाय नहीं कर रही है। वहीं दिल्‍ली सरकार का कहना था कि पड़ोसी राज्‍यों में जलाई जा रही पराली की वजह से दिल्‍ली की हवा खराब हो रही है। इस पर केंद्र की तरफ से कहा गया था कि पराली का प्रदूषण में अधिकतम दस फीसद का ही योगदान होता है।

 

पराली पर सही तथ्य दें केंद्र सरकार

दिल्ली के अंदर प्रदूषण में पराली का कितना हिस्सा है इस पर दिनभर बहर होती रही। दरअसल केंद्र ने कोर्ट को जो हलफनामा दिया था उसमें दो तथ्य थे। एक तथ्य में पराली का 4% हिस्सा होने की बात थी, जबकि दूसरे तथ्य में 40%हिस्से की बात कही गई है। ऐसे में दिल्ली सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार इसे सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करे कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली का कितना हिस्सा है। सफर के मुताबिक 4 नवंबर से 14 तक फायर का डेटा आया है। इसका औसत 31 फीसदी है. केंद्र का ही ये डेटा है।

 

अभी भी दिल्ली की हवा है जहरीली (Delhi Air Quality)

बता दें कि राजधानी दिल्ली की हवा में पिछले 15 दिन से जहरीलापन बरकरार है। राजधानी के आधा दर्जन से ज्यादा इलाकों की हवा की गुणवत्ता यानी AQI अब भी 400 के ऊपर बनी है। आनंद विहार, द्वारका, पटपड़गंज, वजीरपुर समेत कई इलाकों में आज सुबह 9 बजे AQI का स्तर 400 से अधिक रहा। वहीं चांदनी चौक, आईटीओ, लोधी रोड जैसे इलाकों में भी यह 300 से 400 के बीच में बना हुआ है। दिल्ली में प्रदूषण का सबसे अधिक असर बच्चों और बुजुर्गों पर देखने को मिल रहा है। दिल्ली की दमघोंटू हवा के कारण बच्चों में सांस फूलने की समस्या आ रही है।

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