Covid-19 के नए वेरिएंट JN.1 पर क्या राय है एक्सपर्ट की, जानें कितना खतरनाक है Virus?

Covid-19 JN.1 New Variant: कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 के फैलने की दर पर अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है  स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक लोगों में जेएन.1 वैरिएंट के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं हो जाती, तब तक इसके मामले बढ़ते रहेंगे।
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कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या एक बार फिर बढ़ने लगी है। देश के अलग-अलग राज्यों में कोरोना के नए मामले लगातार दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसे समय में घबराने की बजाय यह समझने की जरूरत है कि कोरोना का नया वेरिएंट कितना खतरनाक है और इससे कैसे अपना बचाव किया जा सकता है? दुनिया भर में कोविड-19 के नए वैरिएंट JN.1 के कई मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन इसके फैलने की दर पर अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक लोगों में जेएन.1 वैरिएंट के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं हो जाती, तब तक इसके मामले बढ़ते रहेंगे।READ ALSO:-UP : साइबर अपराध पर लगेगी लगाम, 57 जिलों में खुलेंगे साइबर थाने, कैबिनेट बैठक में हुआ फैसला, एक अरब रूपये से ज्यादा होंगे खर्च

 

कोरोना के नए जेएन.1 वेरिएंट लक्षण क्या हैं?
कोरोना के नए जेएन.1 वेरिएंट से संक्रमित मरीजों में कई तरह की दिक्कतें देखी जा रही हैं. जैसे थकान के साथ शरीर में दर्द, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत। विशेषज्ञों के मुताबिक इसके लक्षण इन्फ्लूएंजा जैसे ही होते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बुजुर्गों का ज्यादा ख्याल रखना होगा। 

 

केरल में मिला पहला केस
JN.1 वैरिएंट का पहला मामला 16 दिसंबर को केरल में सामने आया था। जहां एक महिला में कोविड-19 का यह नया वेरिएंट पाया गया। हालाँकि, दुनिया में इसका पहला मामला लक्ज़मबर्ग में दर्ज किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, JN.1 वैरिएंट के मामले 38 देशों में देखे गए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना एक चक्रीय बीमारी बन गई है जिसके मामले कभी बढ़ेंगे तो कभी घटेंगे। 

 

एक नया संस्करण कैसे उत्पन्न होता है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस एंटीबॉडी से बचने के लिए अपना रूप (Mutation) बदलता है। जब वायरस का रूप बदलता है तो नया वेरिएंट तैयार हो जाता है। यही वजह है कि इसके आंकड़ों में उछाल देखने को मिल रहा है।  हालाँकि, JN.1 वैरिएंट कितना खतरनाक हो सकता है? अभी तक इसका कोई सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सका है, लेकिन इसके बावजूद सतर्क रहने की जरूरत है। 

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त्योहारी सीजन से बचना महत्वपूर्ण है
त्योहारी सीजन में गैर जरूरी आवाजाही पर नियंत्रण रखना होगा। विशेषज्ञों ने भारत में नए वेरिएंट को लेकर सतर्क रहने की जरूरत बताई है, साथ ही मास्क और हैंडवॉश की जरूरत पर भी जोर दिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि महत्वपूर्ण स्थानों पर स्क्रीनिंग की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए और लक्षण महसूस होने पर जांच कराना नहीं भूलना चाहिए। 
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