17 अक्टूबर को बंद हो जाएंगे पंचकेदार में से एक मंदिर के कपाट, जानें कितनी मुश्किल है यात्रा
रुद्रनाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है। यह पंचकेदारों में से एक है और भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर समुद्र तल से 2290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है।
Oct 3, 2024, 22:34 IST
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उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक, रुद्रनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए 17 अक्टूबर को बंद कर दिए जाएंगे। इस दौरान मंदिर में भगवान शिव की शिलामूर्ति को विशेष पूजा-अर्चना के साथ बुखला के फूलों से समाधि दी जाएगी। इसके बाद मंदिर की डोली को 18 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर ले जाया जाएगा।READ ALSO:-UP : बुजुर्गों को जवान बनाने का दिया झांसा, 35 करोड़ ले कर पति-पत्नी हुए छूमंतर; 65 की उम्र में 30 का बनना संभव है?
रुद्रनाथ मंदिर कहाँ है
रुद्रनाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है। यह पंचकेदारों में से एक है और भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर समुद्र तल से 2290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है।
रुद्रनाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है। यह पंचकेदारों में से एक है और भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर समुद्र तल से 2290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है।
कैसे पहुंचें रुद्रनाथ मंदिर
रुद्रनाथ मंदिर पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। यहां से आप बस या टैक्सी द्वारा गोपेश्वर पहुंच सकते हैं। गोपेश्वर से सगर गांव तक बस या जीप से जाया जा सकता है। सगर गांव से मंदिर तक लगभग 19 किलोमीटर का पैदल मार्ग है।
रुद्रनाथ मंदिर पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। यहां से आप बस या टैक्सी द्वारा गोपेश्वर पहुंच सकते हैं। गोपेश्वर से सगर गांव तक बस या जीप से जाया जा सकता है। सगर गांव से मंदिर तक लगभग 19 किलोमीटर का पैदल मार्ग है।
केदार कितने हैं और कहां-कहां हैं?
केदार से आमतौर पर पंचकेदार का तात्पर्य होता है। पंचकेदार हिंदुओं के पांच शिव मंदिरों का एक समूह है जो उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित हैं।
केदार से आमतौर पर पंचकेदार का तात्पर्य होता है। पंचकेदार हिंदुओं के पांच शिव मंदिरों का एक समूह है जो उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित हैं।
ये मंदिर हैं:
- केदारनाथ: यह पंचकेदारों में सबसे प्रसिद्ध है और भगवान शिव के जटाओं का प्रतिनिधित्व करता है।
- रुद्रनाथ: यह भगवान शिव के मुख का प्रतिनिधित्व करता है।
- मध्यमहेश्वर: यह भगवान शिव के नाभि का प्रतिनिधित्व करता है।
- तुंगनाथ: यह भगवान शिव के हाथों का प्रतिनिधित्व करता है।
- कल्पेश्वर: यह भगवान शिव के पैरों का प्रतिनिधित्व करता है।
रुद्रनाथ मंदिर यात्रा: सावधानी और ठहरने की जगहें
रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा एक अद्भुत अनुभव है, लेकिन इस यात्रा को सुरक्षित और सुखद बनाने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं।
रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा एक अद्भुत अनुभव है, लेकिन इस यात्रा को सुरक्षित और सुखद बनाने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं।
यात्रा से पहले करें तैयारी
शारीरिक फिटनेस: रुद्रनाथ का ट्रेक थोड़ा कठिन है, इसलिए यात्रा से पहले अपनी शारीरिक फिटनेस पर ध्यान दें। नियमित रूप से व्यायाम करें और लंबी दूरी तक चलने का अभ्यास करें।
शारीरिक फिटनेस: रुद्रनाथ का ट्रेक थोड़ा कठिन है, इसलिए यात्रा से पहले अपनी शारीरिक फिटनेस पर ध्यान दें। नियमित रूप से व्यायाम करें और लंबी दूरी तक चलने का अभ्यास करें।
- मौसम की जानकारी: यात्रा से पहले मौसम की जानकारी जरूर ले लें। बारिश के मौसम में यात्रा करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
- जरूरी सामान: यात्रा के लिए गर्म कपड़े, ट्रेकिंग शूज, टॉर्च, बारिश का सामान, फर्स्ट एड किट, पानी की बोतल और पर्याप्त मात्रा में खाना जरूर पैक करें।
- परमिट: रुद्रनाथ मंदिर क्षेत्र में प्रवेश के लिए परमिट लेना अनिवार्य है। आप इसे स्थानीय पर्यटन कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं।
यात्रा के दौरान सावधानियां
- पानी: रास्ते में पीने का साफ पानी मिलना मुश्किल हो सकता है, इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी ले जाएं।
- खाना: रास्ते में खाने के लिए हल्का और पौष्टिक भोजन पैक करें।
- पर्यावरण: कृपया कूड़ा न फैलाएं और प्रकृति का ध्यान रखें।
- स्थानीय लोगों का सम्मान करें: स्थानीय लोगों की संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करें।
- मोबाइल नेटवर्क: मंदिर के आसपास मोबाइल नेटवर्क कमजोर हो सकता है।
- आपातकालीन स्थिति: आपातकालीन स्थिति में आपातकालीन नंबरों की जानकारी अपने साथ रखें।
रुद्रनाथ की यात्रा एक अद्भुत अनुभव हो सकती है। अगर आप इन सावधानियों का पालन करते हैं, तो आप एक सुरक्षित और सुखद यात्रा का आनंद ले सकते हैं।
रुद्रनाथ में कहां ठहरें?
रुद्रनाथ में ठहरने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं:
रुद्रनाथ में ठहरने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं:
- कैंपिंग: आप मंदिर के पास कैंपिंग कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपना टेंट और अन्य आवश्यक सामान ले जाना होगा।
- धर्मशालाएं: मंदिर के पास कई धर्मशालाएं हैं जहां आप रह सकते हैं। ये धर्मशालाएं आमतौर पर सस्ती होती हैं।
- होमस्टे: आप स्थानीय लोगों के घरों में भी रह सकते हैं। यह एक अच्छा विकल्प है यदि आप स्थानीय संस्कृति का अनुभव करना चाहते हैं।
अतिरिक्त जानकारी:
- रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा जुलाई से अक्टूबर के बीच की जाती है क्योंकि इस दौरान मौसम अनुकूल रहता है।
- मंदिर तक पहुंचने के लिए ट्रैक थोड़ा कठिन है, इसलिए यात्रा के लिए भौतिक रूप से फिट होना जरूरी है।
- यात्रा के दौरान गर्म कपड़े, ट्रेकिंग शूज और बारिश का सामान साथ ले जाना चाहिए।