नवरात्रों में 9 दिनों तक मांस-मछली की बिक्री पर रोक, योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के इस धार्मिक शहर में लगाया बैन
अब नवरात्रि के पावन दिनों में सड़कों पर मीट और मछली की दुकानें खुली नहीं मिलेंगी। राज्य सरकार ने 11 अक्टूबर तक इनकी बिक्री पर रोक लगा दी है। अयोध्या में शारदीय नवरात्रि के मद्देनजर 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक पूरे जिले में मीट की दुकानें बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।
Updated: Oct 2, 2024, 11:30 IST
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शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है और त्योहारी सीजन को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अयोध्या में नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक मांस और मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार का यह आदेश 3 से 11 अक्टूबर तक प्रभावी रूप से लागू रहेगा। योगी सरकार के आदेश के मुताबिक रामनगरी में खुले में मांस और मछली की दुकानें नहीं खुलेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहर में शांति का माहौल बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है। READ ALSO:- गोमूत्र पीने पर ही मिलेगी गरबा में एंट्री, BJP नेता के बयान से मचा बवाल, जानिए क्या है गौमूत्र पिलाने की वजह?
आपको बता दें कि मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्योहारी माहौल में जिला स्तर पर बेहतर कानून व्यवस्था के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए कि सभी जिले पिछले वर्षों में त्योहारों के दौरान प्रदेश में हुई हर छोटी-बड़ी घटना का आकलन करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अधिकारी ऐसी व्यवस्था करें कि इस वर्ष शारदीय नवरात्रि से लेकर छठ तक पूरे उत्सवी माहौल में कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो।
प्रेस विज्ञप्ति जारी नगर खाद्य आयुक्त मानिक चंद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी पुष्टि की। इस पत्र में लिखा है कि अयोध्या जिले में सभी मीट की दुकानें 03-10-2024 से 11-10-2024 तक बंद रहेंगी। उन्होंने कहा कि अगर कहीं भी मीट बेचा या संग्रहीत किया जा रहा है तो विभाग के टेलीफोन नंबर '05278 366 607' पर सूचित करें। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रामनगरी में पहले भी कई बार संतों ने मांस और मदिरा की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने की मांग की है। इसको लेकर कई संतों ने मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक को अनुरोध पत्र भेजा है। इतना ही नहीं कई संतों ने इसे लेकर पिछले दिनों आंदोलन की चेतावनी भी दी थी।