महिला सुरक्षा : कोलकाता रेप केस से सतर्क हुई उत्तर प्रदेश सरकार, नाइट ड्यूटी करने वाली महिलाओं के लिए जारी किए नियम
कोलकाता रेप केस के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के लिए नियम शामिल हैं।
Aug 22, 2024, 15:23 IST
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उत्तर प्रदेश सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए नियम जारी किए हैं। इसमें रात्रि पाली में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के लिए विशेष दिशा-निर्देश हैं। इससे संबंधित दिशा-निर्देश सभी कमिश्नर, एसपी-एसएसपी, जिलाधिकारी, सीएमओ और विभागाध्यक्षों को भेजे गए हैं। इसमें सभी कार्यालयों, विभागों और संस्थानों में महिला कर्मचारियों की सुरक्षा से संबंधित दिशा-निर्देश हैं। READ ALSO:-उत्तर प्रदेश के 67 जिलों में पांच दिन के लिए स्कूल-कॉलेज रहेंगे बंद, नोएडा से राजधानी लखनऊ तक 23 से 31 अगस्त तक बंद, जानिए क्या है वजह?
मिशन शक्ति का हवाला देते हुए इस दिशा-निर्देश में कहा गया है कि महिला सुरक्षा से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई की जाएगी। रात में महिलाओं के आवागमन के रूट, आपातकालीन सेवाएं, सुरक्षा ऑडिट, महिला हेल्पलाइन को बिलकुल दुरुस्त रखा जाए।
कार्यस्थलों पर भी सुरक्षा मानकों का पालन किया जाए। कार्यस्थलों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए। महिलाओं के साथ शारीरिक संपर्क, यौन उत्पीड़न और उन पर लिंग से संबंधित अभद्र टिप्पणियों के मामलों को गंभीरता से लिया जाए। उन्हें अश्लील सामग्री दिखाने और किसी भी तरह के शारीरिक या मौखिक तरीके से यौन संबंध बनाने की कोशिश करने की शिकायतों का तत्काल निपटारा किया जाए। इसके लिए विशाखा दिशा-निर्देशों की तरह हर जगह आंतरिक जांच समिति होनी चाहिए। महिलाओं को जोखिम भरे कामों में न लगाया जाए।
रात्रि ड्यूटी के दौरान उनकी सुरक्षित आवाजाही का ध्यान रखा जाए। सभी सरकारी और निजी संस्थान उन्हें कैब या शटल सेवा उपलब्ध कराएं। यदि रात्रि शिफ्ट रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक है तो उन्हें सुरक्षित एस्कॉर्ट के साथ उनके घर तक पहुंचाया जाए। इसमें UP-112 की मदद भी ली जा सकती है।
सभी थाने कॉल सेंटर, अस्पताल, कार्यालय, व्यावसायिक केंद्र, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, होटल-रेस्तरां, रेलवे या बस स्टेशन की पूरी सूची बनाएं। अपराध वाले हॉटस्पॉट की पहचान करें। ऐसे स्थानों पर नियमित गश्त और चेकिंग की जाए।