UP : देश का पहला हाइड्रोजन से चलने वाला क्रूज, उत्तर प्रदेश में यहां से चलाया जाएगा...प्रदूषण को होगा बाय-बाय
हाइड्रोजन से चलने वाला यह क्रूज देश का पहला क्रूज है जो बिना किसी प्रदूषण के गंगा में चलेगा। जानकारी के मुताबिक यह क्रूज वाराणसी से चुनार के बीच चलेगा। इसका संचालन पर्यटन विभाग की निगरानी में होगा।
Jul 16, 2024, 00:10 IST
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देश का पहला हाइड्रोजन क्रूज संचालित किया जाएगा। यह क्रूज रविवार देर रात वाराणसी पहुंचा। सबसे पहले इसे नमो घाट और फिर रामनगर के मल्टीमॉडल टर्मिनल पर उतारा गया। इस क्रूज को कोच्चि के शिपयार्ड में तैयार किया गया है। यह डबल डेकर क्रूज कई सुविधाओं से लैस है। READ ALSO:-अलर्ट : खुजली गैंग की दिल्ली में दस्तक, ऐसे बनाता है लोगों को अपना 'शिकार', पुलिस ने दो को किया गिरफ्तार....
इस क्रूज में 50 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है। इसके अलावा यह क्रूज एसी है। हाइड्रोजन से चलने वाला यह क्रूज देश का पहला क्रूज है जो बिना किसी प्रदूषण के गंगा में संचालित किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक यह क्रूज वाराणसी से चुनार के बीच चलेगा। इसका संचालन पर्यटन विभाग की देखरेख में होगा।
लगा है डबल इंजन
इसके संचालन के लिए वाराणसी के रामनगर मल्टीमॉडल टर्मिनल पर अस्थाई हाइड्रोजन प्लांट लगाया जाएगा। हाइड्रोजन से चलने वाले इस क्रूज में इलेक्ट्रिक इंजन भी लगाया गया है। ताकि हाइड्रोजन ईंधन खत्म होने की स्थिति में इसे इलेक्ट्रिक इंजन से भी चलाया जा सके।
इसके संचालन के लिए वाराणसी के रामनगर मल्टीमॉडल टर्मिनल पर अस्थाई हाइड्रोजन प्लांट लगाया जाएगा। हाइड्रोजन से चलने वाले इस क्रूज में इलेक्ट्रिक इंजन भी लगाया गया है। ताकि हाइड्रोजन ईंधन खत्म होने की स्थिति में इसे इलेक्ट्रिक इंजन से भी चलाया जा सके।
काशी के बाद यह है योजना काशी के बाद अयोध्या और मथुरा में भी इसका संचालन किया जाएगा। हालांकि इसका ट्रायल काशी में ही किया जाएगा। भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण के मुख्य अभियंता तकनीकी विजय कुमार ने बताया कि अभी हाइड्रोजन से भरे सिलेंडरों से इसका संचालन किया जाएगा और जल्द ही इसके लिए प्लांट भी लगाए जाएंगे।
नहीं होगा कोई नुकसान
गौरतलब है कि ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाले इस क्रूज से न तो वायु प्रदूषण होगा और न ही ध्वनि प्रदूषण। गंगा में इस हाइड्रोजन क्रूज के संचालन से गंगा को कोई नुकसान नहीं होगा।
गौरतलब है कि ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाले इस क्रूज से न तो वायु प्रदूषण होगा और न ही ध्वनि प्रदूषण। गंगा में इस हाइड्रोजन क्रूज के संचालन से गंगा को कोई नुकसान नहीं होगा।