UP : घर के अंदर जातिसूचक शब्द बोलना SC/ST एक्ट के तहत अपराध नहीं, इलाहाबाद High Court का बड़ा फैसला
SC/ST Act : उच्च न्यायालय ने कहा कि किसी व्यक्ति पर SC/ST Act की धारा 3(1)(एस) के तहत अपराध के लिए मुकदमा तभी चलाया जा सकता है, जब सार्वजनिक रूप से जातिसूचक शब्द बोले गए हों।
Dec 27, 2023, 00:00 IST
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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि घर के अंदर जातिसूचक शब्द बोलना अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (Prevention of Atrocities) अधिनियम, 1989 (SC/ST Act) के तहत अपराध नहीं है। हालांकि, शर्त यह है कि घटना के वक्त कोई भी बाहरी व्यक्ति घर के अंदर मौजूद नहीं होना।READ ALSO:-गोवा एयरपोर्ट पर टेकऑफ से पहले फटा MiG 29K विमान का टायर का टायर, मची अफरा-तफरी, कई यात्री उड़ानें हुई प्रभावित
न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने कहा कि किसी व्यक्ति पर एससी/एसटी अधिनियम (SC/ST Act) की धारा 3(1)(एस) के तहत अपराध के लिए मुकदमा तभी चलाया जा सकता है, जब जाति-सूचक शब्द सार्वजनिक रूप से कहे गए हों।
SC/ST Act not attracted if caste-based verbal abuse takes place inside house with no outsider: Allahabad High Court
— Bar & Bench (@barandbench) December 23, 2023
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कोर्ट ने यह टिप्पणी एक स्कूल मालिक के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करते हुए की। दरअसल, माता-पिता ने अपने बेटे और अन्य छात्रों पर 12वीं की परीक्षा में फेल होने का आरोप लगाया था।
शिकायत में कहा गया है कि आरोपी और उसके सहयोगियों ने अपने परिणामों के खिलाफ छात्रों के विरोध को चुप कराने के लिए शिकायतकर्ता को 5 लाख रुपये की पेशकश की। शिकायत में कहा गया है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता के जाति नाम का इस्तेमाल करते हुए उसे गाली दी और जब वे उसके घर आए तो उसे धमकी दी।
इस पर जस्टिस अहमद ने कहा कि आरोपी ने किसी भी सार्वजनिक स्थान पर जाति के नाम पर शिकायतकर्ता का अपमान नहीं किया है। इसलिए, यह SC/ST Act की धारा 3(1)(एस) के तहत अपराध नहीं बनता है।
"अधिनियम, 1989 के तहत अपराध तब माना जाएगा जब समाज के कमजोर वर्ग के किसी भी सदस्य को सार्वजनिक दृश्य में किसी भी स्थान पर अपमान और उत्पीड़न का शिकार होना पड़ेगा।"
मामले में यह पाया गया कि स्वतंत्र गवाहों ने शिकायतकर्ता के मामले का समर्थन नहीं किया और कथित घटना के समय वे घर के अंदर भी मौजूद नहीं थे।
हाई कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि घर के अंदर जातिसूचक शब्द बोलना SC/ST Act के तहत अपराध नहीं है। अगर कोई बाहरी व्यक्ति वहां मौजूद होता तो यह अपराध होता। हालांकि, इस मामले में कोई बाहरी व्यक्ति मौजूद नहीं था।