UP : अब ट्रैक्टर-ट्रॉली पर बैठकर नहीं कर सकेंगे यात्रा, सरकार उठाने जा रही बड़ा कदम; जानिए क्या है वजह?

उत्तर प्रदेश में मजदूरों को लाने-ले जाने के लिए आमतौर पर ट्रैक्टर ट्रॉलियों का इस्तेमाल किया जाता है। सरकार जल्द ही इस पर रोक लगाने जा रही है। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा है कि दुर्घटनाओं के चलते इस पर रोक लगाने के लिए जल्द ही बैठक बुलाई जाएगी।
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अब उत्तर प्रदेश में ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सफर करना आसान नहीं होगा। उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही ट्रैक्टर-ट्रॉली के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए बैठक बुलाने जा रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि लोगों की जान बचाई जा सके। आपको बता दें कि ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सफर करने से कई लोगों की जान जा चुकी है, इसी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। READ ALSO:-पति अपनी पत्नी से यौन इच्छा को जाहिर नहीं करेगा तो कहां जाएगा: इलाहाबाद हाईकोर्ट, जानिए क्या है पूरा मामला?

 

हाल ही में 4 अक्टूबर को ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार 10 मजदूरों की हादसे में मौत हो गई थी। यह हादसा मिर्जापुर में हुआ, जब सभी मजदूर वाराणसी जा रहे थे। इसके अलावा भी कई ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

 

जल्द होगी बैठक
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा, "हम जल्द ही यात्री परिवहन के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली के इस्तेमाल पर रोक लगाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाएंगे।" दयाशंकर सिंह ने कहा, "ट्रैक्टर-ट्रॉली पर नियमों का सख्ती से पालन करने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में आवश्यक जागरूकता पैदा करना, जो आवागमन के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली को प्राथमिकता देते हैं, संभवतः इसलिए क्योंकि वे इसे सस्ता और आसानी से सुलभ विकल्प मानते हैं।"

 

व्यवसाय/कृषि कार्य पर रोक नहीं
नियमों के अनुसार, ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से लोगों को सामान्य या व्यक्तिगत यात्रा पर ले जाने की अनुमति नहीं है। व्यवसाय या कृषि कार्य के लिए किसी परियोजना स्थल या खेत पर जाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का उपयोग किया जा सकता है। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने माना कि इन नियमों का अक्सर उल्लंघन होता है। उन्होंने कहा कि इस पर सख्ती से ध्यान देने की जरूरत है। 

 

उन्होंने कहा, "हमारा इरादा लोगों में जागरूकता पैदा करना है कि भले ही उन्हें लगता हो कि ट्रैक्टर ट्रॉलियां एक आसान और सुरक्षित विकल्प हैं, लेकिन जीवन से ज्यादा कीमती कुछ नहीं हो सकता। 

 

हम देखेंगे कि इस तरह के जागरूकता संदेशों वाले पोस्टर लगाने से कोई असर होता है या नहीं। साथ ही, हम सख्त प्रवर्तन के लिए कदम उठाएंगे और इसके लिए हम जल्द ही एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाएंगे।

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हो चुके हैं कई हादसे
दरअसल, मिर्जापुर हादसे के अलावा फरवरी में भी उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुए हादसे में ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार 23 लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर 2023 में हाथरस में हुए हादसे के दौरान ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार 6 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, अप्रैल में शाहजहांपुर में हुए हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई थी। इसी तरह अक्टूबर 2022 में आगरा में हुए हादसे में 26 लोगों की जान चली गई थी।
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